शिमला मिर्च कौन से महीने में लगाया जाता है? - shimala mirch kaun se maheene mein lagaaya jaata hai?

शिमला मिर्च कौन से महीने में लगाया जाता है? - shimala mirch kaun se maheene mein lagaaya jaata hai?

shimla mirch ki kheti: शिमला मिर्च (Capsicum) का नाम सुनते ही दिमाग में तीखे और चटपटे से स्वाद की अनुभूति होती है। भारत के लगभग हर रसोई घर में शिमला मिर्च(Shimla mirch) का उपयोग सब्जी और अन्य चाइनीज व्यंजन में स्वाद लाने के लिए किया जाता है।

बाजार में भी लाल, पीली, बैंगनी, नारंगी और हरी रंग की शिमला मिर्च खूब देखने को मिलती हैं। शिमला मिर्च को इंग्लिश में कैप्सिकम (Capsicum) और बेल पेपर (Bell Pepper) के नामों से जाना जाता है। 

आयुर्वेद में भी शिमला मिर्च (capsicum)का इस्तेमाल औषधि के रूप किया जाता है। क्योंकि इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन के, फाइबर और कैरोटीनॉयड जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसके अलावा किसानों को हरी मिर्च की खेती से ज्यादा लाभ शिमला मिर्च की खेती में होता है। 

तो आइए, इस ब्लॉग में शिमला मिर्च की खेती (shimla mirch ki kheti kaise kare) के बारे में विस्तार से जानें। 

शिमला मिर्च के लिए जरूरी जलवायु

शिमला मिर्च (Shimla mirch) को पहाड़ी क्षेत्रों में गर्मियों के मौसम में और मैदानी भागों में गर्मी और बरसात में उगाते हैं। इसकी खेती के लिए नर्म आर्द्र जलवायु को अच्छा माना जाता है। क्योंकि शिमला मिर्च के पौधे आर्द्र और कम गर्म जलवायु में अच्छे से विकसित होते हैं। वहीं, इसकी फसल को पकाने के लिए शुष्क जलवायु को बेहतर माना जाता है।

शिमला मिर्च के बीज के अंकुरण के लिए 16-29 डिग्री सेल्सियस, पौधे की अच्छी बढ़त के लिए 21-27 डिग्री सेल्सियस और फलों के उचित विकास और परिपक्वता के लिए 32 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान होना चाहिए।

शिमला मिर्च के लिए उपयुक्त मिट्टी

शिमला मिर्च की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी अच्छी होती है। जिसमें कार्बनिक पदार्थ अच्छी मात्रा में मौजूद हो और जल निकासी भी बेहतर हो। वहां शिमला की खेती से अच्छा उपज लिया जा सकता है। 

शिमला मिर्च की खेती का समय

शिमला मिर्च की खेती (shimla mirch ki kheti) साल में 3 बार की जा सकती है। इसकी पहली बुआई जून से जुलाई तक, दूसरी बुआई अगस्त से सितंबर और तीसरी बुआई नवंबर से दिसंबर की जा सकती है। इसके बीज बोने के बाद, उससे निकलने वाले पौधे की रोपाई की जाती है। जिसका अच्छा समय जुलाई से अगस्त, सितंबर से अक्टूबर और दिसंबर से जनवरी होता है।

हमारे देश में मौसम के अनुसार शिमला मिर्च की खेती वर्ष में 3 बार की जा सकती है।

1. सितंबर-अक्टूबर में तुड़ाई के लिए

नर्सरी में बीज को जून-जुलाई में लगाना चाहिए।

मुख्य खेत में जुलाई-अगस्त में पौधों की रोपाई करें।

2. नवंबर-दिसंबर में तुड़ाई के लिए

नर्सरी में बीज की बुवाई अगस्त से सितंबर में करें।

मुख्य खेत में पौधों की रोपाई सितंबर-अक्टूबर में की जाती है।

 3. फरवरी-मार्च में तुड़ाई के लिए

नर्सरी में बीज की बुवाई के लिए नवंबर-दिसंबर महीने में करें।

मुख्य खेत में पौधों की रोपाई दिसंबर से जनवरी महीने में करें।

खेती की तैयारी कैसे करें?

