प्रेगनेंसी में ज्यादा मोबाइल चलाने से क्या होता है? - preganensee mein jyaada mobail chalaane se kya hota hai?

प्रेगनेंसी में ज्यादा मोबाइल चलाने से क्या होता है? - preganensee mein jyaada mobail chalaane se kya hota hai?
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। गर्भावस्था के दौरान मोबाइल फोन के इस्तेमाल से गर्भ में पल रहे शिशु के मस्तिष्क के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पडऩे की आशंका नहीं है। यह विकास बच्चे में भाषा और उसकी हाथ पैर चलाने की क्षमता से जुड़ा है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है।

नार्वेजियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष निकाला था कि मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाले लोगों के यहां पैदा हुए बच्चों में मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करने वाली माताओं के बच्चों की तुलना में वाक्य जटिलता होने का जोखिम 27 प्रतिशत कम होता है, अपूर्ण व्याकरण की दृष्टि से 14 प्रतिशत कम और तीन वर्ष की उम्र में मध्यम भाषा के ज्ञान की दृष्टि से 31 प्रतिशत कम था।

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अध्ययन में यह भी पाया गया कि मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाली माताओं के यहां जन्मे बच्चों में मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करने वाली माताओं के यहां जन्में बच्चों की तुलना में तीन वर्ष की उम्र में मोटर कौशल का खतरा 18 प्रतिशत कम था। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा ‘‘हमारा अध्ययन गर्भावस्था के दौरान मोबाइल फोन के इस्तेमाल के कारण बच्चों की भाषा,संचार और मोटर कौशल पर प्रतिकूल प्रभाव की कल्पना का समर्थन नहीं करता।

नार्वेजियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के जान अलेक्जेंडर ने कहा कि हमारा अध्ययन यह सबूत उपलब्ध कराता है कि गर्भवती महिला द्वारा सेल फोन का इस्तेमाल भ्रूण के न्यूरो विकास पर नुकसान पहुंचाने के जोखिम के साथ नहीं जुड़ा हुआ है। अध्ययन के लिए 45,389 मां-बच्चे के जोड़ों को शामिल किया गया। यह अध्ययन जर्नल बीएमसी पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित हुआ है।

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क्या आप जानती हैं कि मोबाइल फोन, कंप्यूटर और वायरलेस राउटर्स की रेडिएशन आपके गर्भ में पल रहे बच्चे को हानि पहुंचा सकते हैं? वो कैसे, आइए जानते हैं-

अभी तक किए गए शोधों के अनुसार कम समय के लिए गर्भवती महिला द्वारा मोबाइल फोन के इस्तेमाल से गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य को कोई गंभीर खतरा नहीं होता। लेकिन लंबे समय तक इस्तेमाल कितना सुरक्षित है इस बारे में निश्चित तौर पर कह पाना काफी मुश्किल है। वहीं कई अध्ययनों यह बात सामने आई है कि मोबाइल फोन के इस्तेमाल और व्यवहार सबंधी समस्याओं के बीच कोई न कोई संबध है।

शोधकारों का कहना है कि हमारा अध्ययन ऐसी किसी भी धारणा का समर्थन नही करता जिसके मुताबिक प्रेग्नेंसी में फोन के इस्तेमाल से बच्चे की भाषा, संचार या फिर वाहन कौशल पर विपरीत असर पड़ता हो। इसके उलट शोध में ऐसा पहली बार दावा किया गया है कि जो महिलाएं गर्भावस्था के दौरान फोन का इस्तेमाल करती हैं उनके बच्चों में भाषा संबंधी जटिलता के खतरे काफी कम हो जाते हैं।

भ्रूण पर पड़ता है प्रभाव: क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ एन एस कनिमोझी के मुताबिक मोबाइल फोन, कंप्यूटर और वायरलेस राउटर से निकलने वाले विकिरण का भ्रूण पर प्रभाव पड़ने की संभावना होती है। चूंकि विकिरण एक प्रकार की ही ऊर्जा है और इसका स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। हालांकि, यदि आप गर्भवती हैं, तो किसी भी प्रकार का एक्स-रे या अन्य परीक्षण जो विकिरण का उपयोग करते हैं, जैसे कंप्यूटेड टोमोग्राफी (जिसे सीटी या कैट स्कैन भी कहा जाता है), जबकि वे गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित हैं।

याददाश्त कम होने का खतरा: डॉक्टर कनिमोझी के मुताबिक गर्भवती महिलाओं में विकिरण के संपर्क में वृद्धि से मस्तिष्क की गतिविधि पर भी प्रभाव पड़ सकता है, जिससे थकान, चिंता और नींद में रुकावट पैदा होती है। इसके अलावा कई शोध में यह बात सामने आई है कि याददाश्त भी कम हो जाती है। गर्भावस्था के दौरान हानिकारक रेडियो वेव्स के लगातार और बढ़े हुए संपर्क से मानव शरीर के रिसेप्टर्स में हस्तक्षेप हो सकता है और कैंसर का खतरा बन सकता है।

बच्चों के शारीरिक और मानसिक एक्टिविटी पर प्रभाव: पूर्व में एपीडेमियोलॉजी एंड कम्युनिटी हेल्थ नाम की पत्रिका में प्रकाशित एक शोध में यह दावा किया गया था कि जिन बच्चों की मां गर्भावस्था के दौरान फोन का इस्तेमाल करती थीं उनके व्यवहार में समस्या होने की संभावना 50 प्रतिशत तक थी। ऐसा कहा गया कि प्रेग्नेंसी में फोन का इस्तेमाल करने से बच्चों के शारीरिक और मानसिक एक्टिविटी में काफी कमी देखी गई है।

