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विभाव और अनुभाव में अंतर-Anubhav or vibhav main anterविभाव1. विभाव, भाव का मात्र कारण होता है। 2. विभाव के तीन पक्ष हैं- आश्रय, आलंब एवं उद्दीपन 3. विभाव कोई व्यक्ति, विषय, प्रसंग हो सकता है। अनुभाव1. अनुभाव, भावों का परिवर्तन या चेष्टाएँ हैं। 2. अनुभाव केवल ‘आश्रय’ पर निर्भर होता है। 3. अनुभाव आश्रय की कायिक या सात्विक चेष्टाएँ होती हैं। उदाहरण- राम का सीता को पहली बार जनक वाटिका में देखना। यहाँ, आश्रय- राम, आलंबन- सीता, उद्दीपन- प्राकृतिक वातावरण एवं सीता का अलौकिक सौंदर्य। विभाव के उदाहरण में राम का सीता को देखना, मन-ही-मन पुलकित एवं रोमांचित होना अनुभाव है। इसे भी पढ़ें…
Disclaimer Disclaimer: Target Notes does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: You may also likeAbout the authorइस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद.. विभाव और अनुभाव में क्या अंतर है?उदाहरण- राम का सीता को पहली बार जनक वाटिका में देखना। यहाँ, आश्रय- राम, आलंबन- सीता, उद्दीपन- प्राकृतिक वातावरण एवं सीता का अलौकिक सौंदर्य। विभाव के उदाहरण में राम का सीता को देखना, मन-ही-मन पुलकित एवं रोमांचित होना अनुभाव है।
अनुभव से आप क्या समझते हैं?अनुभाव – अनुभाव दो शब्दों 'अनु' और भाव के मेल से बना है। 'अनु' अर्थात् पीछे या बाद में अर्थात् आश्रय के मन में पनपे भाव और उसकी वाह्य चेष्टाएँ अनुभाव कहलाती हैं। जैसे-चुटकुला सुनकर हँस पड़ना, तालियाँ बजाना आदि चेष्टाएँ अनुभाव हैं।
अनुभव के कितने भेद होते हैं?विषेश-अनुभाव के चार भेद हैं-सात्विक, कायिक, मानसिक और आहार्य ।
आलम्बन विभाव क्या है?विषय जिस पात्र के प्रति किसी पात्र के भाव जागृत होते हैं वह विषय है। साहित्य शास्त्र में इस विषय को आलंबन विभाव अथवा 'आलंबन' कहते हैं।
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