दामोदर को बंगाल का दुख क्यों कहा जाता है? - daamodar ko bangaal ka dukh kyon kaha jaata hai?

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बंगाल का शोक किस नदी को कहा जाता है?

Question

बंगाल का शोक किस नदी को कहा जाता है?

A

दामोदर

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B

कोसी

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Solution

The correct option is A दामोदर
दामोदर नदी को बंगाल का शोक कहा जाता है तथा कोसी नदी को बिहार का शोक कहा जाता हैं। कोसी नदी अपने मार्ग परिवर्तन के कारण जानी जाती है जो बिहार में बाढ़ का प्रमुख कारण है |


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छोटानागपुर की पहाड़ियों से 610 मीटर की ऊँचाई से निकलकर “दामोदर नदी” लगभग 290 किलोमीटर झारखण्ड में प्रवाहित होने के बाद पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर 240 किलोमीटर प्रवाहित होकर हुगली नदी में मिल जाती है। झारखण्ड में इसे देवनद के नाम से जाना जाता है।

दामोदर पश्चिम बंगाल तथा झारखंड में बहने वाली एक नदी है। इस नदी के जल से एक महत्वाकांक्षी पनबिजली परियोजना दामोदर घाटी परियोजना चलाई जाती है जिसका नियंत्रण डी वी सी करती है। पहले दामोदर नदी अपनी बाढ़ों के लिए कुख्यातथी। इस नदी को पहले बंगाल का शोक कहा जाता था।

दामोदर नदी झारखण्ड के छोटा नागपुर क्षेत्र से निकलकर पश्चिमी बंगाल में पहुँचती है। हुगली नदी के समुद्र में गिरने के पूर्व यह उससे मिलती है। इसकी कुल लंबाई ३६८ मील है। इस नदी के द्वारा २,५०० वर्ग मील क्षेत्र का जलनिकास होता है।

पहले नदी में एकाएक बाढ़ आ जाती थी जिससे इसको ‘बंगाल का अभिशाप‘ कहा जाता था। भारत के प्रमुख कोयला एवं अभ्रक क्षेत्र भी इसी घाटी में स्थित हैं। इस नदी पर बाँध बनाकर जलविद्युत् उत्पन्न की जाती है। कुनर तथा बराकर इसकी सहायक नदियाँ हैं।

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दामोदर नदी

दामोदर नदी की द्रोणी (बेसिन)

दामोदर पश्चिम बंगाल तथा झारखंड में बहने वाली एक नदी है। इस नदी के जल से एक महत्वाकांक्षी पनबिजली परियोजना दामोदर घाटी परियोजना चलाई जाती है जिसका नियंत्रण डी वी सी करती है।

दामोदर नदी झारखण्ड के छोटा नागपुर क्षेत्र से निकलकर पश्चिमी बंगाल में पहुँचती है। हुगली नदी के समुद्र में गिरने के पूर्व यह उससे मिलती है। इसकी कुल लंबाई ३६८ मील (592 km) है। इस नदी के द्वारा २,५०० वर्ग मील क्षेत्र का जलनिकास होता है। पहले नदी में एकाएक बाढ़ आ जाती थी जिससे इसको 'बंगाल का अभिशाप' कहा जाता था। भारत के प्रमुख कोयला एवं अभ्रक क्षेत्र भी इसी घाटी में स्थित हैं। इस नदी पर बाँध बनाकर जलविद्युत् उत्पन्न की जाती है। कोनार तथा बराकर इसकी सहायक नदियाँ हैं।

दामोदर नदी

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • दामोदर घाटी परियोजना
  • दामोदर घाटी निगम

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • दामोदर नदी ने रास्ता दिखाया (इण्डिया वाटर पोर्टल)
  • दामोदर नदी ही नहीं संस्कृति व आजीविका (इंडिया वाटर पोर्टल)

  • दे
  • वा
  • सं

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दामोदर नदी को बंगाल का शोक कहते हैं क्यों?

दामोदर नदी को बंगाल का शोक कहा जाता है तथा कोसी नदी को बिहार का शोक कहा जाता हैं। कोसी नदी अपने मार्ग परिवर्तन के कारण जानी जाती है जो बिहार में बाढ़ का प्रमुख कारण है |

कौन सी नदी को बंगाल का शोक के नाम से जाना जाता है?

दामोदर नदी को 'बंगाल का शोक' कहा जाता है।

दामोदर नदी का दूसरा नाम क्या है?

पहले नदी में एकाएक बाढ़ आ जाती थी जिससे इसको 'बंगाल का अभिशाप' कहा जाता था। भारत के प्रमुख कोयला एवं अभ्रक क्षेत्र भी इसी घाटी में स्थित हैं। इस नदी पर बाँध बनाकर जलविद्युत् उत्पन्न की जाती है। कोनार तथा बराकर इसकी सहायक नदियाँ हैं।

दामोदर घाटी क्षेत्र क्यों प्रसिद्ध है?

डीवीसी में पूर्ण भंडारण स्तर पर लगभग 34,447 हेक्टेयर के एक संयुक्त जल संवर्धित क्षेत्र तथा लगभग 20,116 हेक्टेयर के कुल उत्पाद जल क्षेत्र सहित दामोदर घाटी क्षेत्र में इसके नियंत्रणाधीन चार प्रमुख जलागार (मैथन, पंचेत, तिलैया व कोनार) हैं। अब, 1335 सदस्यों को समेकित करते हुए कुल 35 पंजीकृत मछुआरा को-ऑपरेटिव सोसाइटी हैं ।

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