Vastu Tips For Peepal: हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ (Peepal Tree) को पवित्र और पूजनीय माना जाता है. कहते हैं कि पीपल के पेड़ (Peepal Tree) पर कई देवी-देवताओं का वास होता है. लेकिन घर में पीपल के पेड़ (Peepal Tree) का होना शुभ नहीं माना जाता है. कई बार देखा जाता है कि पीपल का पौधा (Peepal Plant) घर के अंदर या घर के बाहर अपने आप ही उग आता है. लेकिन वास्तु के अनुसार घर में पीपल का पेड़ा लगाने का मनाही है. लेकिन फिर भी अगर आपके घर के आसपास पीपल का पौधा (Peepal Plant) हो तो क्या करें और क्या न करें. आइए जानते हैं.
पीपल के पेड़ से जुड़ी खास बातें
वास्तु के मुताबिक घर में कभी भी पीपल का पेड़ (Peepal Tree) नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि वास्तु शास्त्र के अनुसार इसे उचित नहीं माना जाता. कहते हैं कि अगर ये स्वभाविक रूप से बढ़ता है, तो इसे सावधानी से हटाना चाहिए.
- घर के बाहर पीपल का पौधा उगता है तो उसकी पूजा करें और वहां से निकालकर गमले में लगा दें. पौधे को हटाते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि पौधे को हटाते समय उसकी जड़े गलती से न काटें. धार्मिक ग्रंथों में पीपल के पेड़ पर ब्रह्मा का वास माना गया है. घर की पूर्व दिशा में पीपल का पेड़ भूलकर भी न लगाएं, इससे घर में धन की कमी होती है.
- ध्यान रखें कि इसे पूजन के बाद किसी मंदिर में न रखें. वास्तु के अनुसार पीपल के पेड़ को काटने से जीवन में नकारात्मकता आती है. इससे जीवन में दांपत्य जीवन में भी परेशानी होती है. बच्चों के लिए भी ये नकारात्मक होता है. इतना ही नहीं, शास्त्रों के अनुसार पीपल का पेड़ काटने से पितरों को पीड़ा होती है.
- वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में पीपल की छाया आने पर घर की उन्नति में बाधक बनता है. ऐसे में कई तरह की समस्याएं गर में ही जड़ पकड़ लेती हैं.
- बता दें कि वास्तु एक्सपर्ट्स का मानना है कि पीपल का पेड़ अपने चारों तरफ एकांत पैदा करता है. इसलिए किसी भी घर में ये पौधा होने पर वहां के लोगों के जीवन में संकट आता है. और उनकी आयु लंबी नहीं होती.
- पीपल का पेड़ (Peepal Tree) परिवार की वृद्धि के हिसाब से भी अच्छा नहीं माना जाता. वास्तु के अनुसार इससे बच्चों को परेशानी होती है. वहीं, परिवार के विकास में भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
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घर में नहीं लगाना चाहिए पीपल का पेड़, होता है अशुभता का संचार
पीपल के पेड़ के बारे में हमने अक्सर सुना होगा कि घर में पीपल का पेड़ नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि इससे घर में कई समस्याएं आती हैं।
पीपल के पेड़ के बारे में हमने अक्सर सुना होगा कि घर में पीपल का पेड़ नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि इससे घर में कई समस्याएं आती हैं। लेकिन वहीं हम पीपल के पेड़ की पूजा की भी करते हैं क्योंकि मान्यता है कि इस पेड़ में देवताओं का निवास होता है। लेकिन वास्तुशास्त्र के हिसाब से इसे सही नहीं माना जाता है। पीपल के पेड़ को लेकर कई धारणाएं जो लोगों के मन में हैं। तो चलिए पंडित दयानंद शास्त्री से जानते हैं कि धर्म और वास्तु शास्त्र पीपल के बारे में क्या कहते हैं।
पंडित दयानंद शास्त्री बताते हैं कि पीपल को घर में रखे से अशुभता का संचार होने लगता है ऐसे में उसे घर में खुद उगाने नहीं चाहिए। लेकिन अगर यह अपने आप यानी स्वाभाविक रूप से बढ़ता है तो इसे बेहद सावधानीपूर्वक उखाड़ा जाना चाहिए। वैसे तो पीपल के पेड़ की छाया शीतलता प्रदान करती है लेकिन अगर यह घर में रहे तो इससे निर्जनता उत्पन्न होती है। इसके घर में रहने से पारिवारिक सदस्यों की तरक्की नहीं हो पाती है। साथ ही कोई न कोई नई समस्याएं जन्म लेती ही रहती हैं।
अगर घर के बाहर भी पीपल का पेड़ हो या उसकी छाया घर पर पड़ रही हो तो उस घर की वंशवृद्धि में भी कई परेशानियां आती हैं। वहीं, वैवाहिक जीवन में भी क्लेश बना रहता है। हालांकि, अगर घर में पीपल का पेड़ उग जाता है तो उसे कभी काटना नहीं चाहिए। इससे पितृों को कष्ट पहुंचता है। साथ ही वंशवृद्धि की भी हानि होती है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, पीपल का पौधा सबसे ज़्यादा पूजनीय होता है। पीपल के पेड़ को विश्ववृक्ष, चैत्य वृक्ष और वासुदेव के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, पीपल के पेड़ के हर भाग में देवता का निवास होता है। यही नहीं, ऐसा भी माना जाता है कि इसके पत्ते-पत्ते में भी देवता का निवास होता है। इसके पत्ते में भगवान विष्णु का वास माना जाता है।
अथर्ववेद और छंदोग्य उपनिषद के अनुसार, पीपल के पेड़ के नीचे देवताओं का स्वर्ग माना गया है। इसकी पूजा के धार्मिक और वैज्ञानिक कारण दोनों ही हैं। साथ ही कुछ नियम भी हैं। अगर नियमों के तहत पीपल की पूजा की जाए तो व्यक्ति के जीवन में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आती है। लेकिन अगर नियमों की अनदेखी की जाए तो व्यक्ति कंगाल भी हो सकता है। मान्यता है कि अगर घर में पीपल का पेड़ उग जाए तो उसे उखाड़कर फेंकना नहीं चाहिए। बल्कि उसे एक गमले में शिफ्ट कर देना चाहिए। विधि-विधान से पूजा करने और यज्ञादि पवित्र कार्यों के लक्ष्य से पीपल की लकड़ी काटने पर दोष नहीं लगता है। बहुत जरूरी हो तो ही पीपल के पेड़ को काटा जाना चाहिए और वो भी रविवार के दिन। अगर घर की पूर्व दिशा में पीपल का पेड़ लगा होता है को घर में भय और निर्धनता का वास नहीं होता है।
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, पीपल में सभी देवताओं का वास होता है। ऐसे में उसे ब्रह्म कहकर संबोधित किया जाता है। पीपल के मूल में श्री विष्णु, तने में शिव और अग्रभाग में ब्रह्मा जी का निवास माना गया है। सनातन धर्म में पीपल को देवों का देव कहा गया है। श्रीकृष्ण भगवान ने भी अपनी उपमा देकर पीपल के देवत्व और दिव्यत्व को व्यक्त किया था।
Edited By: Shilpa Srivastava