पर्यावरण पर 10 वाक्य संस्कृत में - paryaavaran par 10 vaaky sanskrt mein

10 essay lines on environment in Sanskrit, Essay on Environment in Sanskrit, save environment in Sanskrit, 5 essay lines on environment in Sanskrit, environment pollution in Sanskrit,10 lines on environment in Sanskrit

10 lines on environment in Sanskrit-

1.अधुना पर्यावरणस्य समस्या न केवलं भारतस्य वर्तते, अपितु समग्रविश्वस्य समस्या वर्तते।

2. नीलाकाशाद आरभ्य धरणी धूलिकाणान यावत् परिवेशः परिव्याप्तः। 

3.युगं यथा यथा अग्रेसरति तथा तथैव विशुद्धं जलं,शुद्धो वायुः, इत्यादयः सर्वे परिवेशधर्माः कुलुषतां यान्ति। 

4.अस्मान् परितः परिवेशस्य इयं अशुद्धिरेव परिवेश दूषणम् इति कथ्यते। 

5.वायुदूषणं ,शब्ददूषणं , जलदूषणं,दृश्यदूषणं इति भेदेन् परिवेशदूषणं चतुर्विधं। 

6.वायुदूषणेन् "ऒजन गैस" इत्यस्य विमाशः भवति।

7.शब्ददूषणेन् वहुविधानां व्यधिनाम् उत्पत्तिर्भवति।

8.जलदूषणेन् वहुविधाः चर्मरोगाः, उदररोगाश्च भवन्ति।

9.दृश्यदूषणेन् शिशुचित्तं किशोरचित्तं विलोड़ितं भवति। 

10.सर्वकारस्य जनानां च मिलित प्रयासेन् कलुषिता पृथिवी कलुषमुक्ता भवेत् इति।

Essay on Environment in Sanskrit

संस्कृत में पर्यावरण का निबंध/ परिवेश दूषणम् 

नीलाकाशाद आरभ्य धरणी धूलिकाणान यावत् परिवेशः परिव्याप्तः। युगं यथा यथा अग्रेसरति तथा तथैव विशुद्धं जलं,शुद्धो वायुः, इत्यादयः सर्वे परिवेशधर्माः कुलुषतां यान्ति। अस्मान् परितः परिवेशस्य इयं अशुद्धिरेव परिवेश दूषणम् इति कथ्यते। 

वायुदूषणं ,शब्ददूषणं , जलदूषणं,दृश्यदूषणं इति भेदेन् परिवेशदूषणं चतुर्विधं। वायुदूषणेन् "ऒजन गैस" इत्यस्य विमाशः भवति।  शब्ददूषणेन् वहुविधानां व्यधिनाम् उत्पत्तिर्भवति। जलदूषणेन् वहुविधाः चर्मरोगाः, उदररोगाश्च भवन्ति। दृश्यदूषणेन् शिशुचित्तं किशोरचित्तं विलोड़ितं भवति। 

सर्वकारस्य जनानां च मिलित प्रयासेन् कलुषिता पृथिवी कलुषमुक्ता भवेत् इति। 

10 essay  lines on environment in Sanskrit, Essay on Environment in Sanskrit, save environment in Sanskrit, 5 essay  lines on environment in Sanskrit

Transliteration-

Nīlākāśād Ārabhya Dharaṇī Dhūlikāṇān Yāvat Pariveśaḥ Parikhyāptaḥ. Yugaṁ Yathā Yathā Agresarati Tathā Tathā Tathaiva Viśuddhaṁ Jalaṁ, Śuddho Vāyuḥ, Ityādayaḥ Sarve Pariveśadhrmāḥ Kuluṣatāṁ

Yānti. Asmān Paritaḥ Pariveśasya Iyaṁ Aśuddhireva Pariveśa Dūṣaṇāṁ Iti kathyate.


Vāyudūṣaṇaṁ, Śabdadūṣaṇaṁ, Jalaḍūṣaṇaṁ Iti Bheden Pariveśa Dūṣaṇaṁ Charutvidhaṁ. Vāyudūṣaṇen "Ōjan Gas" Ityasya Vimāśaḥ Bhavati. Śabdaduṣaṇen Vahuvidhānāṁ Vyadhināṁ Utpattirbhavati. Jalduṣaṇen Vahuvidhāḥ Charmarogāḥ, Udarrogāśch Bhavanti. Dr̥śyadūṣaṇen Śiśuchittaṁ Kiśorachittaṁ Viloḍitaṁ Bhavati.

Sarvakārasya Janānāṁ Ca Milita Prayāsen Kaluṣitā Prithvi Kuluṣamuktā Bhavet Iti.


