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अनुसूचित जाति कल्याणप्रिंट अनुसूचित जाति कल्याण की योजनायें 1) अनुसूचित जाति पूर्वदशम छात्रवृति:- • छात्रवृति हेतु विद्यार्थियों को अपने विद्यालय में ही
आवेदन करना है । • अनुसूचित जाति कक्षा 1 से 8 एवं आई.टी.आई छात्रवृत्ति की दरें निम्न हैं :- 2) अनुसूचित जाति कक्षा 9 से 10 के छात्रों को छात्रवृति:-
छात्रवृति के लिए पात्रता
अनुसूचित जाति दशमोत्तर छात्रवृति:- इस योजना के अर्न्तगत दशमोत्तर कक्षाओं में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति निम्न मानकों के अनुसार प्रदान की जाती है : (दिनांक 01.07.2010 से प्रभावी)
3) अस्वच्छ पेशा (चमडा उतारने, चमड़ा कमाने, मैला उठाने) में लगे व्यक्तियों के बच्चों को विशेष छात्रवृति :- 100 प्रतिशत केन्द्र पुरोनिधानित यह विशेष योजना वर्ष 1977-78 से संचालित है। वर्ष 1991-92 से पूर्व इसमें केवल 6 से 10 तक पढ़ने वाले छात्रों के छात्रावास में रहने पर लाभान्वित किया जाता था.
अ) आवासीय छात्रों के लिए : उपरोक्त के अतिरिक्त आवासीय छात्रों को रू० 1000 तथा अनावासीय छात्रों को रू० 750 प्रतिवर्ष तदर्थ अनुदान दिये जाने की व्यवस्था नवीन प्रस्तावित योजना में भारत सरकार द्वारा कर दी गई है|4) अनुसूचित जाति के छात्रों को मेरिट उच्चीकृत छात्रवृत्ति दिये जाने की योजना :- • अनुसूचित जाति के मेधावी किन्तु सुविधा विहीन छात्र/छात्राओं को मेडिकल और इन्जीनियरिंग में प्रवेश हेतु प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होकर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों की पूर्ति हेतु कक्षा 9 से 12 तक चार वर्ष की
रेमिडियल कोचिंग प्रदान कर उनके शैक्षिक अवरोधों को दूर करने के उद्देश्य से भारत सरकार से शत-प्रतिशत सहायतित यह योजना उत्त्तराखण्ड के पौड़ी एवं नैनीताल के राजकीय इण्टर कॉलेजों मे वर्ष 1988-89 में शिक्षा विभाग द्वारा संचालित थी, जो वर्ष 1994-95 मे समाज कल्याण विभाग को स्थानान्तरित की गई,। इस योजना का संचालन वर्तमान में जनपद पौडी में हो रहा है तथा योजना को उत्तराखण्ड के सभी जनपदों मे संचालित किये जाने का प्रस्ताव है। इसके अन्तर्गत प्रति छात्र रूपये 8000/-वार्षिक तथा प्रत्येक विद्यालयों के
प्रधानाचार्य एवं विषय विशेषज्ञों को शिक्षण हेतु रूपये 7000/- वार्षिक दिये जाने का प्राविधान है। 5) स्वैच्छिक संगठनों द्वारा शिक्षा सम्बन्धी कार्य तथा उन्हें दी जाने वाली आर्थिक सुविधायें :- • ऐसे स्वैच्छिक संगठन जो अनुसूचित जाति के बच्चों की शिक्षा में गहरी रूचि लेते है और विद्यालयों को संचालित कर शिक्षा देते है, उन्हें शासन की वित्तीय स्थिति तथा नीतियों के अनुसार अनावर्तक अथवा आवर्तक अनुदान दिया जाता है.ऐसी संस्थाये जो अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को शिक्षा के प्रसार हेतु वाचनालयों/पुस्तकालयों एवं छात्रावासों की भी सुविधाये देते है,उन्हें भी अनुदान दिया जाता है. अनुदान के लिए स्वैच्छिक संगठनों द्वारा संचालित विद्यालयों में इस बात का विशेष ध्यान दिया जाता है कि इसमें अनुसूचित जाति के छात्रों की संख्या अनुपात में 50 प्रतिशत से कम न हो. आवर्तक अनुदान प्राप्त प्राइमरी पाठशालाओं में अनुमन्य अध्यापकों के लिए विभाग द्वारा निर्धारित वेतनमान के अनुसार समतुल्य वेतन की धनराशि प्रत्येक वर्ष आवर्तक अनुदान के रूप में प्रदान की जाती है. आवर्तक अनुदान पर अनुदानित छात्रावासों/पुस्तकालयों को आवर्तक व्यय की मदों पर नियमानुसार देय धनराशि आवर्तक अनुदान के रूप में दी जाती है.
