दादा की संपत्ति का बंटवारा कैसे करें? - daada kee sampatti ka bantavaara kaise karen?

  • Hindi News
  • Business
  • Business news
  • grandchild grandson can inherit grandfathers property

दादा की संपत्ति पर पोते का कितना अधिकार है, यहां जानिए पूरी बात

Produced by

Amit Tyagi

| नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 24 Jan 2022, 5:44 pm

grandfathers property: दादा को विरासत में मिली संपत्ति पर जन्म के बाद से ही पूरा अधिकार होता है। विरासत में मिली संपत्ति में पुश्तैनी जमीन, पुश्तैनी मकान, पुश्तैनी चल संपति आदि भी शामिल है।

नई दिल्ली: भारत में पूर्वजों की संपत्ति (Property) का बंटवारा एक बहुत जटिल प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में देश के लाखों लोग सालों साल मुकदमेबाजी का सामना करते रहते हैं और अपना कीमती समय बर्बाद करते हैं। इस हिसाब से जरूरी है कि आपको कुछ बातों की जानकारी होनी चाहिए। अगर बात दादा की संपत्ति पर पोते के हक की करें तो पोते या पोती का दादा को विरासत में मिली संपत्ति पर जन्म के बाद से ही पूरा अधिकार होता है। इसमें पोते/पोती के पिता या दादा की मृत्यु से कोई संबंध नहीं है। कोई पोता-पोती अपने जन्म के साथ ही अपने दादा की संपत्ति में हिस्सेदार हो जाता है।

दादा की पैतृक संपत्ति
ऐसी संपत्ति जो किसी पिता द्वारा अपने पिता, दादा या परदादा आदि से विरासत में मिली है, पैतृक संपत्ति कही जाती है। पैतृक या पुश्तैनी संपत्ति में हिस्सेदारी का अधिकार जन्म से ही हो जाता है, जो विरासत के अन्य तरीके से अलग होता है। संपत्ति के अधिकार के अन्य तरीके में वारिस का अधिकार प्रॉपर्टी मालिक की मृत्यु होने के बाद खुलता है।

पैतृक संपत्ति में अधिकार

पैतृक या पुश्तैनी संपत्ति में अधिकार प्रति भूभाग के आधार पर निर्धारित किया जाता है, प्रति व्यक्ति नहीं। इसलिए हर पीढ़ी का हिस्सा पहले निर्धारित किया जाता है और बाद में अगली पीढ़ी के लिए उस हिस्से का उप-विभाजन किया जाता है जो उनके पूर्ववर्तियों द्वारा विरासत में मिली है।

नाती-पोते का हक़

पैतृक संपत्ति में नाती-पोते की समान हिस्सेदारी होती है। अगर कोई पोता दादा के नाती को संपत्ति में हिस्सा देने से मना करता है तो नाती अंतरिम राहत के लिए याचिका के साथ घोषणा और विभाजन के लिए एक दीवानी मामला दर्ज कर सकता है। कानून में दिए गए अधिकारों से किसी को वंचित नहीं किया जा सकता।

दादा की खुद कमाई गई संपत्ति पर
एक पोते का अपने दादाजी की खुद कमाई गई संपत्ति पर जन्मसिद्ध अधिकार नहीं है। यदि वह संपत्ति पोते के पिता को परिवार के विभाजन के समय कानूनी उत्तराधिकारी के रूप में आवंटित कर दी गयी हो, तब उस पर पोते का अधिकार बनेगा। हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के तहत हमवारिस के तौर पर उसे इस पर दावा करने का हक नहीं है। दादा इस संपत्ति को किसी भी व्यक्ति को दे सकता है।

वसीयत नहीं है तब?
यदि दादा बिना किसी वसीयत के मर जाते हैं, तो केवल उनकी पत्नी, पुत्र और बेटी का इस संपत्ति पर अधिकार होगा। मृतक की पत्नी, पुत्र और पुत्रियों द्वारा विरासत में मिली संपत्तियों को उनकी निजी संपत्ति माना जाएगा और उस संपत्ति में किसी अन्य का दावा नहीं होगा।

