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विद्युत उपकरण में प्लास्टिक के उपयोग का क्या कारण है?
इसे सुनेंरोकेंविद्युत उपकरणों में प्लास्टिक के उपयोग का मुख्य कारण यह है कि प्लास्टिक विद्युत का कुचालक होता है। इसका तात्पर्य यह है कि विद्युत धारा प्लास्टिक के माध्यम से प्रवाहित नहीं हो सकती, यानी प्लास्टिक विद्युत धारा के प्रवाह के लिए चालक अच्छा उत्तम चालक नहीं है।
हमें विद्युत उपकरणों का उपयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए क्योंकि?
- (१) विद्युत प्रणाली के किसी भाग की मरम्मत आदि करने के लिए तथा
- (२) किसी प्रकार का कोई दोष (फाल्ट) होने पर दोषी भाग को अन्य भाग से काट देने सेन्य उपकरण खराब नहीं होते और दोषयुक्त भाग को छोड़कर शेष भाग ठीक प्रकार से काम करता रहता है।
विद्युत उपकरणों का उपयोग करते समय इनमें से कौन सी सावधानियां बरतने की आवश्यकता नहीं होती है?
परिचय
२ | विभवांतर, विद्युत वाहक बल | वोल्ट |
३ | प्रतिरोध | ओम |
४ | शक्ति | वाट |
५ | मात्रा | कूलॉम |
विद्युत धारा का उपयोग करते समय हमें क्या क्या सावधानियां रखनी चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंकिसी भी तार को अपने मुंह से नहीं छीलना चाहिए इसके लिए हमेशा पलास का इस्तेमाल करना चाहिए. 4. किसी भी इलेक्ट्रिकल स्विच बोर्ड में स्विच का कनेक्शन करते समय हमेशा स्विच पर फेज की तार को ही लगाएं. ताकि जब आप स्विच बंद करें तो उपकरण में से सप्लाई बिल्कुल बंद हो जाए.
विद्युत धारा उत्पन्न करने के लिए प्रयुक्त होने वाले उपकरण को क्या कहते है?
इसे सुनेंरोकें(a) जनित्र
* विद्युत धारा उत्पन्न करने के लिए प्रयुक्त होने वाले उपकरण को क्या कहते हैं?*?
इसे सुनेंरोकेंविकल्प (a) सही है – जनित्र विद्युत जनित्र (electric generator) : एक ऐसी युक्ति है जो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित करती है।
जिससे विद्युत धारा प्रवाहित नहीं होती है वह पदार्थ क्या है?
परिपथों की विद्युत धारा मापने के लिए जिस यंत्र का उपयोग करते हैं उसे एमीटर कहते हैं। एम्पीयर की परिभाषा: किसी विद्युत परिपथ में 1 कूलॉम आवेश 1 सेकण्ड में प्रवाहित होता है तो उस परिपथ में विद्युत धारा का मान 1 एम्पीयर होता है।…परिभाषा
100 kA | धनात्मक तड़ित |
विद्युत धारा बराबर क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंएम्पियर की परिभाषा क्या है – ( १ एम्पियर की परिभाषा ) यह धारा की इकाई किसी है। विद्युत परिपथ में 1 कूलॉम आवेश 1 सेकण्ड में प्रवाहित होता है तो उस परिपथ में विद्युत धारा का मान 1 एम्पीयर है।
अमीटर से क्या मापा जाता है?
इसे सुनेंरोकेंऐमीटर या ‘एम्मापी’ (ammeter या AmpereMeter) किसी परिपथ की किसी शाखा में बहने वाली विद्युत धारा को मापने वाला यन्त्र है। बहुत कम मात्रा वाली धाराओं को मापने के लिये प्रयुक्त युक्तियोंको “मिलिअमीटर” (milliameter) या “माइक्रोअमीटर” (microammeter) कहते हैं।
आप बिजली से अपनी सुरक्षा कैसे करेंगे?
इसे सुनेंरोकें- पावर प्वाइंटस को कवर करके रखें। यदि घर में छोटे बच्चे हों तो सभी प्वाइंट्स में प्लग प्रोटेक्टर्स लगाकर रखें। – गीले हाथों से बिजली के किसी भी उपकरण को न चलाएं। बाथरूम में बिजली के उपकरणों का प्रयोग करते समय विशेष तौर पर सावधानी बरतें।
विद्युत खतरो से बचाव के लिए कौन कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए लिखिए?
विद्युत से क्या खतरे हो सकते हैं इन खतरों के कारण तथा इनसे बचने के उपाय बताइए?
UP Board कक्षा 10 विज्ञान चेप्टर नोट्स : विधुत धारा का उष्मीय…
- वाट घंटा मीटर
- (1) यदि विद्युत उपकरणों से जुड़े तारों का सम्बन्ध ढीला है तो तारों में आग लग सकती है|
- (2) यदि स्विच दोषयुक्त है तो इससे आग लगने तथा विद्युत उपकरणों के जलने की संभावना अधिक होती है|
विद्युत खतरों से बचाव के लिए कौन सी सावधान रखना चाहिए?
