अमावस्या की रात को क्या करना चाहिए - amaavasya kee raat ko kya karana chaahie

* जीवन की परे‍शानियां दूर करेंगे अमावस्या के 10 आसान उपाय... 

ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या को विशेष तिथि माना गया है। मान्यता है कि इस दिन किए गए  उपाय, टोटके विशेष ही शुभ फल प्रदान करते हैं। अत: जीवन में आ रही समस्त परेशानियों को दूर करने के लिए अमावस्या पर ये उपाय अवश्य आजमाने चाहिए। यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत हैं बहुउपयोगी टोटके... 

* अमावस्या के दिन भूखे प्राणियों को भोजन कराने का विशेष महत्व है।

* अमावस्या के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद आटे की गोलियां बनाएं। गोलियां बनाते समय भगवान का नाम लेते रहें। इसके बाद समीप स्थित किसी तालाब या नदी में जाकर ये  आटे की गोलियां मछलियों को खिला दें। इस उपाय से आपके जीवन की अनेक परेशानियों का अंत हो सकता है।

अमावस्या के दिन ज्यादा सक्रिय रहती हैं प्रेत आत्माएं

ज्योतिष में चन्द्र को मन का देवता माना गया है। अमावस्या के दिन चन्द्रमा दिखाई नहीं देता। ऐसे में जो लोग अति भावुक होते हैं, उन पर इस बात का सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। लड़कियां मन से बहुत ही भावुक होती हैं। इस दिन चन्द्रमा नहीं दिखाई देता तो ऐसे में हमारे शरीर में हलचल अधिक बढ़ जाती है। जो व्यक्ति नकारात्मक सोच वाला होता है उसे नकारात्मक शक्ति अपने प्रभाव में ले लेती है।

धर्मग्रंथों में चन्द्रमा की 16वीं कला को 'अमा' कहा गया है। चन्द्रमंडल की 'अमा' नाम की महाकला है जिसमें चन्द्रमा की 16 कलाओं की शक्ति शामिल है। शास्त्रों में अमा के अनेक नाम आए हैं, जैसे अमावस्या, सूर्य-चन्द्र संगम, पंचदशी, अमावसी, अमावासी या अमामासी। अमावस्या के दिन चन्द्र नहीं दिखाई देता अर्थात जिसका क्षय और उदय नहीं होता है उसे अमावस्या कहा गया है, तब इसे 'कुहू अमावस्या' भी कहा जाता है। अमावस्या माह में एक बार ही आती है। शास्त्रों में अमावस्या तिथि का स्वामी पितृदेव को माना जाता है। अमावस्या सूर्य और चन्द्र के मिलन का काल है। इस दिन दोनों ही एक ही राशि में रहते हैं।

अमावस्या : वर्ष के मान से उत्तरायण में और माह के मान से शुक्ल पक्ष में देव आत्माएं सक्रिय रहती हैं तो दक्षिणायन और कृष्ण पक्ष में दैत्य आत्माएं ज्यादा सक्रिय रहती हैं। जब दानवी आत्माएं ज्यादा सक्रिय रहती हैं, तब मनुष्यों में भी दानवी प्रवृत्ति का असर बढ़ जाता है इसीलिए उक्त दिनों के महत्वपूर्ण दिन में व्यक्ति के मन-मस्तिष्क को धर्म की ओर मोड़ दिया जाता है।

अमा‍वस्या के दिन भूत-प्रेत, पितृ, पिशाच, निशाचर जीव-जंतु और दैत्य ज्यादा सक्रिय और उन्मुक्त रहते हैं। ऐसे दिन की प्रकृति को जानकर विशेष सावधानी रखनी चाहिए। प्रेत के शरीर की रचना में 25 प्रतिशत फिजिकल एटम और 75 प्रतिशत ईथरिक एटम होता है। 

इसी प्रकार पितृ शरीर के निर्माण में 25 प्रतिशत ईथरिक एटम और 75 प्रतिशत एस्ट्रल एटम होता है। अगर ईथरिक एटम सघन हो जाए तो प्रेतों का छायाचित्र लिया जा सकता है और इसी प्रकार यदि एस्ट्रल एटम सघन हो जाए तो पितरों का भी छायाचित्र लिया जा सकता है।

प्रमुख अमावस्या : भौमवती अमावस्या, मौनी अमावस्या, शनि अमावस्या, हरियाली अमावस्या, दिवाली अमावस्या, सोमवती अमावस्या, सर्वपितृ अमावस्या।

अमावस्या के दिनों में क्या न करें... 

