वायरल बुखार में कौन सी टेबलेट लेनी चाहिए? - vaayaral bukhaar mein kaun see tebalet lenee chaahie?

2 या 3 दिन से ज्यादा बुखार आने पर ब्लड टेस्ट कराना चाहिए.

Viral Fever Tablet: इस वक्त बड़ी संख्या में लोग वायरल फीवर (Viral Fever) और मलेरिया (Malaria) की चपेट में आ रहे हैं. अगर आपको अचानक तेज बुखार आ जाए तो क्या करना चाहिए? इसका जवाब डॉक्टर से जान लेते हैं.

  • News18Hindi
  • Last Updated : September 13, 2022, 06:33 IST

हाइलाइट्स

अगर आपको 2-3 दिन से ज्यादा बुखार आए तो तुरंत ब्लड टेस्ट कराना चाहिए.बुखार के दौरान भी लोगों को पानी पीते रहना चाहिए ताकि डिहाइड्रेशन न हो.

Safe Medicine For Fever: इन दिनों मौसम तेजी से बदल रहा है, जिसकी वजह से लोगों को सर्दी, जुकाम और बुखार की समस्या हो रही है. मच्छरों का प्रकोप बढ़ने से मलेरिया के मामलों में भी बढ़ोतरी हो रही है. इस वक्त वायरल फीवर का प्रकोप सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है. लोगों को अचानक तेज बुखार आ जाता है और कई बार कंडीशन गंभीर भी हो जाती है. बुखार की वजह से वीकनेस भी हो जाती है. अब सवाल उठता है कि अचानक अगर किसी को बुखार आ जाए तो कौन सी दवा लेना सुरक्षित है? क्या बिना डॉक्टर की सलाह के दवा ली जा सकती है? ऐसे ही कुछ सवाल हैं, जो लोगों के जेहन में हैं. इन सभी सवालों के जवाब डॉक्टर से जान लेते हैं.

क्यों बढ़ रहा बीमारियों का प्रकोप?
नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल की फिजीशियन डॉ. सोनिया रावत के अनुसार इस वक्त वायरल फीवर, मलेरिया, टाइफाइड और डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं. मलेरिया एक पैरासाइट इंफेक्शन है, जबकि डेंगू वायरस की वजह से होता है. दोनों ही बीमारियां मच्छरों के काटने की वजह से हो जाती हैं. इसके अलावा गंदे पानी और खाने से टाइफाइड की समस्या हो जाती है. वायरल फीवर भी मच्छरों और अन्य कारणों से हो सकता है. इस मौसम में सभी को मच्छरों से बचकर रहना चाहिए और घर व आसपास की सफाई रखनी चाहिए. इसके अलावा एक दूसरे से वायरल फीवर फैल सकता है, ऐसे में बच्चों का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है. कुछ लोगों में वायरल फीवर बिना सिम्टम्स के भी हो सकता है.

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बुखार में कौन सी दवा लेना सुरक्षित?
सोनिया रावत कहती हैं कि अगर अचानक बुखार आ जाए तो ऐसी कंडीशन में पैरासिटामोल टेबलेट ले सकते हैं. कई लोग इसके लिए ब्रूफेन का इस्तेमाल करते हैं लेकिन उससे किडनी पर काफी असर पड़ता है. इसलिए ज्यादा दवाओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. अब सवाल उठता है कि कितनी मात्रा में पैरासिटामोल टेबलेट की डोज लेनी चाहिए. डॉक्टर के मुताबिक टेबलेट 15 मिलीग्राम प्रति किलो वजन के हिसाब से ली जा सकती है. उदाहरण के लिए अगर किसी बच्चे का वजन 20 किलो है, तो उसे 300mg की डोज दी जा सकती है. किसी का वजन 70 किलो है, तो उसे हर 4 से 6 घंटे के अंतराल में 500-500mg की टेबलेट दी जा सकती हैं.