एक सरल विद्युत परिपथ जो एक वोल्टेज स्रोत एवं एक प्रतिरोध से मिलकर बना है
ब्रेडबोर्ड के ऊपर बनाया गया एक सरल परिपथ (मल्टीवाइव्रेटर)
विद्युत अवयवों (वोल्टेज स्रोत, प्रतिरोध, प्रेरकत्व, संधारित्र एवं कुंजियों आदि) एवं विद्युतयांत्रिक अवयवों (स्विच, मोटर, स्पीकर आदि) का परस्पर संयोजन विद्युत परिपथ (Electric circuit) अथवा विद्युत नेटवर्क (electrical network) कहलाता है।
विद्युत परिपथ बहुत विशाल क्षेत्र में फैले हो सकते हैं; जैसे-विद्युत-शक्ति के उत्पादन, ट्रान्समिसन, वितरण एवं उपभोग का नेटवर्क। बहुत से विद्युत परिपथ प्राय: प्रिन्टेड सर्किट बोर्डों पर संजोये जाते हैं। विद्युत परिपथ अत्यन्त लघु आकार के भी हो सकते हैं; जैसे एकीकृत परिपथ।
जब किसी परिपथ में डायोड, ट्रान्जिस्टर या आईसी आदि लगे होते हैं तो उसे एलेक्ट्रॉनिक परिपथ भी कहा जाता है जो कि विद्युत परिपथ का ही एक रूप है।
विद्युत परिपथ को परिपथ आरेख (सर्किट डायग्राम) के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
प्रायः एक या अधिक बन्द लूप वाले नेटवर्क ही विद्युत परिपथ कहलाते हैं।
परिपथ सम्बन्धी प्रमुख नियम[संपादित करें]
- किरचॉफ के परिपथ के नियम
- ओम का नियम
- अध्यारोपण का सिद्धान्त (सुपरपोजिशन थिअरम्)
- थेवेनिन का प्रमेय
- नॉर्टन का प्रमेय
- स्टार-डेल्टा परिवर्तन
परिपथ विश्लेषण या नेटवर्क विश्लेषण (Circuit analysis or Network analysis)[संपादित करें]
परिपथ सम्बन्धी नियमों एवं प्रमेयों का उपयोग करते हुए मानवी रीति (मनुअली) से परिपथ के विभिन्न नोडों का वोल्टेज या विभिन्न शाखाओं की धारा ज्ञात की जा सकती है। किन्तु जटिल एवं बहुत से अवयवों वाले परिपथ का विश्लेषण आजकल कम्प्यूटर प्रोग्रामों की सहायता से किया जाता है। इसे परिपथ सिमुलेशन या सर्किट सिमुलेशन कहते हैं। इसके लिये पीस्पाइस (PSpice), पीसिम (PSIM), सिमूलिंक (Simulink), साईकॉस, सेबर, gEDA, EMTP आदि सॉफ्टवेयरों का प्रयोग किया जाता है।
कुछ प्रसिद्ध परिपथ[संपादित करें]
- श्रेणीक्रम परिपथ, समान्तर परिपथ
- पैसिव फिल्टर - RC फिल्टर, LC फिल्टर, एलिप्टिक फिल्टर , चेविशेव फिल्टर आदि
- ऐक्टिव फिल्टर - सालेन-की (Sallen–Key) संरचना, स्टेट-वैरिएबल फिल्टर, वीन नॉच फिल्टर आदि
- ब्रिज परिपथ - ह्वीटस्टोन ब्रिज, मैक्सवेल ब्रिज, आदि
- इलेक्ट्रानिक परिपथ - धारा दर्पण, भेद प्रवर्धक, संक्रियात्मक प्रवर्धक, इन्स्ट्रुमेन्टेशन प्रवर्धक, वोल्टेज रेगुलेटर, रिफरेन्स आदि
- शक्ति इलेक्टानिकी के परिपथ - ऋजुकारी ब्रिज, जोन्स चॉपर, बक कन्वर्टर, बूस्ट कन्वर्टर, बक-बूस्ट कन्वर्टर, ब्रिज इन्वर्टर, आदि
- संचार के परिपथ - ऐम्प्लित्युड मॉडुलेशन, फ्रेक्वेन्सी मॉडुलेशन, डिटेक्टर परिपथ, पीएलएल आदि
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
ऑपरेशनल ऐम्प्लिफायर का एक सरल परिपथ
- एकीकृत परिपथ (एप या आइसी)
- संकर एकीकृत परिपथ
- अंकीय परिपथ (डिजिटल सर्किट)
- अनुरूप परिपथ (एनालॉग सर्किट)
- तुल्य परिपथ
- परिपथ आरेख (सर्किट डायग्राम]]
- परिपथ विश्लेषण
- परिपथ डिजाइन
- परिपथ सिमुलेशन