10 easy lines on environment in Sanskrit, Essay on Environment in Sanskrit, save environment in Sanskrit, 5 easy lines on environment in Sanskrit, environment pollution in Sanskrit,10 lines on environment in Sanskrit

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट   www.Bandana classes.com  पर । आज की पोस्ट में हम आपको "पर्यावरण पर संस्कृत निबंध / Essay on Environment in Sanskrit" के बारे में बताएंगे तो इस पोस्ट को आप लोग पूरा पढ़िए।



पर्यावरणम्


स्वस्थं पर्यावरणम् अस्माकं स्वस्थजीवनस्य आधारः अस्ति । यथा निर्मलं कीटाणुरहितं जलं वायुः च अस्मभ्यं स्वस्थजीवनं प्रयच्छतः । सम्प्रति वैज्ञानिके 'युगे उद्योगानां तीन विकासात् पर्यावरणस्य महती समस्या उत्पन्ना । औद्योगिक संस्थानेभ्यः निर्गतं दूषितं जलं त त्रत्यं परिवेषं दूषयति येन बहुविधाः रोगाः जायन्ते । इदमेव दूषितं जलं नदीं प्राप्य तत्रत्यं जलमपि दूषयति । एतेनैव कारणेन पवित्रतमायाः गंगायाः जलमपि बहुश: प्रदूषितं जातम् । गंगाजल प्रदूषणमुक्त कर्तुं राष्ट्रिया योजना निर्मिता तदनुरूपः प्रयासः च प्रवर्तते ।


एवमेव औद्योगिक संस्थानेभ्यः निर्गतेन दूषितेन वायुना वायुमण्डलं दूषितं । तत्परिवेशस्य जनान् च विविध रोगप्रदानेन भृशं पीडयति । जनसंख्यायाः तीव्रविकासेन महानगरेषु जलवायूवो: प्रदूषणस्य भीषणा समस्या उपस्थिता अस्ति । एतदर्थं शासनेन प्रभाविनः प्रवासाः विधीयन्ते । अस्माभिः अपि स्वपर्यावरणं शोधयितुं यथासंभव प्रयत्नः करणीयः यतो हि शुद्धे पर्यावरणे एवं वयं सुखेन जीवितुं शक्नुमः ।


इसे भी पढ़ें 👇👇👇

👉अवकाश के लिए संस्कृत में प्रार्थना पत्र


👉होली पर निबंध संस्कृत में


वयं वायुजलमृदाभिः आवृत्ते वातावरणे निवसामः । एतदेव वातावरणं पर्यावरण पर्यावरणेनैव वयं - जीवनोपयोगिवस्तुनि प्राप्नुमः । जलं वायुः च जीवने महत्वपूर्णो स्तः। साम्प्रतं शुद्ध - पेय जलस्य समस्या वर्तते । अधुना वायुरपि शुद्धं नास्ति। एवमेव प्रदूषित पर्यावरणेन विविधाः रोगाः जायन्ते । पर्यावरणस्य रक्षायाः अति आवश्यकता वर्तते । प्रदूषणस्य अनेकानि कारणानि सन्ति । औद्यौगिकापशिष्ट - पदार्थ - उच्च - ध्वनि - यानधूम्रादयः प्रमुखानि कारणानि सन्ति। पर्यावरणरक्षायै वृक्षाः रोपणीयाः वयं नदीषु तडागेषु च दूषितं जलं न पतेम् तैल रहित वाहनानां प्रयोगः करणीयः । जनाः तरुणां रोपणम् अभिरक्षणं च कुर्युः

कथ्यते।



हिंदी अर्थ


स्वस्थ पर्यावरण हमारे स्वस्थ जीवन का आधार है।  उदाहरण के लिए स्वच्छ, रोगाणुहीन जल और वायु हमें स्वस्थ जीवन प्रदान करते हैं।  वर्तमान वैज्ञानिक युग में, उद्योगों के तीन विकासों ने बड़ी पर्यावरणीय समस्याएं पैदा की हैं।  औद्योगिक संयंत्रों से निकलने वाला दूषित पानी वहां के वातावरण को प्रदूषित करता है, जिससे कई बीमारियां होती हैं।  यही प्रदूषित पानी नदी में पहुंचकर वहां के पानी को प्रदूषित कर देता है।  इसी कारण सबसे पवित्र नदी गंगा का जल कई प्रकार से प्रदूषित हो गया है  गंगा जल को प्रदूषित करने के लिए एक राष्ट्रीय योजना तैयार की गई है और इसके अनुरूप प्रयास किए जा रहे हैं।


