अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस 2022 की थीम - antarraashtreey van divas 2022 kee theem

इस दिवस का उद्देश्य वनों के महत्त्व और योगदान के बारे में विभिन्न समुदायों में जन-जागरूकता पैदा करना है। 

अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस पर क्या किया जाता है ?

  • इस दिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष सरकारी तंत्र और निजी संगठन मिलकर लोगों को वनों के महत्त्व और पर्यावरण तथा अर्थव्यवस्था में उनकी भूमिका के बारे में जागरूक करते हैं। 

अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस का आयोजन किसके द्वारा किया जाता है ?

  • इस दिवस का आयोजन संयुक्त राष्ट्र वन फोरम (UNFF) और संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (UNFAO) द्वारा किया जाता है। 


अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस 2022 की थीम  IDF Theme 2022


  • "Forests and sustainable production and consumption."
  • वन और सतत उत्पादन और खपत


अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस 2021 की थीम 

  • वर्ष 2021 के लिये इस दिवस की थीम है- वन रेस्टोरेशन: ए पाथ टू रिकवरी एंड वेल-बीइंग। इस वर्ष की थीम इस बात पर ज़ोर देती है कि वनों की बहाली और सतत् प्रबंधन किस प्रकार जलवायु परिवर्तन एवं जैव विविधता के संकट से मुकाबला करने में मददगार साबित हो सकते हैं। स्वतंत्रता के बाद से भारत की आबादी में तीन गुना वृद्धि दर्ज की गई है

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्कI International Day of Forests 2022: वनों के बिना मानव जीवन ही नहीं बल्कि पशु-पक्षियों के जीवन की भी कल्पना नहीं की जा सकती है इसलिए वनों का संरक्षण बेहद जरूरी है। तो वनों के महत्व को बताने और इसके संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के मकसद से 21 मार्च का दिन दुनियाभर में ‘अंतरराष्ट्रीय वन दिवस’ (International Day of Forests) के रूप में मनाया जाता है। वनों की अंधाधुंध कटाई की वजह से पृथ्वी पर अब वन और उनमें रहने वाले जीव-जंतुओं के घर सिमटते जा रहे हैं।

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    अंतरराष्ट्रीय वन दिवस का इतिहास

    वनों को बचाए रखने के लिए साल 1971 में यूरोपीय कृषि संगठन की 23वीं आम बैठक में 21 मार्च को हर साल विश्व वन्य दिवसके रूप में मनाने का फैसला किया गया था। लेकिन बाद में संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन ने भी वनों के महत्व के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए 21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व वन्य दिवस मनाने पर अपनी सहमति दी थी, तब से ही 21 मार्च को यह दिन मनाने की शुरुआत हुई थी।

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    विश्व वन दिवस का उद्देश्य

    वनों में पाए जाने वाले पेड़-पौधे ही पृथ्वी पर ऑक्सीजन की मुख्य स्त्रोत है। ऑक्सीजन की कमी मानव जीवन के लिए खतरे के बराबर है तो इस दिवस को मनाने का खास उद्देश्य लोगों को इस बात से अवगत कराना है। 

    विश्व वन दिवस 2022 की थीम

    हर साल अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस के लिए थीम को जंगलों पर सहयोगात्मक भागीदारी (CPF) द्वारा चुना जाता है। इस साल यानी 2022 के विश्व वन दिवस की थीम है ‘वन और सतत उत्पादन और खपत‘ (Forests and sustainable production and consumption)

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    कैसे मनाया जाता है यह दिन?

