Energy in Hindi: क्या आपको पता है एनर्जी किसे कहते हैं? एनर्जी के कितने प्रकार होती हैं और इसका एस आई मात्रक क्या होता है? यदि आपके मन में भी यह सब सवाल हैं और उनके उत्तर जानना चाहते हैं तो आज किस आर्टिकल में हम आपको ऊर्जा क्या होती है (urja kise kahate hain)? ऊर्जा की परिभाषा क्या है? ऊर्जा के कितने प्रकार होते हैं और ऊर्जा रूपांतरण के बारे में विस्तार से बताएंगे। आइए इसे जानते हैं।
Table of Contents
- ऊर्जा की परिभाषा – Definition of energy in Hindi
- ऊर्जा के प्रकार – Type of energy in Hindi
- गतिज ऊर्जा (काइनेटिक एनर्जी) – Kinetic energy in Hindi
- स्थितिज ऊर्जा – Potential Energy in Hindi
- ऊर्जा के अन्य प्रकार – Other types of energy in Hindi
- ऊर्जा रूपांतरण करने वाले उपकरण – Energy conversion equipment in Hindi
ऊर्जा की परिभाषा – Definition of energy in Hindi
आइये ऊर्जा की परिभाषा को विस्तार से जानते हैं “किसी वस्तु की कार्य करने की क्षमता को उस वस्तु की ऊर्जा कहते हैं।” ऊर्जा एक अदिश राशि है और इसका एस. मात्रक जूल है।
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ऊर्जा के प्रकार – Type of energy in Hindi
किसी कार्य द्वारा प्राप्त ऊर्जा यांत्रिक ऊर्जा होती है और यांत्रिक ऊर्जा दो प्रकार की होती है।
- गतिज ऊर्जा
- स्थितिज ऊर्जा
आइए इन दोनों ऊर्जा को विस्तार से जानते हैं और इनकी परिभाषा को समझते हैं।
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गतिज ऊर्जा (काइनेटिक एनर्जी) – Kinetic energy in Hindi
क्या आपको पता है की गतिज ऊर्जा किसे कहते है (gatij urja kise kahate hain)? काइनेटिक एनर्जी की परिभाषा “किसी वस्तु में उसकी गति के कारण जो कार्य करने की क्षमता आ जाती है वह उस वस्तु की गतिज ऊर्जा कहलाती है।” यदि m द्रव्यमान की वस्तु v वेग से चल रही हो तो इसकी गतिज ऊर्जा होगी –
KE =1/2 mv²
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स्थितिज ऊर्जा – Potential Energy in Hindi
स्थितिज ऊर्जा की परिभाषा (sthitij urja kise kahate hain) इस प्रकार है कि “जब किसी वस्तु में अपनी विशेष अवस्था या स्थिति के कारण कार्य करने की क्षमता आ जाती है तो उसे स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।”
स्थितिज ऊर्जा के उदाहरण निम्न है-
- बांध बनाकर इकट्ठा किया गया पानी में स्थितिज ऊर्जा होती है।
- घड़ी की चाबी में संचित ऊर्जा को स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।
- तनी हुई स्प्रिंग या कमाने की ऊर्जा स्थितिज ऊर्जा के उदाहरण हैं।
P.E = mgh
जहाँ,
m = द्रव्यमान
g = गुरुत्व जनित त्वरण
h = ऊंचाई
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ऊर्जा के अन्य प्रकार – Other types of energy in Hindi
ऊर्जा के अन्य प्रकार निम्न है –
- ताप ऊर्जा – Thermal Energy
- रासायनिक ऊर्जा – Chemical Energy
- गुरुत्वाकर्षण ऊर्जा – Gravitational Energy
- परमाणु ऊर्जा – Nuclear Energy
- चुम्बकीय स्थितिज ऊर्जा – Magnetic potential energy
- इलेक्ट्रो-मेग्नेटिक ऊर्जा – Electromagnetic Energy
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ऊर्जा रूपांतरण करने वाले उपकरण – Energy conversion equipment in Hindi
- डायनेमो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
- मोमबत्ती रासायनिक ऊर्जा को प्रकाश ऊर्जा में एवं ऊष्मा में परिवर्तित करती है।
- माइक्रोफोन ध्वनि ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
- लाउडस्पीकर विद्युत ऊर्जा को ध्वनि ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
- सोलर सेल सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
- ट्यूबलाइट विद्युत ऊर्जा को प्रकाश ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
- विद्युत मोटर विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करती है।
- विद्युत बल्ब विद्युत ऊर्जा को प्रकाश ऊर्जा एवं ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
- विद्युत सेल रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
- सितार यांत्रिक ऊर्जा को ध्वनि ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
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ऊर्जा से ही विमान उड़ते हैं, कंप्यूटर चालू होता है, पंखे हमें हवा देते हैं और कारें हमें जल्दी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचा देती हैं। ये सब ऊर्जा के कारण ही संभव हो पाता है। जीवित प्राणियों और उद्योग दोनों को ऊर्जा स्रोतों की आवश्यकता होती है।
इस आर्टिकल में हम जानेंगे की ऊर्जा किसे कहते हैं, इसके अतिरिक्त इसकी परिभाषा, मात्रक, स्रोत और उदाहरण के बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे। चलिए सबसे पहले जानते हैं कि ऊर्जा क्या है और इसकी परिभाषा।
ऊर्जा किसी दिए गए कार्य को करने की क्षमता है। ऊर्जा वह है जो चीजों को काम करने में सहायता प्रदान करती है और इसी से चीजें चलती हैं।
भौतिक विज्ञान में ऊर्जा की परिभाषा-
“किसी दिए गए कार्य को करने की क्षमता को हम ऊर्जा कहते हैं, और किसी वस्तु पर कार्य करने वाला कोई भी बल वस्तु की ऊर्जा में परिवर्तन का कारण बनता है।”
भौतिकी में एक मौलिक सिद्धांत है जिसे ऊर्जा के संरक्षण के सिद्धांत के रूप में जाना जाता है , जिसमें कहा गया है कि ऊर्जा को न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है बल्कि केवल रूपांतरित किया जा सकता है।
ऊर्जा ही वह कारण है जिससे हम हर सुबह उठकर अपने कार्यों को कर पाते हैं, हमारे शरीर के बढ़ने में भी ऊर्जा का ही योगदान होता है। मनुष्य, कवक, बैक्टीरिया, जानवर आदि सभी भोजन से ऊर्जा की प्राप्ति करते हैं।
पौधे का जीवित रहना और विकसित होना भी ऊर्जा पर ही निर्भर करता है। वे इसे एक रासायनिक प्रक्रिया के माध्यम से करते हैं, जिसे प्रकाश संश्लेषण कहा जाता है।
ऊर्जा में भौतिकी में ऊर्जा का महत्वपूर्ण योगदान है। इसीसे यह पता चलता है कि हर पदार्थ एक दूसरे से संबंधित होते हैं और ऊर्जा एक रूप से दूसरे रूप में स्थानांतरित होती रहती है।
वास्तव में, ऊर्जा उष्मागतिकी के दूसरे नियम के अनुसार नियंत्रित होती है। इस नियम के अनुसार ब्रह्मांड में ऊर्जा की मात्रा हमेशा स्थिर और स्थायी होती है, इसे न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है इसका केवल रूपांतरण हो सकता है।
उदाहरण के लिए, एक निश्चित ऊंचाई से गिरने वाली वस्तु अपनी सभी गुरुत्वाकर्षण ऊर्जा को गतिज ऊर्जा में बदल देती है।
इसके अतिरिक्त आवश्यकता पड़ने पर उपयोग करने के लिए ऊर्जा को संग्रहीत भी किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, बैटरी, जिसमें हमरासायनिक ऊर्जा को संग्रहीत करते हैं और इसे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं।
दूसरी ओर, अल्बर्ट आइंस्टीन के थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी के अनुसार ऊर्जा और द्रव्यमान का घनिष्ठ संबंध है जो प्रसिद्ध समीकरण E = mc2 को परिभाषित करता है। यानी ऊर्जा, प्रकाश की गति के वर्ग और द्रव्यमान के गुणनफल के बराबर होती है।
ऊर्जा का मात्रक क्या होता है?
