112 में दर्ज के कुल कितने प्रकार है? - 112 mein darj ke kul kitane prakaar hai?

112 से क्या होगा फ़ायदा

112 नंबर पर डायल करने वाले जरूरतमंदों के लिए एम्बुलेंस, फायर और पुलिस जैसी तमाम आपातकालीन सुविधाएं उपलब्ध होंगी। आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली की शुरुआत के साथ ही सितंबर से नए नंबर को लागू कर दिया गया है। नई प्रणाली के तहत 112 नंबर से डायल नंबर 100 (पुलिस), 101 (दमकल) और 108 (स्वास्थ्य) सेवाओं को एक साथ जोड़ दिया गया है। इससे पहले इमरजेंसी सेवाओं के लिए 20 से अधिक आपात नंबर थे।

पुलिस महानिरीक्षक ने पोस्टर चिपकाने के दिये आदेश

यह सुविधा 26 अक्टूबर से लागू की जाएगी। इसकी तैयारी के लिए पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने एसपी व सभी थानाध्यक्ष को 112 नंबर के बैनर-पोस्टर चस्पा कराने के निर्देश दिए हैं। आइजी ने बताया कि अलग-अलग नंबर याद रखना लोगों के लिए मुश्किल था। एक नंबर पर सारी सेवाएं उपलब्ध होंगी इसकी व्यवस्था शासन ने की है।

क्या है इमरजेंसी नम्बर 112

ये इमर्जेंसी नंबर अमेरिका के 911 की तरह है। ये बाकायदा इमर्जेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम है जिसमें पुलिस (100), आग (101), स्वास्थय (108) और महिलाओं की सुरक्षा (1090) की रिपोर्ट लिखवा सकते हैं। सभी सर्विस एक आसान कॉल में मिल जाएगी। इस इमर्जेंसी नंबर का इस्तेमाल पहले भी कुछ राज्यों में होता है, लेकिन अब 14 और राज्य इस सुपर इमर्जेंसी नंबर को अपना लेंगे।

कैसे इस्तेमाल होगा ये नंबर

इमर्जेंसी सर्विस को एक्सेस करने के लिए कोई इंसान अपने फोन से 112 डायल कर सकता है या फिर अगर कोई बहुत बड़ी इमर्जेंसी है तो फोन का पावर बटन तीन बार प्रेस करने पर भी 112 नंबर डायल हो जाएगा। अगर फीचर फोन है तो 5 या फिर 9 बटन को थोड़ी देर तक दबाया जाए तो काम हो जाएगा। लोग अपने राज्य की ERSS वेबसाइट पर भी लॉगइन कर सकते हैं। या फिर ERSS होम मिनिस्ट्री की वेबसाइट पर भी लॉगइन किया जा सकता है। यहां से इमर्जेंसी ईमेल और SoS अलर्ट भेजी जा सकती है। इसी के साथ, 112 मोबाइल एप का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। ये एप 112 India नाम से गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है।

112 ही क्यों?

112 नंबर दरअसल न सिर्फ भारत का बल्कि पूरी दुनिया का इमर्जेंसी नंबर बन सकता है। सभी GSM स्टैंडर्ड और GSM आधारित मोबाइल फोन 112 लॉक मोड में भी डायल कर सकते हैं। कुछ देशों में तो अगर सिम कार्ड नहीं है तो भी मोबाइल फोन से इस नंबर पर कम्युनिकेट किया जा सकता है। कई यूरोपी देशों में भी ये नंबर काम करता है और इसे इमर्जेंसी नंबर स्थापित किया गया है। जैसे ही 112 पर कॉल किया जाएगा वैसे ही पुलिस ये कॉल देखेगी और तुरंत एक्शन लेगी। कॉल डिस्ट्रिक्ट कमांड सेंटर द्वारा रिसीव की जाएगी और तुरंत ही इमर्जेंसी गाड़ियां भेज दी जाएंगी।

महिलाओं और बच्चों के लिये स्पेशल फीचर

महिला और बच्चों के लिए 112 खास 'SHOUT' फीचर देता है। अगर ये फीचर एक्टिवेट है तो नजदीकी जगहों पर मौजूद वॉलेंटियर मदद के लिए पहुंचेंगे। इस सिस्टम की देखरेख Centre for Development of Advanced Computing (C-DAC) द्वारा की जा रही है। C-DAC ने ERSS को इस तरह से डिजाइन किया है कि सभी राज्य और यूनियन टेरेटरी इसका फायदा उठा सकें। केंद्र सरकार 321.69 करोड़ रुपए निर्भया स्कीम के तहत राज्यों और यूनियन टेरेटरी को देगी जिससे ERSS और मजबूत हो सके।

कौन से राज्य लॉन्च कर रहे हैं ये इमर्जेंसी नंबर?

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, पुद्दुचेरी, लक्ष्यद्वीप, अंडमान, दादर नागर हवेली, दमन और दीव, जम्मू-कश्मीर। ये इमर्जेंसी नंबर मुंबई के लिए भी उपलब्ध होगा, लेकिन महाराष्ट्र के बाकी शहरों को अभी इसका इस्तेमाल करना पड़ेगा। नागालैंड और हिमाचल प्रदेश के लिए तो ये पहले से ही मौजूद है।

अगर फेक कॉल किया तो?