    दुनियाभर में वनों को बचाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के अलावा स्थानीय स्तर पर भी तरह-तरह के कार्यक्रमों और वृक्षारोपण अभियान का भी आयोजन किया जाता है। स्कूलों में भी इस दिन को मनाया जाने लगा है।

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    🌳🌏 | This #InternationalDayofForests, let’s pledge to protect, preserve & restore our #forests – the home of our vibrant #biodiversity. #IntlForestDay #PlanetEarth #ClimateAction @mygovindia @PIB_India @Moefcc

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    - Dept of Animal Husbandry & Dairying, Min of FAH&D (@dept_of_ahd) 21 Mar 2022

    अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस 2022 की थीम - antarraashtreey van divas 2022 kee theem

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    वर्ल्ड फ़ॉरेस्ट्री डे २०२२: विश्व वानिकी दिवस या अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस हर साल 21 मार्च को मनाया जाता है, इसे मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया के विभिन्न देशों को वनों का महत्व समझाना और इनके संरक्षण के लिए समाज का योगदान हासिल करना है।

    पृथ्वी पर संतुलन बनाए रखने के लिए इंसानों, जीव-जंतुओं, पानी, मिट्टी और हवा के साथ-साथ वृक्ष और वनों का भी अहम योगदान और महत्व है। जंगलों और वनों की अंधाधुंध कटाई के कारण अब पृथ्वी पर वन और उनमें रहने वाले जीव-जंतुओं के आवास सिमट रह गए हैं।

    अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस 2022 की थीम - antarraashtreey van divas 2022 kee theem
    World Forestry Day – Vishva Vaniki Diwas 2022

    साल 2020 में ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी भीषण आग से मची तबाही ने काफी अधिक मात्रा में जीव-जंतुओं और जंगलों को जलाकर खाक कर डाला था।

     

    इंटरनेशनल डे ऑफ़ फ़ॉरेस्ट के बारे मेंनामविश्व वानिकी दिवस (अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस)तारीख़21 मार्चस्थापनावर्ष 2012 में (संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा)पहली बार21 मार्च 2013उद्देश्यवनों के महत्व और वृक्षारोपण के बारे में जागरूकता फैलानाथीम (2022)फ़ॉरेस्टस एंड सस्टेनेबल प्रोडक्शन एंड कंसम्पशन

     

    विषय सूची

    • विश्व वानिकी दिवस कब मनाया जाता है?
      • अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस क्यों मनाया जाता है? उद्देश्य
      • विश्व वानिकी दिवस 2022 थीम (International Day of Forests Theme)
      • विश्व वन दिवस कैसे मनाया जाता है?
    • वनों का महत्व (Importance of Forests)
      • क्यों जरूरी है वनों का संरक्षण?
      • वनो से होने वाले लाभ (Benefits of Forests in Hindi)
      • वनों के प्रकार (Types of Forests in Hindi)

    विश्व वानिकी दिवस कब मनाया जाता है?

    संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा वर्ष 2012 में 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस घोषित किए जाने के बाद से ही विश्व स्तर पर 21 मार्च के दिन विश्व वानिकी दिवस (World Forestry Day) संयुक्त राष्ट्र वन फोरम तथा खाद्य एवं कृषि संगठन के सहयोग से मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर वनों के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करना और वृक्षारोपण को बढ़ावा देना है।

     

    यूरोप में हुई थी पहल:
    कुछ विद्वानों के अनुसार पहली बार वैश्विक स्तर पर विश्व वानिकी दिवस मनाने की शुरुआत यूरोप में यूरोपीय कृषि परिसंघ की 23वीं महासभा द्वारा वर्ष 1971 में की गई थी। उस समय यूरोप में विकास के नाम पर हो रही पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के दुष्परिणामों को देखते हुए यह दिवस मनाए जाने का फैसला लिया गया।

     

    भारत में राष्ट्रीय वन दिवस?

    भारत में प्रतिवर्ष जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में वन महोत्सव के रूप में यह दिन वर्ष 1950 से ही मनाया जाता रहा है, भारत में वन महोत्सव मनाए जाने की शुरुआत उस समय रहे कृषि मंत्री कुलपति कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी द्वारा की गई थी।

    70 के दशक में उत्तरप्रदेश में चमोली (जो अब उत्तराखंड में है) के लोगों ने पेड़ों को काटे जाने से बचाने के लिए ‘चिपको आंदोलन‘ किया था जिसमें लोग पेड़ों के चारो तरफ एक घेरा बनाकर उससे चिपक जाया करते थे ताकि पेड़ों को काटा न जा सके।

    अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस 2022 की थीम - antarraashtreey van divas 2022 kee theem
    Vishava Van Diwas Slogan Image

     

    अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस क्यों मनाया जाता है? उद्देश्य

    वन (जंगल) का पृथ्वी के लिए और सभी जीव-जंतु के लिए क्या महत्व है यह किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है, वन सभी जीव-जंतुओं का आवास स्थान और भोजन का जरिया है तथा इससे ही हमारा जीवन है और यह ग्रह भी।

    विश्व वानिकी दिवस मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को वनों के महत्व को समझाना और वनों के संरक्षण हेतु सामने आकर काम करने के लिए प्रेरित करना है।

    वनों (Forest) में पाए जाने वाले पेड़-पौधों के कारण ही पृथ्वी पर ऑक्सीजन की मात्रा बराबर बनी हुई है, इसलिए अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस (International Day of Forests) पर लोगों को पेड़ लगाने के लिए जागरूक करने और जंगलों की कटाई से उत्पन्न होने वाली समस्याओं से अवगत कराते हुए इसे मनाया हैं।

     

    विश्व वानिकी दिवस 2022 थीम (International Day of Forests Theme)

    प्रत्येक अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस के लिए थीम को जंगलों पर सहयोगात्मक भागीदारी (CPF) द्वारा चुना जाता है। इस वर्ष विश्व वानिकी दिवस 2022 की थीम ‘वन और सतत उत्पादन और खपत‘ (Forests and sustainable production and consumption) है।

    पिछली बार World Forestry Day 2021 की Theme “वन बहाली: पुनर्प्राप्ति और कल्याण का मार्ग” (Forest restoration: a path to recovery and well-being) रखी गयी थी।

     

    वर्ल्ड फ़ॉरेस्ट्री डे की पिछले कुछ सालों की थीम्स:

    • 2022: वन और सतत उत्पादन और खपत (Forests and sustainable production and consumption)
    • 2021: वन बहाली: पुनर्प्राप्ति और कल्याण का मार्ग (Forest restoration: a path to recovery and well-being)
    • 2020: वन और जैव विविधता (Forests and Biodiversity)
    • 2019: वन और शिक्षा (Forests and Education)
    • 2018: वन और शहर (Forests and Cities)
    • 2017: वन और ऊर्जा (Forests and Energy)
    • 2016: वन और जल (Forests and Water)
    • 2015: वन | जलवायु | परिवर्तन (Forests | Climate | Change)
    • 2014: हमारे वन | हमारा भविष्य (Our Forests | Our Future)
    अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस 2022 की थीम - antarraashtreey van divas 2022 kee theem
    वन संरक्षण पर स्लोगन

     

    विश्व वन दिवस कैसे मनाया जाता है?

    इस दिन लोगों को पेड़ लगाने बाद पेड़ों की अंधाधुंध कटाई ना करने का संदेश दिया जाता है तो वहीं वन संरक्षण के लिए भी कई तरह के जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं इस दिन हमें भी आगे आकर वृक्षारोपण व वन महोत्सव के कार्यक्रमों में योगदान देना चाहिए।

    साथ ही इस दिन कई भाषणों और निबंध लेखन प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होता है, जिसमें वन महोत्सव और इंटरनेशनल फॉरेस्ट डे (International Day of Forests) पर निबंध लिखने के लिए कहां जाता है, तो वही इस दिन वनों की कटाई पर बने सख्त कानूनों के बारे में भी लोगों को बताया जाता है।

    इस मौके पर स्कूलों, विश्वविद्यालयों, और सरकारी संस्थानों में पेड़ लगाए जाते है, और विद्यार्थियों के बीच कई नाटक एवं ड्राइंग कॉम्पीटीशन भी कराए जाते हैं।

     

    यह भी पढ़े:
    » विश्व मृदा दिवस
    » विश्व पशु दिवस
    » विश्व प्रवासी पक्षी दिवस
    » विश्व ओजोन संरक्षण दिवस

     

    वनों का महत्व (Importance of Forests)

