पद /पदबंध/ पदबंध क्या है ?
शब्द
एक या अधिक अक्षरों या वर्णों से बानी स्वत्रंत , सार्थक ध्वनि ।
उदाहरण :-
● राम
● स्कूल
● बुद्धिमान
शब्द के भेद
◆ अविकारी - विकारी
◆ क्रिया विशेषण - संज्ञा
◆ समुच्चय बोधक - सर्वनाम
◆ संबंधबोधक - क्रिया
◆ विस्मयादि बोधक - विशेषण
पद
जब शब्द वाक्य में प्रयुक्त होते हैं, तब ये स्वतंत्र शब्द न रह कर वचन, ,लिंग ,क्रिया, विशेषण, कारक आदि के नियमों से अधित हो जाते हैं अर्थात व्याकरणिक नियमों से बंध जाते हैं । उदाहरण :-
● राम वनवास को गए।
● आज स्कूल की छुट्टी है। बुद्दिमान होने के साथ - साथ विवेक भी होना चाहिए।
पद के भेद-
◆ संज्ञा
◆ सर्वनाम
◆ क्रिया
◆ विशेषण
◆ अव्यय (क्रिया विशेषण)
पदबंध
जब एक से अधिक पद जुड़कर एक ही व्याकरणिक इकाई का कार्य करते हैं, ऐसे पद समूह को पदबंध कहते हैं ।
पदबंध के भेद :-
◆ संज्ञा पदबन्ध
◆ सर्वनाम पदबंध
◆ क्रिया पद बंध
◆ विशेषण पदबन्ध
◆ क्रियाविशेषण पदबन्ध
संज्ञा पदबंध -
पदबंध का अंतिम पद यदि संज्ञा पद हो और अन्य सभी पद उस पर आश्रित हो, तो वह संज्ञा पदबंध कहलाते हैं
ये कर्ता, कर्म आदि के पूरक के स्थान पर प्रयोग होते हैं ।
उदाहरण
● राम ने लंका के राजाण को मारा।
● आसमान में उड़ता गुब्बारा फट गया।
सर्वनाम पदबंध -
जब एक से अधिक पद एक साथ जुड़कर सर्वनाम का कार्य करें, अर्थात जहाँ मुख्य पद सर्वनाम होता है, तो उसे सर्वनाम पदबंध कहते हैं ।
उदाहरण-
● विदेश से आए हुए अतिथितों में कुछ हिंदी जानते हैं।
● कक्षा में सदा शोर मचाने वाले तुम आज चुप क्यों हो?
विशेषण पदबंध -
जब एक से अधिक पद एक साथ जुड़कर विशेषण का कार्य करते हैं, अर्थात जहां शीर्ष पद विशेषण हो, तो उसे विशेषण पदबंध कहते हैं ।
उदाहरण
● मोहन बहुत नेक, निष्पक्ष और परिश्रमी लड़का है।
● मुझे दो पिसी हुई लाल मिर्च चाहिए।
क्रिया पदबंध -
एक से अधिक क्रिया - पदों से बनने वाले क्रिया - रूपों को क्रिया पदबंध कहते हैं उदाहरण आजकल के छात्र गीत सुनते - सुनते पढ़ते हैं।
उदाहरण-
● आजकल के विद्यार्थी गीत सुनते - सुनते पढते हैं।
● वह पढ़कर, खाना खाकर सो गया।
क्रिया - विशेषण पदबंध-
जब कई पदों के योग से ऐसे पदबंध बने जो क्रिया की विशेषता बताए, अर्थात जहाँ प्रमुख पद क्रिया - विशेषण हो, तो वह क्रिया - विशेषण कहलाता है।
विशेषण पदबंध प्रायः संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताते हैं तथा उन्हीं के साथ आते हैं। कई बार इनका स्वतंत्र प्रयोग भी होता है। इन पदबंधों में शीर्ष पद विशेषण तथा आश्रित पद प्रविशेषण के रूप में होते हैं। जैसे- (क) घर के कोने में बैठा हुआ व्यक्ति उसका पिता है।उपर्युक्त वाक्यों में काला छपे शब्द पदबंध है। पहले वाक्य के 'सबसे तेज दौड़ने वाला छात्र' में पाँच पद है, किन्तु वे मिलकर एक ही पद अर्थात संज्ञा का कार्य कर रहे हैं। दूसरे वाक्य के 'अत्यंत सुशील और परिश्रमी' में भी चार पद हैं, किन्तु वे मिलकर एक ही पद अर्थात विशेषण का कार्य कर रहे हैं। तीसरे वाक्य के 'बहती चली जा रही है' में पाँच पद हैं किन्तु वे मिलकर एक ही पद अर्थात क्रिया का काम कर रहे हैं। चौथे वाक्य के 'कल-कल करती हुई' में तीन पद हैं, किन्तु वे मिलकर एक ही पद अर्थात क्रिया विशेषण का काम कर रहे हैं।
