परिसज्जा कितने प्रकार के होते है? - parisajja kitane prakaar ke hote hai?

विषयसूची

  • 1 परिसज्जा क्या है?
  • 2 कैसे सफेद कपड़े से रंग दाग दूर करने के लिए?
  • 3 वस्त्र धोने के लिए कौन सा जल उपयुक्त है?
  • 4 भौतिक परिसज्जा से आप क्या समझते हैं?
  • 5 सफेद कपड़े पर लगे हल्दी के दाग को साबुन से रगड़ने पर क्या प्रभाव पड़ता है?
  • 6 पेंट के दाग कैसे हटाये?
  • 7 किसी भी कपड़े को धोने से पहले वर्गीकरण क्यों आवश्यक है बताइए?
  • 8 दैनिक जीवन में कपड़ों का क्या महत्व है इसकी देखभाल और भंडारण के बारे में वर्णन करें?

परिसज्जा क्या है?

इसे सुनेंरोकेंइसके द्वारा वस्त्र के बाह्य स्वरूप, स्पर्श इत्यादि में वृद्धि होती है जैसे-सूती वस्त्र में सफेदी लाने के लिए ब्लीचिंग, हल्के वस्त्र को वजनी बनाने के लिए स्टार्च व कलफ इत्यादि का प्रयोग किया जाता है। स्टीम आयरनिंग, कैलेण्डरिंग इत्यादि भी इसी प्रकार की परिसज्जा होती है। इसे सौदर्य परिसज्जा भी कहा जाता है।

कैसे सफेद कपड़े से रंग दाग दूर करने के लिए?

  1. सफेद वेनेगर रंग लगे कपड़ों को चमकाना है तो सफेद वेनेगर आपकी इसमें मदद कर सकता है.
  2. बेकिंग सोडा कपड़े धो रहे हैं तो उसमें बेकिंग सोडा मिला दें.
  3. बर्तन धोने वाले साबुन से आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि बर्तनों को चमकाने वाला साबुन होली में रंग लगे कपड़ों को भी चमका सकता है.
  4. नींबू का जूस
  5. कलर साफ करने वाला डाई

वस्त्र धोने के लिए कौन सा जल उपयुक्त है?

इसे सुनेंरोकें(7) रेशमी वस्त्रों को धोते समय कास्टिक सोडे का न्यूनतम प्रयोग करना चाहिए। रेशमी व ऊनी कपड़ों को अधिक गर्म पानी में नहीं धोना चाहिए और इन्हें अधिक कसकर नहीं निचोड़ना चाहिए। सूती वस्त्र धोते समय गर्म पानी व कास्टिक सोडे का प्रयोग किया जा सकता है। सफेद सूती वस्त्रों को धोते समय रानीपाल व नील का भी प्रयोग करते हैं

वस्त्र गंदे होने के 2 कौन से कारण होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंहम सभी जानते हैं कि जो कपड़े हम पहनते हैं धूल-मिट्टी, कलौंच, पसीने आदि के कारण मैले हो जाते हैं। कपड़ों को झाड़कर धूल मिट्टी को आसानी से हटाया जा सकता है परंतु चिकनाई युक्त धूल को साफ करने के लिए ‘धुलाई’ नामक विशेष तरीके की आवश्यकता पड़ती है।

परिसज्जा कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंपरिसज्जा के कार्य में शामिल प्रक्रियाओं के आधार पर परिसज्जा को दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है अर्थात् रासायनिक (नम) तथा यांत्रिकी (शुष्क) परिसज्जा। i रासायनिक परिसज्जा (Chemical finishes): इन्हें नम परिसज्जा भी कहा जाता है।

भौतिक परिसज्जा से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंकरघे से निकला वस्त्र अनुपयोगी, अनाकर्षक एवं त्रुटिपूर्ण होता है। इसे उपयोगी, आकर्षक एवं त्रुटिहीन बनाने तथा आज की आवश्यकता के अनुसार परिवर्तित करने की प्रक्रिया को वस्त्र परिसज्जा कहते हैं। वह परिसज्जाओं यन्त्रों द्वारा की जाती है, उसे यांत्रिक परिसज्जा कहते हैं

सफेद कपड़े पर लगे हल्दी के दाग को साबुन से रगड़ने पर क्या प्रभाव पड़ता है?

इसे सुनेंरोकेंसाबुन की प्रकृति क्षारीय होती है, इसलिये जब हल्दी के दाग लगे कपड़े पर साबुन को रगड़ा जाता है, तो हल्दी के दाग साबुन के क्षारीय लवणों के साथ अलग प्रतिक्रिया देते हैं, दाग का रंग लाल हो जाता है, लेकिन हल्दी अम्ल के साथ कोई प्रतिक्रिया नही करता है, इसलिये किसी अम्ल के संपर्क में आने पर वो धब्बे पीले ही बने रहते हैं

पेंट के दाग कैसे हटाये?