    वनों और जंगलों में वृक्षों की होती अंधाधुंध कटाई के कारण ही आज पृथ्वी गहरे संकट में पड़ गई है जिसके कारण आज पृथ्वी प्राकृतिक आपदाओं और Global Warming जैसी समस्याओं से जूझ रही है।

    आज बढ़ते प्रदूषण और वनों की होती अंधाधुंध कटाई के कारण ही कई ग्लेशियर लुप्त होने की कगार पर है, तो वही ग्लोबल वॉर्मिंग का खतरा भी बढ़ता जा रहा है जिनके कारण आज मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है।

    आज की डेट में देखें तो बेमौसम बरसात और मौसम के अनियमित होने के कारण किसानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है।

    अगर जंगलों को उजड़ने से नहीं रोका गया और नए पेड़ ना लगाए गए तो विश्व भर के मनुष्यों और जीव जंतुओं के आस्तित्व पर पूर्ण विराम लग सकता हैं।

     

    क्यों जरूरी है वनों का संरक्षण?

    आज से पहले पृथ्वी की कुल भूमि क्षेत्र का लगभग 50 प्रतिशत भाग वनों से ढका हुआ था परंतु आज यह आंकड़ा घटकर मात्र 30% पर रह गया है और अगर वनों की अंधाधुंध कटाई पर जोर ना दिया गया तो इसके कम होने की पूर्ण संभावनाएं हैं।

    अगर पृथ्वी पर वनों की संख्या में और कमी आती है तो इससे जीव जंतुओं के आवास पर तो संकट आएगा ही साथ ही मनुष्य पर भी इसका प्रभाव देखने को मिलेगा जो अनियमित मौसम के रूप में अभी से देखने को मिल रहा है जंगलों की अंधाधुंध कटाई से जल चक्र, मृदा संरक्षण और जैव मंडल पर भी गहरा असर देखने को मिलेगा।

    अगर भविष्य में वनों की संख्या में वृद्धि नहीं होती तो मनुष्यों की बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए मानव संसाधनों के साथ-साथ पीने को स्वच्छ जल, सांस लेने के लिए ऑक्सीजन, और अन्न उगाने के लिए मिट्टी की कमी हो जाएगी।

     

    वनो से होने वाले लाभ (Benefits of Forests in Hindi)

    • पृथ्वी पर जीने के लिए सांस लेना अत्यधिक जरुरी है और पृथ्वी पर मानव समेत कई जीव जंतु ऑक्सीजन के कारण ही जिंदा है वन बड़ी मात्रा में कार्बन डाई ऑक्साइड को वातावरण से सोख कर उसे ऑक्सीजन में बदल देते हैं।
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    • वनों से ही हमें फल लकड़ियां मसाले और कई तरह की औषधियां प्राप्त होती है साथ ही जंगल में उगने वाले कई पौधों की मदद से हमें मसाले, रबड़ और नायलॉन जैसी चीजें भी मिलती है।
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    • आपके घर में मौजूद फर्नीचर का ज्यादातर सामान वनों की लकड़ियों से ही बनाया जाता है।
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    • पृथ्वी पर पाए जाने वाली जैव विविधता वनों के कारण ही संभव है वनों में रहने वाले जीव जंतु यहां लगे पेड़ पौधों से ही अपना भोजन प्राप्त करते हैं और यही इनके रहने का स्थान भी है।
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    • मिट्टी को जकड़े रखने वाली वृक्षों की मजबूत जड़ें भारी बरसात में मिट्टी के कटाव को रोकते हैं जिससे बाढ़ का खतरा कम हो जाता है।
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    • वन पृथ्वी के तापमान को नियंत्रण में रखना और प्रकाश परावर्तन को घटाना वनों का मुख्य कार्य होता है।
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    • वन में लगे पेड़ पौधे हवा की दिशा परिवर्तन व इनकी गति कम करने के साथ-साथ ध्वनि नियंत्रण का भी काम करते हैं।

     

    अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस 2022 की थीम - antarraashtreey van divas 2022 kee theem
    वन संरक्षण पर नारे कोट्स

     

    वनों के प्रकार (Types of Forests in Hindi)

