आयरन मनुष्य के आहार का बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है। यह हीमोग्लोबिन के निर्माण के लिए आवश्यक है। हीमोग्लोबिन के निम्न स्तर के कारण आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया हो जाता है। लाल रक्त कोशिकाएं हीमोग्लोबिन युक्त होती हैं। रक्त में लाल रक्त कोशिकाएं महत्वपूर्ण घटक हैं।
लाल रक्त कोशिकाओं में युक्त हीमोग्लोबिन पूरे शरीर में ऑक्सीजन लेकर जाता है। आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया (या आयरन की कमी वाला एनीमिया) एनीमिया (लाल रक्त कोशिका या हीमोग्लोबिन का कम स्तर) का सबसे सामान्य प्रकार है।
हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर: हीमोग्लोबिन के स्तर को ग्राम पर डेसीलीटर में मापा जाता है।
सामान्य स्तर इस प्रकार हैं:
महिलाएं: 12.1 - 15.1 ग्राम/डीएल
पुरुष: 13.8 - 17.2 ग्राम/डीएल
बच्चे: 11 - 16 ग्राम/डीएल
गर्भवती महिलाओं: 11 - 15.1 ग्राम/डीएल
सबसे सामान्य लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- थकान।
- आलस्य/सुस्ती (ऊर्जा की कमी)।
- सांस में तकलीफ़ (दमा)। कम सामान्य लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- सिरदर्द।
- स्वाद में बदलाव।
- पिका – न खाने योग्य खाद्य पदार्थों जैसे कि बर्फ, कागज या मिट्टी खाने की इच्छा।
- जीभ पर घाव।
- खुजली महसूस होना।
- बाल गिरना।
- निगलने में कठिनाई (डिस्फागिया)।
यह निम्नलिखित के कारण हो सकता है:
एनीमिया के लाल रक्त कोशिकाओं (हेमोलिसिस) की क्षति के कारण होना: आनुवंशिक स्थितियां जैसे कि सिकल सेल एनीमिया, थैलेसीमिया, तनाव जैसे कि- संक्रमण, ड्रग्स, सांप या मकड़ी के जहर या कुछ खाद्य पदार्थों से हो सकता है।
रक्त की कमी: रक्त के भीतर लाल रक्त कोशिकाओं में आयरन होता है। इसलिए यदि किसी व्यक्ति में रक्त की कमी होती है, तो उसके कुछ आयरन नष्ट हो जाते है। मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक रक्त बहने से पीड़ित महिलाओं में आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया का ज़ोखिम होता है, क्योंकि मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक रक्त बह जाता है। पेप्टिक अल्सर के कारण धीरे-धीरे शरीर के भीतर दीर्घकालिक रक्त की कमी हो जाती है तथा हायाटस हर्निया, कोलन पॉलीप या कोलोरेक्टल कैंसर के कारण आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया हो सकता है। यह बवासीर (हेमोरॉहाइड्स), जठरशोथ (पेट की सूजन), कैंसर, नॉन स्टेरॉइडल एंटी-इन्फ्लोमैट्री ड्रग्स (एनएसएआईआईएस) जैसे कि एस्पिरिन या इबुप्रोफेन, जो कि जो अल्सर और गैस्ट्रेटिस उत्पन्न कर सकता है, के कारण भी हो सकता है।
आहार में आयरन की कमी: हम जो आहार खाते है, उससे हमारे शरीर को नियमित रूप आयरन मिलता है। यदि कोई व्यक्ति बहुत कम आयरन का सेवन करता है, तो समय के साथ शरीर में आयरन की कमी हो सकती है। उदहारण के लिए आयरन से भरपूर आहार जैसे कि मांस, अंडे, पत्तेदार-हरी सब्जियां और आयरन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करें। पर्याप्त वृद्धि और विकास के लिए शिशुओं और बच्चों को आहार से आयरन की ज़रूरत होती है।
