सेंट्रल बैंक का नया नाम क्या है? - sentral baink ka naya naam kya hai?

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अब नए नाम से जाना जाएगा सेंट्रल ग्रामीण बैंक

नवगठित मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक शाखा में हुआ ग्राहक सम्मेलन

भास्कर संवाददाता |उनाव

प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े ग्रामीण बैंक के नाम में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एक बार फिर से बदलाव किया गया है। सेंट्रल ग्रामीण बैंक अब मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक के नाम से जाना जाएगा।

इस बदलाव की अपने ग्राहकों को सटीक जानकारी देने के लिए आज मुख्य बसस्टैंड पर स्थित स्थानीय ग्रामीण बैंक की शाखा में विशेष ग्राहक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बैंक अधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा बड़ी संख्या में उपभोक्ता उपस्थित रहे। इस मौके पर बैंक शाखा कार्यालय पर आकर्षक विद्युत सज्जा की गई।

नवगठित मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक के शुभारंभ अवसर पर आयोजित ग्राहक सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाखा प्रबंधक मनोज कुमार शर्मा ने कहा कि भारत सरकार ने राजपत्र में अधिसूचना जारी कर पूर्ववर्ती नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक व सेंट्रल मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक का विलय कर मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक का गठन किया है। समूचे भारत वर्ष में इस बैंक की 866 शाखाएं संचालित है। यह बैंक अपने कार्यक्षेत्र के ग्राहकों को विभिन्न व्यवसायिक गतिविधियों के संचालन एवं योजनाओं के लिए ऋण प्रदान कर बैंकिंग सेवाएं प्रदान करता है। इस अवसर पर शाखा के कैशियर पीके जैन ने ग्राहकों को जानकारी देते हुए बताया कि यह बैंक देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित ग्रामीण बैंकों में से एक है। यह बैंक भारत सरकार, राज्य सरकार एवं बैंक ऑफ़ इंडिया का संयुक्त उपक्रम है। जो प्रदेश के लगभग एक करोड़ से अधिक संयुक्त ग्राहकों को भरोसेमंद बैंकिंग सेवाएं प्रदान करता है। अपने बैंकिंग व्यवहार में ईमानदारी, पारदर्शिता, सदाचार, एवं सकारात्मक सेवाओं के कारण यह अपने ग्राहकों के भरोसे पर खरा उतरा हुआ है।आप सब ग्राहकों के पत्राचार व्यवहार में नए नाम परिवर्तन की जानकारी देने के लिए यह सम्मेलन आयोजित किया गया है। इस अवसर पर मुख्य रूप से बैंक कृषक मित्र राजेन्द्र कुमार पटेल बाबूजी, मुन्नालाल वर्मा, जर्दान सिंह गुर्जर, सुरेश कुशवाहा, सुरेश चंद्र शुक्ल, मनोज पुरोहित, सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक का होगा प्राइवेटाइजेशन, शेयरों में आया उछाल

केंद्र सरकार ने प्राइवेटाइजेशन के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक का चयन किया है। इन दोनों में सरकार अपनी 51 फीसदी की हिस्सेदारी पहले चरण में बेचेगी। इस खबर से दोनों बैंकों के शेयरों में आज 20 फीसदी तक का उछाल दिखा है।

बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार ने प्राइवेटाइजेशन के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक का चयन किया है। इन दोनों में सरकार अपनी 51 फीसदी की हिस्सेदारी पहले चरण में बेचेगी। इस खबर से दोनों बैंकों के शेयरों में आज 20 फीसदी तक का उछाल दिखा है। IOB के शेयर इस खबर के पहले 19.85 रुपए पर ट्रेड कर रहे थे जो अचानक 19.80 फीसदी चढ़कर 23.60 रुपए पर पहुंच गए। वहीं सेंट्रल बैंक के शेयर 20 रुपए से 19.80 फीसदी चढ़कर 24.20 रुपए पर पहुंच गए। इसी तरह बैंक ऑफ महाराष्ट्र का शेयर 8 फीसदी बढ़कर 27 रुपए पर जबकि बैंक ऑफ इंडिया का शेयर 7 फीसदी बढ़ कर 80 रुपए पर कारोबार कर रहा है।

इन दोनों बैंको के प्राइवेटाइजेशन के लिए केंद्र सरकार बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट में बदलाव के साथ कुछ अन्य कानून में बदलाव करेगी। साथ ही आरबीआई के साथ भी चर्चा होगी। नीति आयोग ने इन दोनों बैंकों के नाम की सिफारिश थी। आयोग को निजीकरण के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक बीमा कंपनी का नाम चुनने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 

आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में दो सरकारी बैंकों और एक बीमा कंपनी के प्राइवेटाइजेशन की घोषणा की थी। सराकर ने FY22 के लिए विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपए जुटाने की लक्ष्य रखा है। प्राइवेट होने वाले दोनों बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक की शेयर बाजार में मार्केट वैल्यू इनके शेयर प्राइस के मुताबिक, 44,000 करोड़ रुपए है। जिसमें इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) का मार्केट कैप 31,641 करोड़ रुपए है। 

ग्राहकों को नहीं होगा कोई नुकसान
बैंकों के निजीकरण से ग्राहकों को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि जिन बैंकों का निजीकरण होने जा रहा है, उनके खाताधारकों को कोई नुकसान नहीं होगा। ग्राहकों को पहले की तरह ही बैंकिंग सेवाएं मिलती रहेंगी। दरअसल इस समय केंद्र सरकार विनिवेश पर ज्यादा ध्यान दे रही है। सरकारी बैंकों में हिस्सेदारी बेचकर सरकार राजस्व को बढ़ाना चाहती है और उस पैसे का इस्तेमाल सरकारी योजनाओं पर करना चाहती है।

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सेंट्रल बैंक का दूसरा नाम क्या है?

सार्वजनिक क्षेत्रा के बैंकों में से सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया को वास्तविक अर्थों में अखिल भारतीय बैंक कहा जा सकता है क्योंकि सभी 28 राज्यों में तथा 8 में से 7 केन्द्रशासित प्रदेशों में इसकी शाखाओं का विस्तृत नेटवर्क है.

सेंट्रल बैंक में कौन सा बैंक मर्ज हुआ है?

विलय किए गए बैंक में एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी, केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक शामिल है। वहीं इंडिपेंडेंट बैंक में इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, पंजाब एंड सिंध बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया है।

सेंट्रल बैंक को हिंदी में क्या कहते हैं?

केन्द्रीय बैंक (central bank) या रिज़र्व बैंक (reserve bank) किसी देश या अन्य क्षेत्र का वह मौद्रिक प्राधिकरण होता है जो उसकी मुद्रा नीति का संचालन करता है और उसकी बैंक व्यवस्था पर निगरानी करता है।

क्या सेंट्रल बैंक सरकारी है?

सेंट्रल बैंक पब्लिक सेक्टर का बैंक है और ये भारत सरकार के स्वामित्व में आता है जो काफी अच्छी बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करता है.

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