राज्य शासन की घोषणा के बाद नवगठित मोहला-मानपुर-चौकी को जिले का स्वरूप देने अपनी ओर से प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है। नए जिले के प्रस्तावित नक्शे के साथ पहला प्रपोजल राज्य शासन को भेज दिया गया है। नया जिला उत्तर बस्तर कांकेर के पखांजुर, दुर्गकोंदल, धनोरा महाराष्ट्र, तहसील डौंडी, डौंडीलोहारा और महाराष्ट्र के कोरची से घिरा होगा। Show प्रस्तावित नए जिले मोहला-मानपुर-चौकी की कुल आबादी 2 लाख 83 हजार 947 होगी। इसमें नौ थाने शामिल किए गए हैं। 185 पंचायतों में कुल 499 गांवों को नए जिले में शामिल किया जाएगा। वर्तमान में राजनांदगांव की आबादी (जनगणना 2011 के अनुसार) 15 लाख 37 हजार 133 है। जिले के विभाजन के बाद राजनांदगांव जिले की आबादी घटकर 12 लाख 53 हजार 186 हो जाएगी। नए जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल दो लाख 14 हजार 667 हेक्टेयर होगा। क्षेत्रफल के लिहाज से सबसे बड़ा ब्लॉक मानपुर होगा। यहां का भौगोलिक क्षेत्रफल 89619 हेक्टेयर रहेगा। मोहला का 70301 व अंबागढ़ चौकी का क्षेत्रफल 54747 हेक्टेयर होगा। जनसंख्या के हिसाब से चौकी ब्लॉक बड़ा होगा।
खुज्जी के 68 मतदान केंद्र नए जिले में शामिल होंगे नवगठित जिले में 78-मोहला-मानपुर विधानसभा के सभी 237 बूथों को शामिल किया गया है। जबकि खुज्जी विधानसभा के 25 फीसदी बूथ नए जिले में शामिल होंगे। बताया गया कि 77-खुज्जी विधानसभा के 260 में से 68 बूथों को नए जिले में शामिल किया जाएगा। ये बूथ अंबागढ़ चौकी से लगे हुए हैं। खुज्जी विधानसभा के 68 बूथों को नए जिले में भेजने की तैयारी है। अब दूरी की दिक्कत नहीं होगी, सुविधाएं भी बढ़ेंगी फिलहाल जिला मुख्यालय से मानपुर तक जाने में 100 किमी लगते हैं। अब मोहला मुख्यालय होगा तो चौकी जाने 25 किमी और मानपुर जाने मोहला से उतनी ही दूरी तय करनी होगी। विकास भी तेजी से होगा और नक्सलवाद से मुक्ति भी मिलेगी। मोहला-मानपुर-चौकी नए जिले में कुल नौ थाने होंगे। इसमें चौकी ब्लॉक में अंबागढ़ चौकी और चिल्हाटी, मोहला में मोहला थाना और मानपुर ब्लॉक में खड़गांव, मानपुर, कोहका, सीतागांव, मदनवाड़ा और औंधी थाने शामिल होंगे। इनमें ज्यादातर थानों में आईटीबीपी का बेस कैंप भी स्थापित है। जहां से पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ लड़ने में काफी सफलता भी मिल रही है। आगे और सुविधाएं बढ़ेंगी। 63.27 की आबादी अनुसूचित जनजाति की कुल जनसंख्या के हिसाब से अनुसूचित जनजाति नवगठित जिले में एक लाख 79 हजार 662 आबादी यानि कुल 63.27 फीसदी जनजाति की ही है। ये सबसे ज्यादा मानपुर में है। यहां 74.39 फीसदी आबादी जनजाति की है। इनकी संख्या 65 हजार 926 है। वहीं चौकी में 52 हजार 786 और मोहला में 60 हजार 950 आबादी जनजाति की है। चौकी में 48.73 और मोहला में 70.06 फीसदी आबादी इन्हीं की है। नगरीय निकाय सिर्फ एक है, ये और बढ़ सकते हैं नवगठित जिले में नगरीय निकाय सिर्फ एक है। यहां अंबागढ़ चौकी में ही नगर पंचायत है। जबकि मोहला और मानपुर में फिलहाल जनपद पंचायत हैं। आने वाले समय जिला गठित होने के बाद इस दिशा में भी नगरीय निकाय बढ़ाने प्रयास किए जाएंगे। इसका लाभ शहरी क्षेत्र के लोगों को मिलेगा। जिले में 226 कोटवार और 446 पटेल हैं। आबादी ग्राम 494, वीरान ग्राम 3 और डुबान ग्राम मात्र 2 रहेंगे। नगर पंचायत की इस दौड़ में रूर्बन मिशन में शुमार ग्राम पंचायत कुण्डा, इंदौरी और दशरंगपुर शामिल है। तीनों ही मुख्य सड़कों से जुड़े हुए हैं। यहां पुलिस चौकी और थाना है। व्यवसायिक मार्केट, स्कूल, अस्पताल, बैंक और पोस्ट ऑफिस की सुविधाएं