वर्ष 1975 में पहला विश्व कप क्रिकेट इंग्लैंड में खेला गया था. सात जून से 21 जुलाई तक खेली गई इस प्रतियोगिता में आठ टीमों ने हिस्सा लिया था. आठ टीमों को चार-चार के दो ग्रुपों में रखा गया था. हर ग्रुप की शीर्ष दो टीमों को सीधे सेमी फ़ाइनल में प्रवेश दिया गया था. Show उस समय 60 ओवर का एक मैच होता था. उस समय खिलाड़ी क्रिकेट की पारंपरिक पोशाक यानी उजले कपड़े पहनते थे. सभी मैच दिन में ही होते थे. मैच कुल 120 ओवर का होता था. इसलिए मैच जल्दी ही शुरू हो जाते थे. पहले ग्रुप में इंग्लैंड, न्यूज़ीलैंड, भारत और ईस्ट अफ़्रीका की टीमें थीं, तो दूसरे ग्रुप में थे- वेस्टइंडीज़, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और श्रीलंका. इसी विश्व कप के एक मैच में भारत के महान सुनील गावसकर ने पूरे 60 ओवर बल्लेबाज़ी की और सिर्फ़ 36 रन बनाए. अपनी पारी में उन्होंने सिर्फ़ एक चौका लगाया था. मैच था इंग्लैंड के ख़िलाफ़. इंग्लैंड ने लॉर्ड्स के मैदान पर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 60 ओवर में चार विकेट पर 334 रन बनाए थे. डेनिस एमिस ने 137 रनों की पारी खेली थी. लेकिन जवाब में भारत ने 60 ओवर में तीन विकेट पर 132 रन बनाए. गावसकर ने 174 गेंद का सामना किया और एक चौके की मदद से सिर्फ़ 36 रन बनाए और नाबाद रहे. उसी मैच में सिर्फ़ 59 गेंद का सामना करते हुए गुंडप्पा विश्वनाथ ने सर्वाधिक 37 रन बनाए थे. कहा जाता है कि वनडे क्रिकेट का विरोध करने के लिए गावसकर ने ऐसी धीमी पारी खेली थी. इस विश्व कप में भारत के कप्तान थे श्रीनिवास वेंकटराघवन. हालाँकि ईस्ट अफ़्रीका के ख़िलाफ़ मैच में भारत ने 10 विकेट से जीत हासिल की. और इस मैच में सुनील गावसकर ने 86 गेंद पर नाबाद 65 रनों की पारी खेली और पारी में नौ चौके भी लगाए. पहले ग्रुप से इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड की टीमें सेमी फ़ाइनल में पहुँचीं, तो दूसरे ग्रुप से मौक़ा मिला वेस्टइंडीज़ और ऑस्ट्रेलिया को. पहला सेमी फ़ाइनल इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ. जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने चार विकेट से जीत दर्ज की. कम स्कोर वाले इस मैच में पहले खेलते हुए इंग्लैंड की टीम सिर्फ़ 93 रन बनाकर आउट हो गई. जबाव में ऑस्ट्रेलिया ने लक्ष्य हासिल करने के लिए छह विकेट गँवा दिए. दूसरे सेमीफ़ाइनल में वेस्टइंडीज़ की टीम का मुक़ाबला था न्यूज़ीलैंड से. वेस्टइंडीज़ की टीम को विश्व कप का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा था और उसने निराश भी नहीं किया. वेस्टइंडीज़ ने पाँच विकेट से जीत हासिल की. पहले खेलते हुए न्यूज़ीलैंड ने 158 रन बनाए. वेस्टइंडीज़ ने पाँच विकेट गँवाकर की लक्ष्य हासिल कर लिया. कालीचरण ने 72 और ग्रीनिज़ ने 55 रनों की शानदार पारी खेली. फ़ाइनल में लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर वेस्टइंडीज़ का मुक़ाबला हुआ ऑस्ट्रेलिया से. मैच काफ़ी रोमांचक था और इस ऐतिहासिक मैच में पहला