- Hindi News
- Local
- Rajasthan
- Jaipur
- Rajasthan Jaipur Bhadla Solar Park Latest News And Updates Will Produce 33,165 Lakh Units Of Electricity Annually
जयपुर3 वर्ष पहले
- कॉपी लिंक
प्रतीकात्मक फोटो।
- मेरकॉम संस्था ने दी रैंकिंग, जोधपुर के इस पार्क ने कर्नाटक के पावागढ़ सोलर पार्क को पीछे छोड़ा
- 14 हजार एकड़ यानि करीब 50 हजार वर्ग किमी में फैला है यह सोलर पार्क, 18 कंपनियों के प्लांट लगे
जयपुर (श्याम राज शर्मा). प्रदेश के जोधपुर में स्थित भड़ला सोलर पार्क अब विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क हो गया है। यह सोलर पार्क 14 हजार एकड़ यानि करीब 50 हजार वर्ग किमी में फैला है तथा यहां पर 18 बड़ी कंपनियों के 36 सोलर प्लांट लगे हुए है। पहले कर्नाटक का पावागढ़ सोलर पार्क सबसे बड़ा था। लेकिन अब यहां पर सूरज की रोशनी से 2245 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरु होने के बाद कर्नाटक के पार्क को पीछे छोड़ दिया है। हीरो फ्यूचर एनर्जी की ओर से 300 मेगावॉट का सोलर प्लांट कमीशन करने के बाद संस्था मेरकॉम इंडिया संस्था ने भड़ला को विश्व का सबसे बड़ा सोलर प्लांट घोषित किया है।
9900 करोड़ का निवेश
भड़ला सोलर पार्क में करीब 9900 करोड़ का निवेश है। इन लगे सोलर प्लांट्स से सालाना 33 हजार 165 लाख यूनिट बिजली बनेगी। सोलर पार्क में बनने वाली बिजली सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया व एनटीपीसी खरीद रहा है। बिजली को ग्रिड सब-स्टेशन व हाइटेंशन लाइनों के जरिए प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में पहुंचाया जा रहा है। यहां से 750 मेगावॉट बिजली उत्तरप्रदेश को भी सप्लाई हो रही है। यहां पहले फेज में लगे प्लांट से मिल रही बिजली की टैरिफ 6.45 रुपए
प्रति यूनिट है। वहीं बाद में बने प्लांट्स से न्यूनतम टैरिफ 2.44 रुपए प्रति यूनिट तक बिजली मिल रही है
चार फेज में विकसित हुआ है
भड़ला सोलर पार्क चार फेज में विकसित हुआ है। पहले दो फेज राजस्थान अक्षय ऊर्जा की राजस्थान सोलर पार्क डवलपमेंट कंपनी लि. ने विकसित किया है। वहीं तीसरा फेज राजस्थान सरकार व आईएलएंडएफएस एनर्जी की जॉइंट वेंचर कंपनी सौर्य ऊर्जा कंपनी ने बनाया है। चौथे फेज को राजस्थान सरकार व अडाणी एंटरप्राइजेज की अडाणी रिन्युएबल पार्क कंपनी ने विकसित किया है।
स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार
भड़ला सोलर पार्क में कई कंपनियों ने निवेश किया है तथा यहां टेक्नीशियनों की बड़ी संख्या में जरूरत है। ऐसे में मारवाड़ व आसपास के इलाके के युवा आईटीआई व पॉलोटेक्निक कर यहां पर टेक्निशयन की नौकरी ढूंढ रहे है। पहले इस क्षेत्र के युवा केवल खेती व सरकारी नौकरी पर ही निर्भर होते थे।
इन कंपनियों में बड़े सोलर प्लांट
एसबी एनर्जी | 600 मेगावॉट |
हीरो फ्यूचर एनर्जी | 300 मेगावाट |
एनटीपीसी | 260 मेगावाट |
एकमे सोलर | 200 मेगावाट |
एजूर पावर | 200 मेगावाट |
प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि: अजिताभ
ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा ने कहा कि भड़ला सोलर पार्क विश्व का सबसे बड़ा पार्क बनना प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि है। इस प्लांट से प्रदेश में बिजली उपलब्धता बढ़ी है, साथ ही अन्य प्रदेशों को भी बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है।
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 9वां अजूबा बन रहा है! जी हां, खंडवा (Khandwa) में जो संरचना बन रही है, उसे अगर अजूबा कहा जाए तो गलत नहीं होगा. यहां नर्मदा नदी पर ओंकारेश्वर बांध है. इस पर विश्व का सबसे बड़ा तैरता हुआ सोलर एनर्जी प्लांट (floating solar energy plant) बन रहा है. इस प्लांट से 2022-23 तक 600 मेगावाट ऊर्जा मिलने लगेगी. इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 3,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है. सोलर पार्क के बन जाने से प्रदेश की बिजली की समस्या दूर हो जाएगी.
- News18 Madhya PradeshLast Updated :October 05, 2021, 09:24 IST
1/ 5
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी हाल ही में कहा कि ओंकारेश्वर में विश्व का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पार्क स्थापित होने से बिजली की समस्या दूर हो जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सौर ऊर्जा से बिजली की कमी दूर करने और पर्यावरण सरंक्षण के हर संभव प्रयास जारी हैं. मंत्री हरदीप डंग पूर्व सांसद स्व. नंदकुमार सिंह के साथ 11 जनवरी को यहां का निरीक्षण करने गए थे. उन्होंने बताया था कि इस प्लांट से 2022-23 तक 600 मेगावाट ऊर्जा मिलने लगेगी. इस प्रोजेक्ट में 3,000 करोड़ रुपये का निवेश संभावित है.
2/ 5
बताया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट के लिए इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन, वर्ल्ड बैंक और पॉवर ग्रिड ने सैद्धांतिक सहमति दे दी थी. प्रोजेक्ट से जुड़ी पहली स्टडी पूरी हो चुकी है. इस प्रोजेक्ट में प्रोजेक्ट के इलाके से लेकर खंडवा सब-स्टेशन तक ट्रांसमिशन लाइन रूट का सर्वे किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट को लेकर एक स्टडी ये भी कराई जाएगी कि इससे समाज और पर्यावरण पर क्या असर होगा.
3/ 5
बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी इस प्रोजेक्ट से बिजली खरीदेगी. कंपनी ने 400 मेगावाट बिजली खरीदने की बात कही है. प्रोजेक्ट में बनाए जा रहे सोलर पैनल ओंकारेश्वर बांध के बैकवॉटर में तैरेंगे. हो सकता है कि अगले दो सालों में प्रदेश को सस्ती बिजली मिलने लगे. यहां बिजली का उत्पादन बांध के करीब 2,000 हेक्टेयर जल क्षेत्र में होगा.
4/ 5
इस सोलर पैनल की खास बात ये है कि पानी के उतार-चढ़ाव का इस पर कोई असर नहीं होगा. ये सतह पर अपने आप तैरेंगे. तेज लहरों से भी इनहें कोई नुकसान नहीं होगा. सूरज की किरणों से लगातार बिजली बनती रहेगी.
5/ 5
इस प्रोजेक्टर को लेकर ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग ने मीडिया से कहा है कि सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना में मध्य प्रदेश लगातार कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. हाल ही में 15 सौ मेगावाट की आगर-शाजापुर-नीमच सोलर पार्क के लिए हुई बिडिंग में देश में सबसे कम सोलर टेरिफ का रिकार्ड बना है.
First Published: October 05, 2021, 08:50 IST