हमने अब तक क्या हासिल किया है? शादी की उम्र लड़कियों में
बाल विवाह के आंकड़े चिंताजनक
लड़कियों ने शादी की उम्र को लेकर सपा नेताओं के विवादित बयान पर क्या कहा है, सुन लीजिए विपक्ष ने कहा, हड़बड़ी में गड़बड़ी होगी लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने के खिलाफ क्यों है कांग्रेस? एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी
ने सरकार पर निशाना साधते हुए इस बिल को पीछे ले जाने वाला करार दिया। उनकी दलील थी कि यह आर्टिकल 19 के तहत आजादी के अधिकार का हनन करता है। आपने 18 साल की लड़कियों के लिए क्या किया। 18 साल की एक लड़की जब देश का प्रधानमंत्री चुन सकती है, लिव-इन रिलेशनशिप में रह सकती है तो फिर उसका शादी का अधिकार क्यों छीना जा रहा है। एनसीपी की सुप्रिया सुले ने आरोप लगाया कि बिजनेस अडवाइजरी कमिटि में जो तय होता है, उस पर अमल नहीं किया जा रहा है। बिल पर बिना इसके स्टेकहोल्डर्स से चर्चा किए इसे सदन में पेश किया जा रहा
है। जबकि कनिमोरी ने आरोप लगाया कि यह सरकार चर्चा करने में विश्वास नहीं करती है। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें केंद्र सरकार बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 संशोधन का कानून लाएगी और इसके साथ ही स्पेशल मैरेज एक्ट और पर्सनल ला जैसे हिंदू मैरेज एक्ट 1955 में भी संशोधन होगा. (सांकेतिक तस्वीर)Legal Marriage Age: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं की शादी की उम्र बढ़ाने के फैसले के पीछे उन्हें स्वस्थ्य बनाना और कुपोषण से बचाना बताया था. साथ ही सरकार शादी की उम्र बढ़ाकर महिलाओं के कम उम्र में मां बनने से उनके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले कुप्रभावों को रोकना करना चाहती है. केंद्र सरकार बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 संशोधन का कानून लाएगी और इसके साथ ही स्पेशल मैरिज एक्ट और पर्सनल ला जैसे हिंदू मैरिज एक्ट 1955 में भी संशोधन होगा. (सांकेतिक तस्वीर)अधिक पढ़ें ...
नई दिल्ली. महिलाओं के लिए शादी की न्यूनतम उम्र (legal Minimum Age of Marriage) को 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने 15 अगस्त 2020 को इस प्रस्ताव की घोषणा करते हुए इसकी जानकारी दी थी. वर्तमान में देश में पुरुषों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष है, जबकि महिलाओं के लिए 18 वर्ष है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं की शादी की उम्र बढ़ाने के फैसले के पीछे उन्हें स्वस्थ्य बनाना और कुपोषण से बचाना बताया था. साथ ही सरकार शादी की उम्र बढ़ाकर महिलाओं के कम उम्र में मां बनने से उनके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले कुप्रभावों को रोकना चाहती है. इस मामले में टास्क फोर्स गठित किए जाने के बारे में जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के अपने बजट भाषण में कहा था कि 1978 में शारदा एक्ट 1929 में बदलाव करते हुए महिलाओं की शादी की उम्र 15 वर्ष से बढ़ाकर 18 वर्ष की गई थी. उन्होंने महिलाओं की शादी की उम्र बढ़ाने के हालिया प्रस्ताव की वजह बताते हुए कहा था कि अब जबकि भारत और तरक्की कर रहा है तो महिलाओं के लिए ऊंची शिक्षा हासिल करने और करियर बनाने के अवसर भी बढ़ गए हैं. साथ ही इस फैसले का उद्देश्य कम उम्र में शादी से मातृ मृत्यु दर के बढ़ते खतरे को कम करना और महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार करना भी है. सीतारमण ने कहा था कि इस पूरे मुद्दे को एक लड़की के मां बनने की उम्र में प्रवेश के नजरिए से देखा जाना चाहिए. क्या है मौजूदा
कानून? इस