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Pregnancy Tips 

मुख्य बातें

  • प्रेग्नेंसी में महिलाओं को करना चाहिए योगा

  • फोन के इस्तेमाल से बच्चों में होती है बिहेवियरल प्रॉब्लम

  • प्रेग्नेंसी में फोन का ज्यादा इस्तेमाल बच्चों के लिए हानिकारक

Disadvantages Of Using Phone During Pregnancy: आज के टैक्नोलॉजी के इस युग में हर किसी ने मोबाइल फोन को अपना साथी बना लिया है। आलम ये है कि फोन की वजह से लोग खाना तक भूल जाते हैं, या तो छोड़ देते है। फोन की ये लत सेहत के लिए बहुत खतरनाक होती है। ज्यादा फोन के इस्तेमाल से आंखें तो कमजोर होती ही है, साथ ही कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो जाती हैं। वैसे तो फोन का ज्यादा इस्तेमाल हर किसी के लिए हानिकारक होता है, लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए ये ज्यादा नुकसानदायक होता है। दरअसल, हाल में एक स्टडी में ये साफ हुआ है कि प्रेग्नेंसी के दौरान फोन के ज्यादा इस्तेमाल से होने वाले बच्चे के व्यवहार में समस्या हो सकती है। तो चलिए जानते हैं फोन के इस्तेमाल से प्रेग्नेंसी में होने वाली समस्या के बारे में-

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बच्चे को होती है व्यवहार संबंधी परेशानी

डेनमार्क में हुई स्टडी के अनुसार जो महिलाएं गर्भावस्था में ज्यादा फोन का इस्तेमाल करती हैं, उनके होने वाले बच्चे को व्यवहार संबंधी समस्या हो सकती है। दरअसल, ऐसे बच्चों का व्यवहार सामान्य बच्चों की तरह नहीं होता है, जो चिंता का विषय है।

क्या कहती है स्टडी ?

डेनमार्क में हुई ये स्टडी उन महिलाओं पर की गई, जिनके 7 साल के बच्चे थे। इस स्टडी के दौरान उन महिलाओं को फोन के इस्तेमाल, बच्चों की हेल्थ और उनके व्यवहार संबंधी प्रश्नों की एक प्रश्नावली दी गई। महिलाओं को इस प्रशनावली के सवालों के जवाब देने थे। इस स्टडी में महिलाओं के जवाब से ये साफ हुआ कि जो महिलाएं डिलिवरी के पहले और बाद में स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल करती थीं, उनके बच्चों में हाइपरऐक्टिविटी और व्यवहार से जुड़ी समस्याएं थीं।  

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प्रेग्नेंसी में महिलाओं को ध्यान रखनी चाहिए ये बातें-

फोन का इस्तेमाल जरूरी है, इस बात से तो कोई इंकार नहीं कर सकता। ऐसे में जो महिलाएं प्रेग्नेंट हैं, वो फोन का ज्यादा इस्तेमाल न करके जितना जरूरी हो बस उतना ही इस्तेमाल करें। इसके अलावा सोशल मीडिया पर ज्यादा वक्त बर्बाद न करें। स्वस्थ रहने के लिए योगा और एक्सरसाइज करें, फायदेमंद रहेगा।

(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

प्रेगनेंसी में ज्यादा फोन चलाने से क्या होता है?

प्रेग्‍नेंसी के दौरान मोबाइल फोन के इस्‍तेमाल से पेट में पल रहे बच्‍चे के विकास पर बुरा असर पड़ता है और इसकी वजह से प्रीमेच्‍योर डिलीवरी तक हो सकती है. केवल मां ही नहीं, अगर मां के आस पास लोग वायरलेस चीजों का अधिक इस्‍तेमाल कर रहे है तो इसका भी भ्रूण में पल रहे बच्‍चे पर खराब असर पड़ सकता है.

प्रेगनेंसी में रोने से क्या नुकसान होता है?

रोने का शिशु पर प्रभाव कभी कभी रोने का असर गर्भस्‍थ शिशु पर नहीं पड़ता है। वहीं, अगर प्रेगनेंट महिला को बहुत ज्‍यादा डिप्रेशन घेर ले तो इसका शिशु पर नकारात्‍मक प्रभाव पड़ सकता है। वहीं, 2016 की स्‍टडी के मुताबिक प्रेगनेंसी में एंग्‍जायटी और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्‍याएं प्रीटर्म बर्थ और लो बर्थ वेट का कारण बन सकती है।

पेट में लड़का होता है तो क्या क्या होता है?

गर्भ में लड़का होने के लक्षण गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की, इसका 100% सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। ... .
पेट का आकार अगर गर्भवती महिला का पेट भारी और नीचे की ओर झुका हुआ है, तो इसे गर्भ में लड़के की मौजूदगी के लक्षण के तौर पर देखा जाता है।.
त्वचा में बदलाव प्रेगनेंसी के दौरान त्वचा में बदलाव आना एक आम बात है।.

प्रेगनेंसी के दौरान क्या नहीं करना चाहिए?

- गर्भवती महिला के कमरे में पितरों की फोटो नहीं होनी चाहिए। - कमरे में कोई भी हिंसक तस्वीर भी नहीं होनी चाहिए। जैसे महाभारत या जंगली जानवर की फोटो। - गर्भावस्था के दौरान महिला को अपने बालों को खुला नहीं रखना चाहिए खास तौर पर सोते समय।