मौजूद हैं। यदि आश्रित गांवों को मिला दें, तो इन पंचायतों की आबादी करीब 10 हजार है। वैसे नगर पालिका एक्ट 1961 की धारा- 5 की उपधारा- 2 में 5 हजार से अधिक और 20 हजार से कम जनसंख्या वाले गांव को नगर पंचायत के रूप में गठन करने का प्रावधान है। होगा अपग्रेडेशन उन पंचायतों पर एक नजर, जिनके नगर बनने की संभावनाएं ज्यादा है आश्रित गांव आबादी बड़े रगरा 1114 छोटे रगरा 872 (तीनाें ग्राम पंचायत की जनसंख्या जनगणना 2011 के अनुसार है। वर्तमान में आबादी घट-बढ़ भी सकती है।) फायदे: गांवों के नगर में बदल जाने से यहां शहरों की तरह सुविधाएं डेवपल हो सकेगी। नगर का विकास करने के लिए अलग से सेटअप होगा। गांव से नगर बनने के नफा-नुकसान को समझें ग्राम पंचायत कुण्डा नुकसान: शहरी सुविधाएं मिलने पर टैक्स के रूप में लोगों की जेब ढीली होगी। संपत्ति कर, समेकित कर और जलकर भुगतान करना पड़ेगा। इसे सुनेंरोकेंराजनांदगांव प्राचीन भारत के उन क्षेत्रों में से एक थे जो पहले के दिनों में प्रकाश में नहीं आए थे। शहर पर प्रसिद्ध राजवंशों जैसे सोमवंशी, कालचुरी बाद में मराठा पर शासन किया गया था। हालांकि, शहर का इतिहास हटाना नहीं है। भारत के अन्य हिस्सों की तरह, राजनंदगांव भी एक संस्कृति केंद्रित शहर था। राजनांदगांव की स्थापना कब हुई?इसे सुनेंरोकेंजिला राजनांदगांव 26 जनवरी 1973 को तात्कालिक दुर्ग जिले से अलग हो कर अस्तित्व में आया। रियासत काल में राजनांदगांव एक राज्य के रूप में विकसित था एवं यहाँ पर सोमवंशी, कलचुरी एवं मराठाओं का शासन रहा। पूर्व में यह नंदग्राम के नाम से जाना जाता था। पढ़ना: महिला शब्द का बहुवचन रूप क्या होगा? राजनांदगांव जिले में कितने गांव है? इसे सुनेंरोकेंराजनांदगांव जिले में 1649 गांव है जो की, छत्तीसगढ़ में कुल ग्रामों की संख्या का 4.09 प्रतिशत है और भारत में कुल गांव का 0.27 प्रतिशत के लगभग है। छोटे रियासत का राजा को क्या कहते हैं? इसे सुनेंरोकेंरियासत ब्रिटिश राज के दौरान हिन्दुस्तान में हिन्दू राजा-महाराजाओं व मुस्लिम शासकों जिन्हें आम बोलचाल की भाषा में नवाब कहा जाता था, के स्वामित्व में स्वतन्त्र इकाइयों को कहा जाता था। राजनांदगांव में कितनी तहसील है?Information about Rajnandgaon in Hindi नामराजनांदगांवविधायकश्री शिवशंकर पिक्रा, बीजेपीउपखंडों की संख्या5तहसील की संख्या9गांवों की संख्या1649राजनांदगांव जिला में सबसे बड़ा गांव कौन सा है?क्रं.निवेश क्षेत्र का नामनिवेश क्षेत्र गठन की अधिसूचना का दिनांक1231राजनांदगांव25.05.19742डोगरगांव16.02.20073खैरागढ़02.02.2007छत्तीसगढ़ का राजा कौन था? इसे सुनेंरोकेंकलिंगराज के पौत्र रत्नराज ने रतनपुर बसाया और उसे अपनी राजधानी बना बना लिया। रतनपुर के हैहय वंशी कनिष्ठ राजकुमार ‘राय रामचन्द्र’ ने शिवनाथ के दक्षिण में आकर रायपुर नगर बसाया और उसे अपनी राजधानी बना कर राज्य करने लगे। राजनांदगांव जिले में कुल कितने गांव हैं?गांव और पंचायत. राजनांदगांव में कितने ग्राम पंचायत है?इसमें राजनांदगांव जिले की तहसीलों का नाम भी हो सकता है। क्योंकि जिले की सर्वे रिपोर्ट जिला प्रशासन ने राज्य शासन को भेज दी है। जिले की 802 ग्राम पंचायतों में प्रशासन की टीम ने सर्वे किया।
राजनांदगांव का नया कलेक्टर कौन है?श्री डोमन सिंह (आई. ए.एस.)
राजनांदगांव के राजा कौन थे?ब्रिटिशकालीन राजनांदगांव
राजनांदगांव अंग्रेजों के आने तक जीने के लिए एक सक्रिय स्थान था। 1865 में, अंग्रेजों ने तत्कालीन शासक महंत घासी दास को राजनांदगांव के शासक के रूप में मान्यता दी।
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