  • शिमला मिर्च (Shimla mirch) के पौधों की रोपाई से पहले खेत को अच्छे से 5-6 बार जुताई करें।
  • जुताई के पहले खेत में गोबर की खाद को अच्छी तरह से मिला लें। 
  • उसके बाद खेत में 90 सेमी चौड़ी क्यारियां बना लें। 
  • इसके एक पौधे की रोपाई, दूसरे पौधे से लगभग 45 सेमी की दूरी पर करें। 
  • एक क्यारी में पौधों की केवल दो कतारें ही लगाएं।

सिंचाई और उर्वरक प्रबंधन

शिमला मिर्च की खेत तैयार करते समय उसमें लगभग 25 से 30 टन गोबर की सड़ी खाद को मिला लें। उर्वरकों का प्रयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से एक बार जरूर सलाह ले लें। 

सिंचाई की बात करें तो शिमला मिर्च की फसल को ज्यादा और कम पानी दोनों से नुकसान हो सकता है। इसलिए यदि मिट्टी में नमी कम हो तो उसकी तुरंत सिंचाई और पानी का भराव ज्यादा होने पर उसके निकास की व्यवस्था भी तुरंत करनी चाहिए। शिमला मिर्च की फसल की सिंचाई आमतौर पर गर्मी के दिनों में एक सप्ताह और शीत के दिनों में 10 से 15 दिनों में करनी चाहिए।

शिमला मिर्च की उन्नत किस्में

शिमला मिर्च की उन्नत किस्मों मेंयेलो वण्डरकैलिर्फोनिया वण्डरबुलनोजअर्का मोहिनीकिंग आफ नार्थस्वीट बनानारूबी किंगअर्का गौरव और पैपरीका की के.टी.पी.एल.-19 आदि को ज्यादा प्रचलित माना जाता है।

शिमला मिर्च की खेती में लागत और कमाई

एक एकड़ में जमीन पर शिमला मिर्च की खेती (Shimla mirch ki kheti) करने का खर्च लगभग 4.26 लाख हो सकता है। जिसमें लगभग 15,000 किलोग्राम शिमला मिर्च की खेती की जा सकती है। चूंकि शिमला मिर्च की औसत बिक्री दर 50 रुपए प्रति किलोग्राम रहती है। इस हिसाब से 15,000 किलोग्राम शिमला मिर्च की बिक्री से प्राप्त होने वाली राशि होगी 7,50,000। अब इसमें से खर्चे या लागत को निकाल दिया जाए तो एक एकड़ भूमि पर शिमला मिर्च की खेती करके लगभग 3 से 3.50 लाख रुपए तक का मुनाफा कमाया जा सकता है।

ये तो थी शिमला मिर्च की खेती (shimla mirch ki kheti) की बात। लेकिन, The Rural India पर आपको कृषि एवं मशीनीकरण, सरकारी योजनाओं और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर भी कई महत्वपूर्ण ब्लॉग्स मिलेंगे, जिनको पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं।

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शिमला मिर्च को कब लगाना चाहिए?

शिमला मिर्च की खेती का समय जिसका अच्छा समय जुलाई से अगस्त, सितंबर से अक्टूबर और दिसंबर से जनवरी होता है। हमारे देश में मौसम के अनुसार शिमला मिर्च की खेती वर्ष में 3 बार की जा सकती है। नर्सरी में बीज को जून-जुलाई में लगाना चाहिए। मुख्य खेत में जुलाई-अगस्त में पौधों की रोपाई करें।

शिमला मिर्च का बीज कितने दिन में उगता है?

इष्टतम मिट्टी का तापमान: 10-30°C. बीजों को अंकुरित होने में लगभग 6-8 दिन लग सकते है ..

शिमला मिर्च की सबसे अच्छी वैरायटी कौन सी है?

कैलिफोर्निया वंडर शिमला मिर्च भारत में उन्नत किस्मों में से एक मानी जाती है. इसका पौधा मध्यम ऊंचाई वाला होता है तथा फलों का रंग हरा होता है. रोपाई के लगभद 75 दिनों बाद इसकी तुड़ाई की जा सकती है. प्रति एकड़ जमीन से करीब 72 से 80 क्विंटल शिमला मिर्च का उत्पादन किया जा सकता है.

शिमला मिर्च के पौधे कैसे लगाएं?

सबसे पहले आप पौधों को छोटे गमले से निकलने के लिए गमले में पानी देकर इसकी मिट्टी को अच्छी तरह से गीला कर दें। फिर सावधानी से पौधों को मिट्टी से निकले जिससे उसकी जड़ें न टूटें। इसके बाद गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में गड्ढा बनाकर इसके पौधों को लगाएं। अब शिमला मिर्च के पौधे को पानी दें और इसके गमले को धूप में रख दें।