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राष्ट्रगीत को कितने समय में गाया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंराष्ट्रगान को गाने की अवधि लगभग 52 सेकेंड है. कुछ मौकों पर इसे संक्षिप्त रूप में भी गाया जाता है, जिसमें पहली और आखिरी पंक्तियां ही बोली जाती हैं और इसमें करीब 20 सेकेंड का वक्त लगता है. पिछले साल अमिताभ बच्चन की एक वीडियो जारी की गई थी, जिसे राष्ट्रगान के लेखक रवीन्द्रनाथ टैगोर की याद में बनाया गया था.
डांस सीखने के लिए कितना पैसा लगता है?
इसे सुनेंरोकेंअगर आप किसी सरकारी संस्था से डांस की ट्रेनिंग ले रहे है तो बहुत ही कम फीस में आप डिग्री या डिप्लोमा कोर्स कर सकते है। इसके अलावा आप किसी प्राइवेट संस्था से डांस की ट्रेनिंग ले रहे है तो इसकी फीस 25 हजार से लेकर 1 लाख रूपये तक हो सकती है।
राष्ट्रगान के लेखक कौन है?
इसे सुनेंरोकेंगुरुदेव टैगोर ने राष्ट्रगान ‘जन गण मन..’ की रचना की। पहले उन्होंने इसे एक बंगाली कविता के रूप में लिखा था। 27 दिसम्बर 1911 को कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की एक सभा में इसे पहली बार गाया गया था।
वंदे मातरम योजना क्या है?
इसे सुनेंरोकेंप्रधानमंत्री वंदे मातरम योजना के तहत जो महिला पहली बार गर्भवती हुई है, वैसे महिलाओं को इस योजना के तहत पांच हजार रुपए मिलने का प्रावधान है। इस योजना के तहत प्रत्येक आंगनबाड़ी से 11 गर्भवती महिलाओं को पांच पांच हजार रुपए खाता में दिये जाने का प्रावधान है। इसके लिये आंगनबाड़ी केन्द्र पर एएनएम द्वारा जांच की जायेगी।
राष्ट्रीय गीत कब लिखा गया?
इसे सुनेंरोकेंबता दें, राष्ट्रगान साल 1905 में बंगाली में लिखा गया था. 27 दिसंबर 1911 को पहली बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की कोलकाता (तब कलकत्ता) सभा में गाया गया था. उस समय बंगाल के बाहर के लोग इसे नहीं जानते थे. संविधान सभा ने जन गण मन को भारत के राष्ट्रगान के रूप में 24 जनवरी 1950 को अपनाया.
डांस सीखने के लिए क्या करना पड़ता है?
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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Updated Tue, 14 Aug 2018 02:35 AM IST
इसलिए 'वंदे मातरम्' को नहीं मिला राष्ट्रगान का दर्जा, जानिए 'राष्ट्रीय गीत' और 'राष्ट्रगान' में अंतर
'राष्ट्रगान' और 'राष्ट्रीय गीत' किसी भी देश की वो धरोहर होती हैं, जिससे उस राष्ट्र की पहचान जुड़ी हुई होती है। प्रत्येक राष्ट्र के 'राष्ट्रगान' और 'राष्ट्रीय गीत' की भावनाएं भले ही अलग हों, लेकिन अंतत: इससे राष्ट्रभक्ति की भावना की ही अभिव्यक्ति होती है। स्वतंत्रता दिवस की 72वीं वर्षगांठ के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं भारत के 'राष्ट्रगान' और 'राष्ट्रीय गीत' के बारे में, जिससे देश के अधिकतर लोग अभी भी अंजान हैं या दोनों में फर्क नहीं कर पाते हैं। तो चलिए सबसे पहले जानते हैं भारत के राष्ट्रगान के बारे में...
क्या है भारत का राष्ट्रगान
जन-गण-मन अधिनायक जय हे
भारत भाग्य विधाता।
पंजाब-सिंधु-गुजरात-मराठा
द्राविड़-उत्कल-बंग
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा
उच्छल जलधि तरंग
तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशीष मांगे
गाहे तव जय-गाथा।
जन-गण-मंगलदायक जय हे भारत भाग्य विधाता।
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।
यह भारत का राष्ट्रगान है, जिसे अनेक अवसरों पर बजाया या गाया जाता है। इसकी रचना प्रख्यात कवि रविंद्रनाथ टैगोर ने की थी। यह मूल रूप से बांग्ला भाषा में लिखा गया था, लेकिन बाद में इसका हिंदी और अंग्रेजी में भी अनुवाद कराया गया और संविधान सभा द्वारा 24 जनवरी, 1950 को इसे स्वीकार किया गया।
रविंद्रनाथ टैगोर ने राष्ट्रगान की रचना वर्ष 1911 में ही कर ली थी। इसे पहली बार 27 दिसंबर, 1911 को कोलकाता (तत्कालीन कलकत्ता) में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बैठक में गाया गया था। राष्ट्रगान के पूरे संस्करण को गाने में कुल 52 सेकेंड का समय लगता है।
राष्ट्रगान बजते समय ये सावधानी बरतना न भूलें
अधिकतर लोगों को नहीं पता होता कि राष्ट्रगान बजते समय क्या सावधानी बरतनी चाहिए। दरअसल, राष्ट्रगान जब भी कहीं बजाया जाता है तो देश के प्रत्येक नागरिक का ये कर्तव्य होता है कि वो अगर कहीं बैठा हुआ है तो उस जगह पर खड़ा हो जाए और सावधान मुद्रा में रहे। साथ ही नागरिकों से ये भी अपेक्षा की जाती है कि वो भी राष्ट्रगान को दोहराएं।
क्या है राष्ट्रगान 'जन-गण-मन' का अर्थ
राष्ट्रगान वैसे तो मूल रूप से बांग्ला भाषा में लिखा गया था, जिसमें सिंध का भी नाम था। लेकिन बाद में इसमें संशोधन कर सिंध की जगह सिंधु कर दिया गया, क्योंकि देश के विभाजन के बाद सिंध पाकिस्तान का एक अंग हो चुका था।
राष्ट्रगान के अंग्रेजी संस्करण से अगर हम इसे हिंदी में अनुवादित करें तो इसका मतलब होता है...
'सभी लोगों के मस्तिष्क के शासक, कला तुम हो,
भारत की किस्मत बनाने वाले।
तुम्हारा नाम पंजाब, सिन्धु, गुजरात और मराठों के दिलों के साथ ही बंगाल, ओडिसा, और द्रविड़ों को भी उत्तेजित करता है,
इसकी गूंज विन्ध्य और हिमालय के पहाड़ों में सुनाई देती है।
गंगा और जमुना के संगीत में मिलती है और भारतीय समुद्र की लहरों द्वारा
गुणगान किया जाता है।
वो तुम्हारे आशीर्वाद के लिये प्रार्थना करते हैं और तुम्हारी प्रशंसा के गीत गाते हैं।
तुम्हारे हाथों में ही सभी लोगों की सुरक्षा का इंतजार है,
तुम भारत की किस्मत को बनाने वाले।
जय हो जय हो जय हो तुम्हारी।'
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