दोस्तों के साथ दे रखा है कि एक लोहे की सुई पानी में डूब जाती है किंतु एक लोहे की जहाज पानी में तैरता है इसे समझाना है मैं ठीक है ऐसा क्या रीजन होता है कि लोहे की सुई डूब जाती है लेकिन लोहे की जहाज पानी में तैरती अरे किसको समझते हैं कि लोहे का जो घनत्व होता है पानी के गाना तुझ से अधिक होता है यह बात हम जानते हैं कि लोहे का घनत्व पानी के गाना तुझ से अधिक होता है लोहे का घनत्व पानी के गाना तुझे अधिक होता है ठीक अभी होता है वह और क्या होता है कि लोहे द्वारा जब पानी में लोहे को दबाया जाता है ठीक है तो लोहे द्वारा हटाए गए द्रव का भार लोहे के बाहर से क्या होता है कम होता है वाह लोहे को जल में डुबाने पर लोहे द्वारा
हटाए गए द्रव्य पानी का भार जो होता है वह क्या होता है लोहे द्वारा हटाए गए पानी का भार लोहे के भार से क्या होता है कम होता है ठीक है इस अकाउंट से क्या होता है कि लोहे का भार अधिक हो गया और वह डूब जाती है जिस कारण वह डूब जाती है ठीक है जिस कारण वाह क्या होती है दो जाती है ठीक है अच्छा अब हम बात करते हैं लेकिन जहाज क्या होता है तो जहाज की बात करते हैं कि जहाज का देखिए आयतन ज्यादा होता है ठीक है जहाज का अगर हम देखे हैं लोहे की जो जहाज होती है लोहे की जहाज का
आयतन ज्यादा होता है और क्या होता है जिस कारण जब से पानी में डुबाया जाता है तो क्या होता है कि जहाज द्वारा हटाए गए द्रव का भार जो है जहाज के भार से अधिक होता है जहाज द्वारा हटाए गए पानी का भार पानी का भात जहाज के बाहर से क्या होता है अधिक होता है अधिक होता है ठीक है जिसका सीधे हाथ का भार कम हो जाता है और जो पानी का बाहर होता है वह क्या होता है अधिक हो जाता है बाहर ऊपर क्यों लग रहा हो तो इसलिए खाने से तैरता है ठीक है फिर से अधिक होता है इस कारण या
इस कारण या आसानी से डरता है ठीक है आसानी से करता है थैंक यू
1. क्या कारण है कि लोहे का विशाल जहाज पानी में तैरता रहता है जबकि एक छोटी सी सुई डूब जाती है?
प्लवन के सिद्धांत के अनुसार कोई भी वस्तु पानी में तभी तैरेगी, जब उसका वजन उसके द्वारा हटाए गए पानी के उस भाग के बराबर होगा। एक सुई या स्टीन की गेंद इसलिए पानी में डूब जाती है क्योंकि इसका वजन इसके द्वारा हटाए गए पानी के वजन से ज्यादा होता है। लेकिन लोहे का विशाल जहाज जितने बड़े आकार का होता है। यह उतना ही पानी को विस्थापित करता है। इसी कारण से यह पानी में तैरता है।
2.
क्या कारण है कि चींटी के काटने पर तेल जलन होती है?
चींटी के डंक में फॉर्मिक अम्ल होता है। अत: चींटी के काटन से फॉर्मिक अम्ल त्वचा में प्रवेश कर जाता है। जिससे त्वचा में तेल जलन महसूस होती है।
3. प्राय वर्षा के दिनों में ही फंफूंदी दिखती है, क्यों?
फंफूंद अपने तंतुओं द्वारा सड़े-गले पदार्थों से कार्बनिक पदार्थ का अवशोषण करता है। जिसके लिए इन पदार्थों का घुलित अवस्था में होना जरूरी है, वर्षा के दिना में नमी पर्याप्त मात्रा में होने के कारण यह अधिक मात्रा में
दिखती है।
4. मेढ़क जल व थल दोनों स्थानों पर रह सकता है पंरतु मछली जल से बाहर निकलते ही मर जाती है, क्यों?
