भूख से ज्यादा न खाएं कृत्रिम मिठास को कहें न पैकेट वाले खाने से बचें ढेर सारा पानी पीएं गैस को कम करें स्मोकिंग और ड्रिंकिंग पर लगाम नियमित व्यायाम करें
सही तरीके से चबाएं
पेट के भारीपन का सबसे आम कारण बदहजमी है। एक ऐसी समस्या, जिसकी शुरुआत भोजन को निगलने से होती है।
बचपन में हमें कहा जाता है कि हमें अपने भोजन को कम से कम 32 बार चबाना चाहिए। इसका मकसद था कि हमारा भोजन उन रसों के साथ ठीक तरह से मिल जाए, जो हमारी पचान क्रिया में सहायक हैं। लेकिन आजकल हम जल्दबाजी में भोजन को निगलते हैं, बताती हैं न्यूट्रिशनिस्ट निलांजना सिंह। वह कहती हैं, खाते समय बात करते या गम चबाने से हम हवा निगल जाते हैं, जिससे स्थिति और खराब हो सकती है। धीरे धीरे खाएं और अपने दिमाग को कम से कम 20 मिनट का समय दें यह महसूस करने के लिए कि आपने पर्याप्त भोजन कर लिया है और अब आपको जायकेदार मटन
करी के तीसरे चम्मच की जरूरत नहीं है।
अगर आप बार-बार खाती हैं, तो एसिड रीफ्लक्स (उतार-चढ़ाव) की संभावनाएं रहती हैं। यह वह स्थिति है, जहां भोजन पेट के एसिड्स और दूसरे पाचन संबंधी रस इसोफैगस यानी भोजन नलिका में बहने लगते हैं। जब एसिड रीफ्लक्स मसल्स, जो भोजन के पेट में प्रवेश करते समय खुलती हैं और फिर एसिड को पीछे की तरफ आने से रोकने के लिए बंद होती हैं, ठीक तरह से काम नहीं करती। अपनी खुराक पर नियंत्रण रखने का प्रयास करें और प्रति मील केवल एक प्रोटीन खाएं।
आयुर्वेद के अनुसार, दो भोजन के बीच कम से कम पांच घंटे का अंतराल होना चाहिए, जिससे शरीर को पाचन के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
कृत्रिम मीठे में जो आम सामग्री होती है, वह है सॉर्बिटोल जो बेहद धीमी प्रोसेस से मेटाबलाइज होता है। एक और सामग्री फ्रक्टोज जो नैसर्गिंक शक्कर को पचाना मुश्किल होता है, इसे कम करें। डायट सोडा, कृत्रिम मिठास, एनर्जी बार्स और अन्य सामग्रियां जिनमें सार्बिटॉल शामिल हों, उन्हें छोड़ दें। शक्कर के बजाय चाय में एक चम्मच गुड़
मिलाएं।
प्रोसेस्ड फूड्स में जो प्रजर्वेटिव्स, रंग और जो ऐडिटिव्स शामिल होते हैं, वो पाचन में सहायक आंत के अच्छे बैक्टीरिया को ठीक तरह से काम नहीं करने देते। इससे पेट का भारीपन और बदहजमी जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। दरअसल, भोजन में थोड़ा बहुत पोषण होता है, उसे भी ऐडिटिव्स नष्ट कर देते हैं। भोजन को उसके नेचरल रूप में ही खाएं और प्लास्टिक में लिपटे, ललचाने वाले भोजन से ही दूर ही रहें।
शरीर में पानी का
जमाव भी ब्लॉटिंग से संबंधित हो सकता है। पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने से यह समस्या हो सकती है। पानी की कमी महसूस कर शरीर पानी इकट्ठा करने लगता है। पानी के अणु सोडियम के साथ मिल जाते हैं और शरीर के अंदर रह जाते हैं। शरीर में नमी का स्तर बनाए रखें, ताकि आपका शरीर पानी के साथ टॉक्सिंस भी बाहर निकाल सके।
कोला और अन्य कार्बनेटेड ड्रिंक्स शरीर में गैस भरते हैं। कार्बनेटेड ड्रिंक्स के बजाय ताजा निचोड़े गए फलों के रस, नारियल पानी, छाछ या जलजीरा का एक बड़ा गिलास