ऊर्जा एक अदिश राशि है। भौतिकी के अनुसार ऊर्जा (E) और कार्य (W) बराबर होते हैं , इसलिए उन्हें एक ही प्रकार की इकाइयों में मापा जाता है, और इन दोनों का मात्रक भी समान होता है।
कार्य का SI मात्रक जूल होता है तो इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि ऊर्जा का SI मात्रक जूल होता है।
- कार्य और ऊर्जा के मात्रक जूल को J से प्रदर्शित किया जाता है।
- 1 जूल = 1 न्यूटन प्रति मीटर|
- 1 KJ = 1000 J (1 किलोजूल = 1000 जूल)|
- CGS पद्धत्ति में ऊर्जा का मात्रक अर्ग होता है। (1 जूल = 10⁻⁷ अर्ग)|
ऊर्जा के प्रकार
ऊर्जा को प्राप्त करने के तरीकों के अनुसार ऊर्जा को कई प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है। ऊर्जा के कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं-
स्थितिज ऊर्जा
किसी वस्तु में निहित ऊर्जा को स्थितिज ऊर्जा कहा जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी ऊंची दीवाल पर गेंद राखी है तो यह स्थिर होती है और उसमें स्थितिज ऊर्जा रहती है।
जैसे ही उस गेंद को दीवाल से नीचे गिरा दिया जाता है, तो उसकी स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है और गेंद जमीन पर गिर जाती है।
स्थितिज ऊर्जा का एक और उदाहरण तीर धनुष होता है। जब आप डोरी छोड़ते हैं, तो धनुष की स्थितिज ऊर्जा यांत्रिक ऊर्जा में बदल जाती है जिससे तीर उड़ जाता है।
स्थितिज ऊर्जा पूर्णतया गुरुत्वाकर्षण बल से संबंधित होती है।
यांत्रिक ऊर्जा
किसी वस्तु की गति उत्पन्न करने की क्षमता को हम यांत्रिक ऊर्जा कहते हैं। उदाहरण के लिए, एक मोटरसाइकिल का इंजन यांत्रिक ऊर्जा को दो पहियों पर लागू करता है, जिसके कारण वह वाहन चलता है।
भौतिकी विज्ञान की दृष्टि से स्थितिज ऊर्जा और गतिज ऊर्जा के योग का कुल योग यांत्रिक ऊर्जा होती है।
गतिज ऊर्जा
वह ऊर्जा जो किसी पिंड के पास उसकी गति के कारण होती है, उसे हम गतिज ऊर्जा कहते हैं। । गतिज ऊर्जा पिंड के द्रव्यमान और गति पर निर्भर करता है। कोई भी वस्तु जितनी तेज गति से चलती है, उसकी गतिज ऊर्जा उतनी ही अधिक होती है।
गतिज ऊर्जा को हम इस उदाहरण के जरिए समझा सकते हैं कि यदि एक कार 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है और दूसरी कार 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है, और दोनों कार यदि किसी दीवाल से टकरा जाती हैं तो कौन सी कार को ज्यादा नुक्सान होगा।
इसका उत्तर यह है कि दोनों कार क्षतिग्रस्त होंगी परन्तु तेज रफ़्तार से चलने वाली कार को ज्यादा नुकसान होगा क्यूंकि उसकी गतिज ऊर्जा ज्यादा थी।
