सेंधा नमक से कुल्ला करने से क्या होता है? - sendha namak se kulla karane se kya hota hai?

जमशेदपुर, जासं। विदेश में कुल्ला करने की परंपरा शायद कम है, लेकिन अपने देश में इसके बिना शायद कोई सुबह की शुरुआत ही नहीं करता। सुबह से रात तक भोजन या नाश्ता करने के बाद कुल्ला करना आदत में शामिल है। यह भारतीय परंपरा का एक अंग है।

जमशेदपुर की आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ सीमा पांडेय बताती हैं कि हमारी परम्पराएं और घरेलू ज्ञान इतना ज़बरदस्त है कि अगर हम मानें तो बिना दवा के भी स्वस्थ रह सकते हैं।

ऐसी ही एक विधि से है जिसका नाम है कुल्ला.! कुल्ला एक ऐसी विधि है जिससे आप बिना दवा के जुकाम, खांसी, श्वास रोग, गले के रोग, मुंह के छाले, शरीर को डी-टोक्सिफाई करने, गर्दन के सर्वाइकल जैसे रोगों से मुक्ति पा सकते हैं। कुल्ला करने की सही विधि और इसके चमत्कारिक लाभ जान लें।

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पानी का कुल्ला

मुंह में पानी का कुल्ला तीन मिनट तक भर कर रखें। इससे गले के रोग, जुकाम, खांसी, श्वास रोग, गर्दन का दर्द जैसे कड़कड़ाहट से छुटकारा मिलेगा। नित्य मुंह धोते समय, दिन में भी, मुंह में पानी का कुल्ला भर कर रखें। इससे मुंह भी साफ हो जाता है। मुंह में पानी का कुल्ला भर कर नेत्र या आंख धोएं। ऐसा दिन में तीन बार करें। जब भी पानी के पास जाएं, मुंह में पानी का कुल्ला भर लें और नेत्रों पर पानी के छींटे मारें, धोएं। मुंह का पानी एक मिनट बाद निकाल कर पुनः कुल्ला भर लें। मुंह का पानी गर्म ना हो, इसीलिए बार-बार कुल्ला भरते रहें। भोजन करने के बाद गीले हाथ तौलिये से नहीं पोंछे। आपस में दोनों हाथों को रगड़कर चेहरा व कानों तक मलें। इससे आरोग्य शक्ति बढ़ती है। नेत्र ज्योति ठीक रहती है। गले के रोग, सर्दी जुकाम या श्वास रोग होने पर थोड़ा गुनगुना पानी लेकर इसमें सेंधा नमक मिलाकर कुल्ला करना चाहिए, इससे गले, कफ, ब्रोंकाइटिस जैसे रोगों में बहुत फायदा होता है।

तेल का कुल्ला

सुबह बासी मुंह सरसों या तिल का तेल भर कर पूरे 10 मिनट तक उसको चबाते रहें, ध्यान रहे ये निगलना नहीं है। ऐसा करने से मुंह और दांतों के रोग तो ठीक होंगे ही, साथ में पूरी बॉडी डी-टोक्सिफाय होगी। रोगों से मुक्त होने की इस विधि को तेल चूषण विधि कहा जाता है। आयुर्वेद में इसको गण्डूषकर्म कहा जाता है और पश्चिमी जगत में इसको आयल पुलिंग कहते हैं।

दूध का कुल्ला

अगर मुंह में या गले में छाले हो जाए और किसी भी दवा से ठीक ना हो रहें हो तो सुबह कच्चा दूध (अर्थात बिना उबला हुआ ताज़ा दूध) मुंह में कुछ देर तक रखें और ध्यान रहे कि इस दूध को बाहर फेंकना नहीं है। इसको मुंह में जितना देर हो सके 10 से 15 मिनट तक रखें, कुछ देर बाद बूंद-बूंद करके ये गले से नीचे उतरने लगेगा। इस प्रयोग को दिन में 2-4 बार करें। मुंह, जीभ और गले के छालो में पहले ही दिन से आराम आना शुरू हो जाएगा।

