सिलिकॉन किस धातु से प्राप्त होता है - silikon kis dhaatu se praapt hota hai

उत्तर–सिलिकोन्स– सिलिकॉन, कार्बन व ऑक्सीजन के बहुलक यौगिकों को सिलकोन (Silicones) का जाता है, ये उदासीन अणु होते हैं। इसकी संरचना में सिलिकॉन तथा ऑक्सीजन परमाणु एकान्तर क्रम में श्रृंखला वलय या जाल के रूप में व्यवस्थित होते हैं और जिनके पार्श्व में कार्बनिक समूह जुड़े होते हैं।

निर्माण का विधियाँ– सिलिकॉन बनाने की क्रिया दो पदों में होती हैं-

I. कार्बनिक हैलोसिलेनो को संश्लेषण— इसकी निम्न विधियाँ हैं-

(1) सीधा सिलिकॉन प्रक्रम- इस विधि में सिलिकॉन चूर्ण के साथ। लगभग 10% कॉपर चूर्ण मिलाकर उसके ऊपर 300°C ताप पर मेथिल क्लोराइड की वाष्प प्रवाहित की जाती है जिससे हैलोसिलेन प्राप्त होते हैं जिनको प्रभाजी आसवन द्वारा पृथक् कर लिया जाता है।

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सिलिकॉन किस धातु से प्राप्त होता है - silikon kis dhaatu se praapt hota hai

R2SiCl2 प्रकार के यौगिकों में चूँकि दो हैलोजन परमाणु हैं अतः जल अपघटित होने से जो डाइहाइड्रॉक्साइड बनेंगे व दोनों ओर संयुक्त होकर चक्रीय या रेखीय बहुलक बनायेंगे।

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Si-O-Si बंध काफी मजबूत होते हैं लेकिन यदि पॉली सिलॉक्सनों को प्रबल अम्ल या क्षार के साथ गर्म करते हैं तो ये बंध टूट जाते हैं। जिससे सममित सिलोक्सेनो से असममित सिलोक्सेनों को बनाया जाता है।

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सिलिकॉन के उपयोग- सिलिकॉन द्रव, तैलीय, ग्रीस, रबड़ अथवा रेजीन हो सकते हैं। इनके प्रमुख उपयोग निम्न हैं-

(1) 20 से 500 इकाइयों तक के सीधी श्रृंखलायुक्त बहुलक सिलिकॉन तरल होते हैं। विभिन्न उपयोगों में आने वाले सिलिकॉनों का 63% भाग सिलिकॉन तरल होता है। अधिक इकाई वाले सिलिकॉनों के क्वथनांक तथा श्यानता के मान उच्च होते हैं। इकाइयों की संख्या बढ़ने के साथ ये जल जैसे-हल्के द्रव तेल अथवा ग्रीस बनाते हैं। सिलिकॉन द्रवों का उपयोग जल प्रतिकर्षी के रूप में किया जाता है, इसलिए पुलों, दीवारों, काँच के बर्तनों, रेशों, कार पॉलिश आदि में इनका उपयोग जल से इनकी रक्षा करने के लिए किया जाता है। सिलिकॉन द्रव अविपाक्त तथा कम पृष्ठ तनाव वाले होते हैं अतः ये झागरोधी पदार्थों के रूप में प्रयुक्त होते हैं। इसकी थोड़ी-सी मात्रा मिलाने से ही गटर-लाइन, टैक्सटाइल रंजन, किण्वन, आलू की चिप्स बनाते समय खाद्य तेलों के झाग काफी कम हो जाते हैं।

(2) सिलिकॉन तेलों का उपयोग उच्च विभव वाले ट्रांसफॉर्मरों में डाइ-इलेक्ट्रिकरोधी पदार्थ के रूप में किया जाता है। इन्हें हाइड्रॉलिक द्रव के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। हल्के दाब वाले उपकरणों में इनका उपयोग स्नेहकों के रूप में किया जाता है। उच्च दाब से उनकी तेलीय झिल्ली टूट जाती है, अतः गीयर बॉक्स जैसे उपकरणों में इन्हें प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। फेनिल प्रतिस्थापी युक्त सिलिकॉन उत्तम स्नेहक होते हैं। इन तेलों को यदि लिथियम स्टीयरेट साबुन के साथ मिलाया जाए। तो सिलिकॉन ग्रीस बनती है।

