आंग सान सू ची कौन है उसकी राजनीतिक पार्टी का नाम क्या है? - aang saan soo chee kaun hai usakee raajaneetik paartee ka naam kya hai?

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म्यांमार की एक विशेष अदालत ने सत्ता से अपदस्थ की गईं नेता आंग सान सू की को 4 साल जेल की सजा सुनाई है. सोमवार को हुई इस सुनवाई में सूकी को लोगों को भड़काने और कोरोना वायरस से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने के लिए दोषी ठहराया गया है. सूकी से जुड़े मामलों को व्यापक तौर पर उन्हें बदनाम करने और अगले चुनाव में भाग लेने से रोकने की साजिश के रूप में देखा जाता है.

Aung San Suu Kyi Jailed for Six Years Over Corruption Charges

Aung San Suu Kyi News: म्यांमार (Myanmar) की एक विशेष अदालत ने सत्ता से अपदस्थ की गईं नेता आंग सान सू की (Aung San Suu Kyi sentenced to four years in prison) को 4 साल जेल की सजा सुनाई है. सोमवार को हुई इस सुनवाई में सूकी को लोगों को भड़काने और कोरोना वायरस (Coronavirus) से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने के लिए दोषी ठहराया गया है. नोबेल पुरस्कार विजेता (Nobel Prize Winner) 76 साल की आंग सान सूकी के खिलाफ लगाए गए कई आरोपों के तहत यह पहला मामला है, जिसमें उनके लिए सजा का ऐलान हुआ है. बता दें कि इसी साल 1 फरवरी को आर्मी ने उस समय उनकी शक्तियों को छीन लिया था, जब उनकी पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने वाली थी. लोगों को भड़काने का यह मामला सूकी और उनकी पार्टी के नेताओं को हिरासत में लेने के बाद पार्टी के फेसबुक पेज पर पोस्ट गिए गए बयानों से जुड़ा है. कोरोना वायरस से जुड़े नियमों के उल्लंघन का मामला पिछले साल नवंबर का है, जब उन्होंने चुनाव से पहले पार्टी के लिए प्रचार किया था और बाद में उनकी पार्ची यह चुनाव जीत भी गई थी.

ज्ञात हो कि सेना जिस पार्टी का समर्थन कर रही थी वह पार्टी आंग सान सूकी की पार्टी से चुनाव हार गई थी. हार के बाद सेना समर्थक पार्टी ने चुनावी धांधली का आरोप लगाया था, जबकि स्वतंत्र पर्यवेक्षकों को चुनावों में किसी बड़ी अनियमितता का पता नहीं चला. नाम न बताने की शर्त पर एक कानूनी अधिकारी ने कोर्ट की इस सुनवाई के बारे में जानकारी दी. सूकी के केस से जुड़े मामलों में मीडिया, दर्शकों और उनके वकीलों को आने की इजाजत नहीं है. इसलिए म्यांमार से आंग सान सूकी से जुड़ी पुख्ता खबरें सामने नहीं आ पाती हैं.

सूकी से जुड़े मामलों को व्यापक तौर पर उन्हें बदनाम करने और अगले चुनाव में भाग लेने से रोकने की साजिश के रूप में देखा जाता है. म्यांमार का संविधान किसी भी व्यक्ति को उच्च पद हासिल करने या सांसद बनने के बाद किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने पर भी सजा के तौर पर जेल भेजे जाने से रोकता है. सेना को म्यांमार की सत्ता हासिल किए हुए 10 महीने का समय बीत चुका है, लेकिन वहां अब भी सेना के खिलाफ विरोध चरम पर है. सूकी के खिलाफ यह फैसला आग में घीं का काम कर सकता है.

गौरतलब है कि रविवार 5 दिसंबर को भी म्यांमार में मिलिट्री शासन के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन हुए थे और उनकी एक ही मांग थी, जिसमें वह हिरासत में लिए गए आंग सान सूकी और उनकी सरकार के अन्य सदस्यों को छोड़े जाने की मांग कर रहे थे. सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के इस शांतिपूर्ण मार्च के दौरान सेना का एक वाहन लोगों के ऊपर चढ़ा दिया गया, जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत होने की आशंका है. प्रत्यक्षदर्शियों और प्रदर्शन के एक आयोजक ने यह जानकारी दी.

