राजा शांतनु के बाद हस्तिनापुर के सिंहासन पर कौन बैठा - raaja shaantanu ke baad hastinaapur ke sinhaasan par kaun baitha

पैरागान  कान्वेंट स्कूल

सैक्टर – 24 बी ,चंडीगढ़       

कक्षा – आठवीं  ( हिंदी कार्यपत्रिका )

बाल  – महाभारत

पाठ – 1

प्रश्न / उत्तर

प्रश्न-1  किसने राजा शांतनु को अपने सौंदर्य और नवयौवन से मोह लिया?

उत्तर-  गंगा ने राजा शांतनु को अपने सौंदर्य और नवयौवन से मोह लिया ।

प्रश्न-2   पैदा होते ही गंगा अपने पुत्रों से साथ क्या किया करती थी?

उत्तर-  पैदा होते ही गंगा अपने पुत्रों को नदी की बहती हुई धारा में फेंक दिया करती थी ।

प्रश्न-3 गंगा को पुत्रों को नदी में फेंकता देख कर भी राजा शांतनु कुछ क्यों नहीं कर पाते थे?

उत्तर –  राजा शांतनु ने गंगा को वचन दिया था जिसके कारण वह सब कुछ देखकर भी मन मसोस कर रह जाते थे ।

प्रश्न-4   गंगा राजा शांतनु को छोड़ कर वापस क्यों चली गई?

उत्तर –  राजा शांतनु ने गंगा को अपने आंठवे बच्चे को फेंकने से रोक कर अपना वचन तोड़ दिया था इसलिए गंगा उन्हें छोड़ कर वापस चली गयी ।

प्रश्न-5   भीष्म पितामह कौन थे?

उत्तर –  गंगा और राजा शांतनु के आंठवे पुत्र देवव्रत थे जो आगे चलकर भीष्म पितामह के नाम से विख्यात हुए ।

प्रश्न-6   सूत जी के द्वारा बुलाई गयी सभा के अध्यक्ष कौन थे?

उत्तर –  सूत जी के द्वारा बुलाई गयी सभा के अध्यक्ष महर्षि शौनक थे ।

प्रश्न-7   एक दिन राजा शांतनु शिकार खेलते-खेलते गंगा के तट पर चले गए तब उन्होंने वहाँ क्या देखा?

उत्तर –  उन्होंने वहाँ देखा कि एक सुंदर और गठीला युवक गंगा की बहती हुई धारा पर बाण चला रहा था और उसके बाणों के बौछार से गंगा की प्रचंड धारा एकदम रुकी हुई थी ।

प्रश्न-8   देवव्रत के गुणों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर –  देवव्रत ने शिक्षा महर्षि वसिष्ठ से ली थी । शास्त्र ज्ञान में शुक्राचार्य और रण कौशल में परशुराम ही उनका मुकाबला कर सकते थे । यह जितने कुशल योद्धा थे उतने ही चतुर राजनीतिज्ञ थे।

बाल  – महाभारत

पाठभीष्मप्रतिज्ञा

प्रश्न / उत्तर

प्रश्न-1  राजा शांतनु क्यों प्रसन्न थे?

उत्तर-  राजा शांतनु देवव्रत को पुत्र के रूप में पाकर प्रसन्न थे।

प्रश्न-2   राजा शांतनु ने यमुना तट पर क्या देखा?

उत्तर-  राजा शांतनु ने यमुना तट पर अप्सरा-सी सुंदर एक तरुणी को देखा जिसका नाम सत्यवती था।

प्रश्न-3 सत्यवती को देखकर राजा शांतनु के मन में क्या विचार आया?

उत्तर –  सत्यवती को देखकर राजा शांतनु के मन में उन्हें अपनी पत्नी बनाने की इच्छा हुई।

प्रश्न-4   केवटराज की क्या सर्त थी?

उत्तर –  केवटराज की शर्त थी कि राजा शांतनु के बाद हस्तिनापुर का राज सिंहासन सत्यवती के पुत्र को मिले।

प्रश्न-5   राजा शांतनु क्यों चिंतित थे?

उत्तर –  राजा शांतनु इसलिए चिंतित थे क्योंकि वह सत्यवती से विवाह करना चाहते थे पर सत्यवती के पिता केवटराज ने जो शर्त रखी वो अनुचित थी।

प्रश्न-6   देवव्रत को पिता शांतनु के चिंतित होने का कारण किस प्रकार पता चला?