इसे सुनेंरोकेंअल्कोहल वाला हैंड सैनिटाइजर भी आ सकता है काम इससे भी पेंट के दाग छुड़ाए जा सकते हैं। इसके लिए सैनिटाइजर को दाग वाले हिस्से पर थोड़ी देर तक लगाकर छोड़ दें, फिर उसे धो लें। अगर दाग निकालने में मुश्किल हो तो सैनिटाइजर के साथ हेयर स्प्रे का भी इस्तेमाल करें। इससे जिद्दी दाग जल्द छूट जाएगा

रेशमी वस्त्र में चमक के लिए किसका प्रयोग किया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: रेशमी वस्त्रों में चमक लाने के लिए धुलाई के बाद में पानी लेकर थोड़ा सा सिरका डालकर कपड़े को डुबोकर तुरंत निकाल ले

वस्त्रों की सफाई की प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले कौन से कारक हैं?

इसे सुनेंरोकेंधब्बों और धूल को हटाते हुए उसके रूप-रंग और चमक को बनाए रखना एवं उसकी बनावट तथा दृष्टिगोचर होने वाली विशेषताओं को बनाए रखना। स्वच्छ चमकदार स्वास्थ्य के अनुकूल वस्त्र, दागरहित और कड़क घरेलू लिनेन सफल धुलाई या निर्जल धुलाई का परिणाम होते हैं।

किसी भी कपड़े को धोने से पहले वर्गीकरण क्यों आवश्यक है बताइए?

इसे सुनेंरोकें(3) वस्त्रों को छाँटना-वस्त्र धोने से पूर्व उन्हें छाँट लेना चाहिए। रंगीन, श्वेत, सूती, रेशमी, गन्दे, कम गन्दे तथा एक बार ही पहने गये वस्त्रों को अलग-अलग कर लेना चाहिए। गोते समय तन्तु रंग तथा गन्दगी के अनुरूप ही इन्हें अलग-अलग भिगोना चाहिए। 1) इसका मुख्य भाग सेल्यूलोज से बना होता है।

दैनिक जीवन में कपड़ों का क्या महत्व है इसकी देखभाल और भंडारण के बारे में वर्णन करें?

इसे सुनेंरोकेंधब्बों और धूल को हटाते हुए उसके रूप-रंग और चमक को बनाए रखना एवं उसकी बनावट तथा दृष्टिगोचर होने वाली विशेषताओं को बनाए रखना। स्वच्छ चमकदार स्वास्थ्य के अनुकूल वस्त्र, दागरहित और कड़क घरेलू लिनेन सफल धुलाई या निर्जल धुलाई का परिणाम होते हैं। वस्त्रों की धुलाई एक विज्ञान और कला दोनों है।

परिसज्जा कितने प्रकार के होते हैं?

परिसज्जा कितने प्रकार के होते हैं? इसे सुनेंरोकेंपरिसज्जा के कार्य में शामिल प्रक्रियाओं के आधार पर परिसज्जा को दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है अर्थात् रासायनिक (नम) तथा यांत्रिकी (शुष्क) परिसज्जा। i रासायनिक परिसज्जा (Chemical finishes): इन्हें नम परिसज्जा भी कहा जाता है।

परिसज्जा का क्या महत्व है?

परिसज्जा द्वारा किसी वस्त्र को अधिक चमकीला मजबूत तथा धोने पर न सिकुड़ने वाला बनाया जा सकता है क्योंकि वस्त्र जब करघे पर मशीनों पर बुन कर आता है तो वह खुरदुरा, गंदा तथा दाग धब्बे वाला होता है उसका परिष्करण आवश्यक होता है तभी वह उपयोग के लायक होता है अत: कहा जा सकता है कि कपड़ा बुनने के बाद उसे निखारने के लिए जो ...

पारी सजा के क्या लाभ है?

6 1982 के अिधिनयम सं० 46 की धारा 2 ारा (21-8-1984 से) “या िकसी अन्य कारण से” शब्द के स्थान पर पर्ितस्थािपत ।

यांत्रिक परिसज्जा क्या है?

करघे से निकला वस्त्र अनुपयोगी, अनाकर्षक एवं त्रुटिपूर्ण होता है। इसे उपयोगी, आकर्षक एवं त्रुटिहीन बनाने तथा आज की आवश्यकता के अनुसार परिवर्तित करने की प्रक्रिया को वस्त्र परिसज्जा कहते हैं। वह परिसज्जाओं यन्त्रों द्वारा की जाती है, उसे यांत्रिक परिसज्जा कहते हैं।

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