    धरती का वह इलाका जहां वृक्षों का घनत्व सामान्य से ज्यादा होता है उसे वन कहा जाता है। भारत में निम्नलिखित वन मुख्य रूप से पाए जाते हैं जिनमें सदाबहार वन (वर्षा वन), मैंग्रोव वन शंकुधारी वन, पर्णपाती वन, शीतोष्ण कटिबंधीय आदि शामिल है।

     

    • बोरील वन: ये ध्रुवों के निकट पाए जाने वाले वन है।
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    • उष्णकटिबंधीय वन: यह ऐसे वन होते हैं जो भूमध्य रेखा के निकट पाए जाते हैं।
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    • शीतोष्ण वन: मध्यम ऊंचाई वाले स्थान पर मिल जाते हैं।
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    • सदाबहार वन: यह वन उच्च वर्षा क्षेत्रों में पाए जाने वाले वन है भारत में इस तरह के वन पश्चिमी घाट, अंडमान निकोबार दीप समूह तथा पूर्वोत्तर भारत जैसे जगहों पर (जहां मानसून अधिकतम समय तक रहता है) पाए जाते हैं इन वनों में अधिकतर फल और हर किड्स जैसे पेड़ अधिक मात्रा में उगते हैं और यह एक दूसरे से आपस में मिलकर कुछ इस तरह की छत बना लेते हैं कि सूर्य का प्रकाश जमीन तक नहीं पहुंच पाता। ऐसे में जमीन पर काफी कम मात्रा में ही पेड़ पौधे उग पाते हैं।
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    • शंकुधारी वन: यह कम तापमान वाले क्षेत्रों में पाए जाने वाले वन है जो भारत में हिमालय पर्वत पर अधिकतर पाए जाते हैं।ऐसे वनों में पाए जाने वाले वृक्ष काफी सीधे और लंबे होते हैं नुकीली पत्तियों वाले इन पेड़ों की शाखाएं नीचे की ओर झुकी होने के कारण इनकी टहनियों पर बर्फ नहीं टिक पाती इन पेड़ों को जिम्नोस्पर्म भी कहा जा जाता है।
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    • पर्णपाती वन: इस तरह के वन मध्यम वर्षा वाले इलाकों में पाए जाते हैं जहां वर्षा कुछ महीनों के लिए ही होती है।इन वनों में टीक के वृक्ष और इसी तरह के कई दूसरे वृक्ष उगते हैं।

      इन वृक्षों की पत्तियां गर्मी और सर्दी के महीने में गिर जाती हैं और चैत्र के महीने में इन वृक्षों पर नई पत्तियां आनी शुरू हो जाती है और मानसून आने पर जब तेज बारिश और सूर्य का प्रकाश जमीन तक पहुंचता है तो इन की वृद्धि काफी तेजी से होती है और बारिश के मौसम में ही यह घनी वृद्धि करते हैं।

      राष्ट्रीय वन दिवस कब मनाया जाता?

      21 मार्च को विश्व वन दिवस के रूप में नामित किया गया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के संकल्प द्वारा, इसे 28 नवंबर, 2012 को शुरू किया गया था। हर साल, विभिन्न प्रकार के संगठन और संस्थाएँ लोगों को वनों और वन वृक्षों के मूल्य के बारे में उपदेश देती हैं।

      21 मार्च को इनमें से कौन सा दिवस मनाया जाता है?

      Detailed Solution. सही उत्तर 2012 है। 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस के रूप में मनाया जाता है। दिवस की स्थापना खाद्य और कृषि संगठन और संयुक्त राष्ट्र ने 2012 में की थी।

      विश्व वन दिवस को इंग्लिश में क्या कहते हैं?

      लोगों को इसके संरक्षण के लिए जागरूक करने के लिए 21 मार्च को विश्व भर में 'अंतरराष्ट्रीय वन दिवस' (International Day of Forests) के तौर पर मनाया जाता है.

      वन दिवस क्यों मनाया जाता है?

      पार्श्वभूमि। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सभी प्रकार के वनों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और मनाने के लिए 2012 में 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस घोषित किया।