बच्चे रात को सोते क्यों नहीं है? - bachche raat ko sote kyon nahin hai?

छोटे बच्चों के माता-पिता हमेशा शिकायत करते हैं कि उनका बच्चा रात में अच्छी तरह से सोता नहीं है। खासकर नवजात शिशुओं के माता-पिता इस बात से चिंतित रहते हैं। छोटे बच्चों को एक व्यस्क व्यक्ति से ज्यादा सोने की जरूरत होती है ताकि उनका मानसिक और शारीरिक विकास अच्छी तरह से हो सके। इसलिए मां-बाप को यह ध्‍यान रखना चाहिए कि उनका नन्‍हा शिशु अपनी उम्र के हिसाब से पर्याप्‍त नींद ले। लेकिन कई बार छोटे बच्चे दिन के समय ज्यादा सो ले लेते हैं जिसकी वजह से रात को उन्‍हें नींद नहीं आती है। इसे डे-नाइट रिवर्सल कहा जाता है। नवजात शिशु के दिन में सोने और रात में जागने की आदत से नए माता-पिता थकान महसूस करने लगते हैं क्योंकि उन्‍हें अपनी नींद रात में लेनी होती है।

जानिए वो क्‍या कारण हैं जिनकी वजह से बच्चे रात में अच्छी नींद नहीं ले पाते हैं और माता-पिता को कौन-सी सावधानियां और टिप्स अपनाने चाहिए जिससे बच्चे रात में भरपूर नींद ले पाएं।

नवजात शिशु ( 0-3 मंथ )

नवजात शिशु 1 दिन में 14 से 17 घंटे सोते हैं। इतने छोटे बच्चों के सोने का पैटर्न ही यही होता है कि बच्चे बार-बार उठते हैं और सोते हैं। इसलिए कई बार माता-पिता को लगता है कि बच्चा रात भर अच्छी तरह नहीं सोया पर इस तरह से बार-बार सोना और उठना इतने छोटे बच्चों के लिए सामान्य बात है। शिशु बार-बार भूख लगने की वजह से या डे-नाइट रिवर्सल की वजह से भी जागते हैं।

​3 से 6 महीने के बच्चे

बच्चे रात को सोते क्यों नहीं है? - bachche raat ko sote kyon nahin hai?

3 महीने के हो जाने के बाद शिशु नॉर्मल नींद ले पाते हैं। इस उम्र तक आते-आते बच्चों की नींद के घंटे भी कम हो जाते हैं। 6 महीने के बच्चों को 12 से 15 घंटे की नींद की जरूरत होती है। इस उम्र में बच्चे वयस्क की तरह सोते हैं, जिससे इनकी नींद नवजात शिशु की तुलना में कच्ची होती है। इसी वजह से थोड़ी सी आवाज या तेज रोशनी इन बच्चों को नींद से उठा सकती है।

फोटो साभार : TOI

​बीमारी से उबरने के बाद नींद न आने की समस्या

बच्चे रात को सोते क्यों नहीं है? - bachche raat ko sote kyon nahin hai?

जब भी बच्चा बीमार होता है तो उसे अच्छा महसूस कराने के लिए माता-पिता हर संभव प्रयास करते हैं। उन्हीं में से एक है कि बच्चे के बीमार होने पर उन्हें अपने साथ सुलाना यानी कि उनके पालने से या उनके सोने की जगह बदल देना। लेकिन बीमारी के ठीक होने के बाद बच्चे को उसकी पुरानी दिनचर्या में लाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इस समय भी बच्चा रात के समय बार-बार उठता है।

फोटो साभार : TOI

​अन्य समस्याएं

बच्चे रात को सोते क्यों नहीं है? - bachche raat ko sote kyon nahin hai?

