बच्चों में विटामिन डी की कमी से कौन सा रोग होता है? - bachchon mein vitaamin dee kee kamee se kaun sa rog hota hai?

बच्चों में विटामिन डी की कमी से कौन सा रोग होता है? - bachchon mein vitaamin dee kee kamee se kaun sa rog hota hai?

बच्चों के रहन-सहन और खानपान का सीधा प्रभाव उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है। कई बार बच्चों का उचित पोषण न होने के कारण उनके शरीर में कई तरह के पोषक तत्वों की कमी होने लगती है जिसके कारण उनके शरीर में कई तरह की बीमारियां पैदा होने लगती हैं। बच्चों की अच्छी सेहत के लिए उनके शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी का होना जरूरी है। बच्चों में विटामिन डी की कमी (Vitamin D Deficiency In Kids) के कारण कई बीमारियां हो सकती हैं और उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी इसका असर पड़ता है। जन्म के बाद से ही बच्चों के शरीर को एक निश्चित मात्रा में विटामिन का होना बहुत जरूरी माना जाता है। पुराने समय में बच्चों की मालिश के दौरान उन्हें धूप में रखा जाता था जिससे सूरज की किरणों से उनका शरीर विटामिन डी का अवशोषण कर पाता था। लेकिन आज के समय में लाइफस्टाइल से जुड़े कारणों और पर्याप्त पोषण न मिलने की स्थिति में बच्चों के शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है। आइये जानते हैं विटामिन डी की कमी होने पर बच्चों के शरीर में दिखने वाले लक्षण और इससे बचाव के उपाय के बारे में।

बच्चों में विटामिन डी की कमी (Vitamin D Deficiency In Kids)

बच्चों में विटामिन डी की कमी से कौन सा रोग होता है? - bachchon mein vitaamin dee kee kamee se kaun sa rog hota hai?

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बच्चों के शरीर में विटामिन डी की कमी खराब पोषण और जीवनशैली से जुड़े कारणों से हो सकती है। शरीर में विटामिन डी के स्तर को मेडिकल की भाषा में सीरम 25-हाइड्रॉक्सी विटामिन-डी व कैल्सीडियोल कहते हैं। गोंडा स्थित एससीपीएम हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ शेख जाफर के मुताबिक बच्चों के शरीर में मौजूद खून में अगर विटामिन डी का स्तर 20 नैनोग्राम प्रति मिली लीटर यानी 50 नैनोमोल प्रति लीटर से कम हो जाता है तो इसे विटामिन डी की कमी कहा जाता है। इसकी वजह से बच्चों की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और कई अन्य बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। बच्चों के शरीर में विटामिन डी की कमी होना एक गंभीर स्थिति है और इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसकी वजह से बच्चों के विकास पर तो असर पड़ता ही है और इससे बच्चों में एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी का खतरा भी रहता है। बच्चों के शरीर में विटामिन डी की कमी के ये प्रमुख कारण हो सकते हैं।

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  • बच्चों के भोजन में विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा का न होना।
  • बच्चों का सूर्य के प्रकाश में कम आना या बिलकुल भी नहीं आना।
  • लिवर और किडनी में मौजूद समस्या के कारण शरीर में विटामिन डी को कन्वर्ट न कर पाना।
  • भोजन से विटामिन डी को अवशोषित करने में समस्या।
  • कुछ दवाओं के सेवन की वजह से।
  • शरीर की आंतरिक समस्याओं या बीमारियों के कारण।

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बच्चों में विटामिन डी की कमी के लक्षण (Vitamin D Deficiency Symptoms In Kids)

बच्चों के शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर उनमें कई लक्षण दिखाई देते हैं। लेकिन विटामिन डी की कमी होने पर हर बच्चे में अलग-अलग लक्षण दिखाई दे सकते हैं। आइये जानते हैं बच्चों में विटामिन डी की कमी होने पर दिखने वाले लक्षणों के बारे में।

1. बच्चों की हड्डियों का कमजोर होना।

2. मांसपेशियों में कमजोरी के लक्षण।

3. बच्चे का सिर बहुत कोमल होना।

4. बच्चे का वजन न बढ़ना और शरीर का विकास रुक जाना।

5. हड्डियों के घनत्व में कमी आना।

6. शरीर में दर्द और हड्डियों से जुड़ी समस्याएं होना।

7. उंगलियों का टेढ़ा होना।

8. बच्चों के चलने-फिरने और बैठने में दिक्कत।

9. एनीमिया की समस्या।

10. बार-बार निमोनिया होना।

बच्चों में विटामिन डी की कमी कैसे पूरी करें? (Tips To Prevent Vitamin D Deficiency In Kids)

