माना `sqrt5` एक परिमेय संख्या `a/b` के रुप की है, जहाँ b ≠ 0
माना `sqrt5 = a/b`
दोनों तरफ़ वर्ग करने पर,
`(sqrt5)^2 = (a/b)^2`
⇒ `5 = a^2/b^2`
⇒ a2 = 5b2 ....................(1)
यदि a2, 5 से विभाज्य है तो a भी 5 से विभाज्य होगा।
माना a = 5k, जहाँ k कोई पूर्णान्क है।
दोनों तरफ़ वर्ग करने पर,
⇒ `a^2 = (5k)^2`
समीकरण (1) में मान रखने पर
⇒ `b^2 = 5k^2` ..............(2)
यदि b2, 5 से विभाज्य है तो b भी 5 से विभाज्य होगा।
समीकरण (1) एवं (2) से हम कह सकते है कि a और b दोनों 5 से विभाज्य है।
यह हमारी धारणा के विपरीत है।
इसलिये हम कह सकते है कि `sqrt5` एक अपरिमेय संख्या है।
Solution : माना `sqrt(5)` एक परिमेय संख्या है।
माना `sqrt(5)=a/b` जहां `b!=0` तथा `a` और `b` पूर्ण संख्याएं हैं
जिनका 1 के अतिरिक्त कोई अभाजय गुणनखण्ड सार्वनिष्ठ नहीं है।
अब `sqrt(5)=1/bimpliesa=bsqrt(5)impliesa^(2)=5b^(2)`…………………1
अब`5b^(2),5` से विभाज्य है।
`impliesa^(2),5` से विभाज्य है।
`impliesa,5` से विभाज्य है।
माना `a=5cimpliesa^(2)=25c^(2)`
`implies5b^(2)=25c^(2)` समी0 1 से
`impliesb^(2)=5c^(2)`
अब`5c^(2),5` से विभाज्य है।
`impliesb^(2),5` से विभाज्य है।
`impliesb,5` से विभाज्य है।
`:.5,a` और `b`का सार्वनिष्ठ अभाज्य गुणनखण्ड है।
यह हमारी पूर्व धारणा के विपरीत है।
`:.` हमारी कल्पना गलत है।
अर्थात `sqrt(5)` एक अपरिमेय संख्या है। यही सिद्ध करना था।
Q.45: सिद्ध कीजिए कि √5 एक अपरिमेय संख्या है।
Answer:
उत्तर: सबसे पहले इसका उलटा मान लेते हैं; यानि मान लेते हैं कि √5 एक परिमेय संख्या है।
ऐसी संख्या के लिये a और b दो ऐसी संख्या होंगी जहाँ b ≠ 0 तथा a और b प्राइम होंगे, ताकि;
√5= a/b
या, b√5=a
दोनों तरफ का वर्ग करने पर यह समीकरण मिलता है;
5b2 = a2
इसका मतलब है कि a2, 5 से डिविजिबल होगा और इसलिये a भी 5 से डिविजिबल होगा।
लेकिन यह हमारी पहले के मान का विरोधी है कि a और b कोप्राइम हैं, क्योंकि हमें 5 के रूप में a और b का कम से कम एक कॉमन फैक्टर मिल गया है।
यह हमारे पहले मानी हुई संभावना कि b√5 प्रमेय संख्या है का भी विरोधाभाषी है।
इसलिए एक b√5 अप्रमेय संख्या है सिद्ध हुआ।