बच्चेदानी के ऑपरेशन के बाद क्या परहेज करें? - bachchedaanee ke opareshan ke baad kya parahej karen?

गर्भाशय निकल जाने के बाद महिला के शरीर में कई शारीरिक एवं मानसिक बदलाव देखे जा सकते हैं। दरअसल, हार्मोनल परिवर्तन के कारण बदलाव के लक्षणों को महसूस करना आम बात है। बच्चेदानी निकालने की सर्जरी को हिस्टेरेक्टॉमी कहते हैं।

बच्चेदानी निकल जाने के बाद महिला की उम्र भी अधिक दिखने लगती है। सर्जरी के पश्चात शरीर में होने वाले बदलाव महिला को मानसिक रूप से परेशान करने के लिए पर्याप्त हैं।

हिस्टेरेक्टॉमी ऑपरेशन के बाद आप कितनी तेजी से रिकवर (स्वस्थ) होंगी यह आपके पूरे स्वाथ्य पर निर्भर होता है। कई महिलाओं को इससे पूरी तरह रिकवर होने में 2 से 3 महीने लग जाते हैं।

हालांकि कुछ ऐसी टिप्स हैं, जिन्हें आजमाकर आप रिकवरी को थोड़ा तेज कर सकती हैं और इस दौरान होने वाले मानसिक वेदना से भी उबर सकती हैं।

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  • आहार में ध्यान दें
  • थोड़ी एक्सरसाइज करें
  • दर्द और सूजन से बचकर रहें
  • खूब आराम करें
  • जख्म की देखभाल करें
  • ढीले कपड़े पहने
  • शरीर को हाइड्रेट रखें
  • तुरंत ही डॉक्टर से बात करें
  • तनाव न लें
  • दोस्तों से बात करें
  • हार्मोनल थेरेपी के लिए जाएं
  • सेक्स न करें
  • अंत में

आहार में ध्यान दें

  • आहार में सभी जरूरी पोषक तत्वों को शामिल करें। प्रोटीन, मिनरल्स और विटामिन्स की सही खुराक एवं संतुलित आहार रिकवरी में मदद करेंगे।
  • रिकवरी के दौरान शरीर में पानी की उपलब्धि अहम भूमिका निभाती है। दिन में 8-10 गिलास पानी पिएं और शरीर को हाइड्रेट रखें।
  • खुद को कब्ज से बचाकर रखें, कब्ज के कारण टाँका खुलने का खतरा बना रहेगा जो इन्फेक्शन और रिकवरी टाइम बढ़ा सकता है। इससे बचने के लिए अपने आहार में फाइबर की भरपूर मात्रा शामिल करें। हो सके तो डॉक्टर से किसी अच्छे लेक्सेटिव की सलाह ले सकते हैं।

थोड़ी एक्सरसाइज करें

2 सप्ताह तक (कुछ मामलों में 3 सप्ताह) एक्सरसाइज न करें। 2 सप्ताह बाद हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जैसे- चलना-फिरना, सुबह टहलना आदि कर सकते हैं। इससे शरीर में रक्त परिसंचरण बेहतर होगा और हीलिंग भी जल्दी होगी। कठोर एक्सरसाइज शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।

दर्द और सूजन से बचकर रहें

सूजन और दर्द को नियंत्रित नहीं करने से जख्म नहीं सूखता है और रिकवरी टाइम बढ़ जाता है। सूजन और दर्द को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर कुछ दवाइयाँ देते हैं, उनका सेवन नियमित रूप से सही समय पर करें। यदि आप दर्द नहीं होने पर दवा का सेवन नहीं करते हैं तो यह मूर्खता होगी।

पढ़ें- बच्चेदानी का ऑपरेशन (Hysterectomy) कैसे होता है?

