प्रकृति के विविध रूपों से आत्मीय परिचय कराने वाली कविता कौन है? - prakrti ke vividh roopon se aatmeey parichay karaane vaalee kavita kaun hai?

कवि प्रकृति के बेहद करीब होते हैं, वहां के स्वाभाविक वातावरण में उनके मन से भी कई उद्गार निकलते हैं। छायावादी युग के कवियों ने तो अधिकर प्रकृति के सौंदर्य का अवलोकन करते हुए उसी पर कितनी कविताएं कह दीं। महसूस करें इन कविताओं में सृष्टि के विभिन्न रूप व छवि 

संध्या / सुमित्रानंदन पंत

कहो, तुम रूपसि कौन?
व्योम से उतर रही चुपचाप
छिपी निज छाया-छबि में आप,
सुनहला फैला केश-कलाप,
मधुर, मंथर, मृदु, मौन!
मूँद अधरों में मधुपालाप,
पलक में निमिष, पदों में चाप,
भाव-संकुल, बंकिम, भ्रू-चाप,
मौन, केवल तुम मौन!
ग्रीव तिर्यक, चम्पक-द्युति गात,
नयन मुकुलित, नत मुख-जलजात,
देह छबि-छाया में दिन-रात,
कहाँ रहती तुम कौन?
अनिल पुलकित स्वर्णांचल लोल,
मधुर नूपुर-ध्वनि खग-कुल-रोल,
सीप-से जलदों के पर खोल,
उड़ रही नभ में मौन!
लाज से अरुण-अरुण सुकपोल,
मदिर अधरों की सुरा अमोल,--
बने पावस-घन स्वर्ण-हिंदोल,
कहो, एकाकिनि, कौन?
मधुर, मंथर तुम मौन?

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फूल / महादेवी वर्मा

3 years ago

प्रकृति वर्णन से संबंधित कविता क्या है?

प्रकृति पर कविता – हरे पेड़ पर चली कुल्हाड़ी पैसों के लालच में कर दी उर्वरता बर्बाद।। दूर दूर तक बसी बस्तियाँ नगर हुए आबाद। बन्द हुआ अब तो जंगल से मानव का संवाद।। ताल तलैया सब सूखे हैं हुई नदी में गाद।

प्राकृतिक सौंदर्य कविता के रचयिता कौन हैं?

यह हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के प्रारंभ का समय था और इसकी लगभग सभी कविताएँ प्रकृति के प्रति प्रेम में डूबी हुई हैं। ... .

नागार्जुन की कविता का नाम क्या है?

नागार्जुन.

साठोत्तरी कविता के प्रमुख कवि कौन है?

साठोत्तरी एवं समकालीन हिन्दी कविता के अन्य महत्वपूर्ण कवियों में विश्वनाथ तिवारी , श्रीकांत वर्मा , दूधनाथ सिंह , वेणु गोपाल , मत्स्येन्द्र शुक्ल , विष्णु खरे , आलोक धन्वा , अमरजीत , अनिल जोशी , अज्ञेय , मुक्तिबोध , नागार्जुन आदि हैं।

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