एक्ट में करने होंगे बदलाव महिलाओं की शादी की उम्र बढ़ाए जाने के बाद इसके समाज पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. कई लोगों के मन में ये सवाल है कि देश में बालिग होने की उम्र 18 वर्ष है और अगर कोई महिला 18 वर्ष से अधिक और 21 साल से कम उम्र में शादी करती है तो क्या उसकी शादी वैध माना जाएगी? कानूनी सवाल 18 से अधिक पर 21 साल से कम उम्र की महिला अगर सहमति से बनाएगी संबंध तब क्या होगा? सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में लता सिंह बनाम स्टेट ऑफ उत्तर प्रदेश मामले में फैसला देते हुए कहा था कि, ‘अगर कोई महिला बालिग है, तो वह अपनी पसंद के किसी भी व्यक्ति से शादी करने या अपनी पसंद के किसी भी व्यक्ति के साथ रहने के लिए स्वतंत्र है.’ सुप्रीम कोर्ट कई बार ये कह चुका है कि दो बालिग लोग, जो 18 या उससे अधिक के हों, अपनी सहमति से ‘लिव-इन पार्टनर’ के रूप में एक साथ रह सकते हैं, भले ही वे शादीशुदा न हों. 7 मई, 2018 के एक आदेश में, जस्टिस एके सीकरी और अशोक भूषण की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने ऐसे ही एक मामले में जहां लड़की 19 वर्ष की थी, लेकिन लड़का 21 वर्ष का नहीं था, पर कहा था, ‘वे दोनों बालिग हैं. यहां तक कि अगर वे शादी की व्यवस्था में शामिल होने के योग्य नहीं भी हैं, तो भी उन्हें शादी के बाहर भी साथ रहने का अधिकार है. पसंद की आजादी लड़की की होगी कि वह किसके साथ रहना चाहती है.” लिव-इन रिलेशनशिप को घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम के तहत भी मान्यता मिल चुकी है. इन नियमों से स्पष्ट है कि भले ही महिलाओं की शादी की उम्र बढ़ाकर 21 वर्ष कर दी जाए, लेकिन तब भी किसी महिला को 18 वर्ष का होने, यानी बालिग होने पर शादी के बिना भी अपनी सहमति से संबंध बनाने या लिव-इन पार्टनर के रूप में रहने का अधिकार होगा. 1- अगर लड़की और लड़का दोनों 18 साल से कम उम्र के हैं 2- अगर लड़की 18 साल से कम की हो और लड़का 18 साल से अधिक हो 3. अगर लड़की 18 साल से कम की हो और लड़का 21 साल से अधिक हो 18 साल से अधिक लेकिन 21 साल से कम हो देश की अदालतों में कुछ अपवाद भी हैं जब बाल विवाह को कोर्ट ने वैध भी माना है कोर्ट ने कहा कि नाबालिग लड़की की शादी तब वैध हो जाएगी, अगर बालिग होने के बाद भी वह उसे अमान्य घोषित नहीं करती है. अगर सीधे शब्दों में समझें तो, भले ही कानून बाल विवाह पर प्रतिबंध लगाता है, लेकिन यह तब तक वैध माना जाता है जब तक दुल्हन अपनी शादी को अमान्य घोषित करने के लिए अदालत का दरवाजा नहीं खटखटाती. ऊपर दिए गए दो कॉलम से साफ है कि अगर कोई लड़की शादी के लिए प्रस्तावित 21 साल से कम और 18 साल से अधिक की होने पर शादी करती है और अगर वह शादी के लिए वाले यानी कि 21 साल होने के बाद भी इसे रद्द करवाने के लिए अपील नहीं करती तो यह उसकी शादी वैध मानी जाएगी. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Illegal Marriage, Married FIRST PUBLISHED : December 17, 2021, 12:07 IST भारत में विवाह की कानूनी आयु क्या है 2022?प्रश्न – वर्ष 2022 में, लड़के की शादी की उम्र कितना होना चाहिए? उत्तर – वर्ष 2022 में लड़कों की शादी की उम्र आमतौर पर 21 साल के आसपास मानी जाती है।
2022 में लड़की की उम्र कितनी होनी चाहिए शादी के लिए?केंद्र सरकार ने देश में समाज सुधार से जुड़ा एक बड़ा कदम उठाया है. केंद्रीय कैबिनेट ने लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. यानी अब लड़कों की तरह ही लड़िकयों की शादी की आधिकारिक उम्र 21 साल होने जा रही है.
भारत में लड़कियों की शादी की उम्र क्या है?भारत सरकार ने पिछले दिनों महिलाओं की शादी की न्यूनतम कानूनी उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने का विधेयक संसद में पेश किया। इस कदम के पक्ष और विपक्ष में तमाम बातें कही गईं। बाल विवाह निषेध संशोधन बिल, 2021 में महिलाओं की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रस्ताव है। जबकि पुरुषों के लिए उम्र 21 साल ही है।
भारतीय कानून के अनुसार शादी की न्यूनतम उम्र क्या है?मौजूदा कानून के मुताबिक, देश में पुरुषों की विवाह की न्यूनतम उम्र 21 और महिलाओं की 18 साल है. अब सरकार बाल विवाह निषेध कानून, स्पेशल मैरिज एक्ट और हिंदू मैरिज एक्ट में संशोधन करेगी. नीति आयोग में जया जेटली की अध्यक्षता में बने टास्क फोर्स ने इसकी सिफारिश की थी.
|