नाइकी, एडिडास जैसे ब्रांडेड शूज सस्ते में खरीदने का आखिरी मौका

Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप

लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें

रेकमेंडेड खबरें

  • पटना सीएम नीतीश की समाधान यात्रा का 'रोड मैप' तैयार, 16 दिन में 'नापेंगे' 18 जिले... पटना से बाहर गुजारेंगे 9 रातें
  • Adv: नए साल में करें नई शुरुआत, Amazon ब्रैंड्स पर मिल रही 60% तक की बंपर छूट
  • भरतपुर मीठी बातों में फंसकर बन गए बंधक, फिर बेटे को किया कॉल- कहा इस महिला से बचा लो
  • हरिद्वार-ऋषिकेश -4 डिग्री में कांप रहा उत्‍तराखंड, वहीं -40 डिग्री में भी बेपरवाह घूम रहा है 'हिमालय का भूत'
  • भारत जम्मू-कश्मीर अब आतंकी स्थल नहीं, पर्यटकों का स्थल बन गया है, ये रिपोर्ट देख लीजिए
  • अयोध्या पहले राहुल को 'राम' कहने पर उबले, फिर दिया आशीर्वाद, रामलला के मुख्य पुजारी की राजनीति में इतनी रुचि क्यों?
  • खबरें ईशान किशन में दिखी धोनी की झलक, पीछे भागते हुए हवा में उड़कर लपका असंभव कैच!
  • पटना सीएम नीतीश की घुड़की और डर गए तेजस्वी यादव? सुधाकर सिंह को लेकर अंदर का सियासी खेल तो समझिए
  • बेंगलुरु बेंगलुरु कंज्यूमर कोर्ट ने फ्लिपकार्ट पर लगाया 42000 का जुर्माना, मोबाइल समय से डिलीवर नहीं करना पड़ा भारी
  • फिल्मी खबरें निरूपा रॉय पर बहू ने लगाए थे दहेज और काले धन से जुड़े गंभीर आरोप, आ गई थी जेल जाने की नौबत
  • टैरो कार्ड कन्‍या और तुला राशि वालों के लिए शानदार दिन, देखें आपके टैरो कार्ड्स क्या कहते हैं
  • फैशन अरबपति मुकेश अंबानी के आजकल बदल गए हैं अंदाज, पोते के बर्थडे पर यूं हुए कैमरे में कैद
  • खबरें ट्रोल्स की गंदी हरकतों से टूट गईं नीति टेलर, बोलीं- फोटो से करते हैं छेड़छाड़, देते हैं गालियां
  • लाइफस्टाइल फोटो गैलरी न्यू ईयर मनाकर मुंबई लौटे मलाइका-अर्जुन, एयरपोर्ट पर दिखा इतना स्टाइलिश अवतार कि आप भी करेंगे तारीफ

देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं?

धन्यवाद

दादा की संपत्ति का मालिक कौन है?

दादा अपनी खुद से अर्जित की गई संपत्ति को जिस भी व्यक्ति को चाहे दे सकता है. अगर बिना वसीयत बनवाए ही दादाजी का देहांत हो जाता है तो उनकी संपत्ति उनके तत्काल या कहें कि प्रथम वरीयता वाले कानूनी वारिसों जैसे पत्नी, पुत्र और बेटी को उस संपत्ति पर कानूनन अधिकार मिल जाएगा.

क्या पोता भारत में दादा की संपत्ति में अधिकारों का दावा कर सकता है?

पैतृक संपत्ति के मामले में पोते का अधिकार और पिता का अधिकार बराबर होता है। पोते के अधिकार के रूप में पोते को अपने दादा की संपत्ति में हिस्से का दावा करने का अधिकार है । हालाँकि, पिता की स्व-अर्जित संपत्ति केवल पिता की मृत्यु के बाद ही बच्चे में निहित होगी।

पुश्तैनी जमीन का बंटवारा कैसे करें up?

पुश्तैनी जमीन बंटवारे में पंचायत की प्रक्रिया के दौरान पंचायत मे लिए समिति के मुखिया, पन्चो और सभी सदस्यो का होना जरूरी है। इस प्रक्रिया के दौरान एक पन्च लाइन तैयार की जाती है, जिसमें पंचों के साथ आधे से अधिक हिस्सेदार का भी पंच लाइन में पर हस्ताक्षर करना बेहद जरूरी होता है।

पैतृक संपत्ति से बेदखल कैसे करें?

पैतृक संपत्ति से बेदखल करना हालांकि, ऐसा करना कानूनी रूप से संभव नहीं है। ऐसा कोई भी पुरुष जो चार पीढ़ियों के वंश का हिस्सा है, वह स्वतः ही संपत्ति का उत्तराधिकारी है। हालाँकि, आप अपनी संतानों को खुद द्वारा अर्जित संपत्ति से बेदखल कर सकते हैं।

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग