भारत में लोगों, जानवरों तथा पारितंत्र जीवन में नदियां बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हिंदू धर्म में भारत में बहने वाली नदियों का एक उत्कृष्ट स्थान है ।इन नदियों को देश के सभी नागरिकों चाहे वे किसी भी धर्म जाति या समुदाय से संबंध रखते हैं सभी के द्वारा पवित्र माना जाता है। नदियां मनुष्य जीवन में अहम भूमिका अदा करती है ।इस लेख में हम आपको भारत की पवित्र नदियों में से एक यमुना नदी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाने जा रहे हैं मुझे उम्मीद है कि आपके लिए जानकारी सहायक सिद्ध होगी।
यमुना नदी का अवलोकन
- उत्तर भारत में बहने वाली पवित्र नदियों में से एक यमुना नदी है । इस नदी को जमुना के नाम से भी जाना जाता है।
yamuna river exam question
- प्रमुख तौर पर यमुना नदी तीन राज्य उत्तराखंड उत्तर प्रदेश तथा हिमाचल प्रदेश में रहती है।
- प्राचीन ग्रंथों (कोई प्रसिद्ध रचना यह पुस्तक) में यमुना नदी को यामी में कहा कहा गया है तथा साहित्य (गद्य/ पद्य की समस्त पुस्तकें )में कालिंदी कहा गया है।
- यमुना नदी यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है. यमुनोत्री उत्तरकाशी जिले में समुद्र से 3235 मीटर ऊंचाई पर स्थापित एक पवित्र मंदिर है। यह मंदिर देवी यमुना का मंदिर है।
- यमुना नदी को "कालिंदी" भी कहा जाता है।
- यमुना नदी की लंबाई:- 1376 किलोमीटर है।
यमुना नदी के किनारे बसे प्रमुख नगर: दिल्ली ,आगरा ,हमीरपुर, मथुरा प्रयागराज
यमुना नदी की औसत गहराई :-10 फीट (3 मीटर )
अधिकतम गहराई :-35 फीट (11 मीटर)
यमुना नदी की सहायक नदियां
चंबल
यह नदी भारत के मध्य भाग (मध्य प्रदेश) में बहती है। उद्गम स्थल जानापाव की पहाड़ी (मध्य प्रदेश) है। चंबल नदी की लंबाई 1,024 कि॰मी॰ (636 मील) है।चंबल नदी का पुराना नाम चरमवाती है।सिन्ध (सिंध), काली सिन्ध,कुनूर, शिप्रा यह सभी चंबल नदी की सहायक नदियां हैं। चंबल नदी पर चार जल विधुत परियोजना :-{गांधी सागर, राणा सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज (कोटा)}चल रही है। सुप्रसिद्ध चूलीय जलप्रपात चम्बल नदी पर ही है।
सेंगर
यह नदी भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में बहती है। यह कुल 304 किलोमीटर क्षेत्र में बहती है।सेंगर नदी का उद्गम जिला अलीगढ़ में एक झील से होता है।
बेतवा
बेतवा नदी का पुराना नाम वेत्रवती था। भारत के राज्य मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बहती है।लम्बाई 480 किलोमीटर है।भारतीय नौसेना द्वारा बेतवा नदी के आदर में एक फ्रिगेट्स अर्थात् जहाज का नाम बेतवा नदी के नाम पर रखा।( युद्धपोत:- INS बेतवा (F39) एक ब्रह्मपुत्र-श्रेणी की मिसाइल फ्रिगेट है )को आईएनएस बेतवा नाम दिया है।
टोंस
टोंस नदी मध्य प्रदेश के तमसा कुंड से निकलती है टोंस नदी का दूसरा नाम तमसा नदी है। इस नदी की लंबाई 265 किलोमीटर्स है। वेलन नदी इसकी सहायक नदी है।
हिण्डन नदी
हिंडन नदी का पुराना नाम हरनंदी था। यह नदी हिमालय के ऊपरी शिवालिक पर्वत से निकलती है। नदी उत्तर प्रदेश राज्य में बहती है।
शारदा नदी