बच्चों के शरीर में विटामिन डी की कमी से कई तरह की बीमारियां भी होने लगती हैं। इसकी वजह से उनके दिमाग पर भी असर पड़ता है और एनीमिया, रिकेट्स और हड्डियों में तिरछापन होने जैसी कई समस्याएं भी हो जाती हैं। गंभीर रूप से बच्चों में विटामिन डी की कमी होने पर चिकित्सक की सलाह जरूर लेनी चाहिए और चिकित्सक की सलाह के अनुसार उसका इलाज होना चाहिए। लेकिन अगर आप शुरुआत में लक्षणों को देखकर इसका इलाज करवाते हैं तो बच्चों के शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए आप इन चीजों का ध्यान रख सकते हैं।

  • बच्चों को पर्याप्त धूप में बिठाएं, उन्हें कम से कम 15 से 20 मिनट के लिए धूप में जरूर रहने दें।
  • इसके अलावा उन्हें रोजाना 1 गिलास गाय के दूध का सेवन कराएं जिससे उनके शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी की आपूर्ति होती रहे।
  • विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे ब्रेड, सोया मिल्क, मछली का तेल, चीज,मशरूम, दूध, दही आदि का सेवन कराएं।

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इसके अलावा बच्चों में विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए उन्हें विटामिन डी के सप्लीमेंट दिए जा सकते हैं। बच्चों के लिए तमाम तरह की विटामिन डी की गोलियां और अन्य चीजें आती हैं जिनका सेवन कर उनके शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता है। लेकिन इनका सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए। धूप में रहकर और पर्याप्त मात्रा में आहार के माध्यम से विटामिन डी का सेवन कर शरीर में विटामिन डी की कमी होने से बचा जा सकता है। बच्चों के शरीर में विटामिन डी की कमी होने को हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसकी वजह से उनके शरीर का विकास तो प्रभावित होता ही है साथ ही इसके चलते उन्हें कई तरह की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं जो आगे चलकर बड़ा खतरा बन सकती हैं। बच्चों के शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर उनके शरीर में ऊपर बताये गए लक्षण दिखते हैं जिसे ध्यान में रखकर आप उन्हें गंभीर समस्या होने से बचा सकते हैं। छोटे बच्चों में विटामिन डी की कमी होने से बचाने के लिए उनकी नियमित रूप से धूप में मालिश करनी चाहिए। इसके आलावा आपको यह ध्यान भी रखना चाहिए कि बच्चे को विटामिन डी का सप्लीमेंट अधिक मात्रा में न दें। शरीर में विटामिन डी की अधिकता कई समस्याएं पैदा कर सकती है।

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बच्चों में विटामिन डी की कमी का क्या लक्षण है?

बच्चों के शरीर में दर्द और हड्डियां कमजोर होने लगती हैं. बच्चों का वजन ना बढ़ना और सिर काफी मुलायम हो जाना भी इसका एक लक्षण है. बच्चों को मांसपेशियों में कमजोरी के साथ एनीमिया की समस्या होना और बच्चों की उंगलियां टेढ़ी हो जाना और चलने-फिरने में परेशानी होना जैसे लक्षण विटामिन डी की कमी के होते हैं.

विटामिन डी की कमी से बच्चों में कौन सी बीमारी होती है?

विटामिन डी हमारी हड्डियों और दांतों के लिए काफी जरूरी होता है. बच्चों में विटामिन डी की कमी को रिकेट्स के नाम से जाना जाता है जिसमें हड्डियां काफी सॉफ्ट हो जाती हैं और आसानी से टूटने लगती हैं. वहीं, वयस्कों में विटामिन डी की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस, या हड्डियों के पतले होने का खतरा बढ़ जाता है.

बच्चों में विटामिन डी की कमी हो तो क्या करें?

बच्चों में विटामिन डी की कमी कैसे पूरी करें? (Tips To Prevent Vitamin D Deficiency In Kids).
बच्चों को पर्याप्त धूप में बिठाएं, उन्हें कम से कम 15 से 20 मिनट के लिए धूप में जरूर रहने दें।.
इसके अलावा उन्हें रोजाना 1 गिलास गाय के दूध का सेवन कराएं जिससे उनके शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी की आपूर्ति होती रहे।.

सबसे ज्यादा विटामिन डी कौन से फल में होता है?

सबसे पहले बात करते हैं सेब की. इस फल में भी भरपूर मात्रा में विटामिन डी पाई जाती हैं. आप चाहें तो इसका जूस के रूप में या सलाद के रूप में खा सकते हैं. इस फल में भी प्रचुर मात्रा में विटामिन डी होता है.