Solution : यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियाँ भारत के साथ व्यापार में अपार सम्भावनाएँ देखती थीं। यूरोप के बाजारों में भारतीय सूती कपड़े, रेशम, कालीमिर्च, लौंग, इलायची, दालचीनी आदि की जबर्दस्त माँग थी। वे भारत में सस्ती कीमतों पर ये चीजें खरीदकर वापस यूरोप जाकर उन्हें ऊँची कीमतों पर बेच सकती थीं। इसी व्यापारिक सम्भावना के कारण वे भारत की ओर आकर्षित हो रही थीं।
यूरोपीय व्यापारिक कंपनियाँ भारत की तरफ क्यों आकर्षित हो रही थी?
यूरोपीय कम्पनियों ने भारत के साथ व्यापार में आपार संभावनाएँ देखीं:
(क) भारत में निर्मित अच्छे गुणों के कपास और रेशम का यूरोप में बड़ा बाजार था।
(ख) भारतीय मसालें जैसे कि काली मिर्च, लौंग, इलायची और दालचीनी काफी मांग में थी।
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हैदर अली और टीपू सुल्तान .......................के शासक थे।
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निम्नलिखित के जोड़े बनाएँ
A. दीवानी | (i) टीपू सुल्तान |
B. "शेर-ए-मैसूर" | (ii) भूराजस्व वसूल करने का अधिकार |
C. फ़ोजदारी अदालत | (iii) सिपॉय |
D. फ़ोजदारी अदालत | (iv) भारत का पहला गवर्नर-जनरल |
E. सिपाही | (v) फ़ोजदारी अदालत |
F. वॉरेन हेस्टिंग्स | (vi) कित्तूर में अंग्रेज़ -विरोधी आंदोलन का नेतृत्व किया |
A. दीवानी | (i) भूराजस्व वसूल करने का अधिकार |
B. "शेर-ए-मैसूर" | (ii) टीपू सुल्तान |
C. फ़ोजदारी अदालत | (iii) फ़ोजदारी अदालत |
D. फ़ोजदारी अदालत | (iv) कित्तूर में अंग्रेज़ -विरोधी आंदोलन का नेतृत्व किया |
E. सिपाही | (v) सिपॉय |
F. वॉरेन हेस्टिंग्स | (vi) भारत का पहला गवर्नर-जनरल |
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बंगाल पर अंग्रेज़ों की जीत.................. की जंग से शुरू हुई थी।
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मराठा रियासतें मुख्य रूप से भारत के ............भाग में स्थित थीं।
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डलहौज़ी ने .................का सिद्धान्त लागू किया।
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