योग का कौन सा आहार महत्वपूर्ण माना जाता है? - yog ka kaun sa aahaar mahatvapoorn maana jaata hai?

मेरठ, जेएनएन। तन के लिए जैसे योग जरूरी है, ठीक वैसे ही मन और शरीर दोनों शुद्धता के लिए यौगिक डाइट की जरूरत होती है। जिससे कई रोग ठीक हो जाते हैं, और शरीर भी हल्का महसूस करता है। मौसम बदलने के साथ खानपान में भी बदलाव आ गया है। सर्दी के बाद एक बार फिर नियमित योग दिनचर्या में शामिल हो गया है। ऐसे में यौगिक डाइट से इस मौसम में सेहतमंद रहना आसान होगा। यौगिक आहार में ताजे फल और सब्जियों को ही शामिल किया जाता है। इसमें पैक्ड और कैंड फूड खाने की मनाही है। इस आहार को सात्विक आहार भी कहा जाता है। यह डाइट वजन कम करने के अलावा पाचन मंत्र मजबूत करने और तनाव को भी दूर करती है।

क्या है यौगिक डाइट

यौगिक आहार शुद्धता और संतुलित जीवन के योग सिद्धांतों पर आधारित है। इसमें सात्विक गुण वाले खाद्य पदार्थो को शामिल किया जाता है। जो शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाने के साथ ही मन और शरीर के बीच संतुलन भी बनाते हैं। हमारा शरीर दिमाग से सीधा जुड़ा हुआ है। इसलिए हम क्या खा रहे हैं। इसका ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। यौगिक आहार खाने से शरीर के विषाक्त पदार्थ आसानी से मल, मूत्र और पसीने के रूप में बाहर निकल जाते हैं।

Meerut News: श्रीराम के आदर्श और श्रीकृष्ण का कौशल पढ़ाएंगे स्कूल, अगले सत्र से बच्चों को मिलेगी इसकी शिक्षा

यह भी पढ़ें

यौगिक आहार में क्या खाए

साबुत आनाज यौगिक आहार का ही एक हिस्सा है। यह मेटाबालिज्म को बढ़ाने के साथ ही वजन को भी कम करता इस शाकाहारी खाद्य पदार्थ में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जई और जौ जैसे साबुत अनाज अगर नाश्ते में लिए जाए। तो दिनभर शरीर में फाइबर की कमी नहीं होती है। यौगिक आहार में ताजे फलों में मौजूद विटामिन, मिनरल और अन्य पोषक तत्व शरीर में ऊर्जा को बनाए रखते हैं। वहीं ताजी सब्जियां खाने से पोटेशियम, फाइबर और अन्य पोषक तत्व कई बीमारियों से बचाते हैं।

Weather Update: मेरठ में कड़ाके की सर्दी, पहली बार पारा पांच डिग्री से नीचे, आने वाले दिनों का ये है अनुमान

यह भी पढ़ें

मौसम में बदलाव से लोगों की दिनचर्या और खानपान में बदलाव आ रहा है। ऐसे में अधिक मिर्च मसाले का खाना और अधिक घी, तेल में बना भोजन करना सही नहीं है। आने वाले दिनों में बढ़ती गर्मी से बचाव के लिए यौगिक आहार काफी फायदेमंद है। जो सेहत के साथ मन को भी शांत रखता है।

पेट के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए यौगिक डाइट लाभकारी है। आपको बता दें कि होलग्रेन और फलों में फाइबर अधिक मात्रा में होता है, जो मल प्रक्रिया में सुधार करते हुए बॉवल मूवमेंट को बेहतर बनाते हैं।

विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाले

यौगिक डाइट को अपनी दिनचर्या में शामिल करना अच्छा विकल्प है। यह हमारे शरीर से मल, मूत्र और पसीने के रूप में विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का सफल तरीका है।

चयापचय को बढ़ावा दे

यौगिक आहार में प्लांट बेस्ड फूड शामिल हैं, इसलिए इन्हें पचाना आसान होता है। स्वस्थ भोजन मेटाबॉलिज्म में सुधार करने में मददगार है। इसका सेवन कर आप हल्का महसूस करते हैं।

शरीर में ऊर्जा बढ़ाए

यौगिक आहार आपके शरीर की आध्यात्मिकता पर ध्यान केंद्रित करता है। इस आहार के साथ अपनी दिनचर्या में योग शामिल करना व्यक्ति की मानसिक स्थिति के लिए बहुत अच्छा है।