विश्व कप जीतने का गौरव हासिल किया वेस्टइंडीज़ ने. कप्तान क्लाइव लॉयड की अगुआई में टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया और 17 रनों से जीत हासिल की. वेस्टइंडीज़ ने क्लाइव लॉयड के शानदार शतक (102) और रोहन कन्हाई के 55 रनों की मदद से 60 ओवर में आठ विकेट पर 291 रन बनाए. ऑस्ट्रेलिया ने अच्छी चुनौती दी. लेकिन उनकी टीम 58.4 ओवर में 274 रन बनाकर आउट हो गई. ऑस्ट्रेलिया के पाँच बल्लेबाज़ रन आउट हुए. आईसीसी क्रिकेट विश्व कप का 12वां संस्करण 30 मई से 14 जुलाई तक इंग्लैंड और वेल्स में खेला जाने वाला है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने आधिकारिक तौर पर टूर्नामेंट के पूरे कार्यक्रम की घोषणा बहुत पहले ही कर दी थी। टूर्नामेंट का आयोजन 11 स्टेडियमों में किया जाएगा और शुरुआती मैच में मेजबान इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका एक-दूसरे से भिड़ेंगे। ऑस्ट्रेलिया ने सबसे ज्यादा 5 बार विश्व विजेता बना : विश्व कप की शुरुआत 1975 से हुई और अब तक इसके कुल 11 आयोजन हो चुके हैं। इन 11 प्रसंगों पर सबसे ज्यादा 5 बार ऑस्ट्रेलिया की टीम विश्व चैम्पियन बनी है। भारत ने 2 बार विश्व चैम्पियन बनने का सम्मान पाया : विश्व कप क्रिकेट की शुरुआत 1975 से हुई। तब पूरी दुनिया के क्रिकेट पर वेस्टइंडीज का दबदबा था। वेस्टइंडीज ने 1975 में खेले गए पहले वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को 17 रनों से हराकर पहला विश्व कप अपने नाम किया। इसके बाद 1979 में वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड को 92 रनों से हराकर लगातार दूसरी बार खिताब जीता। 1983 में भी वेस्टइंडीज की टीम फाइनल तक पंहुच गयी थी, लेकिन यहां उसे भारत से हार का मुंह देखना पड़ा। भारत का यह पहला वर्ल्ड कप था। इसके बाद भारत ने 2011 में श्रीलंका को हराकर अपना दूसरा खिताब हासिल किया। श्रीलंका और पाकिस्तान ने भी चूमा है विश्व कप : भारत के अलावा 2 अन्य एशियाई देश पाकिस्तान और श्रीलंका भी विश्व कप चैम्पियन बन चुका है। श्रीलंका ने 1996 में ऑस्ट्रेलिया को शिकस्त देकर विश्व चैम्पियन बनने का सम्मान पाया था। हालांकि श्रीलंका ने तीन बार विश्व कप के फाइनल के दरवाजे पर दस्तक दी लेकिन विजेता एक बार ही बना। 2007 और 2011 में उसे उप विजेता से ही संतोष करना पड़ा। पाकिस्तान की टीम 1992 में इमरान खान की कप्तानी में वर्ल्ड कप जीत चुकी है। भारत ने आज के ही दिन (2 अप्रैल) 2011 में दूसरी बार वर्ल्ड कप पर कब्जा किया था. इस खिताबी जीत के 10 साल पूरे हो गए. 1983 में भारत ने पहली बार चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया था. यानी 28 साल बाद टीम इंडिया ने एक बार फिर इतिहास रच डाला. इसके साथ ही भारतीय टीम वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के बाद तीसरी ऐसी टीम बनी, जो दो या इससे अधिक बार खिताब पर कब्जा करने में सफल रही. टीम इंडिया ने तोड़े ये मिथक -2011 वर्ल्ड कप का फाइनल मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया. जहां भारत ने श्रीलंका को हरा कर कई मिथक तोड़े. वह पहली ऐसी मेजबान टीम बनी, जिसने वर्ल्ड कप जीता. इससे पहले किसी टीम ने अपनी धरती पर वर्ल्ड कप हासिल नहीं किया था. -टीम इंडिया लक्ष्य का पीछा करते हुए चैम्पियन बनने वाली तीसरी टीम बनी. इससे पहले वर्ल्ड कप के इतिहास में दो बार ही ऐसा हो चुका था. लेकिन लगातार दूसरी बार फाइनल खेल रहे श्रीलंका को भारत ने 10 गेंदें शेष रहते 6 विकेट से शिकस्त दी. -इससे पहले तक फाइनल में शतक बनाने वाले की टीम जीतती रही थी. लेकिन ऐसा पहली बार हुआ, जब शतक काम नहीं आया. महेला जयवर्धने के नाबाद 103 रनों के बाद भी श्रीलंका को जीत नसीब नहीं हुई. 275 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत को शुरुआती झटके लगे थे. 2 विकेट महज 31 रनों पर गिर गए थे. धोनी की करिश्माई बल्लेबाजी एक समय टीम इंडिया 114 रनों पर 3 विकेट खो चुकी थी. ओपनर गौतम गंभीर क्रीज पर थे और उनका साथ देने के लिए युवराज सिंह को आना था, लेकिन सबको हैरत में डालते हुए कप्तान धोनी पांचवें नंबर पर युवराज से पहले क्रीज पर आ गए. उन्होंने धमाकेदार पारी खेल कर भारत को जीत दिलाई, वे मैन ऑफ द मैच रहे. छक्के के साथ चैम्पियन बनाया धोनी ने गंभीर के साथ 109 रनों की शानदार पार्टनरशिप की. गौतम गंभीर ने 97 रनों की ठोस पारी खेली. धोनी ने 79 गेंदों में 91 रन (8 चौके, दो छक्के) तो बनाए ही, साथ ही 'बेस्ट फिनिशर' की परिभाषा पर खरे उतरते हुए विजयी सिक्सर मारकर सबके दिलों को जीत लिया. युवी 24 गेंदों पर 21 रन बनाकर नाबाद रहे. ये भी पढ़ें - गंभीर की दो टूक- हमने 2011 में वर्ल्ड कप जीतकर कोई अहसान नहीं किया भारतीय क्रिकेट टीम 28 साल बाद वनडे वर्ल्ड कप विजेता बनी... और प्रशंसक जश्न में डूब गए. मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का विश्व विजेता बनने का सपना पूरा हो चुका था. टीम ने इस दिग्गज को कंधे पर बिठाया और पूरे स्टेडियम का चक्कर लगाया. भारत प्रथम विश्व कप विजेता कब बना?वह दिन कब था जब भारत ने पहला विश्व कप क्रिकेट जीता था? 25 जून 1983 में भारत ने लॉर्ड्स के मैदान पर कपिलदेव के नेतृत्व में वेस्टइंडीज को हराकर पहला विश्वकप क्रिकेट जीता था।
क्रिकेट में भारत ने कितनी बार विश्व चैंपियनशिप जीती?भारतीय क्रिकेट टीम दो बार क्रिकेट विश्व कप में विजेता रह चूका है जिसमें पहली बार १९८३ क्रिकेट विश्व कप तथा दूसरी बार २०११ क्रिकेट विश्व कप में महेंद्र सिंह धोनी तथा कपिल देव की कप्तानी में जीत मिली। इनके अलावा २००३ क्रिकेट विश्व कप में उपविजेता रहा। १९८७ ,१९९६ तथा २०१५ में सेमीफाइनल में पहुंचा।
क्रिकेट में भारत पहली बार वर्ल्ड कप कब जीता था 2 points?1983 में भारत ने पहली बार क्रिकेट विश्व कप जीता था। भारत ने कपिल देव की कप्तानी में विश्व कप जीता। रोजर बिन्नी ने सबसे ज्यादा 18 विकेट अपने नाम किए। मोहिंदर अमरनाथ सेमीफाइनल और फाइनल दोनों में 'मैन ऑफ द मैच' थे।
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