खड़े नमक की तरह दिखने वाली फिटकरी सेंधा नमक की तरह चट्टानों से मिलती है। इसके कई तरह के औषधीय उपयोग हैं। औषधीय उपयोग के अलावा ज्योतिषियों अनुसार फिटकरी के कुछ और भी प्रयोग होते हैं जिनको करने से जीवन में लाभ प्राप्त किया जा सकता है। लाल किताब में फिटकरी का कुल्ला करने की सलाह दी जाती है। आओ जानते हैं इसके चमत्कारिक प्रभाव।

1. लाल किताब में ग्रहों की विशेष स्थिति देखकर ही फिटकरी के पानी का कुल्ला करने की सलाह देते हैं। आप भी अपनी कुंडली दिखाकर ही यह कार्य करें।

2. आमतौर पर शुक्र और बुध ग्रह की मजबूती के लिए फिटकरी का कुल्ला किया जाता है।
शुक्र के दोष दूर होने से सुख और समृद्धि बढ़ती है।

3. माना जाता है कि रोज रात को सोते समय अपने दांत फिटकरी से साफ करेंगे तो लाभ होगा।इससे शनि दोष भी दूर होते हैं।

सेहत के हिसाब से ज्यादा नमक खाना कई बीमारियों की वजह बन सकता है. लेकिन आपको जानकर बहुत हैरानी होगी कि आयुर्वेद में सेंधा नमक को हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद माना गया है.

सेंधा नमक में पाए जाने वाले मिनरल्स हमें कई तरह की बीमारियों से बचाने का काम करते हैं. यह नमक पाचक रसों का निर्माण करता है, इसलिए यह पाचन को दुरुस्त रखने का काम भी करता है.

1. ब्लडप्रेशर करे कंट्रोल
सेंधा नमक हाई ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करने में काफी लाभदायक है. इसी के साथ यह कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है जिससे हार्ट अटैक का खतरा कम रहता है.

2. स्ट्रेस कम करने में
सेंधा नमक स्ट्रेस कम को कम करता है. इसी के साथ यह सेरोटोनिन और मेलाटोनिन हार्मोन्स का बैलेंस बनाएं रखता है जो तनाव से लड़ने में मदद करते हैं.

3. बॉडी पेन को कम करने में
यह नमक मांसपेशियों के दर्द और ऐंठन के साथ ही ज्वाइंट्स पेन को भी कम करता है.

4. साइनस में दे राहत
साइनस का दर्द पूरे शरीर को तकलीफ देता है और इससे छुटकारा पाने के लिए सेंधा खाना फायदेमंद रहता है. अगर आपको स्टोन की प्राब्लम है तो सेंधा नमक और नींबू को पानी में मिलाकर पीने से कुछ ही दिनों में पथरी गलने लगती है.

5. अस्थमा को करे दूर
अस्थमा, डायबिटीज और आर्थराइटिस के मरीजों के लिए सेंधा नमक का सेवन काफी फायदेमंद होता है. नींद न आने की समस्या में भी सेंधा नमक काफी लाभदायक होता है.

नमक का पानी पीना कोई बुरी बात नहीं है। यहाँ ये बात ध्यान रखने वाली है कि नमक का स्तर अगर बढ़ जाता है तो उससे आपको नुकसान हो सकता है। नमक को शरीर के लिए जरूरी माना जाता है लेकिन इसकी बढ़ी हुई मात्रा नुकसान करती है जिसका ध्यान आपको इस समय रखना चाहिए।

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पेट, गला, नाक एवं आँख को ठीक रखने का काम नमक वाला पानी करता है। अगर आपको ब्लड प्रेशर में कोई दिक्कत महसूस हो रही है तो नमक का इस्तेमाल खाने के साथ साथ पानी में भी कर सकते हैं लेकिन इसका इस्तेमाल हाई ब्लड प्रेशर वाले लोग ना करें क्योंकि वो नुकसानदेह होगा।

