Nasbandi Benefits and Side Effects: नसबंदी एक सर्जरी होती है, जिसमें पुरुषों की वीर्य ले जाने वाली नलिकाओं को बंद कर दिया जाता है. अनचाही प्रेगनेंसी से बचने (Best Contraception for Male) का यह सबसे पक्का और असरदार तरीका है. आपको बता दें कि पुरुषों की नसबंदी होने में 15 मिनट का समय लगता है और इससे पुरुषों को कई गजब फायदे (Nasbandi Benefits) भी मिलते हैं. लेकिन पुरुषों की नसबंदी के नुकसान (Nasbandi Side Effects) के बारे में भी जरूर जान लें. Show ये भी पढ़ें: Brain Health Tips: दिमाग को अंदर से खोखला बना देती हैं ये आदतें, हो जाता है 'ब्रेन डेड' Vasectomy Advantages: पुरुषों में नसबंदी करवाने के फायदे
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पुरुष बन्ध्याकरण या पुरुष नसबंदी या वासेक्टोमी (Vasectomy), पुरुषों के लिए शल्यक्रिया द्वारा बन्ध्याकरण प्रक्रिया है। इस क्रिया से पुरुषों की शुक्रवाहक नलिका अवरुद्ध कर दी जाती है जिससे शुक्राणु वीर्य के साथ पुरुष लिंग तक नहीं पहुँच सकें। पुरुष इस क्रिया के बाद भी वीर्य को छोड़ना जारी रखता है तथा इससे उसकी संभोग क्रिया में किसी भी प्रकार का विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है। पुरुष को उसकी मर्दानगी और संभोग कार्य निष्पादन के विषय में चिंता से मुक्त होने के लिए पर्याप्त तथा सचेतन परामर्श की आवश्यकता हो सकती है। नश्तर बिना बन्ध्याकरण के मामले में अंडकोश की थैली के दोनों ओर एक मामूली सा छेद किया जाता है जिससे "वास डेफरन" बाहर आ जाता है जिसे या तो काटा ,बांधा या फिर उस पर क्लिप लगा दिया जाता है। इसके लिए स्थानीय अनेस्थीसिया दिया जाता है। बन्ध्याकरण एक मामूली तथा साधारण सी शल्य क्रिया है किंतु पुरुषों को शल्यक्रिया के पश्चात कम से कम 48 घंटे आराम करना होता है तथा एक सप्ताह तक उन्हें कोई भारी सामान नहीं उठाना चाहिए। व्यक्ति को मैथुन क्रिया सभी प्रकार के दर्द बंद होने तथा किसी भी मामले में एक सप्ताह के बाद ही आरंभ करनी चाहिए। शल्य क्रिया के बाद 2 से 3 महीने तक वैकल्पिक परिवार नियोजन के उपाए अपनाना चाहिए, क्योंकि वीर्य अपने वीर्य डक्ट में 3 महीने तक रह सकता है। यदि शल्य क्रिया के बाद तेज बुखार, अधिकाधिक या लगातार रक्त स्राव, सूजन या दर्द होता हो, तो तत्काल डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। पुरुष का बन्ध्याकरण करना सुरक्षित और आसान है क्योंकि पुरुष का लिंग, महिला की तुलना में बाहर होता है। अतः बन्ध्याकरण के समय शारीरिक अंगों के साथ कम से कम छेड़ छाड़ करनी पड़ती है तथा जटिलता भी कम से कम होती है। इसके अतिरिक्त, बन्ध्याकरण क्रिया से कोई अन्य लंबी अवधि के खतरे नहीं जुड़े होते है। इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
Vasectomy पुरुष नसबंदी के बाद क्या होता है?नसबंदी के बाद अंडकोष में खून इकट्ठा होना, शुक्राणु इकट्ठा होना, संक्रमण और अंडकोष में दर्द जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. पुरुषों में नसबंदी करवाने से यौन संचारित रोगों से बचाव नहीं होता है. इसलिए आपको फिर भी कॉन्डम का इस्तेमाल करना पड़ता है.
नसबंदी के बाद कितने दिनों तक वजन नहीं उठाना चाहिए?कम से कम दो दिन । इसके अलावा भारी काम-काज व वजन उठाने से भी कम से कम एक सप्ताह बचना चाहिए (इससे ज्यादा देर भी लग सकती है) जब तक इन कार्यों से कोई दर्द हो, तब तक आराम करें। नसबंदी के लिए सरकार की अपनी प्रोत्साहन नीति है, पर यू.
पुरुष नसबंदी कैसे किया जाता है?अंडकोष के दोनों ओर एक-एक सेंटीमीटर का चीरा लगाया जाता है, जिससे सर्जन स्पमेर्टिक कॉर्ड तक पहुंचता है। स्पमेर्टिक कॉर्ड के भीतर स्पर्म नलिका पाई जाती है। स्पर्म नलिका का छोटा-सा हिस्सा (करीब 1 सेंटीमीटर) काट दिया जाता है और काटे हुए दोनों छोरों को बांध दिया जाता है। इस तरह बांधने से स्पर्म को निकलने से रोक दिया जाता है।
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