रविवार का मार्च यंगून में आयोजित कम से कम तीन प्रदर्शनों में से एक था. देश की पूर्व नेता आंग सान सू ची के खिलाफ लगभग एक दर्जन आपराधिक मामलों में से एक में अपेक्षित फैसले से एक दिन पहले देश के अन्य हिस्सों में इसी तरह की रैलियां आयोजित की गई थीं. सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में दिख रहा है कि सेना का एक तेज रफ्तार ट्रक मार्च कर रहे लोगों की ओर तेजी से बढ़ रहा है. वीडियो में लोगों को यह चिल्लाते सुना जा सकता है: “कार आ रही है … कृपया मदद करें! इसने बच्चों को मारा…ओह!…मौत!…भागो,… भागो!” वीडियो में करीब एक दर्जन लोग भागते हुए नजर आ रहे हैं.

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि सैन्य ट्रक के उन्हें टक्कर मारने से पहले केवल दो मिनट के लिए प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरे थे. टक्कर लगने के बाद तीन लोग सड़क पर बेसुध पड़े थे. गिरफ्तारी के डर से नाम न छापने पर जोर देने वाले गवाह ने कहा, “लगभग पांच सशस्त्र सैनिक वाहन से बाहर निकले और प्रदर्शनकारियों का पीछा किया.” “उन्होंने गोलियां चलाईं और कार की चपेट में आए युवकों को भी गिरफ्तार कर लिया. कम से कम 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया.”

सरकारी टेलीविजन ने खबर दी कि तीन घायल लोगों सहित 11 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया. एक स्थानीय समाचार सेवा, म्यांमार प्रेसफोटो एजेंसी ने फेसबुक पर घोषणा की कि मार्च को कवर करने वाले उसके दो पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

(इनपुट – एजेंसियां)

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आंग सान सू ची - फोटो : Twitter

नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के प्रवक्ता ने बताया कि म्यांमार की नेता आंग सान सू की और सत्तारूढ़ पार्टी के अन्य वरिष्ठ लोगों को सोमवार को छापेमारी के दौरान हिरासत में लिया गया है।

वहीं अब इन गिरफ्तारियों से म्यांमार में तख्तापलट की आशंकाओं से खलबली मच गई। आपको बता दें कि नागरिकों और सेना के बीच काफी दिनों से तनाव जारी है।

Myanmar leader Aung San Suu Kyi and other senior figures from the ruling party were detained in a raid: Reuters quoting National League for Democracy's spokesperson

— ANI (@ANI) January 31, 2021

पार्टी प्रवक्ता न्यंट ने बताया कि आंग सू के साथ राष्ट्रपति विन म्यिंट और अन्य नेताओं को सोमवार को हिरासत में ले लिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि 'हम अपने लोगों से कहना चाहते हैं कि वे जल्दबाजी में जवाब न दें, वे कानून के मुताबिक कार्रवाई करें। अभी तक सेना की इस बात पर कोई टिप्पणी नहीं आई है।'

म्यांमार में सेना है काफी मजबूत
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि हालांकि सेना आज भी म्यांमार में राजनीतिक रूप से काफी मजबूत है, लेकिन सत्ता हथियाने की उसकी कोशिश को जनता का समर्थन मिलना अब मुश्किल है। यंगून स्थित तम्पादीपा इंस्टीट्यूट से जुड़े राजनीतिक विश्लेषक खिन जाव विन ने टीवी चैनल अल-जजीरा से कहा कि अगर ऐसा ने ऐसी कोशिश की, तो उसकी जनता में बहुत कड़ी प्रतिक्रिया होगी।

लोगों के मन अभी भी सैनिक शासन की याद ताजा है और वे इसकी सोच से ही नफरत करते हैं। खिन ने कहा कि अगर सेना ने सत्ता हथियाई तो उसे सड़कों पर विरोध झेलना पड़ सकता है।

म्यांमार की संसद की 498 सीटों के लिए चुनाव कराए गए थे। इनमें से 396 सीटें एनएनडी ने जीतीं। जानकारों में इस बात पर एकमत हैं कि ये जनादेश इतना बड़ा है कि सेना के लिए इसकी अनदेखी करना आसान नहीं होगा। इसके बावजूद इस समय सैनिक तख्ता पलट का भय मंडरा रहा है।

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