खूब आराम करें

सर्जरी के दौरान एनेस्थीसिया का उपयोग होने के कारण महिला को 2 – 3 दिन तक शारीरिक थकान होना सामान्य है। टाँके की फ़ास्ट हीलिंग के लिए शरीर को आराम की जरूरत होती है। इसलिए बच्चेदानी निकालने का ऑपरेशन के बाद अधिक से अधिक आराम करें। इससे आपके शरीर की एनर्जी बनी रहेगी और हीलिंग भी तेज होगी।

जख्म की देखभाल करें

हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करने से पहले नर्स/डॉक्टर टाँका वाले स्थान को साफ़ करने और उसकी देखभाल करने के विषय में बताएँगे। टाँके को स्वच्छ रखना बहुत जरूरी है। सर्जरी के बाद आप नियमित रूप से डॉक्टर द्वारा बताए गए टिप्स का ख़याल रखे अपने जख्म को स्वच्छ एवं सूखा रखें। ऐसा नहीं करने से इन्फेक्शन बढ़ने और टाँका के दोबारा खुल जाने के चांसेस बने रहेंगे। इससे जटिलताएं बढ़ जाएंगी और रिकवर होने में अधिक समय लगेगा।

ढीले कपड़े पहने

टाइट कपड़े पहनने से चीरा वाले स्थान पर दबाव बनेगा, इससे दर्द और सूजन कम होने के बजाय अधिक होगा। ढीले एवं आरामदायक कपड़े जख्म को टॉर्चर नहीं करेंगे और हीलिंग में मदद करेंगे। इस दौरान कोशिश करें कि सूती कपड़े पहनें। ये पसीने को रोकने में मदद करेंगे और इन्फेक्शन से सुरक्षा करेंगे।

शरीर को हाइड्रेट रखें

शरीर में पानी की कमी न होने दें। रिकवरी पीरियड्स के दौरान शरीर का हाइड्रेट रहना बहुत आवश्यक है। इससे चोट जल्दी हील होता है। इसके अलावा तरल पदार्थों का सेवन मल को मुलायम बनाता है जो अप्रत्यक्ष रूप से कब्ज को नियंत्रित करके ऑपरेशन से उबरने में मदद करता है। पानी सहित अनार, संतरा आदि कई फलों के जूस जैसे तरल पदार्थों का सेवन करके आप अपने शरीर को हाइड्रेट रख सकते हैं।

तुरंत ही डॉक्टर से बात करें

बच्चेदानी निकालने का ऑपरेशन (hysterectomy) के बाद रिकवरी के दौरान यदि कोई गंभीर जटिलता जैसे- तेज दर्द, सूजन, इन्फेक्शन के लक्षण आदि दिखाई देने पर तुरंत ही अपने डॉक्टर से बात करें। यदि आप लक्षण के तीव्र होने का इंतजार करेंगे तो कई जटिलताएं हो सकती हैं। इसलिए हल्का-फुल्का लक्षण दिखाई देने पर ही डॉक्टर से बात करें। डॉक्टर परिस्थिति का निदान करेंगे और सही उपचार की सलाह देंगे।

तनाव न लें

तनाव से न सिर्फ मानसिक बल्कि शारीरिक बीमारी भी बढ़ जाती है। हिस्टेरेक्टॉमी के बाद यदि आप तनाव लेती हैं तो सर्जरी वाले क्षेत्र की हीलिंग देर से होगी और रिकवरी टाइम बढ़ जाएगा। तनाव से बचने के लिए आप योग कर सकती हैं। कसरत भी तनाव को कम करने में मददगार हैं लेकिन इन दिनों कसरत न करें। गाना सुनना, ड्राइंग करना, मूवी देखना, योग करना आदि कई चीजें आपके दिमाग को एकाग्रचित्त करती हैं और तनाव कम करने में अहम भूमिका निभा सकती हैं।

