- होम
- वीडियो
- सर्च
- वेब स्टोरीज
- ई-पेपर
- होम
- वीडियो
- सर्च
- वेब स्टोरीज
- ई-पेपर
- Hindi News
- ये है कड़कनाथ मुर्गा, अंडे से लेकर मीट तक होता है काला, पर स्वाद जबरदस्त
ये है कड़कनाथ मुर्गा, अंडे से लेकर मीट तक होता है काला, पर स्वाद जबरदस्त
चंडीगढ़. कड़कनाथ मुर्गा पूरी तरह से काला होता है, भारत में ही पाए जाने वाले इस मुर्गे की मांग काफी है, क्योंकि इसकी मुर्गी का एक अंडा 50 रुपए तक बिकता है। इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट में कड़कनाथ मुर्गे को कैसे बनाया जाए इस पर डेमो सेशन हुआ। पंख से लेकर मीट तक सब काला है...
- कड़कनाथ के पंख से लेकर मीट तक सब काला है। यहां तक की हड्डियां भी। मिलता भी सिर्फ देश में एक ही जगह से है, जो मध्य प्रदेश की भील प्रजाति पालती है। स्वाद से लेकर रेट तक सब कड़क है, इसलिए इसे कहते है कड़कनाथ मुर्गा।
- इसे बनाने से लेकर खाने तक में रेगुलर से अलग तकनीक इस्तेमाल होती है। इसी तकनीक को बताया गया था, इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, पंजाब यूनिवर्सिटी में। जहां शेफ लाइव डेमो से तीन तरह से कड़कनाथ मुर्गे को बना रहे थे।
गर्म तासीर होती है इस मुर्गे की
कड़कनाथ मुर्गे की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसे एसी ग्रेवी के साथ बनाया जाता है जिसकी तासीर ठंडी हो। इसमें मुर्गे को पहले उबाला जाता है और ग्रेवी को अलग से बनाया जाता है।
इसमें घी, हींग जीरा मेथी,अजवाइन, साथ ही धनिया पाउडर को डाला जाता है। इसके बाद दोनों को मिलाकर यह तैयार होता है। कड़कनाथ मुर्गे का मांस काफी नर्म होता है, यह जब पकता है तो मुंह में आसानी से घुल जाता है।
आटे में लपेट कर भुनाया जाता है...
कड़कनाथ को रोस्टेड तरीके से भी बनाया जा सकता है, इसमें मुर्गे को गर्म मसालों में मिलाकर एक नर्म कपड़े से लपेटा जाता है, इसके बाद इसको चारों तरफ से आटे से ढक दिया जाता है। इसके बाद इसे अवन में पकाया जाता है। पंद्रह मिनट तक पकाने के बाद, चिकन में से कपड़े और आटे की परत को खाला जाता है और इसे सर्व किया जाता है।
आगे की स्लाइड्स में देखें तस्वीरें...
नई दिल्लीः आईपीएल (IPL) की टीम चेन्नई सुपरकिंग्स (Chennai Superkings) के कप्तान और इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) जल्द ही कड़कनाथ मुर्गी का पालन शुरू करने जा रहे हैं. इस मुर्गी का मीट ही नहीं बल्कि अंडा भी सबसे महंगा होता है. इसके लिए उन्होंने 2 हजार चूजों का ऑर्डर भी दे दिया है. अगर आप भी इसकी फॉर्मिंग करना चाहते हैं तो कर सकते हैं.
खाने में होता है बहुत हेल्दी
कड़कनाथ
मुर्गी के अंडे में प्रोटीन ज्यादा होता है. कम कोलेस्ट्रॉल होने के चलते हॉर्ट पेशेंट भी बड़े आराम से खा लेते हैं. हकीम-वैध कड़कनाथ मुर्गी के अंडे समेत इसके मीट में भी कई तरह के औषधीय गुण बताते हैं. फैट कम होने से हृदय और डायबिटीज रोगियों के लिए यह चिकन बहुत ही फायदेमंद माना जाता है
इतनी है बाजार में कीमत
एक मुर्गी की कीमत इस वक्त बाज़ार में 3 से 4 हजार रुपये है. कड़कनाथ की डिमांड ज़्यादा और सप्लाई कम होने के चलते इसके अंडे और मीट की कोई तय कीमत नहीं है.
इंटरनेट
पर मिल जाएगी पूरी जानकारी
इंटरनेट पर भी कई ऐसे पोल्ट्री फॉर्म मिल जाएंगे जो इस चिकन के चूजे और अंडे बेचते हैं. एक शेड में हमेशा एक ही ब्रीड के चूजे रखने चाहिए. पानी पीने के बर्तन दो-तीन दिन में जरूर साफ करें.
1500 फीट जगह चाहिए एक हजार मुर्गों के लिए
अगर आप 1000 काले मुर्गे का बिजनेस करना चाहते हैं तो आपको 1500 वर्ग फीट की जगह की जरुरत होगी. मुर्गे का फॉर्म गांव या शहर से बाहर मेन रोड से दूर हो, जहां पर पानी या बिजली की पर्याप्त व्यवस्था होनी
चाहिए.
यह भी पढ़ेंः छठ पर घर जाने का है प्लान, इन ट्रेनों में खाली हैं सीटें, जल्दी कर लें बुकिंग
Video-
जब देश के मशहूर क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी का नाम कड़कनाथ मुर्गे (Kadaknath Murga) के बिजनेस से जुड़ा है, तब से हर कोई जानना चाहता है कि आखिर में कड़कनाथ मुर्गा पालन कैसे आम पोल्ट्री फार्म (Poultry Farm) से अलग है? अगर कोई कड़कनाथ मुर्गे का फार्म खोलना चाहे तो कैसे इसकी शुरुआत करे?