उत्तराखण्ड में संचालित परीक्षापूर्व प्रशिक्षण(आई.ए.एस./पी.सी.एस.) केन्द्रों में देय छात्रवृति की दरें-
उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना के बाद यहां के अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्तियों के लिए इस राज्य में भी एक ऐसे ही परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र की आवश्यकता अनुभव की गयी है जिसमें निर्धन अनुसूचित जाति के मेधावी नवयुवकों को प्रशासनिक सेवाओं की प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के उददेश्य से चरणबद्ध कोचिंग की व्यवस्था हो। 7) प्रदेश के अनुसूचित जातियों के कल्याण हेतु राजकीय औद्योगिक आस्थान का संचालन
: 8) अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम-1989 तथा नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 का क्र्रियान्वयन : • अनुसूचित जातियों के प्रति अस्पृश्यता/छुआछूत की भावना को समाप्त करने के उद्देश्य से नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 तथा अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 का क्रियान्वयन पूरे प्रदेश में किया जा रहा है।अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के अधीन भारत सरकार के असाधारण राजपत्र दिनांक 31 मार्च,1995 के भाग-2 खण्ड-3 में प्रख्यापित अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण )नियमावली 1995 के आधार पर उत्पीड़ित अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्तियों को विभिन्न प्रकार के उत्पीड़न की घटनाओं के अनुसार अधिकतम रूपये 8,25,000/- की आर्थिक सहायता दो चरणों में दिये जाने का प्रविधान किया गया है।
11)अनुसूचित जाति छात्र/छात्राओं हेतु छात्रावास :- • अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं को अपने घरों से दूर शिक्षा ग्रहण करने हेतु आवासीय सुविधा एवं भोजन व्यवस्था उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्तमान में 15 छात्रावास संचालित हैं। 12) अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की पुत्रियों की शादी हेतु अनुदान की व्यवस्था :- • अनुसूचित जाति के पुत्रियों की शादी हेतु विभाग द्वारा योजना संचालित है। यह योजना वर्ष 1982 से संचालित है. इस योजना के अन्तर्गत बीपीएल अथवा रूपये 15,000/- तक वार्षिक आय वाले अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को वर्ष 2013-14 से पुत्रियों की शादी हेतु रूपये 50,000/- की आर्थिक सहायता दी जाती है। 13) अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकासः- • अनुसूचित जाति के बाहुल्य ग्रामों में सड़क निर्माण, विद्वुतीकरण, पेयजल, खण्ड़जा गली निर्माण एवं मूल भूत सुविधाऐं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इस योजना का संचालन किया जा रहा है। 14) अटल आवास योजनाः- ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत अनुसूचित जाति के निर्धन एंव बी०पी०एल० चयनित परिवारों जिन्हें सरकार द्वारा संचालित किसी भी आवास योजना में आवास निर्माण हेतु धनराशि प्राप्त नही हुई है तथा परिवार आवास विहीन है ,ऐसे परिवारों को आवास उपलब्ध कराये जाने हेतु अटल आवास योजना प्रारम्भ की गयी जिसका क्रियान्वयन निम्नानुसार किया जाता हैः- • अनुसूचित जाति के आवासहीन परिवार के नाम पर ग्रामीण क्षेत्र में आवास निर्माण हेतु निजी भूमि उपलब्ध हो। |