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कब कराना चाहिए ब्लड टेस्ट?
डॉक्टर के मुताबिक अगर आपको 2-3 दिन से ज्यादा बुखार आए तो तुरंत ब्लड टेस्ट कराना चाहिए. ऐसी कंडीशन में मलेरिया, टाइफाइड या डेंगू भी हो सकता है.अगर आप पैरासिटामोल से ठीक हो जाएं और फिर बुखार ना आए तो ब्लड टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं है. इस बात का ध्यान रखें कि अगर बुखार 102-103 डिग्री या इससे ज्यादा है तो आपको चिकित्सक से मिलना चाहिए. इसके अलावा लाइट सेंसटिविटी, गले में दिक्कत, सांस लेने में परेशानी, लूज मोशन या अन्य कोई कॉम्प्लिकेशन नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, वरना कंडीशन काफी गंभीर हो सकती है.

बुखार के दौरान पानी पीना बहुत जरूरी
सोनिया रावत के अनुसार बुखार के दौरान भी लोगों को पानी पीते रहना चाहिए ताकि डिहाइड्रेशन से बचा जा सके. डिहाइड्रेशन होने पर आपकी कंडीशन ज्यादा खराब हो सकती है और कॉम्प्लिकेशन की संभावना भी बढ़ जाएगी. इसके अलावा बच्चों को अगर बुखार के दौरान किसी तरह के झटके नजर आएं तो लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. अगर कंडीशन लगातार बिगड़ रही है तो घर पर इलाज करने की गलती नहीं करनी चाहिए. ऐसा करना जानलेवा हो सकता है और बुखार का असर ब्रेन तक पहुंच सकता है.

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Tags: Fever, Health, Lifestyle, Trending news, Viral Fever

FIRST PUBLISHED : September 13, 2022, 06:33 IST

वायरल फीवर में कौन सी टेबलेट खानी चाहिए?

Safe Medicine For Fever: इन दिनों मौसम तेजी से बदल रहा है, जिसकी वजह से लोगों को सर्दी, जुकाम और बुखार की समस्या हो रही है.

वायरल बुखार के लिए कौन सा एंटीबायोटिक सबसे अच्छा है?

वायरल बुखार का अर्थ है वायरल संक्रमण की प्रचुरता, जो शरीर का सामान्य तापमान बढ़ा देता है। कमज़ोर प्रतिरोधी क्षमता की वजह से ये बच्चों और वृद्धों की आम बीमारी है। वायरल बुखार के मरीज शरीर में दाने, बदन दर्द और सिर दर्द जैसी परेशानियों से पीड़ित रहते हैं। वायरल बीमारी के इलाज के लिए दवाएं उपलब्ध हैं।

वायरल बुखार में कौन सी दवा देनी चाहिए?

वायरल फीवर (Viral Fever) में हल्दी और सौंठ का पाउडर काफी फायदेमंद है. सौंठ यानी कि अदरक का पाउडर, जिसमें फीवर को ठीक करने वाले गुण मौजूद होते हैं. इसके लिए बस आपको एक छोटी चम्मच हल्दी, एक चम्मच काली मिर्च का पाउडर, थोड़ी सी चीनी और एक चम्मच सौंठ का पाउडर मिलाएं. इन सभी चीजों का एक कप पानी में उबाल लें.

बुखार का सबसे अच्छा टेबलेट कौन सा होता है?

पैरासिटामोल - Paracetamol लपोल, डिसप्रोल, हैडेक्स, पैनाडोल - Calpol, Disprol, Hedex, Panadol. पेरासिटामोल दर्द से राहत देता है। यह शरीर के तापमान में वृद्धि (बुखार) को भी कम करता है। यदि आवश्यक हो तो आप प्रत्येक 4-6 घंटे में पेरासिटामोल की खुराक ले सकते हैं, लेकिन 24 घंटे की अवधि में चार से अधिक खुराक नहीं लें।

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