गतिज ऊर्जा केवल गतिशील पिंडों में होती है, यदि कोई वस्तु स्थिर है तो उसकी गतिज ऊर्जा शून्य होती है। गतिज ऊर्जा का SI मात्रक भी जूल ही होता है।
रासायनिक ऊर्जा
रासायनिक ऊर्जा, ऊर्जा के प्रकारों में बहुत महत्वपूर्ण होता है।
जब दो रासायनिक पदार्थ एक दूसरे के संपर्क में आते हैं तो उनके बीच जो रासायनिक प्रतिक्रिया होती है उससे कुछ रासायनिक बंधन टूट जाते हैं और कुछ नए बनते हैं। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान एक निश्चित मात्रा में ऊर्जा निकलती है, जिसे हम रासायनिक ऊर्जा के रूप में पाते हैं।
इस प्रकार की ऊर्जा का एक उदाहरण सभी प्रकार की बैटरी होती हैं। जिनसे हमारे मोबाइल फ़ोन, घडी, रिमोट आदि चलते हैं।
परमाणु ऊर्जा
वह ऊर्जा जो हमें परमाणुओं के नाभिक से प्राप्त होती है, उसे परमाणु ऊर्जा कहा जाता है। इसे परमाणु ऊर्जा संयंत्र में परमाणु संलयन या विखंडन प्रतिक्रियाओं द्वारा प्राप्त विद्युत ऊर्जा भी कहा जाता है।
विद्युत ऊर्जा
हमारे घरों में कई प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक सामान होते हैं, जिनको चलाने के लिए हमें विद्युत् ऊर्जा कि आवश्यकता होती है।
विद्युत ऊर्जा ही वह ऊर्जा है जिसके कारण हमारे घरों के बल्ब, मोटर, कूलर, पंखे इत्यादि चलते हैं।
चुंबकीय ऊर्जा
यह विद्युत धाराओं और चुम्बकों द्वारा उत्पन्न ऊर्जा होती है।
पवन शक्ति
हवा के कारण उत्पन्न हुई ऊर्जा को हम पवन ऊर्जा के नाम से जानते हैं। पवन ऊर्जा का उपयोग करके बिजली बनायी जाती है।
सूर्य ऊर्जा
यह वह ऊर्जा है जो सूर्य से सौर मंडल के ग्रहों की ओर अंतरिक्ष के माध्यम से प्रवाहित होती है।
हाइड्रोलिक पावर
यह बड़ी मात्रा में पानी, जैसे नदियों, ज्वार या झरनों के संचलन से प्राप्त ऊर्जा होती है। विद्युत बांध हाइड्रोलिक पावर द्वारा संचालित होते हैं।
ध्वनि ऊर्जा
यह ध्वनि तरंगों द्वारा उत्पन्न ऊर्जा है।
ऊर्जा के कुछ प्रमुख प्रकार उपरोक्त हैं, इसके अतिरिक्त कई अन्य प्रकार कि ऊर्जा भी होती हैं, जो किसी न किसी रूप में हर सजीव और निर्जीव के पास पायी जाती हैं।
ऊर्जा के उदाहरण
रोजमर्रा के उदाहरणों में ऊर्जा की उपस्थिति आसानी से देखि जा सकती है। ऊर्जा के कुछ प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं-
- विद्युत शक्ति ऊर्जा का एक प्रमुख उदाहरण है, जिससे हमारे घरों और उद्योंगो में कई प्रकार के यन्त्र संचालित होते हैं।
- गतिज ऊर्जा को हमने आस पास गतिमान हर वस्तु में देख सकते हैं।
- सौर ऊर्जा हमें दिन में हर समय अपने वातावरण में दिखाई पड़ता है।
- चुंबकीय ऊर्जा के कारण ही रेफ्रिजरेटर के दरवाजे चिपक जाते हैं।
- ऊर्जा के कारण ही हम अपना भोजन गैस पर पका पाते हैं।
