शरद का आगमन
कल निकल गई थी शहर से दूर..अचानक नजर पड़ गई कास के सफेद फूलों पर। अचानक याद आ गई तुलसीदास रचित वर्षा विगत शरद रितु आई..। पुराने को तज नए की ओर देखने का मौसम है शरद ऋतु। जब बारिश अंत की ओर होती...
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 27 Sep 2013 07:52 PM
कल निकल गई थी शहर से दूर..अचानक नजर पड़ गई कास के सफेद फूलों पर। अचानक याद आ गई तुलसीदास रचित वर्षा विगत शरद रितु आई..। पुराने को तज नए की ओर देखने का मौसम है शरद ऋतु। जब बारिश अंत की ओर होती है, तो हमें मैदानी इलाकों में कास के सफेद फूल दिखाई पड़ते हैं। लगता है, जैसे धरा ने सफेद चादर ओढ़ ली है। बहुत ही मनोरम होता है यह दृश्य..कास के फूल जब तेज हवा से झूमते हैं, तो मन आनंदित हो जाता है, जैसा कि कल मेरा हो गया था। शरद ऋतु यानी त्योहारों का मौसम, फूलों का मौसम..सबसे खूबसूरत होता है इसमें नाजुक हरसिंगार का खिलना और धरती पर बिछ जाना। इस मौसम में शहर से कुछ किलोमीटर दूर निकल जाइए, तो तालाब-पोखरों में लाल-सफेद कमल और कुमुदनी लदे दिखते हैं, यहां तक कि गड्ढ़ों में भी कुमुदनी सुशोभित होती है। जी ललक उठता है।
साफ नीले आसमान वाले इस मौसम में न गरमी होती है, न ठंड। मन खिला-खिला-सा लगता है। शरद पूर्णिमा का चांद सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। इसी ऋतु में कृष्ण ने गोपियों संग रासलीला रचाई थी। शायद इसलिए हमारे कविगण इस ऋतु के प्रशंसक हैं। निराला लिखते हैं- झरते हैं चुंबन गगन के। झारखंड का राजनीतिक मौसम जैसा भी रहे, यहां का प्राकृतिक सौंदर्य इतना अभिभूत करने वाला है कि बाहरी लोगों की बात छोड़ दीजिए, हमें खुद एहसास होता है कि हम ऐसी जगह निवास करते हैं, जहां प्रकृति ने कूट-कूटकर
सौंदर्य भरा है। अद्भुत नैसर्गिक सौंदर्य!
रूप-अरूप में रश्मि शर्मा
विषयसूची
शरद ऋतु की दोपहर में क्या क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंशरद ऋतु भारत की प्रमुख 4 ऋतुओं में से एक ऋतु है। वर्षा ऋतु के पश्चात् जब मानूसन पवनें लौटती हैं तो देश के उत्तरी पश्चिमी भाग में तापमान तेज़ीसे कम होने लगता है। इस समय जलप्लावित भूमि तथा तीव्र तापमान के कारण वायु की आर्द्रता इतनी अधिक बढ़ जाती है कि लोगों को असहनीय उमस का सामना करना पड़ता है।
नीम कविता से हमें क्या सीख मिलती है?
इसे सुनेंरोकेंइस कविता से हमें यह संदेश मिलता है कि जिस प्रकार वसंत ऋतु के आगमन से सारी सृष्टि खिलकर मनमोहक बन जाती है उसी प्रकार हमें भी अपने श्रेष्ठ कार्यो से समाज, राष्ट्र व विश्व की आभामय बनाना चाहिए। एस कार्य करने चाहिए कि सभी हमारा यशगान करें।
शरद ऋतु का आगमन कैसे होता है?
इसे सुनेंरोकेंजब बारिश अंत की ओर होती है, तो हमें मैदानी इलाकों में कास के सफेद फूल दिखाई पड़ते हैं। लगता है, जैसे धरा ने सफेद चादर ओढ़ ली है। बहुत ही मनोरम होता है यह दृश्य.. कास के फूल जब तेज हवा से झूमते हैं, तो मन आनंदित हो जाता है, जैसा कि कल मेरा हो गया था।
शरद ऋतु को हिंदी में क्या कहते हैं?
इसे सुनेंरोकेंशरद ऋतु, जिसे पतझड़ भी कहते हैं, चार शीतोष्ण ऋतुओं में से एक हैं।
हेमंत ऋतु कब आती है 2021?
इसे सुनेंरोकेंऋतु परिवर्तन:हेमंत खत्म, अब 18 फरवरी तक रहेगी शिशिर ऋतु; 19 फरवरी से शुरू होगा वसंत हेमंत ऋतु खत्म होकर अब शिशिर ऋतु की शुरुआत 21 दिसंबर से हो गई है। जो 18 फरवरी तक रहेगी।
इस कविता के माध्यम से हमें क्या सीख मिलती है?`?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर: इस कविता के माध्यम से हमें सीख मिलती है कि क्षमा, दया और विनम्रता के साथ हमें अपने पौरुष का उपयोग करना चाहिए । शक्तिहीन मनुष्य को क्षमा, दया, विनम्रता शोभा नहीं देती है। अर्थात् शक्तिमान व्यक्ति को ही क्षमा, दया और विनम्रता शोभता है।
कविता में कवि ने क्या संदेश दिया?
इसे सुनेंरोकेंकवि ने इस कविता के माध्यम से संदेश देना चाहा है कि पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं। यानी स्वतंत्रता सबसे अच्छी है। स्वतंत्र रहकर ही अपने सपने और अरमान पूरे किए जा सकते हैं। पराधीनता में सारी इच्छाएँ खत्म हो जाती हैं।
शीत ऋतु और शरद ऋतु में क्या अंतर है?
इसे सुनेंरोकेंहिंदू माह के अनुसार शरद ऋतु में अश्विन और कार्तिक मास आता है. हमेंत ऋतु को अंग्रेजी में विंटर कहा जाता है. नाम से ही स्पष्ट है विंटर यानि की सर्दियां. इस मौसम में रातें बड़ी होती हैं और दिन छोटे होते हैं.
दिसंबर माह में भारत में कौन सी ऋतु होती है?
इसे सुनेंरोकें➲ दिसंबर माह में भारत में ‘हेमन्त ऋतु’ होती है।
शरद ऋतु कब प्रारंभ होती है?
इसे सुनेंरोकेंप्रायः अश्विन मास में शरद पूर्णिमा के आसपास शरद ऋतु का सौंदर्य दिखाई देता है। शरद ऋतु 23 अक्टूबर तक रहेगी। इसके बाद हेमंत का आगमन होगा। अधिक मास और ज्योतिषिय गणना के चलते ऋतुएँ 24 दिन आगे बढ़ गई हैं।
शरद शब्द का अर्थ क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंआपको बता दें कि शरद नाम का अर्थ पतझड़ होता है। पतझड़ मतलब होने के कारण शरद नाम बहुत सुंदर बन जाता है।
शरद ऋतु के बीतने की तैयारी करते हुए पशु क्या करते हैं?
इसे सुनेंरोकेंऐसी ठंड से पशु को बचाने के लिए पशु को हमेशा पशु आवास में ही बांधकर खिलाना एवं उसका दूध निकालना चाहिए। पशुशाला के दरवाजे खिड़कियां वह अन्य खुले स्थान पर रात के समय बोरी त्रिपाल व टाट को टांगना चाहिए जिससे पशुओं को सीधी ठंडी हवा से बचाया जा सके। यदि शीत लहर हो तो पशुओं को अलाव जलाकर भी सर्दी के प्रकोप से बचा जा सकता है।