वास्तव में यह कथन सत्य है कि मेढ़क जल व थल दोनों स्थलों पर रह सकता है परंतु मछली जल से बाहर निकलने पर मर जाती है। क्योंकि मेंढ़क अपनी श्वसन क्रिया त्वचा तथा फेफड़ों की सहायता करता है। अर्थात् मेंढ़क जब जल में होता है तो वह श्वसन क्रिया फेफड़ों की सहायता करता है। इसके विपरीत मछली अपनी श्वसन क्रिया गिलों की सहायता से करती है।
Kyon Pani Aur Jahaj Tairta Me Sui Doob
GkExams on 12-05-2019
आर्कमिडीज केे सिदान्त के अनुसार जब कोई वस्तु किसी द्रव में आंशिक या पूर्ण रूप से डुबोई जाती है तो उसके भार में कमी होती है भार में आभासी कमी वस्तु द्वारा हटाये गये द्रव के बराबर होती है लोहे की बनी छोटी सी गेंद पानी में डूब जाती है तथा बडा जहाज पानी पर तैरता रहता है क्योंकि जहाज द्वारा हटाये गये पानी का भार जहाज केे भार के बराबर होता है
सम्बन्धित प्रश्न
Comments Mukesh on 08-03-2021
Pani me jahaaj kyu tairta hai jabki sikka doob jaya hai
Gagan on 10-09-2020
Calcium Pani me terta hai kyo
Ankita on 07-03-2020
Jahaj pani m terta h jbki sikka dub jata h kyu
रवि कुमार on 17-12-2019
जहाज पानी मे कयो तेरता है लोहे कील डूब जाती है
Pani me jahaj kyu nhi dubti or sui kyu dub jati h on 06-11-2019
Pane me jahaj kyu nhi dubta or sui dub jati h
Deepak on 14-08-2019
Pani mai koyi bastoo kis force ke karad tairati hai
Ramendra pal on 28-04-2019
Registan ki marichka kay he
बताने की जरूरत नहीं कि पानी के एक जहाज में हजारों की ले लगी होती है। पानी पर तैरने वाले जहाज का वजन कई हजार टन होता है। पूरी एक कॉलोनी पानी के जहाज में एक साथ सफर कर रही होती है। या फिर एक मालगाड़ी के बराबर सामान पानी के जहाज में ट्रांसपोर्ट किया जाता है। सवाल यह है कि जब लोहे की एक छोटी सी की पानी में डूब जाती है तो फिर लोहे से बना हुआ हजारों टन वजन का पानी का जहाज पानी में डूबता क्यों नहीं। पानी की सतह पर तैरता क्यों रहता है। आइए जानने की कोशिश करते हैं:-
दिल्ली के विशाल खंडेलवाल इस सवाल का जवाब तलाश कर लाए हैं। विशाल बताते हैं कि लोहे की नाव या भारी भरकम जहाज पानी में इसलिए नहीं डूबता क्योंकि उसके पीछे आर्कमिडीज का सिद्धांत काम कर रहा होता है। जब भी हम लोहे की कोई वस्तु पानी में डालते हैं। तो उस वस्तु के द्वारा हटाए गए जल का भार उस वस्तु के भार के बराबर होता है। और हटाए गए पानी की ताकत उसे ऊपर की ओर उछालती है। और वह आयतन तैरता रहता है।
इसलिए जब हम कोई लोहे का टुकड़ा पानी में डालते हैं। तो उसके द्वारा हटाए गए पानी के ऊपर से लगने वाली शक्ति को छोटा आकार मिलता है। इसलिए लोहे का छोटा सा टुकड़ा पानी में डूब जाता है लेकिन यदि उसी लोहे के टुकड़े को एक प्लेट बना दिया जाए तो पानी के नीचे से लगने वाली शक्ति को बड़ा आकार मिल जाता है। और वह तैरने लगती है। इसी कारण छोटा सा लोहे का टुकड़ा पानी में डूब जाता है जबकि बड़े-बड़े जहाज पानी में नहीं डूबते।
TO THE POINT: 'आर्कमिडीज का सिद्धांत' यह वाक्य याद कर लीजिए। इसके कारण आप उन तमाम सवालों के जवाब दे पाएंगे जो आपको दूसरों से स्पेशल बना देंगे और सरल शब्दों में सिर्फ इतना की पानी का जहाज या मोटर बोट इंजन बंद होने के बाद भी पानी की सतह पर रहते हैं, पानी के अंदर डूबते नहीं है क्योंकि उनकी बनावट विशेष प्रकार से की जाती है। यदि पानी की सतह पर खड़े जहाज को बीच में से दो टुकड़े कर दिया जाए तो वह दोनों टुकड़े पलक झपकते ही पानी के अंदर डूब जाएंगे। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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