महात्मा गाँधी ने किसानों की शिकायत दूर करने के लिए एक पत्र महाराणा को लिखा, पर कोई हल नहीं निकला। पथिक जी ने बम्बई यात्रा के समय गाँधी जी की पहल पर यह निश्चय किया गया कि वर्धा से 'राजस्थान केसरी' नामक समाचार पत्र निकाला जाये। 'राजस्थान केसरी' पत्र सारे देश में लोकप्रिय हो गया,
परन्तु पथिक जी और जमनालाल बजाज की विचारधाराओं ने मेल नहीं खाया और वे वर्धा छोड़कर अजमेर आ गए। तब 1920 ई. में इसका कार्यालय अजमेर स्थानान्तरित किया गया। इस संस्था ने राजनीतिक चेतना के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। 'राजस्थान सेवा संघ' का मुख्य उद्देश्य जनता में राजनीतिक चेतना जागृत करना और उनकी कठिनाइयों को दूर करना था। सदस्यता -राजस्थान सेवा संघ में दो प्रकार की सदस्यता मिलती थी। - प्रथम वे सदस्य जो आजीवन लोगों की सेवा करते और अपनी निजी सम्पत्ति भी संघ को सौंप देते थे। पथिक, चौधरी व किंकर इसके ऐसे ही सदस्य थे। पथिक जी संघ के अध्यक्ष बने। - दूसरी श्रेणी की सदस्यता अल्पकालिक थी, जिनमें शेखावाटी के लादूराम जोशी, बिजोलिया के माणिक्य लाल वर्मा, ब्यावर के शोभालाल गुप्त आदि थे। राजस्थान सेवा संघ के मुख्य कार्य-
पंचायतों का गठन- उक्त कार्यों हेतु ठिकानों में राजस्थान सेवा संघ के प्रतिनिधि के नेतृत्व में पंचायतों का गठन कर स्थानीय लोगों की माँगे ठिकानेदार के समक्ष प्रस्तुत की जाती थी। सुनवाई नहीं होने पर लोग संघ के नेतृत्व में सत्याग्रह करते थे। जयपुर, जोधपुर, बूंदी, सीकर, खेतड़ी, कोटा आदि में राजस्थान सेवा संघ की शाखाऐं खोली गई। संघ ने राजनैतिक व सामाजिक जनजागृति के लिए ‘नवीन राजस्थान‘ नामक पत्र का प्रकाशन भी शुरू किया। किन्तु जब ब्रिटिश सरकार द्वारा नवीन राजस्थान समाचार पत्र पर प्रतिबंध लगा दिया गया तो उसके बाद यह समाचार पत्र 'तरुण राजस्थान' के नाम से निकाला गया। किसान आन्दोलनों को नेतृत्व- राजस्थान सेवा संघ की समाप्ति -1928 ई. में चौधरी व पथिक में आपसी मतभेद के कारण यह राजस्थान सेवा संघ समाप्त हो गया तथा इसके सदस्य स्थानीय कांग्रेस कमेटी में शामिल हो गये। इस संस्था के प्रयासों से सैकडों कृषकों को राजा व जागीरदारों के अत्याचारों से राहत मिली तथा कृषक आन्दोलन को बल मिला। साथ ही जनता में राजनैतिक जागृति बढ़ानें में भी सहायता मिली। राजस्थान में सेवा संघ के मुख्य उद्देश्य क्या थे?उद्देश्य और नीति
समाज में नैतिक मूल्यों की स्थापना और समय मानव व्यक्तित्व का विकास करना संघ की बुनियादी नीति होगी।
राजस्थान में सेवा संघ की स्थापना कब की गई?राजस्थान लोक सेवा आयोग की स्थापना दिनांक 22 दिसम्बर, 1949 को हुयी थी । नारायण राव समिति की सिफारिश पर जयपुर से अजमेर स्थानांतरित किया गया था।
विजय सिंह पथिक ने किसकी प्रेरणा से राजस्थान सेवा संघ की स्थापना की?पथिक ने बम्बई यात्रा के समय गांधीजी की पहल पर यह निश्चय किया गया कि वर्धा से राजस्थान केसरी नामक पत्र निकाला जाये। पत्र सारे देश में लोकप्रिय हो गया, परन्तु पथिक का जमनालाल बजाज की विचारधारा से मेल नहीं खाया और वे वर्धा छोड़कर अजमेर चले गए। 1920 में पथिक के प्रयत्नों से अजमेर में राजस्थान सेवा संघ की स्थापना हुई।
राजस्थान सेवा संघ के अध्यक्ष कौन थे?पथिक, चौधरी व किंकर इसके ऐसे ही सदस्य थे। पथिक जी संघ के अध्यक्ष बने।
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