इस प्रकार रचना की दृष्टि से पदबन्ध में तीन बातें आवश्यक हैं- एक तो यह कि इसमें एक से अधिक पद होते हैं। दूसरे ये पद इस तरह से सम्बद्ध होते हैं कि उनसे एक इकाई बन जाती है। तीसरे, पदबन्ध किसी वाक्य का अंश होता है।
अँगरेजी में इसे phrase कहते हैं। इसका मुख्य कार्य वाक्य को स्पष्ट, सार्थक और प्रभावकारी बनाना है। शब्द-लाघव के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है- खास तौर से समास, मुहावरों और कहावतों में। ये पदबंध पूरे वाक्य नहीं होते, बल्कि वाक्य के टुकड़े हैं, किन्तु निश्र्चित अर्थ और क्रम के परिचायक हैं। हिंदी व्याकरण में इनपर अभी स्वतन्त्र अध्ययन नहीं हुआ है।
पदबंध के भेद
मुख्य पद के आधार पर पदबंध के पाँच प्रकार होते हैं-
(1) संज्ञा-पदबंध
(2) विशेषण-पदबंध
(3) सर्वनाम पदबंध
(4) क्रिया पदबंध
(5) क्रियाविशेषण या अव्यय पदबंध
(1) संज्ञा-पदबंध- वह पदबंध जो वाक्य में संज्ञा का कार्य करे, संज्ञा पदबंध कहलाता है।
दूसरे शब्दों में- पदबंध का अंतिम अथवा शीर्ष शब्द यदि संज्ञा हो और अन्य सभी पद उसी पर आश्रित हो तो वह 'संज्ञा पदबंध' कहलाता है।
जैसे-
(a) चार ताकतवर मजदूर इस भारी चीज को उठा पाए।
(b) राम ने लंका के राजा रावण को मार गिराया।
(c) अयोध्या के राजा दशरथ के चार पुत्र थे।
(d) आसमान में उड़ता गुब्बारा फट गया।
उपर्युक्त वाक्यों में काला छपे शब्द 'संज्ञा पदबंध' है।
(2) विशेषण पदबंध- वह पदबंध जो संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बतलाता हुआ विशेषण का कार्य करे, विशेषण पदबंध कहलाता है।
दूसरे शब्दों में- जब एक से अधिक पद मिलकर विशेषण पद का कार्य करें, तो उसे विशेषण पदबंध कहा जाता हैं।
जैसे-
(a) तेज चलने वाली गाड़ियाँ प्रायः देर से पहुँचती हैं।
(b) उस घर के कोने में बैठा हुआ आदमी जासूस है।
(c) उसका घोड़ा अत्यंत सुंदर, फुरतीला और आज्ञाकारी है।
(d) बरगद और पीपल की घनी छाँव से हमें बहुत सुख मिला।
उपर्युक्त वाक्यों में काला छपे शब्द 'विशेषण पदबंध' है।
(3) सर्वनाम पदबंध- वह पदबंध जो वाक्य में सर्वनाम का कार्य करे, सर्वनाम पदबंध कहलाता है।
दूसरे शब्दों में- जब कई पद मिलकर सर्वनाम पद का कार्य करें, तो उसे सर्वनाम पदबंध कहा जाता है।
उदाहरण के लिए निम्नलिखित वाक्य देखिए-
बिजली-सी फुरती दिखाकर आपने बालक को डूबने से बचा लिया।
शरारत करने वाले छात्रों में से कुछ पकड़े गए।
विरोध करने वाले लोगों में से कोई नहीं बोला।
उपर्युक्त वाक्यों में काला छपे शब्द सर्वनाम पदबंध हैं क्योंकि वे क्रमशः 'आपने' 'कुछ' और 'कोई' इन सर्वनाम शब्दों से सम्बद्ध हैं।
(4) क्रिया पदबंध- वह पदबंध जो अनेक क्रिया-पदों से मिलकर बना हो, क्रिया पदबंध कहलाता है।
दूसरे शब्दों में- जब कई क्रियाएँ मिलकर एक क्रिया पद का कार्य करें, तो उसे क्रिया पदबंध कहा जाता है।
क्रिया पदबंध में मुख्य क्रिया पहले आती है। उसके बाद अन्य क्रियाएँ मिलकर एक समग्र इकाई बनाती है। यही 'क्रिया पदबंध' है।