खाने के साथ पीएं।
अध्ययन बताते हैं कि धूम्रपान करने वाले लोग सांस में ज्यादा हवा खींचते हैं, जो उनके शरीर में गैस इकट्ठा होने की संभावनाओं को बढ़ा देता है। अगर आप स्मोकिंग और ड्रिकिंग पूरी तरह नहीं छोड़ सकते, तो इन पर लगाम कसें।
जब आप कब्ज से पीड़ित होते हैं, तो निचली आंत में अपशिष्ट इकट्ठा होने लगता है, जिससे आंत में ज्यादा गैस रिलीज होती है। एक्सर्साइज या किसी भी प्रकार की गतिविधि मांसपेशियों
को शिथिल कर समस्या को कम कर सकती है। पानी पीतीं रहें और फाइबर्स का सेवन खूब करें।
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garima singh |
नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 18 Nov 2020, 10:22 am
खाना खाने के बाद पेट में भारीपन होता है तो इन आसान तरीकों को अपनाकर यह समस्या दूर की जा सकती है...
जैसी हर्बल चीजों का उपयोग करना चाहिए। ये आपके पेट को फूलने से रोकती हैं और आपको भोजन पचाने में भी सहायता करती हैं। इससे आपको पेट में भारीपन की समस्या नहीं होगी। ये तीन तो ऐसे उपाय हैं जिन्हें अपनाकर आप अपनी समस्या से तुरंत राहत पा सकते हैं। इनके अतिरिक्त दो और सामान्य उपाय हैं, जिन्हें लंबे समय तक अपनाकर आप अपनी इस समस्या को जड़ से खत्म कर सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार यह है मूली खाने का सही समय
- हरड़
- सौंफ के साथ मिश्री
- हरी इलायची
पाचन शक्ति को बढ़ाने में सहायक है शहद
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शहद का सेवन करें
-शहद बहुत अच्छी और सर्वगुण संपन्न औषधि मानी जाती है। शहद जितना स्वादिष्ट होता है, सेहत के लिए उतना ही लाभकारी भी होता है। पेट में भारीपन की समस्या को दूर करने के लिए भी आप शहद का उपयोग कर सकते हैं।
-इस समस्या से बचने के लिए आप दिन में दो बार और अधिक से अधिक तीन बार यानी तीनों प्रहर (सुबह-दोपहर-शाम) में दो-दो चम्मच शहद का सेवन करें। मात्र 7 से 15 दिन के अंदर आप अपनी सेहत और पाचन में कई तरह के सुधारों का अनुभव करेंगे।
-ध्यान रखें कि यदि आपको डायबिटीज की समस्या है तो इस उपाय को ना अपनाएं। बल्कि अपनी समस्या के समाधान के लिए इलायची या हरड़ का सेवन करें। लाभ ना होने पर डॉक्टर से परामर्श करें।
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पेट का भारीपन दूर करती है हरड़
अलसी के बीजों का सेवन
-अलसी के बीज 3 से 4 घंटे भिगोने के बाद सोने से पहले पी लें। इससे आपका पेट के सुबह के समय ठीक से साफ होगा। जब आपका पेट ठीक से साफ होने लगेगा तो पाचन अपने आप बेहतर हो जाएगा।
-जिन लोगों की पाचन शक्ति सही तरीके से काम करती है, उन्हें भोजन के बाद पेट में भारीपन की समस्या नहीं होती है। इसलिए आप अपनी पाचन शक्ति को बेहतर करने के लिए अलसी के बीजों का उपयोग यहां बताई गई विधि से कर सकते हैं। Indigestion And Gas: बदहजमी से राहत दिलाती है स्वादिष्ट हरड़, भोजन के बाद इस तरह खाएं
आयुर्वेद के अनुसार यह है मूली खाने का सही समय
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