(3) सिलिकॉन रबड़ डाइमेथिल पॉलीसिलोक्सेन होते हैं जिनमें 6000 से 600000 इकाइयाँ लम्बी श्रृंखला में जुड़ी रहती हैं, जिसमें भराव के लिए थोड़ा-सा महीन चूर्ण सिलिका या कभी-कभी ग्रेफाइट डालते हैं। सिलिकॉन उत्पादन का लगभग 25% भाग सिलिकॉन रबड़ का होता है। सिलिकॉन रबड़ -90°C से लेकर +250°C तक प्रत्यास्थ बने रहते हैं। इनके स्थायित्व के क्रम में इतना चौड़ा होने के कारण प्राकृतिक रबड़ (पॉलीआइसोप्रीन) की तुलना में ये अत्यन्त उपयोगी पदार्थ हैं। बेन्जॉयल परॉक्साइड के साथ ये ऑक्सीकृत हो जाते हैं और कुछ मात्रा में इनके मध्य क्रॉस बंध बन जाते हैं जिससे वल्कनीकृत होकर ये कठोर रबड़ बना लेते हैं। इसकी संरचना को निम्न प्रकार से दर्शाया जा सकता है

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चित्र : वल्कनीकृत सिलिकॉन रबड़ की संरचना

कमरे के ताप पर वल्कनीकृत होने वाले (RTV-Room Temperature Vulcanizing) सिलिकॉन रबड़ भी उपलब्ध हैं। इनमें कोई ऐसा समूह होता है जो आसानी से जल अपघटित होने वाला होता है।

जैसे- एसीटेट (-0.COCH3) समूह, जो वातावरण की नमी से जलअपघटित होकर-OH समूह बना लेते हैं। ये दोनों समूह संघनित होकर दो श्रृंखलाओं के मध्य क्रॉस बंध बना लेते हैं, इस प्रकार रबड़ का वल्कनीकरण हो जाता है।

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चित्र : सिलिकॉन रबड़ का वल्कनीकरण
(4) सिलिकॉन रेजिन बैकलाइट की भाँति कठोर या दृढ़ होते हैं। इन्हें बनाने के लिए PhSiCl3 व Ph2SiCl2 को टॉलुईन में घोलकर जल के साथ जल-अपघटित करवाया जाता है। पूर्ण बहुलकीकरण से पूर्व जबकि पदार्थ मुलायम होता है, उसे धोकर HCl से मुक्त कर दिया जाता है और फिर इच्छिक आकार दिया जाता है। फिर चतुष्क अमोनियम लवण उत्प्रेरण की उपस्थिति में उसे और गर्म किया जाता है। बचे हुए OH समूह संघनित होकर कई क्रॉस बंध बना लेते हैं जिससे अत्यंत कठोर व दृढ़ बहुलक रेजिन बन जाता है। सिलिकॉन उत्पादन का लगभग 12% सिलिकॉन रेजिन के रूप में होता है। इनसे विद्युतरोधी बनाए जाते हैं। अधिक सामर्थ्य देने के लिए इन्हें अक्सर ग्लास फाइबर में मिलाया जाता है। इनका उपयोग प्रिण्टेड परिपथ बोर्ड बनाने में भी किया जाता है। इन्हें रसोई के बर्तनों पर न चिपकने वाली (निर्लेप) सतह लगाने में प्रयुक्त किया जाता है।

सिलिकॉन के औद्योगिक उपयोग– सिलिकॉन औद्योगिक रूप से अत्यन्त महत्त्व के यौगिक हैं। इनके कुछ प्रमुख औद्योगिक उपयोग निम्न हैं-