शारदा नदी को के अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे:-कालीगंगा, महाकाली, काली नदी आदि। इस नदी का जल दो राज्य में बहता है उत्तराखंड तथा उत्तर प्रदेश।
केन नदी
केन नदी का उद्गम स्थान विंध्याचल पर्वत है।(अमरकंटक विध्यांचल पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊॅची चोटी है, चोटी की ऊॅचाई सम 3438 फीट है।) केन नदी की सहायक नदियाँ उर्मिल नदी ,सुनार नदी है। केन नदी की लंबाई 250 कि॰मी॰ है। केन नदी यमुना के अंतिम सहायक नदी है। क्योंकि इसके पश्चात यमुना गंगा से जा मिलती है।
यमुना नदी का जल प्रवाह
- यमुना नदी का उद्गम स्थान स्थान थान मंदिर, उत्तरकाशी ,उत्तराखंड से होता है।
- उत्तराखंड में यमुना नदी कई जगहों से होकर जैसे (गंगानी /त्रिवेणी उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल, हथियारी देहरादून, बलावाला देहरादून, अश्वमेध यज्ञ साथथल देहरादून ,गौतम ऋषि आश्रम देहरादून ) से प्रवाहित होकर यमुना नदी का जल सीधे हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब गुरुद्वारा पहुंचती है।
- हिमाचल में इसकी सहायक नदियां टोंस ,पब्बर और गिरि है ।
- यमुना नदी हिमाचल प्रदेश में 22 किलोमीटर की यात्रा करने के पश्चात इसुपुर टीला जो उत्तर प्रदेश में है , से जल प्रवाहित होता हुआ सूर्य कुंड मंदिर जो हरियाणा के यमुना नगर में स्थित है में पहुंचता है।
- फिर दिल्ली में( नौ गाजा पीर, majnu-ka-tilla ,निगम बोधघाट से जल प्रवाहित होता हुआ फिर से उत्तर प्रदेश में पहुंचता है। उसके पश्चात प्रयागराज (इलाहाबाद )के पास प्रयाग त्रिवेणी संगम में जाकर गंगा नदी के साथ विलय हो जाती है। नदियों के मिलन को संगम कहते हैं ।
- उत्तर प्रदेश में यमुना नदी अपनी अंतिम यात्रा करती है।
यमुना नदी की पौराणिक गाथा
- यमुना नदी का नाम यमुना इसलिए है क्योंकि यह युगम में से एक है तथा गंगा के समांतर बहती है।
- इसका उल्लेख ऋग्वेद में 3 बार हुआ है ।
- भारत की सात पवित्र नदियों में यमुना दूसरे स्थान पर आती है।
यमुना नदी के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- सबसे बड़ी सहायक नदी भारत में यमुना नदी है। यमुना नदी यमनोत्री ग्लेशियर से निकलती है जो 20955 उंचाई पर स्थित है ।यह उत्तराखंड के निचले हिमालय की चोटी बंदरपंथ में है।
- इलाहाबाद,( जिसे अब नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया है ) में त्रिवेणी संगम अर्थात (तीन नदियों का संगम) यमुना नदी, गंगा नदी में समा जाती है तथा तीसरी नदी अदृश्य सरस्वती नदी है। यह त्रिवेणी संगम स्थान हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र स्थान है ।जो प्रयागराज में है ।त्रिवेणी संगम यह वही स्थान है जहां पर 12 वर्ष में सबसे प्रसिद्ध हिंदुओं का त्यौहार यानी कुंभ मेला आयोजित किया जाता है
- यमुना नदी के लिए यमुना नाम भारत की संस्कृत भाषा से लिया है ।इसका तात्पर्य है:- जुड़वां।
- हिंदुओं के दो धार्मिक ग्रंथ :-ऋग्वेद अथर्ववेद में यमुना नदी की संपूर्ण जानकारी मिलती है।
- प्रभु कृष्ण के जन्म से भी यमुना नदी का संबंध है कृष्ण जी के जन्म के समय भारी बारिश हो रही थी तथा यमुना नदी उफान पर थी परंतु फिर भी कृष्ण के पिता वासुदेव जी कृष्ण को टोकरी में डालकर यमुना नदी में उतर गए तथा फिर यमुना नदी के पानी ने कृष्णा के पैरों को स्पर्श किया फिर नदी का पानी दो भागों में बंट गया तथा वासुदेव जी को इस पार से उस पार जाने के लिए रास्ता स्वयं बन गया।
