Question 4: साधारण से साधारण आदमी तक के दिल में क्या बात अच्छी तरह घर कर बैठी है?
उत्तर: साधारण से साधारण आदमी के दिल में यह बात अच्छी तरह घर कर बैठी है कि धर्म और ईमान की रक्षा के लिए प्राण तक निछावर कर देना वाजिब है।
Question 5: धर्म के स्पष्ट चिन्ह क्या हैं?
उत्तर: धर्म इंसान और भगवान के बीच संबंध स्थापित करने का साधन है। यह आत्मा को शुद्ध करने और उसे ऊँचा उठाने का साधन है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 25-30 शब्दों में लिखिए:Question 1: चलते-पुरजे लोग धर्म के नाम पर क्या करते हैं?
उत्तर: चलते-पुरजे लोग धर्म के नाम पर मूर्ख और सीधे लोगों के उत्साह और शक्ति का दुरुपयोग करते हैं। वे ऐसा इसलिए करते हैं ताकि आसानी से अपना बड़प्पन और नेतृत्व कायम रख सकें।
Question 2: चालाक लोग साधारण आदमी की किस अवस्था का लाभ उठाते हैं?
उत्तर: साधारण आदमी को धर्म का मतलब लगता है लकीर पीटते रहना। चालाक लोग इसी मनोदशा का लाभ उठाते हैं।
Question 3: आनेवाला समय किस प्रकार के धर्म को नहीं टिकने देगा?
उत्तर: आनेवाले समय में लोगों के शुद्ध आचरण को बल मिलेगा। ऐसे लोग जो नमाज या पूजा के बहाने दूसरे की आजादी को छीनते हैं और देश भर में उत्पात फैलाते हैं; उन्हें आनेवाला समय टिकने नहीं देगा।
Question 4: कौन सा कार्य देश की स्वाधीनता के विरुद्ध समझा जाएगा?
उत्तर: धर्म के नाम पर एक दूसरे को लड़वाना, धर्म के नाम पर दूसरे संप्रदाय के लोगों की आजादी छीनना, देश भर में उत्पात मचाना, आदि कार्यों को देश की स्वाधीनता के विरुद्ध समझा जाएगा।
Question 5: पाश्चात्य देशों में धनी और निर्धन लोगों में क्या अंतर है?
उत्तर: पाश्चात्य देशों में धनी लोगों के आलीशान महल गरीबों के पसीने की कमाई का नतीजा होते हैं। धनी लोग हमेशा गरीबों का खून चूसते हैं। इसके परिणामस्वरूप अमीरों और गरीबों के बीच लड़ाई का जन्म होता है।
Question 6: कौन से लोग धार्मिक लोगों से अधिक अच्छे हैं?
उत्तर: वैसे नास्तिक लोग जो किसी पर अत्याचार नहीं करते, किसी को एक दूसरे के खिलाफ नहीं लड़वाते हैं। ऐसे लोग अक्सर निस्वार्थ भाव से दूसरों की मदद भी करते हैं।
लिखित
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
1 - चलते—पुरज़े लोग धर्म के नाम पर क्या करते हैं?
2 - चालाक लोग साधारण आदमी की किस अवस्था का लाभ उठाते हैं?
3 - आनेवाला समय किस प्रकार के धर्म को नहीं टिकने देगा?
4 - कौन—सा कार्य देश की स्वाधीनता के विरुद्ध समझा जाएगा?
5 - पाश्चात्य देशों में धनी और निर्धन लोगों में क्या अंतर है?
6 - कौन—से लोग धार्मिक लोगों से अधिक अच्छे हैं?
1. चलते—पुरज़े लोग मूर्ख लोगों की शक्तियों और उत्साह का दुरुपयोग करते हैं। वे चाहते हैं कि इन जाहिलों के बल के आधार पर उनका नेतृत्व और बड़प्पन कायम रहे। वे अपनी वाक्पटुता के बल पर अपनी धर्म की दुकान चलाते हैं।
2. चालाक लोग साधारण आदमी के धर्म के प्रति निष्ठा, उनकी अज्ञानता, गरीबी का लाभ उठाते हैं। धर्म के दुकानदार अपनी धूर्तता से साधारण आदमी को सदा गुमराह कर उनका लाभ उठाते रहते हैं।
3. वे लोग जो दूसरों को तीसरे से लड़ाकर धर्मात्मा बनते हैं तथा जो धार्मिक होने का ढिंढोरा पिटते हैं और चोरी-छुपे असामाजिक कार्यों को अंजाम देते हैं, इस प्रकार के धर्म को आनेवाला समय नहीं टिकने देगा।
4. आपका मन जिस धर्म को मानना चाहे, उस धर्म को आप मानें, और दूसरों का मन चाहे, उस प्रकार का धर्म वह माने। दो भिन्न धर्मों के मानने वालों के टकरा जाने के लिए कोई भी स्थान न हो। यदि किसी धर्म के मानने वाले कहीं ज़बरदस्ती टाँग अड़ाते हों, तो उनका इस प्रकार का कार्य देश की स्वाधीनता के विरुद्ध समझा जाएगा।
5. पाश्चात्य देशों में, धनी लोगों की अट्टालिकाएँ आकाश से बातें करती हैं जबकि गरीबों की झोंपड़ी उनकी दरिद्रता बखान करती है। यहाँ धनी शोषक वर्ग कहलाता है और गरीब शोषित वर्ग।
6. वे ला—मज़हब और नास्तिक आदमी धार्मिक और दीनदार आदमियों से कहीं अधिक अच्छे और ऊँचे हैं, जिनका आचरण अच्छा है, जो दूसरों के सुख—दुःख का खयाल रखते हैं और जो मूर्खों को किसी स्वार्थ—सिद्धि के लिए उकसाना बहुत बुरा समझते हैं।