सबसे बड़ा ग्रह है अपना बृहस्पति
धरती पर तुम्हारा वजन 50 किलोग्राम है तो क्या जानते हो कि बृहस्पति पर वजन क्या हो जाएगा। चलो हम बताते हैं, तुम वहां 132 किग्रा के हो...
Tue, 10 Apr 2012 12:13 PM
सौरमंडल का पांचवां ग्रह बृहस्पति हमसे बहुत दूर है, लेकिन इसकी दूरी चक्र के साथ बढ़ती-घटती रहती है। आओ जानें सत्य सिंधु से इस विशाल ग्रह के बारे में
धरती पर तुम्हारा वजन 50 किलोग्राम है तो क्या जानते हो कि बृहस्पति पर वजन क्या हो जाएगा। चलो हम बताते हैं, तुम वहां 132 किग्रा के हो जाओगे। सौरमंडल में सूर्य का चक्कर लगा रहे ग्रहों में पांचवें स्थान पर स्थित विशाल ग्रह बृहस्पति का गुरुत्वाकर्षण बल ज्यादा होने के कारण ऐसा होता है। बृहस्पति का वजन अपनी धरती के वजन से 318 गुना अधिक है। बृहस्पति का व्यास हमारी धरती के व्यास से 11 गुना अधिक है। तुम्हें यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि सभी ग्रहों के वजन का 70 प्रतिशत हिस्सा अकेले बृहस्पति का है। तुम तो जानते ही हो कि सूर्य अपने सौरमंडल का तारा है।
मान लो कि तमाम ग्रहों का वजन 100 कि.ग्रा. है तो 70 कि.ग्रा. अकेले बृहस्पति का वजन है। हमारी धरती का तो एक चंद्रमा है, लेकिन बृहस्पति के कम से कम 64 चंद्रमा हैं। किसी ग्रह के उपग्रह को चंद्रमा कहते हैं, यह तो तुम जान ही चुके हो। बृहस्पति के 50 से अधिक चंद्रमाओं का व्यास 10 किलोमीटर से अधिक है। इसके चार बड़े चंद्रमाओं का नाम है- आयो, युरोपा, गैनिमीड और कैलिस्टो। इन चंद्रमाओं में से कुछ पर तो महासागर होने का पता चला है, जिस कारण उम्मीद की जा रही है कि यहां जीवन संभव हो सकता है।
बृहस्पति को अंग्रेजी में जुपिटर कहते हैं। क्या तुम जानते हो कि इसका नाम जुपिटर कैसे पड़ा? दरअसल जुपिटर रोमन सभ्यता के एक देवता का नाम है। यह ग्रह गैसों का गोला है, जो मुख्य रूप से हीलियम और हाइड्रोजन से बना है। खगोलशास्त्रियों का मानना है कि इसमें 71 प्रतिशत हाइड्रोजन, 24 प्रतिशत हीलियम और 5 प्रतिशत अन्य तत्व हैं। अन्य तत्व बृहस्पति के केन्द्र में हैं, जिसे धातु हाइड्रोजन कहा जाता है। बृहस्पति के इस धातु गोला के कारण ही बृहस्पति का चुम्बकीय बल अधिक है। माना जाता है बृहस्पति की चुम्बकीय शक्ति पृथ्वी की चुम्बकीय शक्ति से कम से कम 14 गुना अधिक है। शायद तुम्हें नहीं मालूम कि चुम्बकीय शक्ति के कारण बृहस्पति सौरमंडल की काफी सहायता करता है। तुम सोच रहे होगे कि वह कैसे। वैज्ञानिक मानते हैं कि धूमकेतु से सौरमंडल के ग्रहों को नुकसान हो सकता है, लेकिन बृहस्पति अपने गुरुत्व बल के कारण धूमकेतुओं और क्षुद्र ग्रहों को नियंत्रित करता रहता है।
अब तुम्हारे मन में एक सवाल आ रहा होगा कि बृहस्पति पर विशाल लाल धब्बा क्या है। इस धब्बे को ग्रेट रेड स्पॉट कहा जाता है। यह एक तूफान है, जिसके बारे में वैज्ञानिकों ने लगभग 350 साल पहले ही पता लगा लिया था। बृहस्पति पर सफेद और भूरे रंग के तो अनेक धब्बे हैं, लेकिन यह लाल धब्बा इतना बड़ा है कि इसमें कम से कम तीन पृथ्वी समा जाएंगी। यह धब्बा अंडाकार है, जिसकी लंबाई 25 से 40 हजार किलोमीटर के बीच है और चौड़ाई 12-14 हजार किलोमीटर।
सबसे बड़ा ग्रह (sabse bada grah) – वैसे तो यह ब्रह्मांड बहुत ही बड़ा है, बहुत ज्यादा बड़ा
और इतने बड़े ब्रह्मांड में हमारा सौरमंडल एक रेत के दाने के जैसा छोटा सा है.
