विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को अपने साथ कहाँ और क्यों ले गए? - vishvaamitr raam aur lakshman ko apane saath kahaan aur kyon le gae?

ऋषि मुनियों की रक्षा के लिए राम लक्ष्मण को वन लेकर गए विश्वामित्र

रामलीला पात्र परिषद द्वारा आयोजित रामलीला के दूसरे दिन राम जन्म, सीता जन्म, प्रभु राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघन के शिक्षा ग्रहण करने, विश्वामित्र द्वारा राम लक्ष्मण को अयोध्या से लेकर जाने की लीला का...

Newswrapहिन्दुस्तान टीम,रुद्रपुरSun, 29 Sep 2019 07:50 PM

रामलीला पात्र परिषद द्वारा आयोजित रामलीला के दूसरे दिन राम जन्म, सीता जन्म, प्रभु राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघन के शिक्षा ग्रहण करने, विश्वामित्र द्वारा राम लक्ष्मण को अयोध्या से लेकर जाने की लीला का मंचन किया गया। मेलाघाट रोड स्थित रामलीला मैदान में चल रही रामलीला में प्रभु राम व लक्ष्मण की धनुर्विद्या की ख्याती सुनकर ऋषि विश्वामित्र उन्हें राजा दशरथ से मांगने आते हैं। विश्वामित्र राजा दशरथ से कहते हैं कि जंगल में असुर उन्हें पूजा, हवन नहीं करने देते। ऋषि मुनियों को परेशान करते हैं। असुरों से हमे राम और लक्ष्मण ही बचा सकते हैं। दशरथ कहते हैं कि मेरे राम लखन अभी बालक हैं। वह ताकतवर असुरों से कैसे युद्ध कर पाएंगे। विश्वामित्र राम लक्ष्मण को लेकर जाने की जिद्द करते हैं। विश्वमित्र के नहीं मानने पर राजा दशरथ ने प्रभु राम और लक्ष्मण दोनों भाईयों को ऋषि मुनियों की रक्षा के लिए विश्वामित्र के साथ वन में भेज दिया।

अयोध्या आए विश्वामित्र, राम-लक्ष्मण को ले गए

शुभनगर रामलीला कमेटी की ओर से रामलीला मैदान में शनिवार को महर्षि विश्वामित्र के अयोध्या आने और अपने साथ राम-लक्ष्मण को ले जाने का मंचन हुआ। भगवान राम ने ताड़का, मारीच व सुबाहू का वध भी...

Newswrapहिन्दुस्तान टीम,बलियाSun, 07 Oct 2018 10:32 PM

शुभनगर रामलीला कमेटी की ओर से रामलीला मैदान में शनिवार को महर्षि विश्वामित्र के अयोध्या आने और अपने साथ राम-लक्ष्मण को ले जाने का मंचन हुआ। भगवान राम ने ताड़का, मारीच व सुबाहू का वध भी किया।

मंचन का शुभारम्भ ठाकुरजी की आरती से हुआ। बिट्टू झा ने श्रीराम का सराहनीय अभिनय प्रस्तुत कर खूब वाहवाही बटोरी। मंचन के प्रथम दृश्य में महर्षि विश्वामित्र 88 हजार ऋषियों के साथ अयोध्या में महाराजा दशरथ के दरबार में पहुंचे। उन्होंने यज्ञ की रक्षा के लिए राम-लक्ष्मण को साथ ले जाने की बात कही। इच्छा न होते हुए भी महाराज दशरथ कुल गुरु वशिष्ठ कहने पर राम-लक्ष्मण को भेज दिये। दूसरे दृश्य में मुनि विश्वामित्र राम-लक्ष्मण को लेकर आश्रम पहुंचते हैं और पुन: यज्ञ शुरू करते हैं। यज्ञ की रक्षा राम-लक्ष्मण करते हैं। इसी बीच ताड़का यज्ञ में बाधा करने पहुंचती है। भगवान श्रीराम उसका वध कर देते हैं। सूचना पाकर मारीच व सुबाहू योजनबद्ध तरीके से आश्रम पर आक्रमण करते हैं। श्रीराम ने सभी राक्षसों व उनकी सेना का वध किया और यज्ञ निर्वघ्न समाप्त हुआ। इस दौरान जय श्रीराम के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। इस मौके पर दीपक केशरी, जितेन्द्र वर्मा, संतोष सोनी, मानिकचंद्र वर्मा, संजय केशरी, रामअवतार, मान सिंह, किशुन चौबे आदि थे।

श्री राम और लक्ष्मण मुनि विश्वामित्र के साथ वन में क्यों गए थे?...


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मुनि विश्वामित्र जी दशरथ जी से श्री राम और लक्ष्मण जी को वन में ले जाने के लिए इसलिए कहते हैं क्योंकि उस वक्त काफी ऐसे राक्षस थे जो कि ऋषि-मुनियों द्वारा की गई यज्ञ तक को विनाश कर देते थे उनका ऋषि-मुनियों को भी मार देते थे विश्वामित्र जी को पता था कि श्री राम और लक्ष्मण में ऐसी शक्ति है श्रीराम दिव्य भगवान है और उन्हें ऐसी शक्ति है राक्षसों का विनाश करने की इसलिए दशरथ जी से कहा कि श्री राम और लक्ष्मण जी को वन्य ले जाने की आज्ञा दें

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विश्वामित्र राम लक्ष्मण को अपने साथ क्यों ले गए?

दशरथ कहते हैं कि मेरे राम लखन अभी बालक हैं। वह ताकतवर असुरों से कैसे युद्ध कर पाएंगे। विश्वामित्र राम लक्ष्मण को लेकर जाने की जिद्द करते हैं। विश्वमित्र के नहीं मानने पर राजा दशरथ ने प्रभु राम और लक्ष्मण दोनों भाईयों को ऋषि मुनियों की रक्षा के लिए विश्वामित्र के साथ वन में भेज दिया।

विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को लेकर कहाँ गए?

अयोध्या आए विश्वामित्र, राम-लक्ष्मण को ले गए

विश्वामित्र राम को क्यों साथ ले जाना चाहते थे?

विश्वामित्र जी ने राम और लक्ष्मण को ही क्यों मांगा ? Vishwamitra ji ne ram aur laxman ko kyo manga ? - YouTube.

राम लक्ष्मण और विश्वामित्र ने रात मे कहाँ आराम किया?

रामचौरा मंदिर (वैशाली)- यह स्थान बिहार के वैशाली में हाजीपुर नगर में है. माना जाता है कि यहां भगवान राम, लक्ष्मण जी और विश्वामित्र ने गंगा पार कर एक रात्रि विशाला नगरी में आराम किया था.

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