उत्तर –  देवव्रत को पिता शांतनु के चिंतित होने का कारण उनके सारथी से पूछताछ करने से पता चला।

प्रश्न-7   देवव्रत का नाम भीष्म क्यों पड़ा?

उत्तर –  देवव्रत का नाम भीष्म इसलिए पड़ा क्योंकि उन्होंने आजन्म ब्रह्मचारी रहने की कठोर प्रतिज्ञा की थी।

प्रश्न-8   सत्यवती और शांतनु के कितने पुत्र हुए?

उत्तर –  सत्यवती और शांतनु के दो पुत्र हुए – चित्रांगद और विचित्रवीर्य।

प्रश्न-9   राजा शांतनु के बाद कौन हस्तिनापुर के सिहांसन पर बैठा?

उत्तर –  राजा शांतनु के बाद चित्रांगद हस्तिनापुर के सिहांसन पर बैठा।

प्रश्न-10   चित्रांगद के युद्ध में मारे जाने के बाद हस्तिनापुर की राजगद्दी किसे दी गयी?

उत्तर –  चित्रांगद के युद्ध में मारे जाने के बाद हस्तिनापुर की राजगद्दी विचित्रवीर्य को दी गयी।

प्रश्न-11   विचित्रवीर्य की कितनी रानियाँ थीं? उनके नाम लिखें।

उत्तर –  विचित्रवीर्य की दो रानियाँ थीं – अंबिका और अंबालिका

प्रश्न-12   अंबिका और अंबालिका के पुत्रों के नाम लिखें।

उत्तर –  अंबिका के पुत्र थे धृतराष्ट्र और अंबालिका के पुत्र थे पांडु ।

शांतनु क्षत्रिय राजा
Information
उपाधिक्षत्रिय राजा
परिवारकुरुवंश, भरतवंश
जीवनसाथीगंगा, सत्यवती
पुत्रभीष्म, चित्रांगद, विचित्रवीर्य

चित्र:Satyavati शांतनु महाभारत के एक प्रमुख पात्र हैं। वे कृष्ण से बडे थे कृष्ण का जन्म 3112 ईपू. हुआ था अतः ये उनसे एक या दो पीढी बडे थे । हस्तिनापुर के क्षत्रिय राजा प्रतीप के पुत्र थे। उनका विवाह गंगा से हुआ था। देवी गंगा से देवव्रत नाम का पुत्र हुआ। यही देवव्रत आगे चलकर महाभारत के प्रमुख पात्र भीष्म के नाम से जाने गए। शान्तनु का दूसरा विवाह निषाद कन्या सत्यवती से हुआ था। इस विवाह को कराने के लिए ही देवव्रत ने राजगद्दी पर न बैठने और आजीवन कुँवारा रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की जिसके कारण उनका नाम भीष्म पड़ा। सत्यवती के चित्रांगद और विचित्रवीर्य नामक दो पुत्र हुए।

राजा शांतनु के बाद कौन हस्तिनापुर के सिंहासन पर बैठा?

चित्रांगद और विचित्रवीर्य के बालकाल में ही राजा शांतनु की मृत्यु हो गई. बड़े होने के बाद चित्रांगद हस्तिनापुर की राज गद्दी में बैठे और गन्धर्वों के साथ युद्ध के दौरान मारे गए. चित्रांगद के बाद हस्तिनापुर के राजा बने सत्यवती के दूसरे पुत्र विचित्रवीर्य.

युधिष्ठिर के बाद हस्तिनापुर का राजा कौन था?

युधिष्ठिर के बाद भीम को हस्तिनापुर का उत्तराधिकारी भी घोषित किया गया। इसके अलावा कई लोगों को ये नहीं पता कि अर्जुन और नकुल, सहदेव को क्या मिला।

हस्तिनापुर की राजगद्दी पर बैठने के लायक कौन था?

उत्तर: शांतनु के बाद हस्तिनापुर के सिंहासन पर चित्रांगद बैठा। उसके युद्ध में मारे जाने के बाद विचित्रवीर्य ने राजगद्दी सँभाली।

केवट राज ने राजा शांतनु के सामने कौन सी शर्त रखी?

किन्तु केवट राज की शर्त है कि उनकी पुत्री की सन्तान ही राज्य की उत्तराधिकारी बने, जो राजा को स्वीकार्य नहीं।''