जिसकी कोई भी औकात नहीं है, इतने बड़े ब्रह्मांड के सामने। हमारे सौरमंडल में कुल 8 ग्रह कहे जाते हैं.
पहले 9 हुआ करते थे जिसमें से प्लूटो को ग्रह होने की दर्ज़ा से हटा दिया गया है.
पर इन 8 ग्रहों में बहुत सारी असमानता हैं. कुछ तो स्थलीय ग्रह है यानि ठोस पत्थरों से बने हुए हैं.
तो कुछ गैस से बने हुए हैं कुछ बहुत ज्यादा mass वाले हैं यानी द्रव्यमान वाले है. तो कुछ बहुत ही कम द्रव्यमान वाले हैं.
ज्ञात सबसे बड़ा तारा
इनमें से केवल एक ग्रह है जहां पर जीवन है और वह हमारी पृथ्वी।
कम से कम अभी तक तो हम यह कह सकते हैं कि हमारे पृथ्वी पर ही जीवन है.
लेकिन एक जिज्ञासु व्यक्ति को जो हर एक चीज जानना चाहता है जो हर एक चीज जानने में लगा हुआ है
उसके मन में तो बस यही प्रश्न आएगा इस ब्रह्मांड का मेरा मतलब हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह आखिर है कौन सा.
गैलेक्सी क्या हैं ?
चलिए इसके बारे में जान लेते देते हैं…..
सबसे बड़ा ग्रह –
हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह आकार में देखा जाए तो वह है बृहस्पति ग्रह यानि जुपिटर।
जोकि 69,911 किलोमीटर त्रिज्या में फैला हुआ है.
यह बहुत बड़ा है तुलना भी नहीं किया जा सकता किसी भी ग्रह से बृहस्पति से.
पर आपको थोड़ी जानकारी दे देते हैं तुलना करने के लिए.
पृथ्वी मात्र 6,400 किलोमीटर की त्रिज्या में फैली हुई है
जो कि पृथ्वी से मतलब बृहस्पति ग्रह पृथ्वी से त्रिज्या के मामले में पूरा 11 गुना ज्यादा बड़ा है.
ब्रह्माण्ड का सबसे ऊँचा पर्वत कौन सा हैं
और आयतन की बात ही मत कीजिए बृहस्पति ग्रह के अंदर 1321 पृथ्वी समा सकती है.
यानी हम कुछ है ही नहीं बृहस्पति ग्रह के सामने. ये ग्रह पूरी तरीके से गैस से बना हुआ है यानी यहां पर गैस ही गैस है.
और इस बृहस्पति ग्रह के अंदर गैस के आंधी चलती रहती है.
जुपिटर सूर्य से कुल 77 करोड़ किलोमीटर से भी ज्यादा दूर है.
मंगल ग्रह की जानकारी
और पृथ्वी से बृहस्पति ग्रह की दूरी कुल 66 करोड़ किलोमीटर से भी ज्यादा है.
बृहस्पति ग्रह सूर्य से क्रम में पांचवें नंबर पर आता है और इस सूर्य के हजारवें अंश के बराबर होता है.
और अगर बृहस्पति ग्रह के कुल द्रव्यमान के बात कर ले.
तो बाकी के साथ ग्रहों को अगर मिला भी लिया जाए तो भी अकेले बृहस्पति ग्रह का द्रव्यमान इन सभी से ढाई गुना ज्यादा होगा।