सनातन धर्म में सभी व्रत त्योहार प्रमुख तौर पर किसी न किसी भगवान को समर्पित होते हैं और उन्हीं की इस दिन पूजा की जाती है। इसी प्रकार से महाशिवरात्रि का व्रत भी शिवजी और माता पार्वती को समर्पित होता है और इस दिन उन्हीं की पूजा भी की जाती है। मान्यता है कि भगवान शिव और पार्वती विवाह संपन्न हुआ था। यह त्योहार उनकी वैवाहिक वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। देवी पार्वती और शिवजी के मिलन के इस उत्सव को पूरे भारत में
विशेष धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन सभी लोग व्रत करके शिवजी की आराधना करते हैं। हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे किया जाता है शिवरात्रि का व्रत और पूजा… शिवजी की पूजा में इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान,
शिवजी करेंगे आपका कल्याण ऐसे करें व्रत की शुरुआत महाशिवरात्रि व्रतविधि महाशिवरात्रि व्रत के लाभ
माना जाता है कि महाशिवरात्रि के व्रत की शुरुआत त्रयोदशी से ही हो जाती है और इसी दिन से लोगों को शुद्ध सात्विक आहार लेना शुरू कर देना चाहिए। कुछ लोग तो इसी दिन से व्रत का आरंभ कर देते हैं। इसके बाद चतुर्दशी तिथि को पूजा करके व्रत करने का संकल्प लेते हैं। इस दिन शिवजी को भांग, धतूरा, गन्ना, बेर और चंदन अर्पित किया जाता है। वहीं माता पार्वती को सुहागिन महिलाएं सुहाग की प्रतीक चूड़ियां, बिंदी और सिंदूर अर्पित किया जाता
है। यदि आप उपवास करते हैं तो पूरे दिन फलाहार ग्रहण करें और नमक का सेवन न करें। यदि किसी वजह से नमक का सेवन करते हैं तो सेंधा नमक का सेवन करें।
महाशिवरात्रि व्रत में चारों पहर में पूजन किया जाता है। प्रत्येक पहर की पूजा में ऊं नम: शिवाय का जप करते रहना चाहिए। अगर शिव मंदिर में यह जप करना संभव न हो, तो घर की पूर्व दिशा में, किसी शान्त स्थान पर जाकर इस मंत्र का जप किया जा सकता है। चारों पहर में किए जाने वाले इन मंत्रों के जप से
विशेष पुण्य प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त उपवास की अवधि में रुद्राभिषेक करने से भगवान शंकर अत्यन्त प्रसन्न होते हैं।
महाशिवरात्रि का व्रत बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है। खासकर कि उन महिलाओं के लिए जो अविवाहित हैं। माना जाता है कि जो कन्याएं शिवरात्रि का व्रत करती हैं उन्हें जल्द ही व्रत का फल मिलता है और उनके विवाह के शीघ्र ही संयोग बन जाते हैं। वहीं विवाहित महिलाएं इस दिन व्रत करती हैं तो उन्हें चिर सौभाग्य की प्राप्ति होती हैं और उनके
परिवार में खुशहाली रहती है।
पूजापाठ से जुड़े ये 10 नियम हमेशा रखें ध्यान, कभी नहीं होगा आपका नुकसान
- व्रत के नियममहाशिवरात्रि के व्रत में नमक का सेवन नहीं किया जाता है। यदि फिर भी कोई बीमार है या फिर गर्भवती महिला हैं या बुजुर्ग हैं तो वह व्रत में फलाहारी नमक का प्रयोग कर सकते हैं।
- व्रत करने वाले व्यक्ति को दिन में निद्रा नहीं लेनी चाहिए और रात्रि में भी शिवजी का भजन करके जागरण करना चाहिए। इस दिन पति और पत्नी को साथ मिलकर शिवजी के भजन करने चाहिए। ऐसा करने से उनके संबंधों में मधुरता बनी रहती है।
- माना जाता है कि शिवजी को खट्टे फलों का भोग नहीं लगाना चाहिए और सफेद मिष्ठान का प्रयोग करना चाहिए।
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Maha Shivratri Vrat Niyam 2022 : महाशिवरात्रि साधन की रात्रि है। इस दिन का धार्मिक दृष्टि से बड़ा ही महत्व है जिसका जिक्र शिवपुराण, लिंग पुराण समेत कई धर्म ग्रंथों में मिलता है। कहते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन शिवजी की भक्ति भाव से पूजा करने वाले को पूरे साल शिवजी की भक्ति करने का पुण्य मिल जाता है। महाशिवरात्रि व्रत की कथा में तो ऐसे उल्लेख मिलता है कि अनजाने में भी जिस किसी ने इस व्रत को कर लिया वह भी