ऊर्जा का उपयोग
ऊर्जा के उपयोग बहुत सरे हैं, हमने उनमें से कुछ उपयोगों के उदाहरण प्रस्तुत किये हैं:
- घरों, ऑफिस, कारखाने, स्कूलों, जिम, दुकानों आदि में रोशनी के लिए हम ऊर्जा का उपयोग करते हैं।
- खाना पकाने, पानी उबालने, ए सी से कमरे को ठंडा करने, हीटर से गर्मी उत्पन्न करने में हम ऊर्जा का उपयोग करते हैं।
- एक जगह से दूसरे जगह तक कि यात्रा में हम मोटरसाइकिल, कारों, मेट्रो, ट्रेनों, विमानों आदि के माध्यम से ऊर्जा का ही उपयोग करते हैं।
- हाइड्रोलिक पंपों के माध्यम से गावों और शेरोन के घर में पेयजल पहुंचाना ऊर्जा के कारण ही संभव होता है।
- मोबाइल फोन, कैमरा, लैपटॉप, टैबलेट, कंप्यूटर आदि में ऊर्जा ही प्रयोग में लायी जाती है।
ऊर्जा के गुण क्या हैं?
ऊर्जा, चाहे वह किसी भी प्रकार की हो, उसके कुछ प्रमुख गुण होते हैं, जोकि निम्नलिखित हैं-
ऊर्जा रूपांतरित होती है
ऊर्जा उत्पन्न या नष्ट नहीं होती, बल्कि एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित होती है। उदाहरण के लिए जब किसी बन्दूक से गोली चलायी जाती है तो यांत्रिक ऊर्जा कारतूस के अंदर रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है , और आगे गोली में ऊर्जा गतिज में परिवर्तित हो जाती है।
ऊर्जा संरक्षित रहती है
किसी भी परिवर्तन की प्रक्रिया के दौरान शुरुआत में मौजूद कुल ऊर्जा की मात्रा और अंत में उत्पन्न ऊर्जा की मात्रा बराबर रहती है।
ऊर्जा स्थानान्तरित होती है
ऊर्जा ऊष्मा या गति के रूप में एक वस्तु से दूसरी वस्तु तक स्थानान्तरित होती है। जैसे की शॉपिंग मॉल में ट्रॉली को धक्का देने पर हमारे शरीर कि ऊर्जा ट्रॉली में स्थानांतरित हो जाती है।
ऊर्जा बँट जाती है
उत्पन्न किसी भी प्रकार कि ऊर्जा का केवल कुछ भाग ही गति उत्पन्न करने के काम में आता है; बाकी की ऊर्जा आवाज या गर्मी के रूप में बर्बाद हो जाती है।
ऊर्जा के प्राथमिक स्रोत कौन से हैं?
यद्यपि वर्तमान समय में मनुष्य ने ऊर्जा उत्पादन के कई तरीकों की खोज की है, परन्तु अभी भी ऊर्जा के प्राथमिक स्रोतों का उपयोग कई प्रकार से किया जाता है, जैसेकि: सूर्य का प्रकाश और जीवाश्म ईंधन।
सूर्य का प्रकाश, वह ऊर्जा है जो पृथ्वी ग्रह पर उपस्थित सभी जीवों के जीवन के लिए बहुत ही उपयोगी और महत्वपूर्ण होती है।
दूसरी ओर, जीवाश्म ईंधन कई सौ वर्षों तक चलने वाली प्रक्रिया से प्राप्त होते हैं। यह ईधन मृत जानवरों और पौधों के अवशेषों के अपघटन से बनते हैं।
कच्चा तेल, कोयला, गैसोलीन ये सभी ऊर्जा के प्राथमिक और प्रमुख स्रोत हैं, जिनका दैनिक जीवन में उपयोग आज भी बहुत ही प्रमुख और व्यापक रूप से हो रहा है।