आयरन अवशोषित करने में असमर्थता: आहार से आयरन छोटी आंत में खून के भीतर अवशोषित हो जाता है। आंत संबंधी विकार जैसे कि सीलिएक रोग, जो कि आहार में पोषक तत्वों को अवशोषित करने के लिए आंत की क्षमता को कम कर देता है। यह आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया को उत्पन्न कर सकता है। यदि छोटी आंत के हिस्से को शल्यचिकित्सा से बाहर निकालना (बाइपास) या हटाना दिया जाता है, तो यह आयरन और अन्य पोषक तत्वों को अवशोषित करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
गर्भावस्था: आयरन की पूरकता के बिना आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया बहुत सारी गर्भवती महिलाओं में दिखाई देता है, क्योंकि आयरन का भंडारण महिलाओं में रक्त के घनत्व को बढ़ाने के साथ-साथ विकासशील भ्रूण के हीमोग्लोबिन के लिए स्रोत की ज़रूरी होता है।
आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया का पता लगाने के लिए रक्त परीक्षण किया जाता है। यह परीक्षण निम्नलिखित स्तर दिखा सकता है:
- हीमोग्लोबिन (प्रोटीन, जो कि ऑक्सीजन लेकर जाता है) उसका सामान्य से कम होना।
- सामान्य से कम लाल रक्त कोशिकाएं (कोशिकाएं, जो कि हीमोग्लोबिन युक्त होती हैं) होना।
- लाल रक्त कोशिकाएं सामान्य की तुलना में छोटी और पीली हो सकती है।
- विटामिन बी 12 या फोलेट के स्तर की जांच, क्योंकि ये विटामिन बी 12 के साथ आपके शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं उत्पन्न करने में मदद करने के लिए काम करती है।
- आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया के निदान के लिए चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।
आयरन अनुपूरक शरीर में आयरन की कमी को पूरा करता है। सबसे ज़्यादा प्रस्तावित अनुपूरक फेरस सल्फेट (आयरन संबंधी) औषधीय है, जिसे दिन में दो या तीन बार मुख से (मुंह से) लिया जाता है।
आयरन से भरपूर आहार में निम्नलिखित शामिल है:
- गहरी-हरी सब्जियां जैसे कि जलकुंभी और कर्ली केल (छल्लेदार गोभी)।
- आयरन युक्त साबुत अनाज।
- साबुत अनाज जैसे कि ब्राउन चावल।
- फलियां।
- मेवा।
- मांस।
- खूबानी।
- आलूबुख़ारा।
- किशमिश।
उपचार के लिए आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।
आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया में गंभीर या दीर्घकालिक जटिलताएं बेहद कम होती है:
थकावट: आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया में व्यक्ति थका और सुस्त (ऊर्जा में कमी) महसूस करता है, जो कि उसकी उत्पादकता और गतिविधियों में गिरावट उत्पन्न करता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली: अनुसंधान बताता है कि आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली) को प्रभावित कर सकता है, जो कि आपको रोग और संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील बना सकता है।
हृदय और फेफड़ों की जटिलताएं: गंभीर एनीमिया से पीड़ित वयस्कों में जटिलताएं विकसित होने का ज़ोखिम हो सकता है, जो कि उनके हृदय या फेफड़ों को प्रभावित करती हैं।
उदाहरण के लिए निम्नलिखित हो सकता है:
- टाकीकार्डिया (हृदय की धड़कन में असामान्य बढ़ोत्तरी)।
- दिल की विफलता, जब आपका दिल आपके शरीर के चारों ओर पर्याप्त रूप से रक्त पंप नहीं करता है।
गर्भावस्था: गंभीर एनीमिया से पीड़ित गर्भवती महिलाओं में विशेषकर जन्म के दौरान और जन्म बाद जटिलताएं विकसित होने का ज़ोखिम बढ़ जाता है। इससे प्रसवोत्तर अवसाद (एक प्रकार का अवसाद, जिसे कुछ महिलाएं बच्चे के जन्म के बाद का महसूस कर सकती है) भी विकसित हो सकता हैं।