(1) शरीर – रचना दृष्टिकोण के आधार पर व्यक्तित्व के प्रकार
क्रेचमर के अनुसार
(A) गोलकाय
(B) लम्बकाय
(C) सुडौलकाय
(D) असाधारण
A गोलकाय
इस प्रकार के व्यक्ति साहसी,छोटे, पुष्ट और गोल आकृति के होते हैं।
यह व्यक्ति अधिक बात करने वाले तथा दयालु तथा सामाजिक संपर्क रखने वाले होते हैं।
B लम्बकाय
इस प्रकार के व्यक्ति पतले चपटे,गोल ,कोमल शारीरिक गठन वाले लंबे अंग वाले, चपटे तथा तंग सीने वाले होते हैं।
यह
व्यक्ति शर्मीले तथा अकेले रहने वाले होते हैं।
C सुडौलकाय
इस प्रकार के व्यक्ति अच्छी मांसपेशी वाले होते हैं। इनके कंधे चौड़े, हाथ लंबे और पुष्ट अंगों वाले होते हैं।यह बहुत शर्मीले तथा अकेले रहने वाले तथा अधिक संवेदनशील होते हैं।
D असाधारण
यह व्यक्ति अनुचित शारीरिक अनुपात वाले तथा विशेष शारीरिक गठन वाले होते हैं। इस प्रकार के व्यक्तित्व के व्यक्तियों में शारीरिक विकास की अनेक समानताएं भी पाई जाती है।
(2) शारीरिक गुणों के आधार पर व्यक्तित्व के प्रकार
शेल्डन के अनुसार
इनके अनुसार व्यक्तित्व 3 प्रकार का होता है
(A) गोलकाय
(B) मध्यकाय
(C) लम्बकाय
(A) गोलकाय
इस प्रकार के शारीरिक गठन वाले व्यक्ति गोल मटोल तथा नरम होते हैं। ऐसे व्यक्ति आराम पसंद, भावुक तथा सुख चाहने वाले होते हैं।
(B) मध्यकाय
ऐसे व्यक्ति कटीले तथा मजबूत शरीर वाले होते हैं। यह व्यक्ति स्वभाव से क्रियाशील शक्तिशाली तथा आक्रामक एवं फुर्तीले स्वभाव के होते हैं। इनमें उपलब्धि का स्तर उच्च होता है।
(C) लम्बकाय
इस प्रकार के गठन वाले व्यक्ति दुबले-पतले तथा कमजोर शरीर वाले होते हैं। स्वभाव से संवेदनशील, नाजुक, बौद्धिक और पलायन वादी होते हैं।
(3) समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण के आधार पर व्यक्तित्व के प्रकार
स्प्रिंगर के अनुसार
स्प्रिंगर ने व्यक्तित्व के निम्न प्रकार बताये है
(A) आर्थिक व्यक्तित्व
(B) धार्मिक व्यक्तित्व
(C) सामाजिक
व्यक्तित्व
(D) सैद्धांतिक व्यक्तित्व
(E) राजनैतिक व्यक्तित्व
(F) कलात्मक व्यक्तित्व
(A) आर्थिक व्यक्तित्व
ऐसे व्यक्तित्व वाले लोग धन से संबंधित गतिविधियों से जुड़े होते हैं यह लोग अपने कार्य में विशेष महत्व धन को देते है। इनके सभी कार्य एवं गतिविधियाँ धन से जुड़ी होती है।
(B) धार्मिक व्यक्तित्व
ऐसे व्यक्तित्व वाले व्यक्ति के जीवन का आधार धर्म होता है। यह लोग अपने कार्य में विशेष महत्त्व धर्म एवं संस्कृति को देते हैं। इनके सभी कार्य भी धर्म एवं संस्कृति से ही जुड़े होते हैं।
(C) सामाजिक व्यक्तित्व
इस तरह के व्यक्तित्व वाले व्यक्ति समाज में रहते हैं। इनको सामाजिक कार्यों में रुचि होती है। जो समाज से जुड़ना पसंद करते हैं। तथा सामाजिक कार्यों में सहायता भी करते हैं। यह स्वयं को समाज का एक अंग भी मानते हैं इसलिए यह उसे कर्म समझकर निभाते हैं।
(D) सैद्धांतिक व्यक्तित्व
ऐसे व्यक्तित्व वाले व्यक्ति अपने जीवन में बड़े नियम एवं सिद्धांत के साथ रहते हैं। इनके जीवन में समस्त जीवन शैली नियम एवं सिद्धांतों से ही चलती है। यह नियम एवं सिद्धांतों को ही प्रमुखता देते हैं।
(E) राजनैतिक व्यक्तित्व
इन व्यक्तित्व वाले व्यक्ति राजनीति के क्षेत्र में रुचि लेते हैं। यह लोग राजनीति के क्षेत्र में जाकर देश सेवा का भाव रखते हैं। यह लोग अपने कार्यों एवं जीवनशैली में भी राजनीति को एक अंग मानते हैं। इनके कार्य भी राजनीति से भी जुड़े होते हैं।
