2060 में पृथ्वी पर क्या होगा? - 2060 mein prthvee par kya hoga?

लंदन: एक नए सर्वे में चौंकाने वाला दावा किया है. इसमें धरती पर रहने वाली मानव जाति को चेतावनी दी है. सर्वे में भाग लेने वालों का कहना है कि वह दिन बीत गए जब धरती पर इंसानों का राज हुआ करता था. जल्द ही पृथ्वी पर से इंसानों का राज खत्म हो जाएगा. अगर इंसान संभले नहीं तो वे गुलाम बनकर रहने को मजबूर हो जाएंगे. 

द सन की रिपोर्ट के मुताबिक शोधकर्ताओं की भविष्यवाणी है कि रोबोट 2060 तक दुनिया पर राज करेंगे और इंसानों को नौकर बनने के लिए मजबूर किया गया. शोधकर्ताओं के मुताबिक राजनीति और अर्थशास्त्र में भी मशीनों का नियंत्रण हो जाएगा. यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्षमता चरम पर जाने का अनुमान है.

सॉफ्टवेयर फर्म का सर्वे
सॉफ्टवेयर फर्म Qlik ने एआई-सक्षम वाहन, घरेलू रोबोट और स्मार्ट उपकरणों जैसे रोबो-टेक के बारे में 2,000 ब्रितानियों से पूछताछ की. साठ फीसदी ने रोबोट को इंसानों के लिए खतरनाक बताया, और 86 फीसदी ने कहा कि उनकी "ठीक से निगरानी की जानी चाहिए".

इंसान करेंगे रोबोट का मनोरंजन
और यह आशंका है कि मनुष्यों की एकमात्र भूमिका रोबोट के लिए मनोरंजन या काम करने की होगी, जिसमें विकसित भावनाएं और राय होगी. दुःस्वप्न परिदृश्य को दिवंगत भौतिक विज्ञानी प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग ने रेखांकित किया था, जिन्होंने चेतावनी दी थी कि एआई का निर्माण "मानव इतिहास की सबसे बड़ी घटना होगी. "दुर्भाग्य से, यह आखिरी भी हो सकता है".

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  • विश्व में प्रलय या विनाश शब्द का जिक्र लगभग हर धर्म के ग्रंथों में मिलता है। करीब 250 साल पहले महान भविष्यवक्ता नास्त्रेस्देमस ने भी प्रलय को लेकर घोषणा की है। आईये देखते हैं किस धर्म में कैसे की गई है प्रलय की घोषणा।

  • हिंदू धर्म के लगभग सभी पुराणों में काल को चार युगों में बाँटा गया है। हिंदू मान्ताओं के अनुसार जब चार युग पूरे होते हैं तो प्रलय होती है। इस समय ब्रह्मा सो जाते हैं और जब जागते हैं तो संसार का पुन: निर्माण करते हैं और युग का आरम्भ होता है।

  • महाभारत में कलियुग के अंत में प्रलय होने का जिक्र है, लेकिन यह किसी जल प्रलय से नहीं बल्कि धरती पर लगातार बढ़ रही गर्मी से होगा। महाभारत उल्लेख मिलता है कि सूर्य का तेज इतना बढ़ जाएगा कि सातों समुद्र और नदियां सूख जाएंगी। संवर्तक नाम की अग्रि धरती को पाताल तक भस्म कर देगी। वर्षा पूरी तरह बंद हो जाएगी। सबकुछ जल जाएगा, इसके बाद फिर बारह वर्षों तक लगातार बारिश होगी। जिससे सारी धरती जलमग्र हो जाएगी।

  • कुरान में कयामत के दिन का जिक्र है। कुरआन में लिखा है कि कयामत का दिन कौन सा होगा इसकी जानकारी केवल अल्लाह को है। इसमें भी जल प्रलय का ही उल्लेख है। हदीस में जिक्र है कि जब कयामत आएगी तो सूर्य पूर्व की बजाय पश्चिम से निकलेगा और आधा निकलने के बाद वह फिर पूर्व से निकलेगा।