नमक को पानी में मिलाकर सिर्फ पिया ही नहीं जा सकता है बल्कि उसकी मदद से आप गरारे भी कर सकते हैं। सर्दी जुखाम या गले में कोई दिक्कत हो रही हो तो आपको इसका इस्तेमाल करना चाहिए। आइए आपको नमक के पानी से कुल्ला करने पर होने वाले फायदों के बारे में बताते हैं।

नमक के पानी से कुल्ला करने के 3 फायदे

टॉन्सिल के दर्द से राहत दिलाता है

गले में टॉन्सिल होने का मतलब है कि आप ना तो कुछ खा सकते हैं और अगर आप खाते भी हैं तो आपको काफी दर्द होगा जो अच्छी बात नहीं है। ऐसे में अगर आप अपने गले को टॉन्सिल से निजात दिलाना चाहते हैं तो आपको नमक के पानी से कुल्ला करना चाहिए क्योंकि वो बेहद जरूरी है।

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नाक को करे साफ

आप ये सोच सकते हैं कि भला मुँह से कुल्ला करने पर नाक कैसे साफ हो सकती है। अगर ऐसा है तो आपको बताते चलें कि नाक, कान, गला एक छोटे से पॉइंट पर आकर मिलते हैं। यही वजह है कि लोग ईएनटी स्पेशलिस्ट होते हैं क्योंकि इन तीनों के बीच में एक गहरा कनेक्शन है। जब आप नमक के पानी का कुल्ला करते हैं तो उससे नाक में हो रही परेशानी से भी आपको निजात मिलती है।

रेस्पिरेटरी ट्रैक को करे ठीक

सांस लेने में कोई भी तकलीफ हो रही हो या बलगम जमा हुआ हो तो आपको इसका इस्तेमाल करना चाहिए। आपके शरीर के लिए सांस लेना बेहद जरूरी है। ऐसे में आप ध्यान रखें कि नमक का पानी आपकी सेहत को ठीक रखता है जो एक बेहद अच्छी बात है और आपको इससे आराम मिलता है।

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

पानी में फिटकरी डालकर कुल्ला करने से क्या होता है?

फिटकरी के पानी से कुल्ला करने से हानिकारक बैक्टीरिया को साफ करने और मसूड़ों को स्वस्थ बनाने में मदद मिलती है। यह दर्द को कम करने में मदद करता है और आपको असजता से राहत प्रदान करता है।

नमक के गरारे करने से क्या फायदा होता है?

आइए आपको बताते है कैसे रोजाना नमक के पानी से गरारे करना आपको कई सारे फायदे मिल सकते हैं..
नाक की गंदगी को साफ करना ... .
बैक्टीरिया को हटाता है ... .
मुंह की बदबू ... .
टॉन्सिल से राहत देता है ... .
सूखी खांसी के इलाज में मदद करता है ... .
मुंह के छालों या नासूर को ठीक करता है.

नमक के पानी से कुल्ला करने से क्या होता है?

नमक के पानी से कुल्ला करने से मौसमी बीमारियों जैसे-खांसी,गले में दर्द और जुकाम से राहत मिलती है. वहीं नमक के पानी से कुल्ला करने से मुंह के बैक्टीरिया भी खत्म होते हैं जिससे इंफेक्शन नहीं फैल पाता है. इतना ही नहीं अगर आप रोजाना रात में सोने से पहले नमक के पानी से कुल्ला करते हैं तो गले में खराश नहीं होती है.

सेंधा नमक की सिकाई कैसे करें?

इसके लिए नीलगिरी (यूकेलिप्टस) के तेल में गर्म तिल का तेल मिलाएं और इससे अपनी छाती की मालिश करें. उसके बाद एक पैन में एक कप सेंधा नमक डालें और इसे 5 मिनट तक गर्म करें. अब इस गर्म नमक को किसी कपड़े में डालकर लोई या पुल्टिस की तरह बना लें और अपने सीने पर धीरे-धीरे सिकाई करें.

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