(F) कलात्मक व्यक्तित्व
यह व्यक्ति कला के क्षेत्र में अत्यधिक उत्कृष्ट होते हैं। कलात्मक व्यक्तित्व के व्यक्ति विभिन्न कला में निपुण होते हैं। यह मानते हैं की कला ही इनका जीवन है।
(4) विलियम जेम्स के अनुसार व्यक्तित्व के प्रकार
(A) कोमल हृदय वाले
(B) कठोर हृदय वाले
(A) कोमल हृदय वाले
इनका व्यवहार कोमल होता है कल्पनाशील होते हैं,भाव में वह जाते हैं ऐसे व्यक्ति बुद्धिजीवी, आशावादी, आदर्शवादी,आर्थिक तथा पूर्वाग्राही होते हैं।
(B) कठोर हृदय वाले
ऐसे व्यक्ति विचारों की अपेक्षा शारीरिक संवेदनाओ में अधिक रुचि रखते हैं। ऐसे व्यक्ति भौतिकवादी, निराशावादी, अधार्मिक तथा संशयवादी होते है।
(5) न्यूमैन तथा स्टर्न के अनुसार व्यक्तित्व के प्रकार
(A) विश्लेषणात्मक व्यक्ति
(B) संश्लेषणात्मक व्यक्ति
(A) विश्लेषणात्मक व्यक्ति
यह व्यक्ति किसी बात के सूक्ष्म अध्ययन में बड़ी रुचि रखते हैं। यह प्रत्येक व्यक्ति वस्तु पर विश्लेषण करने की चेष्टा रखते हैं।
(B) संश्लेषणात्मक व्यक्ति
यह व्यक्ति समीक्षा करना प्रायः पसंद नहीं करते है। यह प्रत्येक व्यक्ति वस्तु पर संश्लेषण करने की चेष्टा रखते हैं।
(5) मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण के आधार पर व्यक्तित्व के प्रकार
युंग के अनुसार
युंग ने व्यक्तित्व के प्रकार का आधार मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण माना है।
युंग के अनुसार व्यक्तित्व के निम्न प्रकार है-
(A) अंतर्मुखी
(B) बहिर्मुखी
(C) उभयमुखी
(A) अंतर्मुखी
अंतर्मुखी व्यक्ति एकांतवादी होते होते हैं वे ऐसे लोग होते हैं जो अपने तरीके से अपना जीवन बिताना पसंद करते हैं। अंतर्मुखी व्यक्ति इस बात को आधार बनाकर निर्णय नहीं लेते कि क्या चीज़ लोकप्रिय है। वे हमेशा वही करते हैं जो उन्हें अच्छा लगता है तथा उन्हें दूसरों से अपनी तुलना करना पसन्द रहता यह व्यक्ति चिंतनशील होते हैं। तथा आत्मकेंद्रित होते हैं।
(B) बहिर्मुखी
ऐसे व्यक्ति बाह्य जगत से अधिक रूचि लेते हैं। यह लोग अपने कार्यों एवं बातों को दूसरों के साथ बताना पसंद करते हैं। यह वातावरण के साथ शीघ्र ही ढल जाते हैं।
(C) उभयमुखी
इन व्यक्तित्व वाले व्यक्तियों में अंतर्मुखी तथा बहिर्मुखी दोनों के गुण पाए जाते हैं। यह वातावरण के हिसाब से ही कभी अंतर्मुखी वाली विशेषताएं प्रकट करते हैं तो कभी बहिर्मुखी वाली प्रकट करते हैं।
(6) आधुनिक वर्गीकरण के अनुसार व्यक्तित्व के प्रकार
(A) भावुक व्यक्ति
(B) कर्मशील व्यक्ति
(C) विचारशील व्यक्ति
(A) भावुक व्यक्ति
यह व्यक्ति अत्यधिक भावुक होते हैं। यह आत्मचिंतन अधिक करते हैं। इनको दूसरों की भावना पीड़ा की अधिक चिंता रहती है।अतः इनकी क्रियाएं भावनाओं से संचालित होती है।
(B) कर्मशील व्यक्ति
यह व्यक्ति कर्म को अपने जीवन का आधार मानते हैं। इनका मानना होता है कि कर्म ही जीवन है। हमको जो कुछ भी प्राप्त होगा वह कर्म से ही प्राप्त होगा। अतः जीवन में कर्म दूसरा पहलू है। यह व्यक्ति हर समय अपने को किसी न किसी रचनात्मक कार्य में लगाये रहते हैं।
(C) विचारशील व्यक्ति
ऐसे व्यक्ति अधिक विचारवान होते हैं। इन व्यक्तियों में सृजनात्मकता अधिक
पाई जाती है। यह लोग किसी कार्य को करने से पूर्व
भली-भांति सोच विचार करते हैं।
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