Kadaknath Murgi Palan: कड़कनाथ मुर्गा दुनिया भर में अपनी खास पहचान बना चुका है. भारत में इस कारोबार का मुख्य केंद्र मध्य प्रदेश के झाबुआ में है. मध्य प्रदेश के कड़कनाथ मुर्गे को GI Tag भी मिला हुआ है. लेकिन अब धीरे-धीरे देश के दूसरे राज्यों में भी लोग कड़कनाथ मुर्गा पालन की तरह रुख कर रहे हैं.
कड़कनाथ मुर्गे की पहचान
कड़कनाथ मुर्गे और मुर्गी की सबसे बड़ी खासियत है कि यह पूरी तरह से काला (Black kadaknath) होता है. यही नहीं, इसका मांस काला और खून भी काला होता है.
कड़कनाथ मुर्गे सेहत के लिए फायदेमंद
कड़कनाथ मुर्गे का मांस सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. इसमें आयरन और प्रोटीन बहुत ज्यादा होता है. जबकि कोलेस्ट्रॉल का मात्रा बेहद कम होता है. जिससे हॉर्ट और डायबिटीज के रोगियों के लिए यह चिकन बेहद फायदेमंद (Health Benefits of Kadaknath) माना जाता है.
अब जब कड़कनाथ मुर्गे की इतनी खासियत है तो फिर इसकी डिमांड भी हमेशा रहती है. इसलिए यह बेहतर कमाई का भी जरिया है. यही नहीं, सरकार भी पोल्ट्री फार्म के लिए आर्थिक मदद देती है. जिससे कई राज्यों में अब लोग कड़कनाथ मुर्गा पालन से जुड़ रहे हैं.
इस बिजनेस के बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने उत्तर प्रदेश के बिजनौर में United Poultry चलाने वाले अर्शी शम्सी से संपर्क किया. उन्होंने बताया कि नए लोग इस कारोबार की शुरुआत कैसे कर सकते हैं. उनसे सवाल जवाब के अंश:
सवाल- अगर कोई कड़कनाथ मुर्गा पालना चाहे तो शुरुआत कहां से करे?
जवाब- कड़कनाथ मुर्गा पालने की शुरुआत 100 मुर्गो से करना ठीक रहेगा. बाद में एक्सपीरियंस के हिसाब से बढ़ा सकते हैं.
सवाल- शुरुआत में कितना निवेश करना होगा?
जवाब- 100 मुर्गों के लिए करीब 50 हजार रुपये का निवेश करना होगा, जिसमें शेड बनाने की कॉस्ट भी शामिल है.
सवाल- कहां
से ट्रेनिंग मिलेगी?
जवाब- ट्रेनिंग किसी भी KVK कृषि विज्ञान केंद्र या CARI सेंट्रल एवियन रिसर्च इंस्टीट्यूट बरेली से प्राप्त कर सकते हैं.
सवाल- कितने दिन में चूजे तैयार हो जाते हैं?
जवाब- कड़कनाथ का चूजा 21 दिन में अंडे से बाहर आ जाता है.
सवाल- कितने दिन में एक कड़कनाथ मुर्गा बेचने के लिए तैयार हो जाता है?
जवाब- कड़कनाथ का चूजा बेचने के लिए लगभग 5 से साढ़े 5 महीने में तैयार हो जाता है.
सवाल- आम पोल्ट्री फार्म के मुकाबले कड़कनाथ का बिजनेस कैसे अलग
है?
जवाब- आम पोल्ट्री से कड़कनाथ इसलिए अलग है, क्योंकि ये हमारी नेटिव ब्रीड है इसलिए इसमें बीमारी बहुत कम है. लेकिन इसकी मार्किट हमें खुद ही बनानी पड़ती है.
सवाल- सालाना कितनी आमदनी हो सकती है?
जवाब- सालाना हम कड़कनाथ की दो लॉट निकाल सकते हैं, इसलिए हमें सालाना आमदनी 100 मुर्गों पर लगभग 1 लाख से 1.20 लाख रुपये हो सकती है, अगर देखरेख बहुत अच्छे से की जाए.
बता दें, कड़कनाथ मुर्गा पालन के लिए चूजों की मांग इतनी ज्यादा है कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) समय पर चूजे नहीं मुहैया करा पा रहे हैं.
अच्छी-खासी कमाई
कड़कनाथ मुर्गी के चूजे का रेट 70-100 रुपये के बीच है. इसके एक अंडे का रेट 20-30 रुपये तक होता है. कड़कनाथ चिकन आमतौर पर 700-1000 रुपये किलो तक बिकता है. वहीं सर्दियों में जब मांस की खपत ज्यादा होती है, उस वक्त कड़कनाथ मुर्गे के मांस की कीमत 1000-1200 रुपये किलो तक पहुंच जाती है.
धोनी में आजमा रहे हैं इसमें हाथ
जहां तक इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) की बात है तो वे क्रिकेट के बाद अब किसानी और पशुपालन (Poultry Farming) के क्षेत्र में भाग्य आजमा रहे हैं. धोनी ने मध्य प्रदेश के झाबुआ से कड़कनाथ के चूजों की पहली खेप इसी साल की शुरुआत में मंगाई थी. जिसे वो तैयार कर बाजार में बेच चुके हैं, और अब वो कड़कनाथ मुर्गा पालन को विस्तार दे रहे हैं.