* इस दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। 

* इस दिन शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए। इसके शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं। 

* जानकार लोग तो यह कहते हैं कि चौदस, अमावस्या और प्रतिपदा उक्त 3 दिन पवित्र बने रहने में ही भलाई है। >

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Authored by Gitika dubey | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Jun 28, 2022, 12:03 AM

Amavasya ke Totke अमावस्‍या पर नमक का यह अचूक उपाय दूर कर देगा घर की सारी नेगेटिविटी

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आज फाल्‍गुन मास की अमावस्‍या है और शास्‍त्रों में इस तिथि को पौराणिक दृष्टि से बेहद खास माना गया है। इसके साथ ही पंचांग के अनुसार आज युगादि तिथि भी है। 2 मार्च 2022 बुधवार को युगादि तिथि है। जैसा कि हम जानते हैं कि चार युग होते है, सतयुग, त्रेता युग, द्वापर युग, कलियुग ये सभी युग भिन्न भिन्न तिथियों को प्रारंभ हुए थे।बुधवार के दिन इन 5 चीजों को खाने से बुद्धि होती है तेज

युग+आदि अर्थात युग के आरंभ होने की तिथि, इसे ही युगादि तिथि कहते हैं अर्थात जिस तिथि को अतीत या भविष्य में एक नया युग आरंभ हुआ होगा, वही युगादि तिथि कहलाती है। युगादि तिथियां बहुत ही शुभ होती हैं, इस दिन किया गया जप, तप, ध्यान, स्नान, दान, यज्ञ, हवन आदि अक्षय फल देने वाला होता है। प्रत्येक युग में सौ वर्षों तक दान करने से जो फल होता है, वह युगादि-काल में एक दिन के दान से प्राप्त हो जाता है।

अमावस्‍या पर नमक का अचूक टोटका

घर में हर अमावस्‍या अथवा हर 15 दिन में पानी में खड़ा नमक यानी करीब एक लीटर पानी में 50 ग्राम खड़ा नमक डालकर पोंछा लगाएं। इससे नेगेटिव एनर्जी चली जाएगी अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं। कहते हैं कि अमावस्या के दिन जो वृक्ष, लता आदि को काटता है अथवा उनका एक पत्ता भी तोड़ता है, उसे ब्रह्महत्या का पाप लगता है।

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अमावस्‍या के अन्‍य उपाय

  • अमावस्‍या के दिन मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं।
  • अमावस्‍या के दिन काली चींटियों को शक्‍कर मिला हुआ आटा जरूर खिलाएं।
  • शाम के वक्‍त किसी अच्‍छे पुरोहित को बुलाकर घर में हवन करवाएं।
  • अमावस्‍या की तिथि प्रमुख रूप से पितरों को समर्पित होती है। इस दिन पितरों के निमित्‍त दान-पुण्‍य जरूर करें।
  • अमावस्या को पीपल के वृक्ष की पूजा करें तथा पेड़ को जनेऊ व अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें। इसके बाद भगवान विष्णु के मंत्र ऊं नमो भगवते वासुदेवाय का जप करें उसकी सात परिक्रमा करें।
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अमावस्या के दिन घर में क्या करना चाहिए?

अमावस्‍या के अन्‍य उपाय शाम के वक्‍त किसी अच्‍छे पुरोहित को बुलाकर घर में हवन करवाएं। अमावस्‍या की तिथि प्रमुख रूप से पितरों को समर्पित होती है। इस दिन पितरों के निमित्‍त दान-पुण्‍य जरूर करें। अमावस्या को पीपल के वृक्ष की पूजा करें तथा पेड़ को जनेऊ व अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें।

अमावस्या के दिन क्या करें क्या न करें?

अमावस्या के दिन तामसिक चीजों जैसे मांस, मदिरा आदि चीजों का भूलकर भी सेवन नहीं करना चाहिए. अमावस्या के दिन जप-तप-व्रत करने वाले व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और इस दिन भूलकर भी शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए.

अमावस की रात में क्या क्या होता है?

अमा‍वस्या के दिन भूत-प्रेत, पितृ, पिशाच, निशाचर जीव-जंतु और दैत्य ज्यादा सक्रिय और उन्मुक्त रहते हैं। ऐसे दिन की प्रकृति को जानकर विशेष सावधानी रखनी चाहिए। प्रेत के शरीर की रचना में 25 प्रतिशत फिजिकल एटम और 75 प्रतिशत ईथरिक एटम होता है।

अमावस्या के दिन क्या किया जाता है?

इस दिन का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है। हरियाली अमावस्या के दिन पेड़- पौधों की पूजा करनी चाहिए। पेड़- पौधों की पूजा करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान का भी बहुत अधिक महत्व होता है।

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