112 एक इमर्जेंसी नबंर है और सिर्फ इमर्जेंसी के लिए ही इस्तेमाल होना चाहिए। अगर कोई इस नंबर पर प्रैंक कॉल करता है या फिर बिना किसी मतलब बार-बार डायल करता है तो इसे एक तरह का जुर्म माना जाएगा। 112 का गलत इस्तेमाल करने वाले को पुलिस ट्रैक करेगी और निर्धारित सज़ा भी दी जाएगी। पुलिस इमर्जेंसी कॉल सेंटर से डेटा लेकर कॉलर को आसानी से ट्रैक कर सकती है।

लखनऊ
उत्तर प्रदेश में लोगों को अब आकस्मिक पुलिस सहायता के लिए 100 की जगह 112 नंबर डायल करना होगा। 26 अक्टूबर से उत्तर प्रदेश पुलिस के इमर्जेंसी हेल्पलाइन 100 नंबर को 112 नंबर में परिवर्तित कर दिया जाएगा। 112 नंबर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई देशों में आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर के रूप में पूर्व से स्थापित है। भारत सरकार ने भी 112 नंबर पूरे देश में पुलिस आपातकालीन हेल्पलाइन के रूप में स्थापित करने का निर्णय लिया है, जिसे चरणबद्ध तरीके से हर जिले में शुरू किया जा रहा है। इस सेवा का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया जाएगा।

यह भी स्पष्ट किया गया है कि 112 डायल कर पुलिस, फायर, ऐम्बुलेंस, जीवन रक्षक एजेंसियों की सेवा भी प्राप्त की जा सकेगी। इतना ही नहीं, 100 को 112 में बदले जाने से प्रत्येक नागरिक की कॉल पर बिना देरी सहायता उपलब्ध कराने के साथ मामले को विधिक निष्कर्ष तक पहुंचाया जाएगा।

'जारी किया जाएगा 11 सेवा का इमर्जेंसी ऐप'
एडीजी यूपी 100 असीम अरुण ने बताया कि 26 अक्टूबर को 112 सेवा का इमर्जेंसी ऐप भी जारी किया जाएगा। ऐंबुलेंस सेवा के 108, वीमिन पावर लाइन के 1090 और सीएम हेल्पलाइन को भी 112 के साथ इंटीग्रेट किया जाएगा। 112 सेवा के जरिए पीड़ित और पीआरवी दोनों की एकदम सही लोकेशन मिलेगी। यही नहीं, 112 सेवा में संबंधित इलाके के प्रभारी निरीक्षक द्वारा कार्रवाई पूरी करने के बाद उनके द्वारा ही पीड़ित की कॉल क्लोज की जाएगी। अभी तक पीआरवी में तैनात पुलिसकर्मी ही कॉल क्लोज कर देते थे।

'पुलिसकर्मियों को किया गया प्रशिक्षित'
असीम अरुण ने बताया कि कंट्रोल रूम में तैनात कॉल टेकर्स को आपात स्थितियों के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। उन्हें पता होगा कि आग में फंसे होने, चोट लगने और डिप्रेशन से पीड़ित लोगों को कैसे हैंडल करना है। 112 सेवा के लिए पुलिसकर्मियों को कम्युनिटी पुलिसिंग, ज्यादा से ज्यादा लोगों से समन्वय स्थापित करने और समस्या के समाधान के लिए प्रशिक्षित किया गया है, ताकि उनका व्यवहार लोगों के प्रति अच्छा हो।

जानें, डायल 112 ही क्यों?
भारत के अलावा विश्व के 80 देशों में आपात सेवा का नंबर 112 है। 1972 में यूरोपियन कॉन्फ्रेंस ऑफ पोस्टल ऐंड टेलिकम्युनिकेशन (सीईपीटी) ने 112 नंबर का आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर के लिए चयन किया था। उस दौरान टेलिफोन में 112 नंबर डायल करने में सबसे कम समय लगता था। इसकी एक वजह यह भी थी कि उस समय टेलिफोन के तीन नंबर छेद में छोटा सा ताला लगाकर फोन को लॉक किया जाता था इसलिए फोन लॉक होने के बाद भी 112 नंबर मिलाया जा सकता था।

112 या 911 की हुई थी संस्तुति
वर्तमान में भी 100 के बजाए मोबाइल फोन पर 112 नंबर डायल करना आसान है। इसके अलावा सभी मोबाइल फोन में 112 नंबर पहले ही दर्ज रहता है। बता दें कि वर्ष 2008 में इंटरनैशनल टेलिकम्युनिकेशन्स यूनियन (आईटीयू) ने 112 या 911 को सारे देशों में आपातकालीन नंबर के रूप में अपनाने की संस्तुति की थी। यूरोपियन यूनियन ने इसे कई वर्षों पहले ही 112 को अपना लिया है।

जारी किया गया निर्देश


'तब तक 100 नंबर पर भी मिलेगी मदद'
इन सबके इतर लोगों की सुविधा को देखते हुए बताया गया है कि लोगों को 112 नंबर से परिचित होने में समय लगेगा, जिसकी वजह से 100 नंबर डायल करने पर भी कॉल रिसीव होगी और जवाब मिलेगा।

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