दूध से दही का बनना कौनसी प्रक्रिया है?
July 27, 2020
(A) भौतिक प्रक्रिया
(B) तापीय प्रक्रिया
(C) रासायनिक प्रक्रिया
(D) नाभिकीय प्रक्रिया
Answer : रासायनिक प्रक्रिया
Explanation : दूध से दही का बनना एक रासायनिक प्रक्रिया है। क्योंकि रासायनिक परिवर्तन (Chemical Change) के तहत किसी नये पदार्थ की प्राप्ति होती है। लेकिन नये पदार्थ से पुन: मूल पदार्थ की प्राप्ति नहीं की जा सकती। इसी प्रकार दूध से दही की प्राप्ति तो हो सकती है परंतु दही से पुनः दूध को नहीं प्राप्त किया जा सकता है। वही, दूध से दही बनने की प्रक्रिया को किण्वन कहते है। दूध में स्ट्रेप्टोकोकस लैक्टिस एवं लैक्टोबैसिलस लैक्ट्सि नामक जीवाणु पाये जाते है। ये जीवाणु दूध में पाये जाने वाले लैक्टोस शर्करा का किण्वन करके लैक्टिक अम्ल बनाते है जिसके कारण दूध खट्टा हो जाता है। लैक्टिक अम्ल जीवाणु दूध में पाये जाने वाले केसीन नामक प्रोटीन की छोटी-छोटी बूंदों को एकत्रित करके दही जमाने में सहायता करते है। दूध को स्ट्रेप्टोकोकस थर्मोफिलस तथा लैक्टोबैसिलस बुल्गेरिकस के द्वारा 40-60"C पर जमा कर, यीस्ट द्वारा आंशिक किण्वन (Fermentation) कराया जाता है, तो पोषक पदार्थ दही (Youghurt) प्राप्त होता है।....अगला सवाल पढ़े
Tags : रसायन विज्ञान प्रश्नोत्तरी
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प्रकाश संश्लेषणआसवनकिण्वन स्टैरिलाइजेशन
Answer : C
Solution : दूध से दही बनने की प्रक्रिया को किण्वन कहते हैं। किण्वन एक जैव रासायनिक क्रिया है, जिसमें जटिल कार्बनिक यौगिक सूक्ष्मजीवों की सहायता से सरल कार्बनिक यौगिक में विघटित हो जाते हैं। दूध से दही बनना एक रासायनिक अभिक्रिया है। लैक्टोबैसिलस जीवाणु के कारण दूध से दही बनता है।
उर्जा 60 किलो कैलोरी 260 kJ | ||||||||||
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(*) लैक्टोज़ की मात्रा भंडारण के दौरान घटती है। प्रतिशत एक वयस्क हेतु अमेरिकी सिफारिशों के सापेक्ष हैं. स्रोत: USDA Nutrient database |
दही एक दुग्ध-उत्पाद है जिसका निर्माण दूध के जीवाणुज किण्वन द्वारा होता है। लैक्टोज का किण्वन लैक्टिक अम्ल बनाता है, जो दूध प्रोटीन से प्रतिक्रिया कर इसे दही में परिवर्तित कर देता है साथ ही इसे इसकी विशेष बनावट और विशेष खट्टा स्वाद भी प्रदान करता है। सोया दही, दही का एक गैर दुग्ध-उत्पाद विकल्प है जिसे सोया दूध से बनाया जाता है।
खाने में दही का प्रयोग पिछले लगभग 4500 साल से किया जा रहा है। आज इसका सेवन दुनिया भर में किया जाता है। यह एक स्वास्थ्यप्रद पोषक आहार है। यह प्रोटीन, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, विटामिन B6 और विटामिन B12 जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध होता है।
दही को 72 से 75 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर गर्म करके उसे 21 डिग्री सेंटीग्रेड ताप तक ठंडा करके उसमें 1 से 2% जामन मिलाकर 8 से 10 घंटे बाद बना उत्पादक कहलाता है
दही में अम्लता -- 0.7-0.9% दही में लैक्टोज -- 4=6-5%
दही के लाभ[संपादित करें]
इसमें कुछ ऐसे रासायनिक पदार्थ होते हैं, जिसके कारण यह दूध की अपेक्षा जल्दी पच जाता है। जिन लोगों को पेट की परेशानियां जैसे- अपच, कब्ज, गैस जैसी बीमारियाँ घेरे रहती हैं, उनके लिए दही या उससे बनी लस्सी, मट्ठा, छाछ का उपयोग करने से आंतों की दूर हो जाती है। डाइजेशन अच्छी तरह से होने लगता है और भूख खुलकर लगती है।[1]
दही में छुपा है खूबसूरती का ख़जाना[संपादित करें]
दही एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो खाने में स्वास्थ्यवर्धक तो है ही साथ ही ये सौंदर्य निखारने के लिए भी अच्छा स्रोत माना जाता है। गर्मियों में अक्सर तेज धूप शरीर पर पड़ने से त्वचा झुलस या टैन हो जाती है, ऐसे में दही टैनिग कम करने के लिए बेहतर विकल्प माना जाता है। इतना ही नही दही में बेसन मिलाकर लगाने से भी चेहरे पर चमक आती है। [2] [3]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 31 मार्च 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 मार्च 2014.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 29 नवंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 नवंबर 2014.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 29 नवंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 नवंबर 2014.