(1) इनका उपयोग जलरोधी कपड़ों एवं कागज के निर्माण में किया जाता है। यदि किसी कागज अथवा कपड़े को सिलिकॉन वाष्प के सम्पर्क में लाया जाता है तो इनकी एक पतली-सी तह कागज अथवा कपड़े पर फैल जाती है और इस प्रकार उसे जलरोधी बना देती है।

(2) सिलिकॉन से बनाई गई वैसलीन जैसी ग्रीस -40°C तक भी जम नहीं पाती है, अतः इनका उपयोग वायुयानों में स्नेहक के रूप में किया जाता है। वायुयान जमीन के बहुत उच्च ताप से आसमान की ऊँचाइयों तक उड़ता है जहाँ तापमान बहुत कम होता है, अतः इनके लिए ऐसा स्नेहक उपयोगी होता है जो बहुत उच्च ताप पर पतला न होता हो और बहुत निम्न ताप पर भी जमने वाला न हो, सिलिकॉन ग्रीस इन सारी शर्तों का पालन करता है और इसलिए इसका उपयोग वायुयानों में स्नेहक के रूप में किया जाता है।

(3) सिलिकॉन रबड़ आवश्यक वल्कनीकरण के पश्चात् इस प्रकार की प्रकृति का हो जाता है कि उसकी आकृति व प्रत्यास्थता स्थायी हो जाते हैं, अतः इनका कई महत्त्वपूर्ण स्थानों पर उपयोग किया जाता है। अंतरिक्ष यानों व जेट विमानों में एवं इमारतों को सीलन से बचाने के लिए तथा इन्हें वायुरोधी बनाने के लिए सिलिकॉन रबड़ की खिड़कियों के गैसकिट बनाए जाते हैं। एकदम भिन्न ताप वाली चन्द्रमा की सतह पर कदम रखने वाले अपोलो ऐस्ट्रॉनॉट्स ने सिलिकॉन रबड़ के तलुवे वाले जुते ही पहने थे। अंतरिक्ष यात्रियों की पोशाक भी सिलिकॉन से बनाई जाती है।

(4) चूँकि सिलिकॉन अत्यन्त उच्च ताप पर भी जलकर काले नहीं पड़ते, अत: विद्युत मोटर एवं विद्युत के अन्य उपकरणों में विद्युतरोधी के रूप में इनका उपयोग होता है।

(5) यदि रंग-रोगन में थोड़ा सिलिकॉन मिला दिया जाए तो वे धूप, पानी, गर्मी आदि से प्रभावित होकर फीके नहीं पड़ते, अतः लम्बे समय तक अच्छे बने रहते हैं।

सिलिकॉन किसका बना होता है?

सिलिका आमतौर पर क्रिस्टलीय अवस्था में और शायद ही कभी आकारहीन अवस्था में पाई जाती है। यह सिलिकॉन के एक परमाणु और ऑक्सीजन के दो परमाणुओं से बना होता है जिसके परिणामस्वरूप रासायनिक सूत्र SiO2 होता है।

सिलिकॉन कौन सी धातु है?

सिलिकॉन क्या है सिलिकॉन एक रासायनिक तत्व है। रासायनिक सूत्र अभिव्यक्ति में इसका प्रतीक “Si” है जो रेत और कांच में मौजूद है और जो इलेक्ट्रॉनिक घटकों में सबसे अच्छा ज्ञात अर्धचालक सामग्री है। इसकी परमाणु संख्या 14 है। सबसे आम समस्थानिक का परमाणु भार 28 है।

सिलिकॉन का दूसरा नाम क्या है?

एक-सिलिकॉन को जर्मेनियम के रूप में जाना जाता है।

सिलिकॉन क्या है और इसे कैसे बनाया जाता है?

उत्तर–सिलिकोन्स– सिलिकॉन, कार्बन व ऑक्सीजन के बहुलक यौगिकों को सिलकोन (Silicones) का जाता है, ये उदासीन अणु होते हैं। इसकी संरचना में सिलिकॉन तथा ऑक्सीजन परमाणु एकान्तर क्रम में श्रृंखला वलय या जाल के रूप में व्यवस्थित होते हैं और जिनके पार्श्व में कार्बनिक समूह जुड़े होते हैं।