सिर्फ आलू ही नहीं उसके छिलके भी हैं पावरफुल, फेंकने से पहले सोच लें सौ बार

कौन सा भोजन खाएं

साबुत अनाज- साबुत अनाज यौगिक आहार का ही एक हिस्सा है। यह आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के साथ वजन कम करने में मदद करेगा। इस शाकाहारी खाद्य पदार्थ में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जई और जौ जैसे साबुत अनाज अगर आप नाश्ते या फिर दोपहर के भोजन में खाते हैं, तो दिनभर शरीर में फाइबर की कमी नहीं होती। लेकिन रात में सोने से पहले इन हाई फाइबर फूड्स को ना खाएं।

फल

यौगिक आहार में फलों को शामिल कर आप कई रोगों का इलाज घर बैठे ही कर सकते है। फल पोषक तत्वों से भरपूर हैं और शरीर में काम करने की क्षमता को बढ़ाते हैं। सभी फलों में मौजूद विटामिन , मिनरल औरअन्य पोषक तत्व स्वस्थ आहार को बनाए रखने में मदद करते हैं।

सब्जियां

फलों की तरह ही सब्जियां भी यौगिक आहार का अहम हिस्सा हैं। इसमें पोटेशियम, फाइबर, फोलेट और विटामिन ए जैसे पोषक तत्वों का समृद्ध स्त्रोत है। ये सभी पोषक तत्व न केवल स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाते हैं, बल्कि कई बीमारियों से बचाने में भी मददगार हैं।

इन चीजों से करें परहेज

शराब- यौगिक डाइट में शराब की मनाही होती है। इसमें मॉडरेशन में लेनी चाहिए। शराब में कई रसायन और विषाक्त पदार्थ मौजूद होते हैं, जो आपको विचलित करने का काम करेंगे। इसलिए इससे बचने की कोशिश करें।

प्रोसेस्ड फूड- प्रोसेस्ड फूड का सेवन यौगिक डाइट में की गई सबसे आम गलतियों में से एक है, जो अधिकतर लोग करते हैं। डायबिटीज और वजन कम करने की स्थिति में तो पूरी तरह से इनसे परहेज करना चाहिए। पैक्ड फूड के बजाय फल, सलाद, नट्स, दूध, ओट्स , सैंडविच और मूसली जैसे विकल्प अपनाने चाहिए।

तला हुआ खाना- यौगिक आहार में आपको योगियों की तरह तले हुए भोजन खाने के बजाय फलों और सब्जियों का सेवन करना होगा। योगी लोग जितना संभव हो, उतना कम और अधिक स्वस्थ भोजन खाते हैं। यहां तक की माइक्रोवेव में पके हुए भोजन को भी यौगिक आहार में लेने से बचें।

यौगिक डाइट के साइड इफेक्ट

यौगिक डाइट के जितने फायदे हैं, उतने नुकसान भी। इस आहार के सेवन से हल्की कमजोरी आना, चक्कर आना, डायबिटीज के रोगियों में हाइपोग्लाइकेमिया के अलावा लंबे समय तक इसे फॉलो करने पर पोषक तत्वों की कमी महसूस होने लगती है। यह आहार पूरी तरह से स्वस्थ और सुरक्षित है, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है। लेकिन कुछ समय के लिए इस डाइट को फॉलो किया जा सकता है।

योग आहार क्या है?

यौगिक आहार का मतलब है फल , सब्जियों और अनाज का सेवन करना। इन खाद्य पदार्थों में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है। इसे खाने के बाद आपको काफी समय तक भूख नहीं लगती। ऐसे में पेट भरा रहता है और आप बेवजह अतिरिक्त भोजन खाने से बच जाते हैं।

योग करने वालों को कौन सा आहार लेना चाहिए?

इसके लिए आप ड्राइ फ्रूट्स, ओटमील, अंडे, होममेड प्रोटीन बार्स, दही, प्रोटीन शेक्स का सेवन कर सकते हैं। साथ ही जो लोग शाम के समय योगा करते हैं वे योगाभ्यास से कम से कम 1 घंटा पहले हल्का स्नैक्स ले सकते हैं। इसमें आप उबली सब्जियां, सलाद, नट्स और सीड्स जैसे फूड्स शामिल कर सकते हैं।

योग में आहार का क्या महत्व है?

यौगिक आहार खाने से शरीर के विषाक्त पदार्थ आसानी से मल, मूत्र और पसीने के रूप में बाहर निकल जाते हैं। साबुत आनाज यौगिक आहार का ही एक हिस्सा है। यह मेटाबालिज्म को बढ़ाने के साथ ही वजन को भी कम करता इस शाकाहारी खाद्य पदार्थ में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जई और जौ जैसे साबुत अनाज अगर नाश्ते में लिए जाए।

योग में आहार कितने प्रकार के होते हैं?

योगिक अवधारणा के अनुसार, भोजन के तीन मूल प्रकार होते हैं रजस, तमस और सात्विक।

Toplist

नवीनतम लेख

टैग