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अर्ध-अध्यक्षीय प्रणाली अथवा अर्ध राष्ट्रपति प्रणाली, शासन की वह प्रणाली होती है, जिसमें राज्य के कार्यकारी अधिकार पूर्णतः एक कार्यकारी राष्ट्राध्यक्ष के अंतर्गत ना हो, बल्कि कुछ कार्यकारी शक्तियां अन्य अधिकारीयों व संस्थाओं के अंतर्गत हों, जो स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकें। यह किसी अध्यक्षीय प्रणाली से भिन्न है, जिसमे सम्पूर्ण कार्यकारी शक्तियन एक ही अधिकारी (राष्ट्राध्यक्ष या शासनाध्यक्ष) के अंतर्गत आती हैं। इस शासन प्रणाली में एक कार्यकारी राष्ट्रपति एक प्रधानमंत्री और कैबिनेट के साथ मौजूद होता है, जिसमें केवल प्रधानमंत्री राष्ट्रिय विधायिका के प्रति जिम्मेदार होता है। यह संसदीय प्रणाली से भिन्न है जिसमें एक लोकप्रिय निर्वाचित शासनप्रमुख होता है, जबकि राष्ट्रप्रमुख के पास नाममात्र अधिकार होते हैं। वहीँ राष्ट्रपति प्रणाली से भी यह भिन्न है जिसमें राष्ट्रपति द्वारा नामित कैबिनेट विधायिका के लिए जिम्मेदार होती है, जो अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से इस्तीफा देने के लिए कैबिनेट को मजबूर कर सकता है।[1][2][3][4] इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
अर्थ अध्यक्षात्मक कार्यपालिका में देश का प्रमुख कौन होता है?अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली से तात्पर्य
अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली में कार्यपालिका अपनी लोकतांत्रिक वैधता के लिये विधायिका पर निर्भर नहीं रहती है। इस प्रणाली में राष्ट्रपति वास्तविक कार्यपालिका प्रमुख होता है।
अध्यक्षात्मक कार्यपालिका वाले देश कौन कौन से हैं?प्रधानमंत्री युक्त अध्यक्षीय प्रणाली. आर्मीनिया. अज़रबैजान. बेलारूस. कैमरून. मध्य अफ्रीकी गणराज्य. कोटे डी आइवर. अर्ध अध्यक्षात्मक कार्यपालिका क्या है?अर्ध-अध्यक्षीय प्रणाली अथवा अर्ध राष्ट्रपति प्रणाली, शासन की वह प्रणाली होती है, जिसमें राज्य के कार्यकारी अधिकार पूर्णतः एक कार्यकारी राष्ट्राध्यक्ष के अंतर्गत ना हो, बल्कि कुछ कार्यकारी शक्तियां अन्य अधिकारीयों व संस्थाओं के अंतर्गत हों, जो स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकें।
अध्यक्षात्मक कार्यपालिका का प्रमुख गुण कौन सा है?अध्यक्षात्मक शासन की विशेषताएँ
(1) अध्यक्षात्मक शासन में केवल एक ही कार्यपालिका (राष्ट्रपति) होती है। (2) कार्यपालिका का कार्यकाल निश्चित होता है अर्थात् वह विधानमण्डल के ' प्रति उत्तरदायी नहीं होती। (3) अध्यक्षात्मक शासन में शक्ति पृथक्करण होता है अर्थात् विधानमण्डल व कार्यपालिका एक-दूसरे को भंग नहीं कर सकते ।
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