  • बाइबिल में भी प्रलय का उल्लेख है जब ईश्वर, नोहा से कहते हैं कि महाप्रलय आने वाला है। तुम एक बड़ी नौका तैयार करो, इसमें अपने परिवार, सभी जाति के दो-दो जीवों को लेकर बैठ जाओ, सारी धरती जलमग्र होने वाली है।

  • नास्त्रेस्देमस की भविष्यवाणी- नास्त्रेस्देमस ने प्रलय के बारे में बहुत स्पष्ट लिखा है कि मै देख रहा हूँ,कि एक आग का गला पृथ्वी कि ओर बाद रहा है,जो धरती से मानव के काल का कारण बनेगा। एक अन्य जगह नास्त्रेस्देमस लिखते हैं कि एक आग का गोला समुन्द्र में गिरेगा और पुरानी सभ्यता के सारे देश तबाह हो जाएंगे।

  • केवल धर्म ग्रंथों में ही नहीं, बल्कि कई देशों में वैज्ञानिकों ने भी प्रलय की अवधारणा को सही माना है। अमेरिका के कुछ वैज्ञानिकों ने घोषणा कि है कि 13 अप्रैल 2036 को पृथ्वी पर प्रलय हो सकता है। खगोलविदों के अनुसार अंतरिक्ष में घूमने वाला एक ग्रह एपोफिस 37014.91 किमी/ प्रति घंटा) की रफ्तार से पृथ्वी से टकरा सकता है। इस प्रलयंकारी भिडंत में हजारों लोगों की जान भी जा सकती है। हालांकि नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि इसे लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है।

क्या 2060 में दुनिया का अंत हो जाएगा?

न्यूटन की गणना के आधार पर 800 में 1260 को जोड़ने पर साल 2060 आया और उन्‍होंने दुनिया के अंत का साल 2060 बताया. उनका कहना था कि अगर इस समय तक दुनिया खत्‍म नहीं भी हुई तो भी उसका विनाश शुरू हो जाएगा. सर आइसैक न्‍यूटन ने अपने कई नोट्स और चिट्ठियों में दुनिया के खत्‍म होने का जिक्र किया था.

पृथ्वी का अंत कब हो सकता है?

वैज्ञानिकों के मुताबिक पृथ्वी के निधन का अगला चरण अब से पांच से सात अरब वर्षों में दिखाई देगा. दरअसल, एक वक्त ऐसा आएगा जब सूर्य एक तारे से एक विशाल हीलियम के जलने वाले लाल विशालकाय गोले में बदल जाएगा. उस वक्त इसकी गर्मी इतनी बढ़ जाएगी कि पृथ्वी पर कुछ भी इस गर्मी को झेल नहीं पाएगा.

पृथ्वी के अंत में कौन सा देश है?

इंटरनेशनल डेस्क. ये फोटोज धरती के सबसे साउदर्न प्वाइंट पर मौजूद तिएरा डेल फ्यूगो आइलैंड की हैं। ये आइलैंड चिली और अर्जेंटीना के बीच बंटा है। धरती के आखिरी छोर पर बसा ये आइलैंड दुनिया से बिल्कुल अलग-थलग पड़ा है।

2022 में क्या होगा दुनिया में?

15 नवंबर 2022 को दुनिया भर में इंसानों की आबादी 800 करोड़ पार कर जाएगी. संयुक्त राष्ट्र इस सतत विकास का श्रेय विज्ञान, तकनीकी, इनोवेशन, लंबी उम्र और सेहतमंद जीवन को दे रहा है. इंसानों की आबादी के बढ़ने का दर पिछले कुछ दशकों से गिरा है. लेकिन इसके बावजूद 2037 तक हमारी आबादी 900 करोड़ और 2058 तक 1000 करोड़ हो जाएगी.

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