दोस्तों से बात करें

गर्भाशय में कैंसर होने के बाद उपचार के लिए ज्यादातर महिलाओं को हिस्टेरेक्टॉमी की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इस प्रक्रिया के बाद महिला के शरीर में कई बदलाव होते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान महिला अपने शरीर का बेशकीमती अंग खो चुकी होती है, नतीजन उसे मानसिक दबाव का सामना करना पड़ता है। प्रक्रिया के बाद शरीर में होने वाला हार्मोनल परिवर्तन मानसिक उत्पीड़न को तेज करने के लिए पर्याप्त होता है। इस दौरान महिला को सपोर्ट की जरूरत होती है।

महिला को अपने डॉक्टर से बात करना चाहिए, उन दोस्तों से बात करना चाहिए जिन्होंने सर्जरी कराई है। वे आपको बताएंगे कि बच्चेदानी निकालने का ऑपरेशन के बाद कैसा महसूस होता है और आपके आगे के दिन कैसे रहेंगे।

हार्मोनल थेरेपी के लिए जाएं

यदि बच्चेदानी निकालने का ऑपरेशन के साथ अंडाशय भी निकाल दिया गया है तो आपके शरीर में हॉर्मोन को स्थिर करने के लिए हार्मोनल थेरेपी की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में यदि डॉक्टर ने हार्मोनल थेरेपी कराने की सलाह दी है तो डॉक्टर की बात का अनुसरण करें।

सेक्स न करें

बच्चेदानी का ऑपरेशन के बाद पूरी तरह से रिकवर होने से पहले सेक्स न करें। सेक्स करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

अंत में

अलग-अलग महिला के लिए बच्चेदानी का ऑपरेशन के बाद का रिकवरी टाइम अलग-अलग हो सकता है। आमतौर पर महिला 6 सप्ताह के भीतर पूरी तरह से रिकवर हो जाती है। उपरोक्त टिप्स महिला को तेजी से रिकवर होने में मदद करेंगे। यदि 6 सप्ताह तक में महिला रिकवर नहीं हो पाती है अथवा जटिलताओं के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे स्त्री रोग विशेषज्ञ से बात करना चाहिए।

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|

बच्चेदानी के ऑपरेशन के कितने दिन बाद काम करना चाहिए?

सर्जरी के 1 या 2 दिन के बाद आईवी और कैथेटर को निकाल दिया जाता है। आपको 3 से 5 दिनों तक अस्पताल में रुकना पड़ सकता है। घर जाने के बाद, आपको बहुत सारा आराम करना होगा। 4 से 6 सप्ताह के लिए कोई भी भारी सामान न उठाएँ या अपने पेट की मांसपेशियों पर कोई दबाव न डालें।

बच्चेदानी निकालने के बाद क्या परेशानी होती है?

​आसपास के अंगों में चोट लगना गर्भाशय निकलने के बाद इसके आसपास के अंगों में चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है। दरअसल, महिला का गर्भाशय फैलोपियन ट्यूब , आंतों, पेल्विक मसल और अंडाशय जैसे अंगों से घिरा होता है। ऐसे में शरीर से यूटरस को हटाने की प्रक्रिया में आसपास के अंगों को कुछ नुकसान हो जाता है।

बच्चेदानी के ऑपरेशन के बाद क्या परहेज करना चाहिए?

खूब आराम करें सर्जरी के दौरान एनेस्थीसिया का उपयोग होने के कारण महिला को 2 – 3 दिन तक शारीरिक थकान होना सामान्य है। टाँके की फ़ास्ट हीलिंग के लिए शरीर को आराम की जरूरत होती है। इसलिए बच्चेदानी निकालने का ऑपरेशन के बाद अधिक से अधिक आराम करें। इससे आपके शरीर की एनर्जी बनी रहेगी और हीलिंग भी तेज होगी।

बच्चेदानी के ऑपरेशन में क्या खाना चाहिए?

सर्जरी (शल्य चिकित्सा) के बाद क्या खाएं (Your Diet After Surgery).
अनाज: पुराना शाली.
दाल: मूंग, मसूर, अरहर.
फल एवं सब्जियां: परवल, लौकी, तोरई, कददू, मौसमी सब्जियां, नारियल, मौसमी फल.
अन्य: गाय का दूध, नारियल पानी.

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