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लोकसभा, आठवीं अनुसूची, अनुच्छेद 343-351 शास्त्रीय भाषाओं से संबंधित दिशा-निर्देश हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री द्वारा लोकसभा में आठवीं
अनुसूची में भाषाओं को बढ़ाने से संबंधित सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों की जानकारी दी।भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची
प्रिलिम्स के लिये:
मेन्स
के लिये:
चर्चा में क्यों?
प्रमुख बिंदु
आठवीं अनुसूची:
- आठवीं अनुसूची के बारे में:
- इस अनुसूची में भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषाओं को सूचीबद्ध किया गया है। भारतीय संविधान के भाग XVII में अनुच्छेद 343 से 351 तक शामिल अनुच्छेद आधिकारिक भाषाओं से संबंधित हैं।
- आठवीं अनुसूची से संबंधित संवैधानिक प्रावधान इस प्रकार हैं:
- अनुच्छेद 344: अनुच्छेद 344(1) संविधान के प्रारंभ से पांँच वर्ष की समाप्ति पर राष्ट्रपति द्वारा एक आयोग के गठन का प्रावधान करता है।
- अनुच्छेद 351: यह हिंदी भाषा को विकसित करने के लिये इसके प्रसार का प्रावधान करता है ताकि यह भारत की मिश्रित संस्कृति के सभी तत्त्वों के लिये अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में कार्य कर सके।
- हालांँकि यह ध्यान देने योग्य है कि किसी भी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिये कोई निश्चित मानदंड निर्धारित नहीं है।
- आधिकारिक भाषाएँ:
- संविधान की आठवीं अनुसूची में निम्नलिखित 22 भाषाएँ शामिल हैं:
- असमिया, बांग्ला, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, ओडिया, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगू, उर्दू, बोडो, संथाली, मैथिली और डोगरी।
- इन भाषाओं में से 14 भाषाओं को संविधान के प्रारंभ में ही शामिल कर लिया गया था।
- वर्ष 1967 में सिंधी भाषा को 21वें सविधान संशोधन अधिनियम द्वारा आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया था।
- वर्ष 1992 में 71वें संशोधन अधिनियम द्वारा कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली को शामिल किया गया।
- वर्ष 2003 में 92वें सविधान संशोधन अधिनियम जो कि वर्ष 2004 से प्रभावी हुआ, द्वारा बोडो, डोगरी, मैथिली और संथाली को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया।
- संविधान की आठवीं अनुसूची में निम्नलिखित 22 भाषाएँ शामिल हैं:
शास्त्रीय भाषाएँ:
- परिचय:
- वर्तमान में ऐसी छह भाषाएँ हैं जिन्हें भारत में 'शास्त्रीय भाषा' का दर्जा प्राप्त है:
- तमिल (2004 में घोषित), संस्कृत (2005), कन्नड़ (2008), तेलुगू (2008), मलयालम (2013) और ओडिया (2014)।
- सभी शास्त्रीय भाषाएँ संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध हैं।
- वर्तमान में ऐसी छह भाषाएँ हैं जिन्हें भारत में 'शास्त्रीय भाषा' का दर्जा प्राप्त है:
- दिशा-निर्देश:
- संस्कृति मंत्रालय शास्त्रीय भाषाओं के संबंध में दिशा-निर्देश प्रदान करता है जो नीचे दिये गए हैं:
- इसके प्रारंभिक ग्रंथों का इतिहास 1500-2000 वर्ष से अधिक पुराना हो।
- प्राचीन साहित्य/ग्रंथों का एक हिस्सा हो जिसे बोलने वाले लोगों की पीढ़ियों द्वारा एक मूल्यवान विरासत माना जाता हो।
- साहित्यिक परंपरा में मौलिकता हो जो किसी अन्य भाषिक समुदाय द्वारा न ली गई हो।
- शास्त्रीय भाषा और साहित्य, आधुनिक भाषा व साहित्य से भिन्न हैं, इसलिये इसके बाद के रूपों के बीच असमानता भी हो सकती है।
- संस्कृति मंत्रालय शास्त्रीय भाषाओं के संबंध में दिशा-निर्देश प्रदान करता है जो नीचे दिये गए हैं:
- प्रचार का लाभ: मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अनुसार, किसी भाषा को शास्त्रीय भाषा के रूप में अधिसूचित करने से प्राप्त
होने वाले लाभ इस प्रकार हैं-
- भारतीय शास्त्रीय भाषाओं में प्रख्यात विद्वानों के लिये दो प्रमुख वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों का वितरण।
- शास्त्रीय भाषाओं में अध्ययन के लिये उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया गया है।
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से अनुरोध किया है कि वह केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शास्त्रीय भाषाओं के पेशेवर अध्यक्षों के कुछ पदों की घोषणा करे।
स्रोत: पी.आई.बी.
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संविधान में मान्यता प्राप्त भाषाओं की सूची कौन से भाग में दी गई है?
भारतीय संविधान के भाग XVII में अनुच्छेद 343 से 351 तक शामिल अनुच्छेद आधिकारिक भाषाओं से संबंधित हैं। अनुच्छेद 344: अनुच्छेद 344(1) संविधान के प्रारंभ से पांँच वर्ष की समाप्ति पर राष्ट्रपति द्वारा एक आयोग के गठन का प्रावधान करता है।
संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त भाषाएँ कितनी है?
(क): संविधान की आठवीं अनुसूची में निम्नलिखित 22 भाषाएँ शामिल हैं: - (1) असमिया, ( 2 ) बंगाली (3) गुजराती, (4) हिंदी, (5) कन्नड, (6) कश्मीरी, (7) कोंकणी, (8) मलयालम, ( 9 ) मणिपुरी, ( 10 ) मराठी, (11) नेपाली, (12) उड़िया, (13) पंजाबी, (14) संस्कृत, ( 15 ) सिंधी, (16) तमिल, ( 17 ) तेलुगू (18) उर्दू (19) बोडो, (20) संथाली, ...
भारतीय संविधान के आठवी अनुसूची के अनुसार मान्यता प्राप्त कितनी भाषाएँ हैं *?
भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची भारत की भाषाओं से संबंधित है। इस अनुसूची में 22 भारतीय भाषाओं को शामिल किया गया है । प्रारम्भ में 14 भाषाओ को संविधानिक मान्यता दी गई थी बाद में इसमें, सिन्धी भाषा को 21 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम 1967 ,कोंकणी भाषा, मणिपुरी भाषा, और नेपाली भाषा को 71वाँ संविधान संशोधन अधिनियम 1992 ई.
संविधान के भाग 23 24 25 में क्या है?
स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19 से 22)। शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23–24)। धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25 से 28)। सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंधी अधिकार (अनुच्छेद 29–30)।