शिवलोक में स्थान पा गया। वैसे शिवरात्रि व्रत के कुछ नियम और विधि भी हैं जिन्हें जानकर आप शिवजी की उपासना करेंगे तो आपकी मनोकामना शिवजी जल्दी पूर्ण कर सकते हैं। महाशिवरात्रि व्रत के नियम महाशिवरात्रि पर इन उपायों से दूर करें घर का वास्तुदोष महाशिवरात्रि पर शिवजी का पूजन ऐसे करें महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए अभिषेक की परंपरा युगों से चली आ रही है। इस दिन देवी-देवता भी शिवजी की पूजा अर्चना और
अभिषेक करते हैं। इस अवसर पर आप गंगाजल, शहद, घी, दूध, दही, गन्ने का रस इनसे शिवजी का अभिषेक कर सकते हैं। जिनका जिक्र शिव पुराण में भी किया गया है। अगर आपके पास ये साधन उपलब्ध न हो तो शुद्ध जल से भी शिवजी का अभिषेक कर सकते हैं। अभिषेक के दौरान ओम नमः शिवाय मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करते रहें। वैसे शिवजी को अभिषेक के अलावा बेलपत्र, धतूरा, आक, भांग एवं सफेद पुष्प अति प्रिय है तो इन्हें भी शिवजी को अर्पित करें।
1 महाशिवरात्रि के दिन गेंहू, चावल, बेसन, मैदा आदि से बनी चीजों का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
2 इस दिन मांस-मंदिरा काा सेवन नहीं करना चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो भगवान शिव आपसे रुष्ट भी हो सकते हैं।
3 यदि आप महाशिवरात्रि का
व्रत रख रहें हैं तो आपको दिन में नहीं सोना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार दिन में सोने से आपको व्रत का फल नहीं मिलता है।
4 व्रत का पालन करते हुए ब्रह्मचर्य बनाए रखें।
5 व्रत के दौरान किसी के साथ भी वाद विवाद न करें और न ही ऐसे शब्दों का प्रयोग करें जिससे किसी का दिल दुखे।
6 आप दिन में चाय, दूध और फल आदि का सेवन कर सकते हैं।
7 शाम के वक्त सात्विक भोजन ग्रहण कर सकते हैं। इसके लिए साधारण नमक की जगह सेंधा नमक का प्रयोग कर सकते है।
8 शिवपुराण में महाशिवरात्रि में रात के समय जागरण करने का
अधिक महत्व बताया गया है। यदि आप रात्रि जागरण करते हैं तो आपको दोगुना फल प्राप्त होगा। यदि आप जागरण नहीं कर पा रहें है तो सोते समय अपने सिरहाने तुलसी का पत्ता रख लें।
9. शिवरात्रि व्रत का नियम है कि इस व्रत को चतुर्दशी में ही आरंभ कर इसका पारण (समाप्ति) चतुर्दशी में ही करनी चाहिए। जो लोग व्रत रखेंगे वह रात्रि 1 वजकर 15 मिनट से पहले व्रत खोल सकते हैं। वैसे लोग जो दिन रात का व्रत रखते हैं वह अगले दिन सूर्यदय से 2 घंटे के अंदर व्रत का पारण कर सकते हैं।
महाशिवरात्रि व्रत की कथा
महशिवरात्रि के व्रत को लेकर
पुराणों में कई कथाएं प्रचलित हैं जिनमें से एक कथा एक धनवान मनुष्य कुसंगवश की है। एक बार एक धनवान मनुष्य गलत संगत में फंसने के कारण अपना सारा धन खो चुका था। महाशिवरात्रि के दिन वह शिव मंदिर पहुंचा जहां एक सौभाग्यशाली स्त्री भक्तिपूर्वक पूजन में लीन थी। तब उस व्यक्ति ने स्त्री के सारे आभूषण चोरी कर लिए। वहां मौजूद लोगों ने इस घटना को देख लिया और उसे पीट-पीटकर मार डाला। हांलाकि चोरी करने के चक्कर में वह मंदिर में आठ प्रहर तक भूखा प्यासा रहकर जागता रहा था। इस तरह अनजाने में ही उसका व्रत पूर्ण हो गया
था। जिसकी वजह से भगवान शिव की उस पर कृपा हो गई और वह शिवलोक में स्थान पा गया।
शुभ योग के बीच चार पहर होगी शिवजी की पूजा, जानें समय और महत्व
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