👉अनुशासन पर निबंध संस्कृत में


👉सदाचार पर निबंध संस्कृत में


इसी तरह औद्योगिक संयंत्रों से निकलने वाली प्रदूषित हवा ने वातावरण को प्रदूषित किया।  यह अपने आसपास के लोगों को भी तरह-तरह की बीमारियाँ देकर बुरी तरह प्रभावित करता है।  तीव्र जनसंख्या वृद्धि ने महानगरीय क्षेत्रों में वायु और वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या पैदा कर दी है।  इस उद्देश्य के लिए, सरकार प्रभावी प्रवासन निर्धारित करती है।  हमें भी जितना हो सके अपने पर्यावरण को साफ करने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि इसी तरह हम स्वच्छ वातावरण में खुशी से रह सकते हैं।



हम हवा, पानी और मिट्टी से ढके वातावरण में रहते हैं।  यह वह वातावरण है जो हम पर्यावरण के माध्यम से जीवन के लिए उपयोग की जाने वाली चीजों में पाते हैं।  जीवन में जल और वायु का बहुत महत्व है।  वर्तमान में पीने के साफ पानी की समस्या है।  अब हवा भी साफ नहीं है।  इसी तरह प्रदूषित वातावरण कई तरह की बीमारियों का कारण बनता है।  पर्यावरण को बचाने की बहुत जरूरत है।  प्रदूषण के कई कारण हैं।  औद्योगिक अपशिष्ट - सामग्री - उच्च - शोर - वाहन का धुआं प्रमुख कारण हैं।  हमें पर्यावरण की रक्षा के लिए पेड़ लगाना चाहिए। हमें प्रदूषित पानी को नदियों और तालाबों में नहीं गिरने देना चाहिए। हमें तेल मुक्त वाहनों का उपयोग करना चाहिए।  लोगों को पौधे लगाना चाहिए और युवाओं को बनाए रखना चाहिए ,ह कहा जाता है।


👉संस्कृत भाषा का महत्व निबंध संस्कृत में


👉कालिदास पर निबंध संस्कृत में


दोस्तों यदि आपको यह पोस्ट पसंद आयी हो तो इसे अपने दोस्तों और सोशल मीडिया पर अधिक से अधिक शेयर करिए। अगर दोस्तों अभी तक आपने हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब और टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन नहीं किया है तो नीचे आपको लिंक दी गई है ज्वाइन और सब्सक्राइब करने की तो वहां से आप हमारे

पर्यावरण क्या है संस्कृत में लिखें?

अस्मान् परितः यानि पञ्चमहाभूतानि सन्ति तेषां समवायः एव परिसरः अथवा पर्यावरणम् इति पदेन व्यवह्रीयते । इत्युक्ते मनुष्यो यत्र निवसति, यत् खादति, यत् वस्त्रं धारयति, यज्जलं पिबति यस्य पवनस्य सेवनं करोति,तत्सर्वं पर्यावरणम् इति शब्देनाभिधियते। अधुना पर्यावरणस्य समस्या न केवलं भारतस्य अपितु समस्तविश्वस्य समस्या वर्तते।

पर्यावरण शब्द का वाक्य क्या है?

1) पर्यावरण वह परिवेश है जहां हम रहते हैं, जीवित रहते हैं और फलते-फूलते हैं। 2) सभी सजीवों के अस्तित्व के लिए स्वच्छ वायु व वातावरण परम आवश्यक है। 3) स्वच्छ पर्यावरण सभी जीवित प्रजातियों के विकास और पोषण में मदद करता है। 4) पर्यावरण हमारे जीवन की सभी मूलभूत चीजें प्राप्त करने में सहायता करता है।

पर्यावरण की सुरक्षा के लिए आप क्या कर सकते हैं 10 वाक्य लिखिए?

रासायनिक उर्वरकों और किटनाशकों के उपयोग से बचे और जैविक पदार्थों का उपयोग करें। वाहनों से निकलने वाले घुएं को कम करे, ये हमारे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुचाते है। जंगलों को बचाएं और पेड़ लगाएं क्योंकि ये पर्यावरण के लिए फेफड़ों जैसा काम करते है। भूतल या सतह जल का उपयोग कम से कम करने का प्रयास करे।

पर्यावरण कैसे लिखें?

पर्यावरण (अंग्रेज़ी: Environment) शब्द का निर्माण दो शब्दों से मिल कर हुआ है। "परि" जो हमारे चारों ओर है"आवरण" जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है,अर्थात पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ होता है चारों ओर से घेरे हुए।