यदि बच्चे ने सोते समय साफ-सुथरे या ढीले-ढाले कपड़े नहीं पहने हैं तो ऐसे तंग फिटिंग के कपड़े भी बच्चे की नींद में खलल डाल सकते हैं। भूख भी ऐसी वजह है जो बार-बार बच्चे को रात में उठने पर मजबूर कर देती है। यहां तक कि माता-पिता से दूर होने की भावना भी बच्चों के अंदर होती है जो उसकी नींद में परेशानी का कारण बनती है।

फोटो साभार : TOI

​नींद की कमी से बच्चे का विकास

बच्चे रात को सोते क्यों नहीं है? - bachche raat ko sote kyon nahin hai?

नींद के दौरान हमारे शरीर ऐसे हार्मोन बनाता है जो मांसपेशियों और कोशिकाओं की रिपेयरिंग करते हैं। यदि बच्चा पर्याप्त नींद नहीं लेता है तो शरीर के इस कार्य में बाधा पड़ती है। बचपन में नींद की कमी से किशोरावस्था के दौरान मानसिक विकास में कमी आ सकती है। इसलिए यह कहा जा सकता है की नींद की कमी बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकती है।

फोटो साभार : TOI

​शिशु को अच्छी नींद कैसे दें

बच्चे रात को सोते क्यों नहीं है? - bachche raat ko sote kyon nahin hai?

पीडियाट्रिशियन से पूछें कि नवजात शिशु को रात में कितनी बार दूध पिलाना चाहिए। कोशिश करें कि बच्चे को दिन के समय अच्छी तरह दूध पिलाएं ताकि बच्चा रात में भूखा ना रहे और सोने से पहले भी उसे दूध पिलाएं। दिन के समय बच्चे के सोने का समय तय करें। बच्चे को दिन में 4 से 5 घंटे से ज्यादा ना सुलाएं ताकि बेबी रात में अच्छी तरह सो सके। दिन के समय बच्चे के कमरे में अच्छी रोशनी रखें और रात के समय कमरे में अंधेरा ताकि बच्चे दिन और रात में अंतर समझ पाएं। सोते समय बच्चे को साफ सुथरे और ढीले ढाले कपड़े पहनाएं।

फोटो साभार : Economic Times

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अगर बच्चा रात को ना सोए तो क्या करना चाहिए?

​शिशु को अच्छी नींद कैसे दें कोशिश करें कि बच्चे को दिन के समय अच्छी तरह दूध पिलाएं ताकि बच्चा रात में भूखा ना रहे और सोने से पहले भी उसे दूध पिलाएं। दिन के समय बच्चे के सोने का समय तय करेंबच्चे को दिन में 4 से 5 घंटे से ज्यादा ना सुलाएं ताकि बेबी रात में अच्छी तरह सो सके।

क्यों बच्चे रात में सो नहीं?

अधिकांश नवजात शिशु अनियमित ढंग से सोते हैं, इसलिए आप छह से 12 हफ्तों से पहले उसकी नींद का कोई एक पैटर्न बनता शायद नहीं देख सकेंगी। मगर, ऐसा हमेशा नहीं रहता। तीन या चार महीनों के बाद आप शिशु को नींद की एक नियमित दिनचर्या स्थापित करने में मदद कर सकती हैं, बस आपको हर दिन एक समान तरीका अपनाना होगा।

बच्चे सबसे ज्यादा कौन से महीने में रोते हैं?

भूख यह आपके नवजात शिशु के रोने के सबसे आम कारणों में से एक है। आपका शिशु जितना छोटा होगा, उसके भूख से रोने की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी। नैपी (लंगोट) बदलने की जरुरत। यदि शिशु नैपी में मलत्याग कर दे, पेशाब कर दे या फिर उसे कपड़े तंग लगें तो वह रोना शुरु कर सकता है।

बच्चे नींद में डरते क्यों है?

क्या होता है नाइट टेरर इसमें बच्चा सोते हुए बहुत तेज डर जाता है. ये समस्या ऐसे बच्चों में ज्यादा होती है, जिनकी फैमिली में किसी को स्लीप वॉकिंग की समस्या रही हो. नाइट टेरर सोने के 2-3 घंटे बाद यानि गहरी नींद में जाने के बाद होता है. इसमें किसी डरावने सपने की तरह आपको महसूस होता है.