- यमुनोत्री में एक गर्म पानी का कुंड है कुंड को सूर्य कुंड भी कहा जाता है। सूर्य कुंड का पानी इतना गर्म होता है कि मनुष्य इसमें चाय ,चावल, आलू तक उबालते हैं इस का तापमान 88 डिग्री सेल्सियस होता है।
- आगरा का ताजमहल यमुना नदी के किनारे स्थित है। ताजमहल का निर्माण 1632 -1653 में किया गया।
- यमुना नदी के पानी का प्रयोग कृषि सिंचाई हेतु किया जाता है ।उत्तर भारत में यमुना के पानी की आपूर्ति के लिए कई नहरें बनाई गई हैं।
- भारत की पांचवीं सबसे लंबी नदी यमुना नदी है।
यमुना नदी पर निर्माणधीन बांध परियोजनाएं
- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्रीमान मनोहर लाल जी ने यमुना नदी पर पहला बांध बनाने का बजट तैयार कर लिया है यह बांध यमुनानगर में ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में तैयार होगा। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के पश्चात करीब 3 करोड लोगों को लाभ मिलेगा।इस योजना को कारगर रूप देने के लिए हिमाचल, उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के साथ सहयोग रूप से यमुना नदी बोर्ड बनाकर इसे अमल में लाने का प्रोजेक्ट है।
- इन परियोजनाओं का भी बजट में जिक्र किया गया :-किशाऊ बांध-यमुना की सहायक नदी टोंस पर किशाऊ बांध परियोजना का निर्माण होना है। यह एशिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध होगा।
- लखवाड़ परियोजना (व्यासी परियोजना):-लोहारी गांव के पास लखवाड़ परियोजना के तहत उत्तराखंड देहरादून जिले में यमुना नदी पर 204 m. ऊंचा कंक्रीट(सीमेंट एवं कुछ अन्य पदार्थों का मिश्रण )का बांध बनेगा। बांध की जल संग्रहण क्षमता 330.66 एमसीएम होगी। इससे 33,780 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी। वर्ष 1976 में पहली बार योजना आयोग ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी। 44 वर्षों पश्चात 6 राज्यों को इस परियोजना का फायदा मिलेगा इन राज्यों के नाम है:-हिमाचल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा को पानी का लाभ मिलेगा।
यमुना नदी के प्रदूषित होने के कुछ मुख्य कारण
- घरेलू स्रोत:-यमुना प्रदूषण नियंत्रण समिति के अनुसार, दिल्ली शहर में 90% घरों का पानी यमुना में बहता जाता है।
- उद्योगों का प्रदूषण:- कारखानों से निकलते हुए गंदे पानी को सीधे बहने दिया जाता है।
- बांध :-सरकार द्वारा जगह-जगह बांध बनाकर यमुना के पानी को रोकना यमुना नदी के प्रदूषण का मुख्य कारण है क्योंकि दिल्ली शहर की सारी गंदगी को चाहे वह उद्योगों से निकलने वाला रसायनिक पदार्थ, घरों से गंदा पानी सब कचरा नदी में बहा दिया जाता है जिससे नदी का पानी दूषित होता है।
यमुना नदी में फैल रहे प्रदूषण को रोकने के कुछ सुझाव
1. ऐसे संयंत्रों का प्रयोग जिससे यमुना के जल को साफ किया जा सके।
2. कम से कम प्लास्टिक का उपयोग किया जाए।
3. नदियों के आसपास फैक्ट्रियों का निर्माण न किया जाए।
4.नदियों के प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त कानून बनाए।